पैट कमिंस की शानदार गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया ने भारत को दूसरे टेस्ट में हराया

पैट कमिंस की शानदार गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया ने भारत को दूसरे टेस्ट में हराया
  • दिस॰, 8 2024

टेढ़ी राह पर चला भारत, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमजोर पड़ा प्रदर्शन

ऑस्ट्रेलिया के सफल कप्तान पैट कमिंस ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच में अपने गेंदबाजी के जौहर से भारतीय बल्लेबाजों को घुटनों पर ला दिया। पिंक बॉल टेस्ट के तीसरे दिन एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 10 विकेट की शानदार जीत दर्ज की। मैदान पर आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आग उगलते प्रदर्शन के सामने भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। भारती बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई पेस अटैक के खिलाफ टिका न रह सके और उनके लिए सिर्फ 175 का स्कोर जुटाना ही भारी पड़ गया। पैट कमिंस की पारी में पाँच विकेट और मिचेल स्टार्क के कुल आठ विकेटों ने टीम को सफलता दिलाई।

उत्साह के क्षण में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन

पैट कमिंस ने अपनी अद्भुत गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया की जीत की नींव रखी। उनकी असीम ऊर्जा और तीव्रता ने भारतीय बल्लेबाजों के लिए मैदान पर रहना मुश्किल कर दिया। कमिंस की बेहतरीन गेंदबाजी में एकतरफी धार दिखाई दी। उन्होंने फॉलो-अप में बाहर से आने वाली गेंदों का प्रभावी उपयोग किया, जिससे भारतीय टीम जल्दी-जल्दी अपने विकेट खोती गई। पूरे दिन भर दिखे उनके बॉलिंग स्पेल की संयोजनता और धैर्य ने ऑस्ट्रेलियाई पक्ष को उत्साह के क्षणों में बदल दिया।

टीम इंडिया की बैटिंग लाइन-अप का ढहना

भारती बल्लेबाजों की ओर से पेश किया गया कमजोर प्रदर्शन टीम के लिए भारी साबित हुआ। दिन के प्रारंभ में ही टीम का स्कोर 128 रन पर 5 विकेट के गिर जाने के बाद, टीम इंडिया का कोई बल्लेबाज बल्लेबाजी को संभालने में नाकाम रहा। नितिश रेड्डी के 42 रन के योगदान के अलावा कोई विशेष स्कोर नहीं बन सका। टीम को मात्र 47 और रन जोड़ने में 5 और विकेट गंवाने पड़े, जिससे उनका लक्ष्य पहुँच से बाहर हो गया।

मैक्सिकन पेस अटैक ने दिलाया जीत

ऑस्ट्रेलिया का पेस अटैक, कैप्टन पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क के नेतृत्व में थे, जिन्होंने भारत को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। मिचेल स्टार्क ने दोनों पारियों में 8 विकेट लेकर गेंदबाजी का बेजोड़ प्रदर्शन किया। इसके अलावा, स्कॉट बोलैंड ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट लिए, उनका चयन टीम में जोश हेजलवुड की जगह किया गया था।

उपलब्धियों की ओर बढ़ चली ऑस्ट्रेलिया टीम

ऑस्ट्रेलिया की इस जीत को एक मजबूत वापसी के रूप में देखा जा रहा है। पर्थ में पहले टेस्ट में हार के चलते ऑस्ट्रेलिया पर दबाव था, लेकिन उन्होंने इस मैच में बेहतरीन प्रदर्शन से अपनी ताकत दिखाई। इस जीत के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है। अगले मैचों में दर्शकों को रोमांचक मुकाबले देखने को मिल सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन निश्चित रूप से उनकी भविष्य की उपलब्धियों की ओर देख रहा है।

अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए एक भावनात्मक क्षण

अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए एक भावनात्मक क्षण

इस टेस्ट श्रृंखला ने भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशंसकों को कई भावनात्मक क्षण प्रदान किए हैं। पिंक बॉल टेस्ट की बात की जाए, तो इसके अद्वितीय प्रयोग ने भी ऑस्ट्रेलिया की जीत में एक बड़ा योगदान दिया। आगे के मुकाबलों में देखना होगा कि दोनों टीमें किस तरह अपनी कमियों को दूर कर अपने प्रदर्शन में सुधार करती हैं। इस मुकाबले ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में असीम आकर्षण और रोमांचक यादें छोड़ दी हैं।

12 टिप्पणि
  • Piyush Kumar
    Piyush Kumar दिसंबर 10, 2024 AT 13:25

    ये गेंदबाजी देखकर लगा जैसे ऑस्ट्रेलिया ने भारत को बिना बल्ले के खेलने को कह दिया। पैट कमिंस ने तो बस एक बार गेंद फेंकी और बल्लेबाज गिर गए। लेकिन ये हार भी हमें सीख देगी। हमारी टीम अभी नौजवान है, इन्हें अभी अपनी जगह बनानी है। अगले मैच में देखना होगा कि कौन बदलाव लाता है।

  • Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti दिसंबर 12, 2024 AT 11:36

    भारत की बैटिंग लाइनअप बिल्कुल टूट गई। दो तीन बल्लेबाज ऐसे थे जो गेंद को देख भी नहीं पाए। स्टार्क और कमिंस ने जो किया, वो बहुत बड़ी बात है। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि हम खो चुके हैं।

  • michel john
    michel john दिसंबर 14, 2024 AT 07:13

    ये सब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की साजिश है! पिंक बॉल को वो अपने लिए बनाते हैं, जिससे हमारे बल्लेबाज गलत टाइमिंग पर बल्ला मारें! और जज भी उनके साथ हैं! ये टेस्ट क्रिकेट नहीं, फिल्मी साजिश है! हमारे खिलाड़ियों को निशाना बनाया जा रहा है!

  • shagunthala ravi
    shagunthala ravi दिसंबर 14, 2024 AT 16:53

    हार से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। ये टीम अभी बड़ी नहीं हुई, बस एक शुरुआत है। नितिश रेड्डी जैसे खिलाड़ियों को जगह मिली, अब बाकी को भी अपना रास्ता ढूंढना होगा। दर्शकों को बस थोड़ा धैर्य रखना होगा। भारत की टीम एक दिन फिर से ऊपर आएगी।

  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta दिसंबर 16, 2024 AT 12:16

    ये मैच तो बस एक गेंदबाजी की दिखावट नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घटना थी। पिंक बॉल का इस्तेमाल, रात का मैच, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का आत्मविश्वास, भारतीय बल्लेबाजों का डर - ये सब एक अलग तरह का खेल बन गया। अगर हम इसे सिर्फ जीत या हार के रूप में देखेंगे, तो हम इसकी गहराई को नहीं समझ पाएंगे। ये एक दुनिया के दो अलग दृष्टिकोणों का टकराव था।

  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar दिसंबर 16, 2024 AT 15:38

    कमिंस ने बहुत अच्छा किया, लेकिन भारत के खिलाड़ियों को भी उनका सम्मान करना चाहिए। ये खेल नहीं, बल्कि एक सम्मान का खेल है। जीत हो या हार, खिलाड़ियों की मेहनत को देखना चाहिए।

  • Jai Ram
    Jai Ram दिसंबर 17, 2024 AT 22:01

    अगर आप देखें तो ऑस्ट्रेलिया ने बहुत स्मार्ट तरीके से खेला। स्टार्क की लंबी गेंदें, कमिंस का एंगल, बोलैंड का स्पिन - सब कुछ ठीक था। भारत को अगले मैच में बल्लेबाजी में बदलाव चाहिए, शायद रोहित को ऊपर लाएं, और अनुराग ठाकुर को ट्रायल दें।

  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia दिसंबर 18, 2024 AT 15:37

    ये टीम इंडिया तो अब बस बैठकर चाय पी रही है! बल्लेबाजी का नाम लेना भी शर्म की बात है! क्या ये लोग टेस्ट क्रिकेट खेलने आए हैं या फिर टीवी पर डांस करने? इनके लिए तो एक भी गेंद ज्यादा है! अगले मैच में भी ऐसा ही होगा, बस बदल जाएगा नाम!

  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar दिसंबर 20, 2024 AT 13:27

    हार तो हर टीम को होती है, लेकिन ये हार इतनी बड़ी क्यों है? क्योंकि हमने खुद को बिना लड़े हार दे दी। बल्लेबाज ने गेंद नहीं देखी, कोच ने कोई रणनीति नहीं बनाई, और कप्तान ने बस चिल्लाया। ये खेल नहीं, ये अपराध है।

  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH दिसंबर 21, 2024 AT 16:45

    स्टार्क ने बहुत अच्छा किया। भारत को अगले मैच में बल्लेबाजी सुधारनी होगी।

  • Amal Kiran
    Amal Kiran दिसंबर 21, 2024 AT 20:16

    ये टीम इंडिया तो बस एक फेक है। किसी ने भी बल्ला नहीं मारा। ये खिलाड़ी नहीं, बस नाम के लिए बने हुए हैं।

  • abhinav anand
    abhinav anand दिसंबर 22, 2024 AT 09:44

    मैच देखा, लेकिन बहुत कुछ सोचने को मिला। अगर हम खुद को बदल नहीं लेंगे, तो ऐसे ही मैच आगे भी आएंगे। बस चुपचाप बैठे रहने की बजाय, कुछ सोचना चाहिए।

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