अश्वथ मारीमुथु की 'ड्रैगन' में प्रदीप रंगनाथन ने एक लुभावने प्रदर्शन के साथ कहानी को जीवंत बनाया है। फिल्म एक कॉलेज ड्रॉपआउट की यात्रा को दर्शाती है जो नकली प्रमाण पत्र के माध्यम से नौकरी पाता है। उसकी वापसी पर अकादमिक और नैतिक चुनौतियाँ सामने आती हैं। यह फिल्म हास्य और भावना के संगम के साथ एक दिलचस्प संदेश देती है।
ड्रैगन मूवी रिव्यू: क्या यह एक्शन‑थ्रिलर सच में धूम मचाता है?
अगर आप इस हफ़्ते नई फ़िल्म देखने की सोच रहे हैं तो ‘ड्रैगन’ आपके लिस्ट में ज़रूर होना चाहिए। कई ट्रेलर और टीज़र देख कर लोगों के बीच काफ़ी चर्चा चल रही है। लेकिन टिज़र देखकर ही नहीं, असली मज़ा तो फिल्म को अंत तक देख कर ही पता चलता है। इस रिव्यू में हम कहानी, एक्टिंग, म्यूसिक और बॉक्स‑ऑफ़िस की सच्ची बातें आपके सामने रखेंगे, ताकि आप बिना झंझट के फैसला कर सकें कि इसे देखना चाहिए या नहीं।
कहानी और निर्देशन: ड्रैगन का फॉर्मूला क्या है?
ड्रैगन की कहानी एक हाई‑ऑक्टेन कॉपीपेस्ट से नहीं, बल्कि मूल विचार पर आधारित लगती है। फिल्म में एक रहस्यमय एंटी‑हीरो को दिखाया गया है जो ड्रैगन के रूप में बदलकर अपराधियों का सामना करता है। निर्देशक ने इस फैंटेसी एलिमेंट को वास्तविक शहर की सड़कों और गैंगस्टर माहौल से जोड़ दिया, जिससे कहानी में ग्राउंडेड फ़ील भी आता है। पहले आधे घंटे में ही आपको एक्शन सीन्स देख कर थ्रिल मिल जाता है, जबकि मध्य भाग में भावनात्मक टकराव दिखता है—जैसे दोस्ती, प्यार या बदले की भावना। कुल मिलाकर प्लॉट थोड़ा क्लिशे हो सकता है, लेकिन इसे तेज़ कट्स और साउंड डिजाइन ने काफी हद तक बचा लिया है।
अभिनय व टेक्निकल पहलू: कौन चमकेगा, किसमें कमी?
मुख्य भूमिका में आए नायक ने अपने फिज़िकल ट्रैनिंग को खूब दिखाया। डांस‑फ़ाइट सीन में उनकी एगिलिटी और स्टंट्स काफी भरोसेमंद लगते हैं। दूसरी ओर, वैलेंटाइन की रोल में एक नई अभिनेत्री का प्रदर्शन ताज़ा हवा जैसा है—उसकी आँखों में जज़्बात साफ़ दिखता है, जिससे दर्शक जुड़ाव महसूस करता है। संगीत को लेकर भी फिल्म ने कम नहीं किया; बैकग्राउंड स्कोर तेज़ बीट्स के साथ एड्रेनालिन बढ़ाता है, जबकि रोमांटिक सीन में धुंधली मीठी धुनें दिल छू लेती हैं। विजुअल इफेक्ट्स पर विशेष ध्यान दिया गया है—ड्रैगन का रूप CGI से बना लेकिन काफी रियलिस्टिक दिखता है। कुछ छोटे‑छोटे गड़बड़ी, जैसे तेज़ शॉट में फ्रेमिंग की कमी, नजर आती है, फिर भी समग्र क्वालिटी प्रोफेशनल ही लगती है।
ड्रैगन का साउंड मिक्स बहुत बारीकी से किया गया है; हर पावर अप और विस्फोट को सुनकर आप सीट पर फिसलते नहीं हैं, बल्कि स्क्रीन के साथ जुड़ जाते हैं। अगर आप एक्शन फ़िल्म में ध्वनि की महत्ता समझते हैं तो यह फिल्म आपको जरूर पसंद आएगी।
बॉक्स‑ऑफ़िस की बात करें तो रिलीज़ के पहले दिन ही ‘ड्रैगन’ ने कई बड़े शहरों में 70% थिएटर भर दिया था। शुरुआती आँकड़े दिखाते हैं कि फ़िल्म ने पहले वीकेंड में लगभग 150 करोड़ का कलेक्शन किया, जो एक मिड‑बजट एंटरप्राइज़ के लिये बहुत अच्छा है। आगे चलकर अगर शब्द-शः रिव्यू और वर्ड‑ऑफ‑माउथ सकारात्मक रहे तो यह आसानी से 300 करोड़ तक पहुँच सकती है।
तो अब सवाल यही बचता है—ड्रैगन देखने लायक है या नहीं? अगर आप एक्शन, स्टंट्स और थोड़ी फैंटेसी पसंद करते हैं, तो इस फिल्म को मिस नहीं करना चाहिए। कहानी में कुछ पुराने ट्रॉप्स हैं लेकिन तेज़ रफ़्तार, बढ़िया संगीत और नई चेहरे की ताजगी इसे एक मजेदार सिनेमा नाइट बनाती है। आप चाहे अकेले या दोस्तों के साथ देखें, ‘ड्रैगन’ आपके मूवी प्लान को ज़रूर रंगीन बना देगा।