उत्तर प्रदेश में साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतरे, कोई हताहत नहीं
उत्तर प्रदेश में साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतरे, कोई हताहत नहीं
17 अगस्त, 2024 को वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे उत्तर प्रदेश के कानपुर और भीमसेन स्टेशन के बीच पटरी से उतर गए। यह घटना शनिवार सुबह उस वक्त हुई जब ट्रेन का इंजन पटरी पर पड़े एक वस्तु से टकरा गया। सौभाग्यवश, इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
लोको पायलट का बयान
लोको पायलट के अनुसार, इंजन के सामने के हिस्से पर एक चट्टान टकराने से इसके इंस्ट्रूमेंट गार्ड को नुकसान पहुंचा और इंजन झुक गया। यह दुर्घटना बहुत ही अचानक हुई थी और लोको पायलट ने तुरंत उस लोकल चट्टान के बारे में सूचना दी।
यात्री सहायता और सेवा
दुर्घटना के तुरंत बाद, रेलवे ने सात ट्रेनों को रद्द कर दिया और तीन अन्य ट्रेनों को मार्ग परिवर्तित किया। उत्तर मध्य रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि कांत त्रिपाठी ने यात्रियों को हादसे के स्थल से कानपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की पुष्टि की।
कानपुर से हावड़ा तक एक आठ कोच वाली MEMU ट्रेन भी घटना स्थल पर भेजी गई ताकि यात्रियों को कानपुर वापस लाया जाए। वहाँ से उन्हें उनके गंतव्यों तक पहुँचाने के लिए आगे की व्यवस्था की गई।
सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर
रेलवे ने सहायता के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं: प्रयागराज: 0532-2408128, 0532-2407353, कानपुर: 0512-2323018, 0512-2323015, मिर्जापुर: 054422200097, इटावा: 7525001249, टुंडला: 7392959702, अहमदाबाद: 07922113977, बनारस सिटी: 8303994411, गोरखपुर: 0551-2208088, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी जं: 0510-2440787 और 0510-2440790, उरई: 05162-252206, बांदा: 05192-227543, ललितपुर जं: 07897992404।
दुर्घटना के संभावित कारण
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पटरी पर अनावश्यक चट्टान होने की वजह से दुर्घटना हुई, जो संभवतः घने कोहरे या रात के अंधेरे में दिखाई नहीं दी। हालांकि, जांच टीम द्वारा अधिक सटीक कारण जानने के प्रयास जारी हैं।
रेलवे सुरक्षा आयोग ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों। सुरक्षा उपायों को पुख्ता करने के लिए रेलवे का तकनीकी दल भी सक्रिय हो गया है।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
ट्रेन में सवार यात्रियों ने इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं। कई यात्रियों ने रेलवे की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की, जबकि कुछ लोग इस घटना से घबराए हुए थे। यात्रियों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद रेलवे कर्मचारियों ने उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने का प्रयास किया।
स्थानीय प्रशासन ने भी इस मौके पर त्वरित कदम उठाए और दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर राहत कार्य की निगरानी की। कई यात्रियों को मानसिक आघात होंने की वजह से उन तक मनोवैज्ञानिक सहायता पहुंचाने के लिए खुद को सक्रिय किया।
अतिरिक्त जानकारी
यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो बिना सोचे-समझे पटरी पर वस्तुएं फेंक देते हैं। रेलवे सुरक्षा संहिता को और भी सख्त बनाने के लिए सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है जब लोग अधिक सतर्क और जागरूक हो जाएं।
रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सभी क्षतिग्रस्त डिब्बों को मरम्मत करने और पटरी को दुरुस्त करने के लिए टीमों को भेज दिया गया है। यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए फौरन बस और अन्य विकल्पों की व्यवस्था की गई।
कुल मिलाकर, यह घटना छह घंटे तक यातायात बाधित रही, लेकिन बाद में रेल सेवाओं को पुनः शुरू कर दिया गया। रेलवे की इस त्वरित प्रतिक्रिया ने आपदा प्रबंधन में एक मिसाल कायम की है।
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