एट्मदपुर चुनाव 2022: बीजेपी के डॉ. धरमपाल सिंह ने बड़ी मार्जिन से जीत हासिल की

एट्मदपुर चुनाव 2022: बीजेपी के डॉ. धरमपाल सिंह ने बड़ी मार्जिन से जीत हासिल की

एट्मदपुर सीट में 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे

10 फरवरी 2022 को हुई बहु-चरणीय चुनावी प्रक्रियाओं के बाद, एट्मदपुर (अगरा) में मतदान समाप्त हो गया। कुल 4,17,191 पंजीकृत मतदाता थे, जिसमें 2,29,881 पुरुष और 1,87,310 महिलाएं शामिल थीं। चुनाव परिणाम 10 मार्च को लगभग आधी रात को जारी हुए, और इन परिणामों ने प्रदेश की राजनीतिक धारा में नई लहरें पैदा कर दीं।

एट्मदपुर चुनाव में बीजेपी के दावेदार डॉ. धरमपाल सिंह ने 1,46,603 वोटों के साथ 48.77% वोट शेयर हासिल किया। उनकी जीत की मार्जिन 47,924 वोट थी, जो उन्हें दूसरे उम्मीदवार बुजप के प्रवाल प्रताप सिंह से साफ़ अंतर पर रखती है। प्रवाल प्रताप सिंह को 98,679 वोट (32.83%) मिले, जबकि समाजवादी पार्टी के डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान को 48,642 वोट (16.18%) से तीसरा स्थान मिला।

परिणामों का विश्लेषण और भविष्य की दिशा

डॉ. धरमपाल सिंह का इस बार का दौर कुछ खास महत्व रखता है। 2017 में उन्होंने बुजप टिकट पर एंट्री करके रेमन पुत्र सिंह (बीजेपी) के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार गए थे। पाँच साल बाद वही नेता बीजेपी का बैनर लेकर फिर से इस मैदान में आए और बड़े अंतर से जीत हासिल की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी बदलने के बाद उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता में काफी बढ़ोतरी हुई। यह परिवर्तन स्थानीय दलों के बीच शक्ति संतुलन को भी प्रभावित करेगा।

एंट्री के मुताबिक, एट्मदपुर के निर्वाचन क्षेत्र में कृषि, छोटे उद्योग और शिक्षा के मुद्दे प्रमुख रहे। किसान वर्ग ने जलबिंदु और सिंचाई परियोजनाओं को लेकर स्पष्ट अपेक्षा जताई थी, जबकि युवा वर्ग ने रोजगार और स्किल ट्रेनिंग के लिए सरकार से प्रोत्साहन मांगा। डॉ. धरमपाल सिंह ने इन मुद्दों पर अपने चुनावी घोषणापत्र में कई विकासात्मक वादे किए थे, जिससे उनके समर्थन में इजाफा हुआ।

राज्य स्तर पर, इस जीत ने भाजपा को उत्तर प्रदेश में 42% से अधिक सीटों पर कब्ज़ा जमाए रखने में मदद की। बुजप को केवल 19% सीटें मिलीं, जिससे उसकी दलित वोट बेंच पर पकड़ कमजोर पड़ गई। समाजवादी पार्टी के लिए एंट्री में गिरावट एक संकेत था कि उन्होंने अपनी गठबंधन रणनीति को फिर से संगठित करने की जरूरत महसूस की।

अब अगले साल के स्थानीय चुनावों और 2024 के आम चुनावों की तैयारी में, एट्मदपुर का इस जीत का असर दिखेगा। यदि भाजपा अपने विकास कार्यों को गति देती है और वादे किए हुए सुविधाओं को युवाओं तक पहुंचाती है, तो इस क्षेत्र में उनका दवाब और बढ़ सकता है। वहीं बुजप के लिये अब नई रणनीति बनानी होगी, संभवतः स्थानीय गठबंधन और अधिक सामाजिक न्याय पर ध्यान केंद्रित करना पड़ेगा।

समग्र रूप से, एट्मदपुर में 2022 का चुनाव न केवल एक सीट की जीत है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश में बदलते लोकतांत्रिक रुझानों को भी प्रतिबिंबित करता है। प्रदर्शित वोट शेयर, मतदाता सहभागिता और पार्टी स्विचिंग की कहानी इस प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य को नया मोड़ देती है।

  • सित॰, 26 2025
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