Sensex में भारी गिरावट: 362 अंकों की गिरावट, Nifty 23,307 पर पहुंचा

Sensex में भारी गिरावट: 362 अंकों की गिरावट, Nifty 23,307 पर पहुंचा

शेयर बाजार की चाल बदल गई: निवेशकों में बेचैनी बढ़ी

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आज का दिन आपके लिए भारी रहा होगा। Sensex और Nifty दोनों सुबह से ही गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 362 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था, जबकि निफ्टी भी 129 अंक गिरकर 23,307 पर पहुंचा। पिछले कुछ हफ्तों से बाजार लगातार ऊपर जा रहा था, ऐसे में अचानक आई यह गिरावट थोड़ी चिंताजनक है।

सबसे बड़ा असर बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और आईटी शेयरों पर नजर आया है। जिन बैंकों में अब तक तेजी देखी जा रही थी, वहां मुनाफावसूली का दबाव हावी हो गया। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा और एक्सिस बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। IT सेक्टर भी बेचैनी में रहा—इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो के शेयर नीचे चले गए।

विशेषज्ञों की मानें तो यह गिरावट सिर्फ मुनाफा वसूली का नतीजा है। हाल ही में हुई ऊपर की तेजी के बाद बहुत से निवेशकों ने अपने मुनाफे लॉक कर लिए। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया मौद्रिक नीति, बढ़ती महंगाई दर और ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता ने भी माहौल खराब किया। विदेशी निवेशक भी फिलहाल सतर्क दिखे।

ऐसा भी देखने को मिला कि बाजार की चौड़ाई निगेटिव हो गई—मतलब गिरने वाले शेयरों की संख्या दिनभर बढ़ती गई। फार्मा और एफएमसीजी जैसे डिफेंसिव सेक्टर में थोड़ी स्थिरता रही, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादा सेक्टर्स लाल निशान में नजर आए। HUL, डाबर और सन फार्मा जैसे शेयरों ने थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन उनका असर लिमिटेड ही रहा।

रुकावट यहीं नहीं रुकी। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भी नए निवेश के बजाय स्टॉक बेचने शुरू कर दिए। इसके अलावा, आगामी तिमाही नतीजे, महंगाई के ताजा आंकड़े और सरकार की नई घोषणाओं का इंतजार निवेशकों में और घबराहट ला रहा है। बहुत से लोग अब अगले हफ्ते आने वाली प्रमुख इकोनॉमिक रिपोर्ट्स और कंपनियों के रिजल्ट्स का इंतजार कर रहे हैं। जब भी ऐसे हालात बनते हैं, छोटे निवेशकों के लिए जल्दीबाजी करना काफी जोखिम भरा साबित हो सकता है।

क्या आगे भी रहेगा ऐसा माहौल?

क्या आगे भी रहेगा ऐसा माहौल?

पिछले कई महीनों में बाजार में तगड़ी तेजी देखने को मिली थी। फिर हाल की गिरावट ने सवाल खड़े कर दिए हैं—आखिर इस रैली का दम कबतक चलेगा? विश्लेषक फिलहाल सतर्क हैं। वे मानते हैं कि छोटी गिरावटों के साथ-साथ ऐसी मुनाफा वसूली बाजार में आती रहेगी। अगर आप नए निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो अगली सरकारी नीतियों और कंपनियों के मुनाफे के आंकड़ों पर नजर जरूर रखें।

असल में, आज बाजार में हर कोई यही देख रहा है कि क्या यह गिरावट महज एक अस्थायी 'ब्रीदिंग स्पेस' है या फिर सतर्क रहने का समय आ गया है। बाजार में 'स्टॉप लॉस' और 'स्मार्ट इन्वेस्टमेंट' की स्ट्रैटेजी सबसे अहम साबित हो सकती है। इतनी भागदौड़ के माहौल में, अनुभवी निवेशक और ट्रेडर्स ही अपने फैसला लेने में तेज नजर आए। अब सबकी निगाहें अगले कुछ कारोबारी दिनों पर टिकी हैं, जब भारत के कई बड़े आर्थिक आंकड़े सामने आने वाले हैं।

  • अप्रैल, 21 2025
एक टिप्पणी लिखें
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद
त्रुटि, टिप्पणी विफल