गुरुग्राम‑जैपुर हाईवे पर तेज़ थार से 5 मौतें, 1 गंभीर स्थिति

गुरुग्राम‑जैपुर हाईवे पर तेज़ थार से 5 मौतें, 1 गंभीर स्थिति
  • अक्तू॰, 4 2025

जब गौतम मिश्रा, 31, रायबरेली से, अपने तीन साथी‑साथियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 48 (NH‑48) पर सफ़र कर रहे थे, तो उनका महिंद्रा थार 100 किमी/घंटा से अधिक गति से चलते हुए झड़सा और विभाजक से टकरा गया। इस दुर्घटना में पाँच लोग मौके पर ही चल बिचड़े, जबकि कपिल शर्मा, 28, बुलंदशहर के, गंभीर स्थिति में मेडांटा अस्पताल ले जा कर भर्ती कराए गए।

घटना के पन्ने‑पन्ने में क्या था?

लगभग 04:30 वजे शनिवार की सुबह, जहरसा चौक के पास, एक्सिट‑9 से गुजरते हुए थार अचानक बाएँ मुड़ गया और बरामदे (क्रैश बैरियर) से टकरा कर कई बार लोट-पोट हो गया। पहचान के बाद पता चला कि वाहन का पंजीकरण अलिगढ़, उत्तर प्रदेश से था। CCTV फुटेज में वही गति दिख रही थी, जिससे पुलिस को तेज़ चलने का उचित संकेत मिला।

शिकायत के बाद राजेश मोहन, उपायुक्त (ट्रैफ़िक) ने मौके का सर्वेक्षण किया और कहा, “यह हादसा तेज़ गति और शराब पीकर गाड़ी चलाने के परिणामस्वरूप हुआ है। सभी छह लोगों ने सटेले सेक्टर‑30 के नाइटक्लब से पार्टी खत्म करके अपने हॉस्टल की ओर रुख किया था।”

पीड़ितों की पहचान और पृष्ठभूमि

घंटों तक चल रही खोज के बाद, मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:

  • गौतम मिश्रा (31) – रायबरेली, निजी फर्म में कार्यरत, पिता अतिरिक्त प्रिंसिपल जज
  • आदित्य सिंह (24) – आगरा, नोएडा के विज्ञापन व्यवसायी, पिता जज के लिए स्टेनोग्राफर
  • प्रतिष्ठा पाल (21) – पिथोरागढ़, ग्रेटर नोएडा में एलएलबी छात्रा, पिता आईटीबीपी इंस्पेक्टर
  • ज्योति सैनी (22) – बलंदशहर, दिल्ली विश्वविद्यालय के रामानुजन कॉलेज की द्वितीय वर्ष की बीए छात्रा, पिता किसान
  • लवण्या शर्मा (26) – आगरा, ग्रेटर नोएडा में एलएलबी छात्रा, पिता यूपी की सब‑इंस्पेक्टर

सिर्फ कपिल शर्मा ही बच सके, लेकिन वह अभी भी अत्यधिक लक्षणों के कारण मेडांटा अस्पताल में इंटेन्सिव केयर में हैं।

पुलिस की तेजी से की गई जांच

गुरुग्राम ट्रैफ़िक कंट्रोल सेंटर ने 05:02 वेज़ एररनसी रिस्पॉन्स टीम को सूचना दी। सभी पाँच मृतकों के रक्त और अंगों के नमूने फोरेंसिक लेबोरेटरी में भेजे गए हैं, ताकि शराब या नशे की स्थिति की पुष्टि की जा सके। थार को impound कर के सेक्टर‑40 पुलिस स्टेशन के बाहर कवर करके रखा गया है।

पिछले महीने इसी तरह के एक हादसे में दिल्ली के मोती नगर में तेज़ थार ने एक बाइक सवार की मौत कर दी थी, जहाँ आरोपी अमरिंदर सिंह सोढ़ी ने दो शराब की बोतलें गाड़ी में रखे पाई थी। इस क्रम में राज्य ने हाल ही में NH‑8 पर 45 दुर्घटना‑प्रवण बिंदुओं की सूची बनाई है, जिसमें एक्सिट‑9 भी शामिल है।

विशेषज्ञों की राय और भविष्‍य की खबरें

विशेषज्ञों की राय और भविष्‍य की खबरें

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अर्जुन कुमार ने कहा, “महिंद्रा थार जैसे हाई‑परफ़ॉर्मेंस ऑफ‑रोड वाहन को अगर नाखुश ट्रैफ़िक नियंत्रण के साथ चलाया जाये तो ऐसे हादसे बढ़ते हैं। सरकार को तेज़ गति पर रॉड‑सेफ़्टी कैमरा और अलकोहोल टेस्टिंग को अनिवार्य बनाना चाहिए।”

पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसे हाई‑स्पीड क्षेत्रों में ड्राइवरों को नियमित जागरूकता सत्रों में भाग लेना पड़ेगा।

समाज और परिवारों की प्रतिक्रिया

पीड़ितों के परिवारों ने हिंसा के खिलाफ सख्त कदम की मांग की है। गौतम के पिता, अतिरिक्त प्रिंसिपल जज, ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस तरह की लापरवाही को सख़्त सज़ा मिले, ताकि कोई और ऐसा न कर सके।”

यह घटना न केवल एक निजी त्रासदी है, बल्कि मोटर ट्रैफ़िक में शराब की लत और तेज़ गति के खतरों को फिर से उजागर कर देती है।

Frequently Asked Questions

क्या इस दुर्घटना में शराब का सेवन सिद्ध हुआ?

फोरेंसिक रिपोर्ट अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने सभी मृतकों के रक्त नमूने बरामद कर लिये हैं, जिससे शराब की उपस्थिति की पुष्टि की जाएगी।

NH‑48 के कौन‑से हिस्से को सबसे ज्यादा दुर्घटना‑प्रवण बताया गया है?

राज्य ने हाल ही में 45 हाई‑रिस्क पॉइंट्स की सूची जारी की है, जिनमें गुरुग्राम‑जैपुर एक्सिट‑9, सेक्टर‑30 के निकट के मोड़, और जयपुर‑दरबार मार्ग के कुछ खुरदरे हिस्से शामिल हैं।

यदि शराब सेवन सिद्ध हुआ तो ड्राइवर पर क्या सज़ा होगी?

ड्राइविंग के दौरान शराब के पाए जाने पर भारत में कम से कम छः महीने की जेल, मोटर लाइसेंस की निरस्ती और जुर्माना के प्रावधान हैं; गंभीर मामलों में यह सजा बढ़ भी सकती है।

भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

राज्य सरकार ने रूट‑आधारित रॉड‑सेफ़्टी कैमरा, तेज़ गति वाला अलर्ट सिस्टम, और ड्राइवर जागरूकता कार्यशालाओं को अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है।

परिवारों को कौन सी सहायता मिल सकती है?

पीड़ितों के परिवारों को फायर एडमिनिस्ट्रेशन का आर्थिक सहायता, काउंसलिंग और घातक दुर्घटना बीमा के तहत मुआवजा मिलने की संभावना है।

12 टिप्पणि
  • Mohamed Rafi Mohamed Ansari
    Mohamed Rafi Mohamed Ansari अक्तूबर 4, 2025 AT 00:54

    नमस्ते, दुर्घटना के बाद तुरंत मदद पहुंचाने के लिये स्थानीय एम्बुलेंस को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही तेज गति वाले वाहनों के लिये रैपिड-स्पीड कैमरा लगाना आवश्यक है, जिससे उल्लंघन रोका जा सके। सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों को स्कूल‑कॉलेज स्तर पर अनिवार्य किया जाना चाहिए। अंत में, ड्राइवरों को शराब परीक्षण के लिये पॉइंट‑ऑफ़‑डिटेक्शन सिस्टम इन्स्टॉल करना चाहिए।

  • अभिषेख भदौरिया
    अभिषेख भदौरिया अक्तूबर 6, 2025 AT 08:27

    यह समाचार सुनकर दिल बहुत दहला गया। ऐसी त्रासदी को रोकने के लिये हमें एकजुट होना पड़ेगा और समाज में जिम्मेदारी की भावना को पुनः स्थापित करना होगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने व्यवहार के परिणामों के बारे में गहराई से सोचना चाहिए। इस दर्दनाक घटना से सीख लेकर आगे आने वाले वर्षों में सुरक्षित ड्राइविंग को अपना मानदंड बनाना चाहिए।

  • Nathan Ryu
    Nathan Ryu अक्तूबर 8, 2025 AT 16:00

    उच्च गति और शराब का मिश्रण निस्संदेह एक नैतिक बगावत है।

  • Atul Zalavadiya
    Atul Zalavadiya अक्तूबर 10, 2025 AT 23:34

    सबसे पहले, थार जैसी हाई परफ़ॉर्मेंस कार को चलाते समय ड्राइवर की जिम्मेदारी दो गुना बढ़ जाती है। ऐसा वाहन अगर तेज़ी से और बिना रोकथाम के चलता है तो यह न केवल चालक बल्कि सभी यात्रियों को जोखिम में डालता है। पुलिस द्वारा रिपोर्ट में बताया गया है कि गति सीमा के दायरे से बहुत अधिक थी, जो निरंकुशता का संकेत देता है। शराब की उपस्थिति का संदेह भी इस लापरवाही को और गंभीर बनाता है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतज़ार है, लेकिन साक्ष्य पहले ही इंगित करते हैं कि नशे की हालत में ड्राइव करना कानूनी और नैतिक दोनों तौर पर अपराध है। इस तरह की घटनाएँ अक्सर सामाजिक अनभिज्ञता और कानून की सख्ती में कमी के कारण घटती हैं। सरकार को चाहिए कि रॉड‑सेफ़्टी कैमरा और अल्कोहल डिटेक्शन डिवाइस को अनिवार्य करे, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके। साथ ही, ड्राइवरों को नियमित रूप से नशे मुक्त रहने के बारे में प्रशिक्षण देना आवश्यक है। सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रमों में परिवारों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए; उन्हें बच्चों को सही ड्राइविंग आदतें सिखाने में सहयोग करना चाहिए। दुर्घटनाओं की पीड़ित परिवारों को आर्थिक एवं मानसिक सहायता प्रदान करने के लिये तुरंत सहायता योजना लागू करनी चाहिए। यह भी जरूरी है कि कार निर्माता उच्च गति वाले वाहनों के लिए सुरक्षा मानकों को कड़ा करे। सड़क पर लापरवाह व्यवहार को रोकने के लिये सख्त दंडात्मक प्रावधान होना चाहिए, जिससे कोई भी इस तरह की लापरवाही करने से डरे। विशेषज्ञों ने कहा है कि तेज़ी से चलती कारें अक्सर कंट्रोल खो देती हैं, विशेषकर मोड़ पर। सरकार के द्वारा जारी किए गए हाई‑रिस्क पॉइंट्स की सूची को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि ड्राइवर उन क्षेत्रों से सावधान रहें। अंत में, सामाजिक स्तर पर यह जागरूकता होना चाहिए कि तेज़ गति और शराब का सेवन एक साथ नहीं हो सकता। यही संदेश मैं सभी वाहन चालकों तक पहुंचाना चाहता हूं।

  • Amol Rane
    Amol Rane अक्तूबर 13, 2025 AT 07:07

    उपरोक्त रिपोर्ट में शायद कुछ विवरणों को अधिकतर नजरअंदाज़ किया गया है; यह बहस का मुद्दा बना रहता है।

  • Venkatesh nayak
    Venkatesh nayak अक्तूबर 15, 2025 AT 14:40

    ऐसी घटनाएँ रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी बहुत आम हो रही हैं, दिलचस्प बात है कि कभी‑कभी सही जानकारी के बिना ही प्रतिक्रिया मिलती है 😊।

  • rao saddam
    rao saddam अक्तूबर 17, 2025 AT 22:14

    भाई भाइयो! तेज़ गति से चलाते रहो, लेकिन रीता से कहीं ज़्यादा खतरा न ले! 🚀🚦!!! सड़क पर अपने अधिकारों को याद रखो, लेकिन नियमों का भी सम्मान करो!!!

  • Prince Fajardo
    Prince Fajardo अक्तूबर 20, 2025 AT 05:47

    ओह, कितना रोमांस है इस थार के साथ-जैसे किसी सस्पेंस फिल्म का क्लाइमेक्स, लेकिन असली ज़िन्दगी में टकम-टकम।

  • Subhashree Das
    Subhashree Das अक्तूबर 22, 2025 AT 13:20

    इस रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि मीडिया ने केवल सनसनीखेज बातें कर के सार्वजनिक ध्यान खींचा है, जबकि वास्तविक कारणों की गहरी जांच नज़रअंदाज़ की गई है।

  • jitendra vishwakarma
    jitendra vishwakarma अक्तूबर 24, 2025 AT 20:54

    लगता है जल्दी‑जल्दियों में लोगों की सोचना भूल जाता है।

  • Madhu Murthi
    Madhu Murthi अक्तूबर 27, 2025 AT 04:27

    देश की सड़कों को सुरक्षित बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए 🇮🇳🚗। यह दुर्घटना हमारे नियमों की प्रवर्तन में कमी को दर्शाती है, इसलिए सख्त उपायों की जरूरत है।

  • Amrinder Kahlon
    Amrinder Kahlon अक्तूबर 29, 2025 AT 12:00

    बिल्कुल, अगर हर कोई लाइसेंस पढ़ते समय इत्मीनान से मजे ले तो सड़कें स्वर्ग बन जाएँगी।

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