गुरुग्राम‑जैपुर हाईवे पर तेज़ थार से 5 मौतें, 1 गंभीर स्थिति

गुरुग्राम‑जैपुर हाईवे पर तेज़ थार से 5 मौतें, 1 गंभीर स्थिति

जब गौतम मिश्रा, 31, रायबरेली से, अपने तीन साथी‑साथियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 48 (NH‑48) पर सफ़र कर रहे थे, तो उनका महिंद्रा थार 100 किमी/घंटा से अधिक गति से चलते हुए झड़सा और विभाजक से टकरा गया। इस दुर्घटना में पाँच लोग मौके पर ही चल बिचड़े, जबकि कपिल शर्मा, 28, बुलंदशहर के, गंभीर स्थिति में मेडांटा अस्पताल ले जा कर भर्ती कराए गए।

घटना के पन्ने‑पन्ने में क्या था?

लगभग 04:30 वजे शनिवार की सुबह, जहरसा चौक के पास, एक्सिट‑9 से गुजरते हुए थार अचानक बाएँ मुड़ गया और बरामदे (क्रैश बैरियर) से टकरा कर कई बार लोट-पोट हो गया। पहचान के बाद पता चला कि वाहन का पंजीकरण अलिगढ़, उत्तर प्रदेश से था। CCTV फुटेज में वही गति दिख रही थी, जिससे पुलिस को तेज़ चलने का उचित संकेत मिला।

शिकायत के बाद राजेश मोहन, उपायुक्त (ट्रैफ़िक) ने मौके का सर्वेक्षण किया और कहा, “यह हादसा तेज़ गति और शराब पीकर गाड़ी चलाने के परिणामस्वरूप हुआ है। सभी छह लोगों ने सटेले सेक्टर‑30 के नाइटक्लब से पार्टी खत्म करके अपने हॉस्टल की ओर रुख किया था।”

पीड़ितों की पहचान और पृष्ठभूमि

घंटों तक चल रही खोज के बाद, मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:

  • गौतम मिश्रा (31) – रायबरेली, निजी फर्म में कार्यरत, पिता अतिरिक्त प्रिंसिपल जज
  • आदित्य सिंह (24) – आगरा, नोएडा के विज्ञापन व्यवसायी, पिता जज के लिए स्टेनोग्राफर
  • प्रतिष्ठा पाल (21) – पिथोरागढ़, ग्रेटर नोएडा में एलएलबी छात्रा, पिता आईटीबीपी इंस्पेक्टर
  • ज्योति सैनी (22) – बलंदशहर, दिल्ली विश्वविद्यालय के रामानुजन कॉलेज की द्वितीय वर्ष की बीए छात्रा, पिता किसान
  • लवण्या शर्मा (26) – आगरा, ग्रेटर नोएडा में एलएलबी छात्रा, पिता यूपी की सब‑इंस्पेक्टर

सिर्फ कपिल शर्मा ही बच सके, लेकिन वह अभी भी अत्यधिक लक्षणों के कारण मेडांटा अस्पताल में इंटेन्सिव केयर में हैं।

पुलिस की तेजी से की गई जांच

गुरुग्राम ट्रैफ़िक कंट्रोल सेंटर ने 05:02 वेज़ एररनसी रिस्पॉन्स टीम को सूचना दी। सभी पाँच मृतकों के रक्त और अंगों के नमूने फोरेंसिक लेबोरेटरी में भेजे गए हैं, ताकि शराब या नशे की स्थिति की पुष्टि की जा सके। थार को impound कर के सेक्टर‑40 पुलिस स्टेशन के बाहर कवर करके रखा गया है।

पिछले महीने इसी तरह के एक हादसे में दिल्ली के मोती नगर में तेज़ थार ने एक बाइक सवार की मौत कर दी थी, जहाँ आरोपी अमरिंदर सिंह सोढ़ी ने दो शराब की बोतलें गाड़ी में रखे पाई थी। इस क्रम में राज्य ने हाल ही में NH‑8 पर 45 दुर्घटना‑प्रवण बिंदुओं की सूची बनाई है, जिसमें एक्सिट‑9 भी शामिल है।

विशेषज्ञों की राय और भविष्‍य की खबरें

विशेषज्ञों की राय और भविष्‍य की खबरें

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अर्जुन कुमार ने कहा, “महिंद्रा थार जैसे हाई‑परफ़ॉर्मेंस ऑफ‑रोड वाहन को अगर नाखुश ट्रैफ़िक नियंत्रण के साथ चलाया जाये तो ऐसे हादसे बढ़ते हैं। सरकार को तेज़ गति पर रॉड‑सेफ़्टी कैमरा और अलकोहोल टेस्टिंग को अनिवार्य बनाना चाहिए।”

पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसे हाई‑स्पीड क्षेत्रों में ड्राइवरों को नियमित जागरूकता सत्रों में भाग लेना पड़ेगा।

समाज और परिवारों की प्रतिक्रिया

पीड़ितों के परिवारों ने हिंसा के खिलाफ सख्त कदम की मांग की है। गौतम के पिता, अतिरिक्त प्रिंसिपल जज, ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस तरह की लापरवाही को सख़्त सज़ा मिले, ताकि कोई और ऐसा न कर सके।”

यह घटना न केवल एक निजी त्रासदी है, बल्कि मोटर ट्रैफ़िक में शराब की लत और तेज़ गति के खतरों को फिर से उजागर कर देती है।

Frequently Asked Questions

क्या इस दुर्घटना में शराब का सेवन सिद्ध हुआ?

फोरेंसिक रिपोर्ट अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने सभी मृतकों के रक्त नमूने बरामद कर लिये हैं, जिससे शराब की उपस्थिति की पुष्टि की जाएगी।

NH‑48 के कौन‑से हिस्से को सबसे ज्यादा दुर्घटना‑प्रवण बताया गया है?

राज्य ने हाल ही में 45 हाई‑रिस्क पॉइंट्स की सूची जारी की है, जिनमें गुरुग्राम‑जैपुर एक्सिट‑9, सेक्टर‑30 के निकट के मोड़, और जयपुर‑दरबार मार्ग के कुछ खुरदरे हिस्से शामिल हैं।

यदि शराब सेवन सिद्ध हुआ तो ड्राइवर पर क्या सज़ा होगी?

ड्राइविंग के दौरान शराब के पाए जाने पर भारत में कम से कम छः महीने की जेल, मोटर लाइसेंस की निरस्ती और जुर्माना के प्रावधान हैं; गंभीर मामलों में यह सजा बढ़ भी सकती है।

भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

राज्य सरकार ने रूट‑आधारित रॉड‑सेफ़्टी कैमरा, तेज़ गति वाला अलर्ट सिस्टम, और ड्राइवर जागरूकता कार्यशालाओं को अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है।

परिवारों को कौन सी सहायता मिल सकती है?

पीड़ितों के परिवारों को फायर एडमिनिस्ट्रेशन का आर्थिक सहायता, काउंसलिंग और घातक दुर्घटना बीमा के तहत मुआवजा मिलने की संभावना है।

  • अक्तू॰, 4 2025
2 टिप्पणि
  • Mohamed Rafi Mohamed Ansari
    Mohamed Rafi Mohamed Ansari अक्तूबर 4, 2025 AT 00:54

    नमस्ते, दुर्घटना के बाद तुरंत मदद पहुंचाने के लिये स्थानीय एम्बुलेंस को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही तेज गति वाले वाहनों के लिये रैपिड-स्पीड कैमरा लगाना आवश्यक है, जिससे उल्लंघन रोका जा सके। सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों को स्कूल‑कॉलेज स्तर पर अनिवार्य किया जाना चाहिए। अंत में, ड्राइवरों को शराब परीक्षण के लिये पॉइंट‑ऑफ़‑डिटेक्शन सिस्टम इन्स्टॉल करना चाहिए।

  • अभिषेख भदौरिया
    अभिषेख भदौरिया अक्तूबर 6, 2025 AT 08:27

    यह समाचार सुनकर दिल बहुत दहला गया। ऐसी त्रासदी को रोकने के लिये हमें एकजुट होना पड़ेगा और समाज में जिम्मेदारी की भावना को पुनः स्थापित करना होगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने व्यवहार के परिणामों के बारे में गहराई से सोचना चाहिए। इस दर्दनाक घटना से सीख लेकर आगे आने वाले वर्षों में सुरक्षित ड्राइविंग को अपना मानदंड बनाना चाहिए।

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