क्वांट म्यूचुअल फंड में कथित फ्रंट रनिंग के लिए सेबी द्वारा जांच

क्वांट म्यूचुअल फंड में कथित फ्रंट रनिंग के लिए सेबी द्वारा जांच
  • जून, 24 2024

क्वांट म्यूचुअल फंड पर सेबी का शिकंजा

क्वांट म्यूचुअल फंड पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा गहन जांच शुरू कर दी गई है। यह जांच फंड प्रबंधकों द्वारा निवेश से संबंधित गतिविधियों में कथित अनियमितताओं के मामले में की जा रही है। माना जा रहा है कि फंड प्रबंधकों ने संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग करते हुए अपने व्यक्तिगत खातों में लेनदेन किया है, जिसे 'फ्रंट रनिंग' कहा जाता है।

सेबी की छापेमारी

सेबी ने कंपनी के मुंबई और हैदराबाद स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कई नियमित निरीक्षणों में पाई गई विसंगतियों और ऑडिट फर्मों द्वारा उजागर की गई चिंताओं के चलते की गई है। सूत्रों के अनुसार, सेबी ने इन कार्यालयों में आवश्यक दस्तावेज़ और साक्ष्य जुटाने के लिए यह कदम उठाया है।

कंपनी के संस्थापक सांडिप टंडन भी इस जांच के दायरे में हैं। टंडन द्वारा 22 योजनाओं में निवेश निर्णय लेने का काम किया जाता है। इन योजनाओं के तहत किए गए लेनदेन की गहनता से जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह सभी योजनाएं उनकी निगरानी में चलती हैं और उनमें कुछ अनियमितताएं पाई गई हैं।

फ्रंट रनिंग: अनैतिक और अवैध प्रचलन

फ्रंट रनिंग: अनैतिक और अवैध प्रचलन

फ्रंट रनिंग एक ऐसा प्रचलन है जिसमें फंड प्रबंधक बाजार की गतिविधियों का लाभ उठाने के लिए गुप्त जानकारी का दुरुपयोग करते हैं। इसमें वे अपने व्यक्तिगत खातों में व्यापार करते हैं और फिर अपनी देखरेख वाली योजनाओं में लेनदेन करते हैं। यह न केवल अनैतिक है बल्कि कानूनन भी अवैध है।

यह कृत्य न केवल निवेशकों के विश्वास को ठेस पहुंचाता है, बल्कि बाजार की निष्पक्षता को भी प्रभावित करता है। सेबी इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के प्रयास में है।

कंपनी का इतिहास और विकास

क्वांट ग्रुप की स्थापना 2007 में हुई थी और इसे म्यूचुअल फंड लाइसेंस 2017 में मिला। शुरूआत में, कंपनी के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) केवल 100 करोड़ रुपये थीं, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 80,000 करोड़ रुपये के पार हो गया है।

कंपनी 'बिंग रिलिवेंट' और 'प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स' के सिद्धांतों के तहत काम करती है। ये सिद्धांत कंपनी को निरंतर ज्ञान को अपडेट करने और नई प्रणाली और प्रक्रियाओं को लागू करने में मदद करते हैं।

सेबी की जांच का महत्व

सेबी की जांच का महत्व

सेबी की यह कार्रवाई निवेशकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और बाजार में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस जांच से निवेशकों के बीच विश्वास बहाल होगा और आगे से इस प्रकार की अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।

संक्रमणकाल में बाजार के सभी हितधारक यह आशा कर रहे हैं कि सेबी की यह सख्त कार्रवाई निवेशकों के लाभ के लिए आवश्यक बदलाव लाएगी और व्यवस्था को और भी मजबूत करेगी। इस कदम से अन्य म्यूचुअल फंड कंपनियों को भी सख्त संदेश मिलेगा कि किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अंतरिम निष्कर्ष आने में कितना समय लगेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सेबी की कार्रवाई ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि किसी भी स्तर पर अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।

अब सबकी निगाहें सेबी की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं और यह देखना बाकी है कि अंततः क्या निर्णय सामने आता है।

13 टिप्पणि
  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar जून 25, 2024 AT 10:59
    ये सब तो पुरानी कहानी है। फंड मैनेजर्स के पास जो डेटा होता है, वो उनके लिए बस एक गेम होता है। सेबी तो बस धुल बनाती है, असली जुर्म तो चलता ही रहता है।
  • Jai Ram
    Jai Ram जून 27, 2024 AT 00:11
    इस तरह की गतिविधियों से छुटकारा पाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए। AI-आधारित ऑडिटिंग, रियल-टाइम मॉनिटरिंग, और ब्लॉकचेन-आधारित लेनदेन ट्रैकिंग से ये चीजें रोकी जा सकती हैं। सेबी को भी अपग्रेड करना होगा 😅
  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia जून 28, 2024 AT 02:13
    हर फंड मैनेजर ऐसा करता है, बस क्वांट को पकड़ लिया। अगर ये गलत है तो भारत के सारे फंड्स गिरफ्तार होने चाहिए। ये सब बस एक निशाना बनाने की कोशिश है। भारत में अब निवेशक बनना भी जोखिम भरा है।
  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar जून 28, 2024 AT 17:37
    फ्रंट रनिंग एक अनैतिकता नहीं, बल्कि एक अर्थव्यवस्था का अंतर्निहित तंत्र है। जहाँ ज्ञान शक्ति है, वहाँ उसका दुरुपयोग अनिवार्य है। निवेशक जो अपनी अज्ञानता के कारण नुकसान उठाते हैं, वे खुद अपने अभाव के शिकार हैं।
  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH जून 29, 2024 AT 03:08
    सेबी का ये कदम अच्छा है। अब बस जल्दी रिपोर्ट आए और सख्ती से कार्रवाई हो।
  • Amal Kiran
    Amal Kiran जून 29, 2024 AT 16:36
    इतना बड़ा फंड, इतना बड़ा झूठ, और अभी तक कोई नहीं जेल गया? ये देश है या फंड मैनेजर्स का क्लब?
  • abhinav anand
    abhinav anand जून 29, 2024 AT 21:54
    मुझे लगता है कि इस जांच से बड़ी बात ये है कि निवेशकों को अपनी जानकारी कैसे बढ़ानी चाहिए। अगर हम सब अपने पैसे के बारे में समझते, तो ऐसी चीजें नहीं होतीं।
  • Rinku Kumar
    Rinku Kumar जुलाई 1, 2024 AT 08:57
    अरे भाई, सेबी की जांच शुरू हुई तो अब सब बच गए? इसके बाद भी क्वांट के फंड्स को बेच रहे हो? ये निवेशक नहीं, बल्कि भाग्यवादी हैं।
  • Pramod Lodha
    Pramod Lodha जुलाई 2, 2024 AT 08:52
    अगर तुम्हारा पैसा किसी के व्यक्तिगत खाते में जा रहा है, तो तुम्हें इस बात का एहसास होना चाहिए। बस इतना समझ लो कि तुम जिस फंड में डाल रहे हो, उसका बार-बार नियम तोड़ना तुम्हारे लिए खतरा है। जागो दोस्तों!
  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni जुलाई 2, 2024 AT 10:54
    फ्रंट रनिंग एक सिस्टमिक फेल्योर का उदाहरण है - जब एल्गोरिदमिक डिसीजन-मेकिंग के साथ इथिकल गवर्नेंस का सिंक्रोनाइजेशन नहीं होता, तो फंड मैनेजमेंट का फिड्यूशियरी ड्यूटी का सिद्धांत अनुप्रयुक्त हो जाता है। यह एक अभियान है जिसमें ट्रांसपेरेंसी एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक बाध्यता होनी चाहिए।
  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran जुलाई 3, 2024 AT 05:50
    क्या हम असल में निवेशक हैं या बस एक अनुमानित बाजार का हिस्सा? जब तक हम अपने विश्वास को बाजार के नियमों पर नहीं डालेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा।
  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra जुलाई 4, 2024 AT 16:45
    इस जांच के बाद जो भी फंड मैनेजर बच गया, उसकी तस्वीर अब एक डॉक्टर की तरह नहीं, बल्कि एक चोर की तरह दिखनी चाहिए। अब तक तो वो लोग टैक्स बचाने वाले लगते थे, अब तो वो निवेशकों के खून से बने गुलाब बेच रहे हैं।
  • Ashish Perchani
    Ashish Perchani जुलाई 5, 2024 AT 20:48
    सेबी की इस जांच का एक अर्थ है - जब तक भारतीय निवेशक अपनी जिम्मेदारी नहीं लेंगे, तब तक ये गलतियाँ दोहराई जाएँगी। बस इतना ही नहीं, ये गलतियाँ बढ़ेंगी।
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