IMA ने NEET-UG अनियमितताओं की जांच CBI को सौंपने के सरकार के कदम का स्वागत किया

IMA ने NEET-UG अनियमितताओं की जांच CBI को सौंपने के सरकार के कदम का स्वागत किया
  • जून, 23 2024

IMA ने NEET-UG अनियमितताओं की जांच CBI को सौंपने के सरकार के कदम का स्वागत किया

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। यह कदम उस समय आया जब देशभर में छात्रों ने परीक्षा में पेपर लीक के दावों की जांच की मांग को लेकर विरोध किया और मुकदमे दर्ज कराए।

प्रधान मंत्री का आभार

IMA ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्रियों की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए आभार व्यक्त किया है। IMA का कहना है कि परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है और इस प्रकार की अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पूर्व स्थिति और FIR दर्ज

मई 5 को आयोजित NEET-UG परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर CBI ने एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की। इस कदम के बाद, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के महानिदेशक को हटा दिया गया।

पुनः परीक्षा और संदेह

NTA ने 1,563 छात्रों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित की थी जिनको ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, लेकिन 67 छात्रों ने 720 अंकों की पूर्ण अंक के साथ अंक प्राप्त किये, जिससे अनियमितताओं के संदेह उत्पन्न हुए।

IMA की प्रतिक्रिया

IMA ने सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं से निपटने के लिए कठोर कानून लागू करने की सराहना की, जिसमें 10 वर्षों तक की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है। IMA का मानना है कि सभी महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को अत्यंत सावधानी और गोपनीयता के साथ संचालित करना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 23 जून को प्रस्तावित NEET-PG परीक्षा को हालिया आरोपों के मद्देनजर एहतियाती उपाय के रूप में स्थगित कर दिया। IMA ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह शीघ्र कार्रवाई करे ताकि मेडिकल, डेंटल, और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परामर्श समय पर शुरू हो सके।

निष्कर्ष

देशभर में छात्रों के विरोध और गंभीर आरोपों के बीच, सरकार ने CBI को जांच सौंप कर एक सराहनीय कदम उठाया है। IMA ने सरकार की इस त्वरित प्रतिक्रिया का स्वागत किया है और विश्वास जताया है कि इससे भविष्य में संसाधन और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह घटना समाज में प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की शुद्धता और विश्वसनीयता की आवश्यकता के महत्व को रेखांकित करती है।

7 टिप्पणि
  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh जून 24, 2024 AT 06:06
    अच्छा कदम है। CBI को सौंप देने से अब असली जिम्मेदार लोगों को सजा मिलेगी। 🙏
  • sameer mulla
    sameer mulla जून 24, 2024 AT 20:02
    ये सब नाटक है भाई! परीक्षा लीक हुई तो सिर्फ NTA के महानिदेशक को हटाया? असली लोग तो बिल्कुल बच गए! ये सरकार सिर्फ लोगों को शांत करने के लिए नाटक कर रही है। अगर असली जांच होती तो तीन जनरल और दो मंत्री जेल में होते। ये सब बकवास है!
  • Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani जून 26, 2024 AT 18:52
    पुनः परीक्षा हुई और 67 लोगों को 720 आए तो ये तो बहुत साफ है न कुछ गड़बड़ है
  • Pooja Raghu
    Pooja Raghu जून 26, 2024 AT 20:32
    मैंने सुना है कि CBI भी कुछ लोगों के साथ है... ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। जो लोग पैसे देते हैं वो हमेशा जीतते हैं। ये परीक्षा तो बस एक नाटक है। असली जांच कभी नहीं होगी।
  • Pooja Yadav
    Pooja Yadav जून 28, 2024 AT 05:20
    मुझे लगता है ये जांच अच्छी शुरुआत है। अगर सब कुछ निष्पक्ष हो गया तो छात्रों को विश्वास होगा। अब बस इंतजार है कि नतीजे कैसे आते हैं।
  • Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar जून 29, 2024 AT 21:41
    अरे भाई ये सब बहुत आम बात है ना? हर साल कुछ न कुछ होता है। पर आज तक किसी ने नहीं देखा कि कोई बड़ा लीडर या बड़ा डॉक्टर जेल में गया है? ये FIR बस एक फॉर्मलिटी है। 67 छात्रों को 720 आए? ये तो अंकों की चोरी है ना? और अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने NEET-PG रोक दिया? ये तो बस डर की वजह से हुआ है। अगर वो असली जांच करते तो ये सब तीन दिन में खत्म हो जाता। ये सब बस लोगों को धोखा देने का तरीका है। और IMA भी बस अपने बारे में बात कर रहा है। क्या उन्होंने कभी अपने अस्पतालों में भी ऐसी गड़बड़ी नहीं देखी? क्या वो खुद नहीं जानते कि ये सब बस एक नाटक है?
  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta जुलाई 1, 2024 AT 15:50
    इस घटना के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि शिक्षा प्रणाली में न्याय की अवधारणा का आधार निर्णायक है। जब किसी परीक्षा में अनियमितताएं होती हैं तो यह केवल एक छात्र के भविष्य को ही नहीं बल्कि समाज के विश्वास को भी नष्ट कर देती है। इसलिए CBI की जांच एक आवश्यक और उचित कदम है। यह न केवल अनियमितताओं के खिलाफ संकेत देता है बल्कि भविष्य की परीक्षाओं के लिए एक न्यायिक ढांचा भी स्थापित करता है। इसके अलावा यह भी दर्शाता है कि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति दृढ़ता से जुड़े रहने की आवश्यकता है। जब तक अंकों की अनियमितताएं और नियमों का उल्लंघन जारी रहेगा तब तक छात्रों के बीच विश्वास की कमी बनी रहेगी। इसलिए इस जांच को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए डिजिटल निगरानी प्रणाली और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को अनिवार्य बनाना चाहिए। यह सिर्फ एक परीक्षा की बात नहीं है बल्कि देश के भविष्य की नींव है।
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