ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ: प्रमुख निवेशक, जोखिम और जानने योग्य बातें

ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ: प्रमुख निवेशक, जोखिम और जानने योग्य बातें
  • जुल॰, 29 2024

ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ: प्रमुख निवेशक, जोखिम और जानने योग्य बातें

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड का बहुप्रतीक्षित प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) 2 अगस्त 2024 को शुरू होने वाला है। इस आईपीओ के माध्यम से कंपनी 6,146.56 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। यह आईपीओ दो भागों में बंटा हुआ है – पहला भाग 808,626,207 नए शेयर जारी करके 6,145.56 करोड़ रुपये जुटाएगा, जबकि दूसरा भाग 84,941,997 शेयरों की बिक्री के माध्यम से 645.56 करोड़ रुपये जुटाएगा।

प्रमुख निवेशक और लक्ष्य

इस आईपीओ के प्रमुख निवेशकों में सॉफ्टबैंक, अल्फा वेव, अल्पाइन, डीआईजी इन्वेस्टमेंट और मैट्रिक्स शामिल हैं। ओला इलेक्ट्रिक मौजूदा समय में भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार का 35% हिस्सा रखता है, जो वित्तीय वर्ष 23 में 21% था। वित्तीय वर्ष 24 में कंपनी ने 3.29 लाख यूनिट की बिक्री की, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है।

भविष्य की योजनाओं के तहत, आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए धन को पूंजी व्यय, ऋण चुकाना और अनुसंधान एवं उत्पाद विकास में खर्च किया जाएगा। कंपनी का व्यवसाय मॉडल तीन प्रमुख स्केलेबल प्लेटफार्मों पर आधारित है – अनुसंधान और तकनीक, विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला, और डायरेक्ट टू कस्टमर ओमनीचैनल वितरण।

निवेशकों के लिए प्रमुख जानकारी

आईपीओ का सब्सक्रिप्शन विंडो 6 अगस्त को बंद हो जाएगी और 7 अगस्त को आवंटन का आधार निर्धारित किया जाएगा। यह शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 9 अगस्त को लिस्ट होंगे। इस बार आईपीओ का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है और मुख्य बुक-रनिंग लीड मैनेजरों में बोफा सिक्योरिटीज इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड और कई अन्य शामिल हैं।

प्राइस बैंड और शेयर लॉट साइज

आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 72-76 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है और निवेशक एक लॉट में 195 शेयर खरीद सकेंगे। कंपनी का मूल्यांकन 4.2 बिलियन डॉलर से 4.4 बिलियन डॉलर के बीच होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष सितंबर में टेमसेक के नेतृत्व में हुई फंडिंग राउंड से कम है।

वित्तीय प्रदर्शन

वित्तीय वर्ष 24 में ओला इलेक्ट्रिक की संचालन से राजस्व 5,009.8 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 2,630.9 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। हालांकि, कंपनी का घाटा भी बढ़कर 1,584.4 करोड़ रुपये हो गया है। निवेशकों के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि इससे कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का आकलन किया जा सकता है।

निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भले ही ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 24 में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बढ़ते घाटे को भी ध्यान में रखना होगा। कंपनी की रणनीति, बाजार में प्रतिस्पर्धा और निवेशकों का विश्वास इसके भविष्य को तय करेंगे। इसलिए, सुप्रशिक्षित और जानकार निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, लेकिन उन्हें अपने निर्णय को पूरी जानकारी की जांच और विश्लेषण के आधार पर ही लेना चाहिए।

13 टिप्पणि
  • Arushi Singh
    Arushi Singh जुलाई 31, 2024 AT 12:35
    ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ देखकर लग रहा है कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र असली गति पकड़ रहा है। घाटा तो है, पर राजस्व दोगुना हो गया है - ये तो सिर्फ आंकड़े नहीं, भविष्य की आवाज़ है।
  • abhishek arora
    abhishek arora अगस्त 2, 2024 AT 02:44
    अगर ये आईपीओ फेल हुआ तो मतलब भारत की तकनीकी शक्ति अभी बच्चों के खिलौने जैसी है। 🇮🇳🔥
  • Ajay Rock
    Ajay Rock अगस्त 3, 2024 AT 13:13
    क्या आपने देखा कि सॉफ्टबैंक ने पिछले 3 साल में 7 भारतीय स्टार्टअप्स को फेल होते देखा? ओला भी इसी लिस्ट में जुड़ जाएगा... जल्दी बेच दो शेयर, वरना रातोंरात फाइल बन जाएगा। 😭
  • Piyush Kumar
    Piyush Kumar अगस्त 4, 2024 AT 17:21
    ये घाटा तो बस निवेश का नाम है! जब तक तुम बड़ा बनना चाहते हो, तब तक नुकसान तो होगा ही। ओला ने अभी तक सिर्फ बुनियाद रखी है - अब बाकी बातें बाजार बताएगा। ये आईपीओ एक बड़ा डिपॉजिट है, न कि एक लॉस। 💪
  • Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara अगस्त 6, 2024 AT 01:53
    Dear Investors, It is imperative to note that the operational revenue increase of 90.6% does not necessarily correlate with sustainable profitability. The net loss has expanded by 112.3% year-over-year, which may indicate structural inefficiencies in the cost structure.
  • Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari अगस्त 6, 2024 AT 07:12
    ये सब बातें तो बस लोगों को भ्रमित करने के लिए हैं... सॉफ्टबैंक और अल्फा वेव असल में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को नियंत्रित करना चाहते हैं! आप जानते हैं न कि इनके पीछे कौन है? ये सब एक ग्लोबल फिनेंसियल एलायंस का नाटक है!!!............ और आईपीओ रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम? वो भी उन्हीं के हाथ में है!!
  • Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh अगस्त 6, 2024 AT 22:49
    हमारे देश में ऐसे ही घाटे में चलने वाली कंपनियों को शेयर बाजार में उतारना अपराध है। ये सब विदेशी पूंजी का चूहे का खेल है। हमें अपने ही देश के निवेशकों को बचाना चाहिए। ओला इलेक्ट्रिक को भारतीय निवेशकों के लिए बंद कर देना चाहिए।
  • Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma अगस्त 7, 2024 AT 19:08
    क्या ये आईपीओ सच में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए है? या फिर ये सिर्फ एक नया फैशन है जिसमें लोग अपनी बचत लगा रहे हैं? क्या हम तकनीक के लिए निवेश कर रहे हैं... या फिर बस एक नाम के लिए? जब तक तुम अपनी चार दीवारों के बाहर नहीं देखते, तब तक तुम कभी सच नहीं देख पाओगे।
  • Nikita Patel
    Nikita Patel अगस्त 8, 2024 AT 05:51
    अगर आप नए निवेशक हैं, तो ये आईपीओ आपके लिए एक बहुत अच्छा शुरुआती अवसर हो सकता है। बस एक बात याद रखिए - छोटे लॉट में शुरुआत करें, और धीरे-धीरे समझें कि ये कंपनी क्या बनने वाली है। ये एक जंगल है, लेकिन अगर आप बुद्धिमानी से चलेंगे, तो ये आपके लिए बहुत कुछ दे सकता है।
  • Kamal Kaur
    Kamal Kaur अगस्त 10, 2024 AT 00:17
    मैंने इस आईपीओ को देखा तो लगा जैसे कोई नया बाइक लेने जा रहा हो... बाहर दिखता है बहुत शानदार, अंदर का मशीनरी अभी तक ठीक से चल रहा है या नहीं - ये तो टेस्ट राइड के बाद पता चलेगा। 😊
  • michel john
    michel john अगस्त 10, 2024 AT 01:32
    ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ का नाम लेकर भारतीय जनता को भ्रमित किया जा रहा है... सॉफ्टबैंक और डीआईजी ये सब अमेरिकी कंपनियां हैं जो हमारे देश की ऊर्जा को नियंत्रित करना चाहती हैं... और आप लोग शेयर खरीद रहे हैं? ये तो आजादी का नया रूप है... बेचो नहीं, बचाओ अपनी जेब को!!!
  • Rin In
    Rin In अगस्त 10, 2024 AT 06:58
    ये आईपीओ तो बस एक बड़ा गेम है!!! जितने ज्यादा लोग खरीदेंगे, उतने ज्यादा लाभ होगा... लेकिन अगर तुम बाजार को समझ गए तो तुम भी इसका हिस्सा बन सकते हो!! 😎💰🔥
  • Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti अगस्त 11, 2024 AT 07:58
    इस आईपीओ का असली मुद्दा ये है कि क्या ये कंपनी भविष्य में लाभ देने की क्षमता रखती है। घाटा बढ़ रहा है, लेकिन बाजार हिस्सा भी बढ़ रहा है। इस तरह के संक्रमण के समय निवेश करना खतरनाक हो सकता है, लेकिन अगर लंबे समय की नजर है तो ये एक अच्छा निवेश हो सकता है।
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