मोदी 3.0: ओडिशा के दो नवनिर्वाचित सांसद धमेंद्र प्रधान और जुएल ओराम बने केंद्रीय मंत्री
ओडिशा के सांसद धमेंद्र प्रधान और जुएल ओराम को मोदी मंत्रिमंडल में मिली जगह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ग्रहण करते हुए अपने मंत्रिमंडल में ओडिशा से दो नवनिर्वाचित सांसदों को शामिल किया। ये सांसद हैं संभलपुर लोकसभा क्षेत्र से धमेंद्र प्रधान और सुंदरगढ़ से छ: बार सांसद रह चुके जुएल ओराम। इन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई गई।
धमेंद्र प्रधान: अनुभवी नेता
54 वर्षीय धमेंद्र प्रधान ने उत्कल विश्वविद्यालय से मानवशास्त्र में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है। वे 2004 से 2009 तक चौदहवीं लोकसभा के सदस्य रहे। 2012 और 2018 में उन्हें राज्यसभा के लिए भी चुना गया। प्रधान केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, जैसे कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, इस्पात मंत्री, और शिक्षा मंत्री। उनके नेतृत्व में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी कार्यक्रमों ने लाखों गरीब महिलाओं को मुफ्त कुकिंग गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए, जिसके कारण उन्हें 'उज्ज्वला मैन' के नाम से जाना जाता है।
जुएल ओराम: जनजातीय मुद्दों के सशक्त समर्थक
जुएल ओराम, जो सुंदरगढ़ से छः बार सांसद रह चुके हैं, ओडिशा के प्रमुख भाजपा नेता और जनजातीय चेहरा हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में और फिर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जनजातीय मामलों के मंत्री के पद को संभाला। उनके नेता वाली कार्यशैली ने उन्हें जनजातीय मुद्दों का सशक्त समर्थक बनाया है।
अश्विनी वैष्णव: तेज़ी से उभरता हुआ चेहरा
ओडिशा कैडर आईएएस अधिकारी और राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव ने भी प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में जगह बनाई। मई 2019 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और उन्होंने रेल मंत्री, संचार मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के पदों पर कार्य किया। उनका बीजू जनता दल से भी करीबी संबंध रहा है।
मोदी सरकार की ओडिशा पर नजर
यह स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ओडिशा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। धमेंद्र प्रधान, जुएल ओराम, और अश्विनी वैष्णव की केंद्रीय मंत्रिमंडल में नियुक्ति यह साबित करती है कि मोदी सरकार ओडिशा के विकास को प्राथमिकता दे रही है। धमेंद्र प्रधान के उज्ज्वला योजना और अन्य योजनाओं ने पहले से ही ओडिशा के लोगों का दिल जीत लिया है, जबकि जुएल ओराम के जनजातीय विकास के प्रयास रंग ला रहे हैं।
ओडिशा के विकास की दिशा
ओडिशा के विकास के लिए इन नेताओं के अनुभव और प्रभाव का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा। प्रदेश में शिक्षा, कौशल विकास, जनजातीय कल्याण और बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में कई नए कदम उठाए जा सकते हैं। धमेंद्र प्रधान की योजनाओं ने जहां महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाया, वहीं जुएल ओराम के कार्यशैली ने जनजातीय समाज को मजबूत आधार प्रदान किया है। साथ ही, अश्विनी वैष्णव की प्रशासनिक क्षमता और अनुभव से रेल, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई उम्मीदें बंधी हैं।
ओडिशा के लिए नई उम्मीदें
धमेंद्र प्रधान और जुएल ओराम जैसे अनुभवी नेताओं की केंद्रीय मंत्रिमंडल में नियुक्ति से ओडिशा के विकास को नई दिशा मिलेगी। यह फैसला न केवल ओडिशा के निवासियों के लिए गर्व की बात है, बल्कि आने वाले समय में राज्य के विकास की गति को भी बढ़ावा देगा। ओडिशा की जनता ने उम्मीद जताई है कि इनके प्रयासों से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त होंगी।
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