पंजाब की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी की हत्या: नैतिक policing में निहंग गिरफ्तार

कमल कौर भाभी की हत्या: इंटरनेट की दुनिया से हिंसा तक
सोशल मीडिया पर अपनी बेबाकी के लिए मशहूर कमल कौर भाभी उर्फ कंचन कुमारी 12 जून 2025 को बठिंडा के भूचो कलां में अपनी कार में मृत मिलीं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर 'कमल कौर भाभी' नाम से लाखों फॉलोअर्स बनाने वाली कंचन ने कई बार राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर भी अपने विचार रखे थे। लेकिन बीते कुछ वक्त से उनका कंटेंट सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया, जब धार्मिक और रूढ़िवादी तबकों ने उनके वीडियो को 'अश्लील' और 'अनुचित' बताना शुरू किया।
इस मामले ने फिर तूल पकड़ लिया, जब पुलिस की जांच में निहंग जत्थेबंदियों से जुड़े दो युवकों – जसप्रीत सिंह (32) और निमरतजीत सिंह (21) – को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि इन युवकों ने कमल कौर भाभी को उनके डिजिटल कंटेंट के चलते पहले भी कई दफा धमकाया था। सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि दोनों आरोपियों ने इस 'मोरल policing' को अपराध बताने की बजाय, इसे समाज सेवा की तरह पेश किया और सोशल मीडिया पर बाकायदा जिम्मेदारी भी ली।
नैतिक policing के नाम पर हत्या और आतंक की साजिश
पुलिस के मुताबिक, हत्या की साजिश की कमान अमृतपाल सिंह मेहरोन ने संभाली थी, जो अभी भी फरार है। अमृतपाल ने न सिर्फ कमल कौर भाभी को धमकी दी, बल्कि हत्या के बाद सोशल मीडिया पर धमकी भरे बयान भी जारी किए। उसने दावा किया कि कमल की हत्या एक 'सजा' थी, साथ ही बाकी कंटेंट क्रिएटर्स को भी चेताया कि अश्लीलता फैलाने वालों का यही अंजाम होगा।
मामला और गहराया जब जांच में पता चला कि कनाडा आधारित खतरनाक आतंकी अर्श डल्ला ने भी कमल को उनके कंटेंट के लिए धमकाया था। अर्श डल्ला पंजाब में संगठित आपराधिक गैंग और आतंकवादी गतिविधियों का जाना-माना नाम है। इससे मामला एक साधारण हत्या से कहीं आगे बढ़ गया। पुलिस अमृतपाल सिंह मेहरोन और उसकी पूरी गैंग की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है, क्योंकि आशंका है कि इस पूरे गैंग का पंजाब में डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स पर दबाव बनाने और डराने धमकाने से गहरा लिंक है।
गिरफ्तार किये गये निहंग युवकों ने पुलिस पूछताछ में माना कि उन्होंने बेहद योजनाबद्ध तरीके से हत्या को अंजाम दिया। सबसे चौकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने सोशल मीडिया पर बाकायदा वीडियो डालकर बाकियों को भी 'सावधान' रहने की धमकी दी। इस रणनीति का मकसद बाकी महिलाओं व डिजिटल क्रिएटर्स को डराना-धमकाना था ताकि वे भी अपने कंटेंट पर खुद सेंसरशिप लगाने के लिए मजबूर हो जाएं।
कमल कौर भाभी की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर डिजिटल स्वतंत्रता बनाम परंपरागत सोच की बहस फिर से तेज हो गई है। कई यूथ्स, महिला संगठनों और डिजिटल क्रिएटर्स ने इसे राज्य में कट्टर ताकतों के बढ़ते प्रभाव का खतरनाक संकेत बताया। पुलिस और प्रशासन पर दबाव है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करें ताकि बाकी क्रिएटर्स की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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