Gullak 4 का समीक्षा: भावनात्मक, पुरानी यादें और मजेदार कहानियाँ नए सत्र में भी मोहती हैं

Gullak 4 का समीक्षा: भावनात्मक, पुरानी यादें और मजेदार कहानियाँ नए सत्र में भी मोहती हैं
  • जून, 7 2024

Gullak 4 की समीक्षा: नयी कहानियों का प्रसार

लोकप्रिय हिंदी वेब सीरीज 'Gullak' का चौथा सत्र, Sony Liv प्लेटफार्म पर जारी किया गया है। इस सत्र में शो ने दर्शकों को अपनी भावनात्मक, पुरानी यादों और मनोरंजक कहानियों के माध्यम से एक बार फिर से मोहित कर लिया है। 'गुल्लक' की कहानियाँ मुख्य रूप से एक मध्यम वर्गीय भारतीय परिवार के जीवन पर केंद्रित हैं। इस सत्र में भी मिश्रा परिवार के रिश्ते और संघर्षों को बड़ी कुशलता से दर्शाया गया है।

सीरीज की कहानी इस बार मिश्रा परिवार के बड़े बेटे अन्नू और उसके पिता संतोष मिश्रा के इर्द-गिर्द घूमती है। पहले सत्र से ही दर्शकों ने अन्नू मिश्रा का संघर्ष देखा है। इस सत्र में अन्नू एक मार्केटिंग प्रतिनिधि बन चुका है और अपने काम और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहा है। वहीं संतोष मिश्रा भी अपने काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस सत्र की एक खासियत यह है कि यह हँसी और भावनाओं के बीच संपूर्ण संतुलन बनाए रखता है। शो में कई ऐसे पल हैं जो दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देते हैं, वहीं कुछ क्षण ऐसे भी हैं जो आँखों में आँसू ले आते हैं। इस शृंखला को श्रेसान्श पांडे ने निर्देशित किया है और लेखन का काम वेदित त्रिपाठी और निखिल सचान ने किया है।

मुख्य किरदारों की बात करें तो गीतेनजली कुलकर्णी, जमील ख़ान, वैभव राज गुप्ता और हर्ष मायर ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। इनके अदाकारी में एक प्राकृतिक अद्वितीयता है जो दर्शकों का दिल जीत लेती है। गीतेनजली और जमील ख़ान की जोड़ी भी इस सत्र में पहले जैसे ही प्रभावी नज़र आती है।

हालांकि कुछ मामूली खामियाँ भी इस सत्र में देखी जा सकती हैं। कथा में थोड़ी दोहरान और कुछ चरित्र विकास की कमी सी महसूस होती है। फिर भी, 'गुल्लक' की यह यात्रा एक ऐसा अनुभव प्रदान करती है जो इसे एक बार अवश्य देखने की लायक बनाता है। यह शो भारतीय परिवारिक जीवन का सच्चा प्रतिबिंब है जो न केवल हँसी का उत्तम स्रोत हैं बल्कि कई भावनात्मक क्षण भी दर्शकों को भेंट करते हैं।

परिवर्तन और नया हास्य

परिवर्तन और नया हास्य

सीरीज में नए किरदारों का आगमन भी दर्शकों के लिए एक नई ताजगी लाता है। एक तरफ जहाँ पुराने किरदारों का विस्तार किया गया है, वहीं नए चेहरों ने भी शो में अपनी खास जगह बनाई है। इस सत्र में विशेषकर के युवा पीढ़ी की चिंताएँ और मध्यम वर्गीय जीवन की वास्तविकताएँ बखूबी प्रस्तुत की गई हैं। यह शो हमें यह समझने पर मजबूर करता है कि पारिवारिक संबंधों की मिठास कभी कम नहीं होती, चाहे जीवन कितना भी मुश्किल क्यों न हो।

शो के निर्देशन और पटकथा में एक अनूठा तालमेल देखने को मिलता है, जिससे हर एपिसोड में एक नई ऊर्जा और ताजगी बनी रहती है। निर्देशन के मामले में भी श्रेसान्श पांडे ने उत्कृष्ट काम किया है। उनके निर्देशन में किरदारों की भावनाएँ और उनके बीच के रिश्ते बेहद सजीव लगते हैं।

'गुल्लक' का चौथा सत्र एक यादगार यात्रा की तरह है जो हमारी जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियों और दुखों को बड़ी सादगी के साथ प्रस्तुत करता है। यह वही सरलता और सजीवता है जिसकी वजह से यह शो दर्शकों के दिल में बस गया है।

मध्यम वर्गीय जिंदगी का सजीव चित्रण

'गुल्लक' की सबसे बड़ी खूबी इसकी सजीवता और यथार्थवाद है। इसके किरदार और घटनाएं बिल्कुल वास्तविक लगती हैं। मिश्रा परिवार की नोक-झोंक, उनकी छोटी-छोटी खुशी और बड़े-बड़े सपने दर्शकों को अपने परिवार जैसी ही लगने लगती हैं।

इस सत्र में भी यही सरलता और सजीवता बनाए रखी गई है। अन्नू का संघर्ष और संतोष मिश्रा का संघर्ष काफी सजीवता से दर्शाया गया है। जैसा कि बताया गया है, यह शो न केवल हंसी का स्रोत है बल्कि इसमें कई भावनात्मक क्षण भी हैं जो दर्शकों को भावुक कर देते हैं।

कुल मिलाकर, 'गुल्लक' का यह नया सत्र दर्शकों को एक बार फिर से जोड़े रखने में सफल हो रहा है। यह शो न केवल देखने लायक है, बल्कि इसे महसूस भी किया जा सकता है। मिश्रा परिवार की जिंदगी की कहानियां और उनका संघर्ष हमें यह अहसास कराते हैं कि हमारी अपनी जिंदगी में भी कई ऐसे पल होते हैं जो अनमोल होते हैं।

अंत में, यदि आपने 'गुल्लक' के पहले तीन सत्र नहीं देखे हैं, तो यह चौथा सत्र देखने से पहले उन्हें अवश्य देखना चाहिए। यह शो आपको आपकी खुद की कहानियों से जोड़ता है और एक सजीव अनुभव प्रदान करता है।

'गुल्लक' का चौथा सत्र भी अपने पिछले सत्रों की तरह मुग्धकारी और आकर्षक है। इसे देखकर दर्शक न केवल मनोरंजन का आनंद उठाते हैं बल्कि अपने खुद के जीवन की सादगी और संघर्ष का भी अहसास करते हैं। मिश्रा परिवार की यह कहानी जारी है और यह हमें खुद की जिंदगी की कहानियों से जोड़ती रहती है।

10 टिप्पणि
  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh जून 8, 2024 AT 07:10
    ये सीरीज देखकर लगता है जैसे अपने घर की बात हो रही हो 😊 अन्नू का किरदार बहुत रियल लगा, ऐसे ही रहो यार 🙏
  • sameer mulla
    sameer mulla जून 9, 2024 AT 21:14
    अरे ये सब बकवास है यार, इतना फूला सुला नाटक क्यों बनाते हो? असली जिंदगी में ऐसे परिवार नहीं होते, सब बोलते हैं कि गुल्लक रियल है लेकिन ये तो बस एक फिल्म है जिसे लोग अपने दिमाग में बना लेते हैं 🤦‍♂️
  • Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani जून 10, 2024 AT 21:36
    अच्छा लगा था थोड़ा धीमा था पर अच्छा
  • Pooja Raghu
    Pooja Raghu जून 11, 2024 AT 10:43
    क्या ये सब सोनी लाइव के लिए बनाया गया है ताकि हम सब खरीद लें? मुझे लगता है ये सब एक बड़ा धोखा है जिसमें हम सब फंस गए हैं
  • Pooja Yadav
    Pooja Yadav जून 12, 2024 AT 20:27
    मुझे तो लगता है ये सीरीज बहुत प्यारी है जैसे अपने बुआ की बातें सुन रहे हों बिना किसी जोश के पर दिल छू जाता है ❤️
  • Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar जून 13, 2024 AT 14:22
    अरे भाई ये सब तो बस एक बार देखो और भूल जाओ ये शो तो बस एक ट्रेंड है जो आज ट्रेंड कर रहा है कल फिर कुछ और आ जाएगा और ये भूल जाएगा और तुम सब उस पर भी बहस करोगे और फिर वो भी फैल जाएगा ये सब एक सर्कल है जिसमें हम फंसे हुए हैं और अपने आपको इंटरटेनमेंट का नाम दे रहे हैं जबकि असल में हम सब बस अपने खालीपन को भरने की कोशिश कर रहे हैं
  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta जून 15, 2024 AT 01:31
    यह शो वास्तविकता के अतिरिक्त एक आदर्शवादी चित्रण प्रस्तुत करता है जो भारतीय मध्यम वर्ग के जीवन के वास्तविक संघर्षों को अत्यधिक सरलीकृत और रोमांटिकीकृत करता है जिसके परिणामस्वरूप दर्शकों में वास्तविक जीवन के प्रति अवास्तविक अपेक्षाएँ उत्पन्न होती हैं जिसका सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव गहरा है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए
  • shivani Rajput
    shivani Rajput जून 15, 2024 AT 21:37
    निर्देशन में एक व्यापक नैरेटिव फ्लो नहीं है इसलिए एपिसोड्स डिस्कनेक्टेड लगते हैं और कैरेक्टर डेवलपमेंट के लिए ट्रांजिशन्स बहुत शक्तिहीन हैं ये शो टेक्स्चरल रिचनेस के बजाय इमोशनल ब्लूरिंग पर डिपेंड करता है
  • Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh जून 16, 2024 AT 16:21
    ये शो हमारी भारतीय परिवार की असली तस्वीर है जिसे अब तक कोई नहीं दिखा पाया ये शो हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है
  • Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma जून 16, 2024 AT 23:10
    क्या तुमने कभी सोचा है कि गुल्लक असल में एक जीवन का प्रतीक है? जिसमें हर छोटी चीज़ बड़ी हो जाती है... एक रुपया, एक बात, एक चुप्पी... ये सब एक जिंदगी के टुकड़े हैं जिन्हें हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं लेकिन ये शो हमें याद दिलाता है कि जिंदगी बड़े रिस्कों से नहीं, छोटे पलों से बनती है... और शायद यही वजह है कि हम इसे इतना प्यार करते हैं
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