पाकिस्तान ने इंग्लैंड के खिलाफ शेष टेस्ट सीरीज के लिए अपने दल में बड़े बदलाव किए, जिसमें बाबर आज़म, शाहीन अफरीदी और नसीम शाह जैसे खिलाड़ियों को बाहर किया गया। कमरान गुलाम, जो 29 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, को चुनकर बाबर आज़म के स्थान पर खेलाया गया। गुलाम ने अपने पदार्पण मैच में माहौल को हिला दिया जब उन्होंने शतक जड़ा। उनके प्रदर्शन ने पाकिस्तान की घरेलू टेस्ट मैचों में नाकामी की श्रृंखला को रोकने की उम्मीदों को जगाया।
बाबर आज़म: वर्तमान फ़ॉर्म और आगे क्या उम्मीदें?
अगर आप क्रिकेट पसंद करते हैं तो बाबर आज़म का नाम सुनते ही दिमाग में कुछ खास शॉट्स बन जाते हैं—क्लासिक कट, सटीक स्वीप या फिर तेज़ी से चलने वाला डिफेंस। पिछले कुछ महीनों में उनकी फ़ॉर्म देखी जाए तो टेस्ट और ODI दोनों फॉर्मैट में उनका असर साफ दिख रहा है।
सबसे पहले बात करते हैं टेस्ट क्रिकेट की। पाकिस्तान ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो सीरीज़ खेली, उसमें बाबर ने 3 मैचों में कुल 350 रन बनाए। औसत 70 से ऊपर रहा, जिसमें दो सौ से ऊपर का इन्क्रीजमेंट भी था। ये आँकड़े सिर्फ़ नंबर नहीं हैं—इनसे पता चलता है कि जब वह अपना पैर रखता है तो गेंद को खुद के लिए काम करता है, चाहे स्पिन हो या फास्ट बॉल।
बाबर आज़म की ताकत: शॉट चयन और खेल समझ
उनकी सबसे बड़ी खासियत है शॉट का सही समय पर चुनाव। बहुत से बल्लेबाज़ों को एक ही गेंद पर कई विकल्प दिखते हैं, लेकिन बाबर अक्सर वही चुनता है जो मैदान में सबसे ज़्यादा रिटर्न देता है। उदाहरण के तौर पर, 2024 की एशिया कप में भारत के खिलाफ उनका 94* एकदम क्लासिक था—गेंद को पीछे ले जाकर फिर से खेला गया और फील्डिंग लाइन को तोड़ते हुए रन बनाये गये।
दूसरी बात है उनकी खेल समझ, यानी कब आक्रमण करना है और कब रक्षात्मक रहना है। जब टीम के साथियों का विकेट गिरता है, वह अक्सर सिंगल या डबल रख कर गेंद को बंधी हुई रखते हैं। इससे पैरटनर की ज़्यादा देर तक रहने की संभावना बढ़ती है और अंत में बड़े स्कोर बनाने का मौका मिलता है।
आगामी मैचों में क्या भूमिका होगी?
अब बात करते हैं आने वाले सीरीज़ की। अगले महीने पाकिस्तान इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेल रहा है, जिसमें पिच सामान्यतः तेज़ बॉल को मदद करती है। बाबर की फ़ास्ट बॉल के सामने साइड-स्ट्राइकिंग तकनीक इस सीजन में काम आएगी। अगर वह अपना कवर ड्राइव और लेग शॉट उतना ही प्रभावी रखे तो 150+ रन का बड़ा इन्क्रीजमेंट संभव है।
ODI फॉर्मैट में भी बाबर की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। आगामी विश्व कप क्वालिफायर्स में पाकिस्तान को शुरुआती मैचों में तेज़ गति से स्कोर बनाना होगा, और उसके लिए उनका 80‑100 के बीच का स्थिर इन्क्रीजमेंट जरूरी है। यदि वह आज़ादी के साथ रनिंग दर रखे तो टीम आसानी से लक्ष्य पर पहुँच सकती है।
समग्र तौर पर बाबर आज़म की फ़ॉर्म इस साल बहुत ही भरोसेमंद दिख रही है। उनका तकनीकी कौशल, शॉट चयन और मैच सेंस उन्हें हर फॉर्मैट में मूल्यवान बनाता है। आप अगर उनके प्रदर्शन को फॉलो करना चाहते हैं तो इन बातों को याद रखें—शॉट का समय, खेल की समझ और लगातार रन बनाना। आगे के मैचों में भी यही चीज़ें उन्हें चमकाते रहेंगी।