World Environment Day 2025 पर राजस्थान ने प्लास्टिक और अन्य प्रदूषकों से निपटने के लिए नई पहल शुरू की है। इसमें क्षेत्रीय स्तर पर सफाई अभियान, नीति संवाद और पर्यावरण शिक्षा शामिल है। राज्य की ये कोशिशें UNEP के वैश्विक #BeatPlasticPollution अभियान से जुड़ी हैं, जो पर्यावरणीय खतरे कम करने पर केंद्रित हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण क्या है और क्यों चिंता का विषय बन गया?
आजकल हर रोज़ हम प्लास्टिक की चीजें इस्तेमाल करते हैं – बोतल, बैग, पैकेजिंग. इनका उपयोग आसान है, पर फेंकने के बाद ये सैकड़ों साल तक नहीं टूटते। जब प्लास्टिक जमीन या पानी में जाता है तो वह वन, नदियों और समुद्रों को गंदा कर देता है। छोटे‑छोटे कण हवा में भी फैल जाते हैं, जिससे हम सबको स्वास्थ्य जोखिम रहता है.
प्लास्टिक का पर्यावरण पर सीधा असर
पहले तो जानवरों की बात करें – समुद्री जीव जैसे कछुए और मछलियां अक्सर प्लास्टिक के टुकड़ों को भोजन समझकर खा लेते हैं, जिससे उनका पेट टूट जाता है या वो मर जाते हैं। जंगल में भी प्लास्टिक कचरा जलधारा से बह कर पेड़ों की जड़ें ढँक देता है, जिससे पानी का अवशोषण कम हो जाता है और वृक्ष कमजोर पड़ते हैं.
प्लास्टिक के छोटे‑छोटे टुकड़े (माइक्रोप्लास्टिक) हवा में उठकर श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि इन कणों का हमारे रक्त में भी मिलना संभव है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
घर से शुरू होने वाले आसान समाधान
आपको बड़े बदलाव नहीं करने पड़ेगा – छोटे‑छोटे कदम काफी मददगार होते हैं। पहली बात तो फिर से उपयोग योग्य बैग लेना. कपड़े या जूट के बैग सस्ते और टिकाऊ होते हैं, एक बार इस्तेमाल करके फेंकने की जरूरत नहीं.
प्लास्टिक बोतल की जगह स्टेनलेस स्टील या काँच की बोतल रखें। घर में पानी उबालकर ठंडा करने के बाद उसी में रख सकते हैं। प्लास्टिक स्ट्रॉ को छोड़ें, धातु या बांस के विकल्प चुनें.
रसोई में जब भी पैकेजिंग फेंकना पड़े तो उसे साफ करके अलग रखें, ताकि रीसाइक्लिंग आसान हो सके. कई नगरपालिका अब कचरे की द्वि‑वर्गीकरण (बायोडिग्रेडेबल बनाम नॉन‑बायोडिग्रेडेबल) को बढ़ावा दे रही हैं – इस योजना में भाग लें.
यदि आप व्यवसाय या स्कूल चलाते हैं, तो प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की नीति बनाएं. कर्मचारियों को जागरूक करें और पुनः प्रयोग योग्य वस्तुओं को प्राथमिकता दें.
सरकार भी कई योजनाओं से प्लास्टिक प्रदूषण घटाने का काम कर रही है – जैसे सिंगल‑यूज़ प्लास्टिक पर टैक्स, रीसाइक्लिंग सुविधाएं बढ़ाना. इन पहलों की जानकारी रखें और अपने क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी करें.
अंत में याद रखिए, एक छोटे कदम से शुरुआत करके आप बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं. हर दिन बस थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से प्लास्टिक प्रदूषण को कम किया जा सकता है, जिससे हमारा पर्यावरण स्वस्थ रहेगा।