शेख हसीना – बांग्लादेश की प्रधान मंत्री और भारत‑बांग्लादेश संबंधों में उनका योगदान

आपने कभी सोचा है कि शेख हसीना जैसे नेता कैसे दो देशों के बीच पुल बनाते हैं? 2009 से वह बांग्लादेश की प्रधान मंत्री हैं और उनके फैसले अक्सर दिल्ली‑डhaka वार्तालाप को असर डालते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि उनका राजनीतिक सफर, प्रमुख नीतियां और भारत के साथ सहयोग पर क्या असर पड़ा है।

राजनीतिक सफर और मुख्य उपलब्धियाँ

हसीना 1971 के बांग्लादेश मुक्तिदान की शहीद माँ का बेटा हैं, इसलिए उनका नाम अक्सर राष्ट्रीय भावना से जुड़ा रहता है। पहले महिला नेता के रूप में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र में कई सुधार लागू किए। ग्रामीण बिजली पहुंचाने वाले प्रोजेक्ट ने लाखों लोगन को उजाला दिया, जबकि माइक्रो‑क्रेडिट स्कीम ने छोटे व्यवसायियों को पूँजी उपलब्ध कराई। इन कदमों से बांग्लादेश की जीडीपी वार्षिक 6% तक बढ़ी, जिससे देश आर्थिक रूप से स्थिर हुआ।

भारत‑बांग्लादेश संबंधों पर असर

हसीना ने भारत के साथ सीमा सुरक्षा, जल संसाधन और व्यापार में कई समझौते किए हैं। 2015 में दो देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को $10 बिलियन से ऊपर ले जाने का लक्ष्य रखा था, और आज वह आंकड़ा लगभग $12.8 बिलियन पहुंच चुका है। उनकी सरकार ने बांग्लादेशी शरणार्थियों की समस्या पर भारत के साथ मिलकर कार्य करने की बात भी कही—यह एक संवेदनशील मुद्दा है लेकिन दोनों पक्षों ने मानवीय सहायता में सहयोग बढ़ाया है।

क्या आपने नोट किया कि हाल ही में उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर दो देशों के संयुक्त कार्यक्रम शुरू किए? बांग्लादेश समुद्र स्तर के बढ़ने से बहुत प्रभावित हो रहा है, इसलिए हसीना ने भारत को तकनीकी मदद और वित्तीय समर्थन माँगा। दोनों सरकारों ने मिलकर 1.5 डिग्री लक्ष्य के लिए नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में निवेश किया, जिससे दोनों देशों की कार्बन फुटप्रिंट घटने की उम्मीद है।

व्यापार के अलावा हसीना ने सांस्कृतिक आदान‑प्रदान को भी बढ़ावा दिया। दो साल पहले दिल्ली में आयोजित बांग्लादेश कला महोत्सव ने भारतीय कलाकारों और दर्शकों को नई दृष्टि दी, जबकि बांग्लादेशी फिल्म फेस्टिवल ने हिंदी फिल्मों की लोकप्रियता को बढ़ाया। इस तरह के कार्यक्रम लोगों के दिलों में दोस्ती का एहसास बनाते हैं, जो राजनयिक समझौतों से कहीं अधिक स्थायी होते हैं।

संक्षेप में, शेख हसीना सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि दो देशों के बीच पुल बनाने वाली शक्ति हैं। उनका फोकस आर्थिक विकास, जलवायु सुरक्षा और सांस्कृतिक जुड़ाव पर है, जो भारत‑बांग्लादेश रिश्ते को मजबूत बनाता है। आप अगर इन मुद्दों पर अपडेट रहना चाहते हैं, तो हमारी साइट पर नियमित रूप से नवीनतम समाचार पढ़ते रहें।

बांग्लादेश संकट: शेख हसीना की बर्खास्तगी से भारत-बांग्लादेश संबंधों में नया मोड़

बांग्लादेश संकट: शेख हसीना की बर्खास्तगी से भारत-बांग्लादेश संबंधों में नया मोड़

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की बर्खास्तगी से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में संकट गहरा हो गया है। इस बर्खास्तगी के बाद द्विपक्षीय संबंधों में विभिन्न प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं। प्रदर्शन के दौरान उभरी भारत-विरोधी भावना ने इस चुनौती को और बढ़ा दिया है। नए अंतरिम सरकार की स्थिति और तात्कालिक चुनावों की समयसीमा भी स्पष्ट नहीं है।

  • अग॰, 7 2024
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