Tata Capital IPO खुला: 15,512 करोड़ की पेशकश पर 15% शुरुआती सब्सक्रिप्शन

Tata Capital IPO खुला: 15,512 करोड़ की पेशकश पर 15% शुरुआती सब्सक्रिप्शन

जब Tata Capital ने 6 अक्टूबर 2025 को अपना शुरुआती सब्सक्रिप्शन खुला, तो निवेशकों की सांसें थंबस अप में बदल गईं। सिर्फ एक घंटे में 15% सब्सक्रिप्शन, यानी शुरुआती रुचि का एक ठोस संकेत, इस IPO को 2025 के सबसे बड़े सार्वजनिक ऑफ़र में से एक बना रहा। कीमत का बैंड Rs 310‑Rs 326 प्रति शेयर तय, और न्यूनतम निवेश केवल Rs 14,996 (46 शेयर) था, जिससे मध्यम वर्ग के निवेशकों को भी भाग लेने का मौका मिला।

यह पेशकश Tata Capital IPOभारत के अंतर्गत 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक चली, और 13 अक्टूबर को BSE‑NSE में लिस्ट होगी। कुल 47.58 करोड़ शेयर पेश किए गए, जिसमें 21 करोड़ शेयर नया इश्यू (fresh issue) और 26.58 करोड़ शेयर ऑफ‑फॉर‑सेल (OFS) के रूप में हैं।

पृष्ठभूमि और मुख्य संरचना

इश्यू का 11% डाइल्यूशन का प्रभाव दर्शाता है कि Tata Sons, जो कंपनी में 95.6% हिस्सेदारी रखता है, 23 करोड़ शेयर OFS के माध्यम से बेचने वाला है। साथ ही, International Finance Corporation (IFC) भी 3.58 करोड़ शेयर बेचते दिखे। नए इश्यू के तहत कंपनी को सीधे Rs 6,846 करोड़ की पूँजी मिलेगी, जो Tier‑I कैपिटल बेस को मजबूत करने और विस्तार के कार्यों में मदद करेगा।

एंकर निवेशकों की भागीदारी

ऑफर के सार्वजनिक खुलने से पहले, कंपनी ने एंकर बुक से Rs 4,642 करोड़ जुटाए। इस बुक में सबसे बड़े निवेशक रहे Life Insurance Corporation of India (LIC), जिन्होंने 15.08% एंकर अलोकेशन पर Rs 700 करोड़ के साथ अग्रिम कदम उठाया। इसके बाद Morgan Stanley, Goldman Sachs, और Nomura जैसे अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों ने भी हिस्सेदारी ली। भारत के प्रमुख म्यूचुअल फंडों में ICICI Prudential Mutual Fund, Nippon India MF, और Motilal Oswal MF ने भी बुक में अपना नाम लिखा।

ग्रे मार्केट प्रीमियम और मूल्यांकन

ऑफर के खुलने से पहले, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) सीमित था—शेयर Rs 333.50 पर ट्रेड हो रहे थे, यानी ऊपर निर्धारित Rs 326 की कीमत से Rs 7.50 (लगभग 2.3%) अधिक। पहला दिन के मध्य में यह प्रीमियम Rs 12.50‑13.00 तक बढ़ गया, पर फिर भी यह अपेक्षाकृत कम रही। कंपनी को वर्तमान में P/E 32.3× और P/B 3.5× के आधार पर मूल्यांकन किया जा रहा है, जो FY25 के अण्डानित आय के सापेक्ष मध्य‑स्तर के मानक के भीतर है।

विश्लेषकों की राय और आगे का मार्ग

ब्रोकरेज़ ने इस इश्यू को दीर्घकालिक निवेश के दृष्टिकोण से सिफ़ारिश की है, यह बताते हुए कि Tata Capital का व्यवसाय मॉडल और टाटा समूह की ब्रांड शक्ति इसे “फेयर वैल्यूड” बनाती है। कई विशेषज्ञों ने इस बात को रेखांकित किया कि इस ऑफ़र के माध्यम से समूह के वित्तीय सेवाओं के पोर्टफोलियो में विस्तार की संभावनाएं अधिक हैं, विशेषकर रिटेल लोन, एसेट फाइनेंस और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के क्षेत्र में।

भविष्य की संभावनाएँ

यदि IPO सफल रहता है, तो Tata Capital को नई पूँजी से अपने Tier‑I कैपिटल को 2025‑26 में 30% तक बढ़ाने की दिशा में कदम रखेगा, जिससे ऋण वितरण क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव होगी। साथ ही, शेयरधारकों के हिस्से में विविधता आएगी, जिससे कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस में भी सुधार की उम्मीद है।

इतिहास में पहला टाटा समूह का IPO

यह 2025 का वह पहला टाटा समूह का सार्वजनिक रूप से पेश किया गया शेयर है, पिछले दो वर्षों में सबसे बड़ा Tata Technologies Ltd. का IPO हुआ था। टाटा समूह ने वित्तीय सेवाओं में अपनी उपस्थिति को स्थायी रूप से सुदृढ़ करने के लिये इस कदम को एक रणनीतिक मील का पत्थर बताया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह IPO मध्यम वर्ग के निवेशकों को कैसे प्रभावित करेगा?

न्यूनतम 46 शेयर (Rs 14,996) की आवश्यकता होने से मध्यम वर्ग भी बिना भारी पूँजी के भाग ले सकता है। ग्रे मार्केट प्रीमियम कम रहने के कारण संभावित रिटर्न भी आकर्षक दिखता है।

Tata Sons के शेयर बेचने से कंपनी की नियंत्रण संरचना पर क्या असर पड़ेगा?

सभी 95.6% हिस्सेदारी में से 23 करोड़ शेयर बेचे जाने के बाद भी Tata Sons के पास नियंत्रणात्मक वोटिंग पावर बनी रहेगी, क्योंकि अभी भी 70% से अधिक हिस्सेदारी उनके पास होगी।

ग्रे मार्केट प्रीमियम में बदलाव का कारण क्या था?

पहले दिन में निवेशक उत्साह और सीमित सप्लाई ने प्रीमियम को Rs 12.50‑13.00 तक पहुंचाया, पर व्यापक बाजार में अभी भी नये शेयरों की कीमत तय नहीं हुई, इसलिए प्रीमियम सीमित रहा।

इस IPO के मूल्यांकन के प्रमुख मापदंड कौन से हैं?

मुख्य रूप से P/E 32.3× और P/B 3.5× का प्रयोग किया गया, जो FY25 के अनुमानित आय और बुक वैल्यू के साथ तुलनीय है। मैक्सिमम प्राइस‑टू‑एर्निंग और प्राइस‑टू‑बुक रेशियो को इन्डस्ट्री मानकों के भीतर माना गया।

भविष्य में Tata Capital कौन से नए क्षेत्रों में विस्तार कर सकता है?

नए पूँजी के साथ कंपनी छोटे‑व्यवसाय लोन, डिजिटल लोन प्लेटफ़ॉर्म और एसेट‑फाइनेंस के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे कुल पोर्टफोलियो में विविधता आएगी।

  • अक्तू॰, 7 2025
1 टिप्पणि
  • ritesh kumar
    ritesh kumar अक्तूबर 7, 2025 AT 03:42

    भारत की वित्तीय आत्मनिर्भरता को कमजोर करने वाले विदेशी वित्तीय एलायंस की छुपी हुई रणनीति आज सामने आ रही है; Tata Capital का IPO मात्र एक बुनियादी कदम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आर्थिक साख को पुनः स्थापित करने का एक रणनीतिक मोड़ है। इस इश्यू में 15% शुरुआती सब्सक्रिप्शन दर्शाता है कि भारतीय वर्ग की आत्मविश्वास में नई ऊर्जा भर रही है, जबकि वैश्विक फ़ंड्स के झुंड इस प्लेटफ़ॉर्म को अपनी बेड़ियों में बाँधने की कोशिश कर रहे हैं। यदि हम इस अवसर को सही ढंग से समझें तो यह भारतीय पूंजी बाजार को विदेशी हावीपन से बचाने वाला एक महत्त्वपूर्ण बैरियर बन सकता है।

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