Asia Cup 2025: भारत ने बांग्लादेश को 41 रन से हराकर फाइनल की सीधी टिकट बुक की

मैच की मुख्य झलकियाँ
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 24 सितंबर, 2025 को आयोजित Asia Cup 2025 के सुपर फोर चरण का मैच भारत और बांग्लादेश के बीच हुआ। बांग्लादेश ने टॉस जीतकर फ़ील्डिंग चुनी, लेकिन भारत ने पहले बल्लेबाजी करके आक्रमण का मौका पहले ले लिया। 20 ओवर में भारत ने 181/5 बनाकर एक मजबूत लक्ष्य रखा, जिसमें अभिषेक शर्मा के 58 और शुबमन गिल के 45 ने टीम को शावर दिया।
बांग्लादेश की बल्लेबाजी में शुरुआती झटका लगा जब शताब्दी के बाद फिर से टोकन खो गया। सैयद हसन, तंजीब हसन और शमीम होसैन ने क्रमशः 28, 23 और 15 रन बनाकर रिलेफ़्ट को स्थिर नहीं कर सके। बांग्लादेश का कुल स्कोर 140/9 रहा, जिससे भारत को 41 रन का स्पष्ट अंतर मिला।
खेल की इस अवधि में भारत ने अपने स्पिन त्रिकुट – कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वरुण चकरवर्ती – का अधिकतम फायदा उठाया। दुबई की धीमी पिच पर उनका हाथ ऊपर से नीचे तक घुमा, जिससे बांग्लादेश के कई महत्वपूर्ण खिलाड़ी जल्दी ही बाहर हो गए। कुलदीप के 3 विकेट, चकरवर्ती के 2 और अक्षर के 1 ने बांग्लादेश की रूटेड लाइन को तोड़ दिया।

टीम इंडिया की जीत के प्रमुख कारक
कप्तान सौर्यकुमार यादव ने निश्चित ही टीम को भरोसा दिलाया। टॉस में बांग्लादेश की फील्डिंग पसंद करने के बाद भी उन्होंने एक चतुर निर्णय लिया – टॉप ऑर्डर को भरोसा देना और अंडरराइट को सटीक रूप से चलाना। उनके पहले ओवर में ही उन्होंने तीन रनों की एक तेज़ शुरुआत की, जिससे टुकड़ी की आत्मविश्वास में इजाफा हुआ।
खिलाड़ी चयन में भारत ने लगातार वही फ़ॉर्मूला बरकरार रखा। पिछले मैचों में जर्मन उपयोगी संयोजन को बदलने की बजाय वही XI खेली, जिससे खिलाड़ियों को निरंतरता मिलती रही। अभिषेक शर्मा की बैटिंग, जो तब आईसीसी T20I रैंकिंग में नंबर‑1 बैटर थी, ने मैच को सहज बना दिया। उनकी शॉट चयन, विशेषकर तेज़ बॉल की एड्ज़ पर, बांग्लादेश की कपलबैगिंग को बेकार कर गया।
हर्डिक पांड्या और शब्बीरदास जैसे ऑल‑राउंडर ने आगे बढ़ते हुए मिड‑ऑवर में दबाव बनाए रखा। पांड्या के 2 बॉलर ओवर और शब्बीर की रीस्ट्रिक्टेड गेंदबाज़ी ने बांग्लादेश को वैरिएशन दिया, जो उनकी अड़चन बन गया। अंत में जसस्थित बुमराह की सटीक लाइन और लंबी डिलीवरी ने बांग्लादेश के जबरदस्त आक्रमण को रोक दिया।
बांग्लादेश ने यथार्थ में बदलाव किए। लिटन दास की चोट के कारण, जाकेर अली को कप्तानी और विकेटकीपिंग दोनों का भार मिला। यह उच्च दबाव हाई स्किल की माँग करता है, लेकिन जाकेर ने शुरुआत में कुछ महत्त्वपूर्ण फील्डिंग गोलियर्स खो दिए। इसके अलावा, बांग्लादेश ने दो नए तेज़ गेंदबाज़ों को पेश किया, जिससे उनका स्पिन‑डिपेंडेंट प्लान थोड़ा असंतुलित हो गया।
समुचित रूप से, भारत ने सुपर फोर में अब तक की अपनी बेहतरीन रिकॉर्ड 4 जीत में 0 हार को बनाए रखा। पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 6 विकेट की जीत और अब बांग्लादेश के खिलाफ 41‑रन की जीत के साथ, टीम की जीत की श्रृंखला निरंतर रही। इस जीत ने श्रीलंका के फाइनल प्रवेश के सपने को खीर-ख़रब कर दिया। भारत अब उसी फील्ड पर फाइनल खेलने के लिए तैयार है, जहाँ उन्हें एक बार फिर शांत पिच और सफल स्पिन की सहूलियत मिल जाएगी।
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