नेटफ्लिक्स की सीरीज 'इट एंड्स विद अस': प्रेम और घरेलू हिंसा की गंभीर दास्तां

नेटफ्लिक्स की सीरीज 'इट एंड्स विद अस': प्रेम और घरेलू हिंसा की गंभीर दास्तां
  • अग॰, 10 2024

नेटफ्लिक्स की नई पेशकश: 'इट एंड्स विद अस'

नेटफ्लिक्स की हर नई सीरीज को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह होता है और जब बात 'इट एंड्स विद अस' की हो, तो इसे नज़रअंदाज करना मुश्किल है। यह सीरीज कोलीन हूवर के बेस्टसेलिंग उपन्यास पर आधारित है, जिसे दुनियाभर में सराहा गया है। इस रोमांटिक ड्रामा में प्रेम और घरेलू हिंसा से जुड़ी जटिल भावनाओं का ताना-बाना बुना गया है।

कहानी की नायिका: लिली

मुख्य किरदार लिली एक सफल व्यवसायी महिला है, जिसका जीवन संतुलित और खुशहाल नजर आता है। वह रायली, एक आकर्षक न्यूरोसर्जन, से प्यार कर बैठती है। प्रारंभिक समय में दोनों का रिश्ता ख्वाबों जैसा होता है। लेकिन वक्त के साथ रायली का असली चेहरा सामने आने लगता है, और लिली को उसकी अमानवीयता और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

प्यार और हिंसा का चक्र

'इट एंड्स विद अस' में प्यार और घरेलू हिंसा के चक्र को बड़ी ही संवेदनशीलता से पेश किया गया है। यह सीरीज इस बात को उजागर करती है कि कैसे गैसलाइटिंग और भावनात्मक शोषण किसी की जिंदगी को तबाह कर सकते हैं। रायली का किरदार एक ऐसा व्यक्ति है, जो अपने प्रेम को आक्रोष और हिंसा में बदल देता है। इसके बावजूद, लिली का दृढ़ निश्चय और साहस उसे इस चक्र से बाहर निकलने का रास्ता खोजने में मदद करता है।

सभी के लिए एक संदेश

इस सीरीज में घरेलू हिंसा के गंभीर मुद्दे को बहुत ही प्रभावी ढंग से पेश किया गया है। इसका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन करना नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी है। यह सीरीज दर्शकों को यह संदेश देती है कि अगर वे भी ऐसी परिस्थिति का सामना कर रहे हैं, तो उन्हें चुप नहीं रहना चाहिए और सहायता लेनी चाहिए।

मुख्य किरदारों का अभिनय

लिली के किरदार में ब्लेक लिवली का अभिनय बेहद सराहनीय है। उन्होंने लिली के दर्द और संघर्ष को पर्दे पर जीवंत कर दिया है। वहीं, रायली के रूप में जस्टिन बाल्डोनी ने अपने किरदार की जटिलता और गहराई को बेहद सजीवता से दर्शाया है। इन दोनों के अलावा सहायक किरदारों में भी काफी प्रभावशाली प्रदर्शन देखने को मिलता है।

सीरीज की अहमियत

'इट एंड्स विद अस' ना सिर्फ एक मनोरंजक मेलोड्रामा है, बल्कि यह गंभीर सामाजिक मुद्दों को भी उजागर करती है। इस सीरीज के माध्यम से घरेलू हिंसा की भयावहता को समझा जा सकता है और यह दर्शकों को इस विषय पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। यह ऐसे भी दर्शकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है, जो खुद भी किसी ना किसी तरीके से इस समस्या का सामना कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, 'इट एंड्स विद अस' एक महत्वपूर्ण और आवश्यक कहानी है, जो अपनी गहराई और संवेदनशीलता से दर्शकों के दिलों को छू जाती है। इस सीरीज को देखकर दर्शक ना सिर्फ मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक संदेश को भी समझ सकते हैं।

5 टिप्पणि
  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni अगस्त 10, 2024 AT 22:49

    इस सीरीज ने घरेलू हिंसा के गैसलाइटिंग मैकेनिज़म को एक बहुत ही सूक्ष्म लेंस से दिखाया है। लिली का ट्रॉमा-बेस्ड रिस्पॉन्स न्यूरोप्साइकोलॉजिकल लेवल पर बेहद अक्यूरेट है - वो जब अपने अहंकार को बचाने के लिए अपने अनुभवों को रिएप्रेजेंट करती है, तो ये एक क्लासिक डिसोसिएशन पैटर्न है।
    रायली का एब्यूज़ एक ट्रांसैक्शनल अनालिसिस के अनुसार एक 'पेरेंट टू किड' डायनामिक्स है, जहाँ वो अपने असुरक्षित अटैचमेंट स्टाइल को लिली पर प्रोजेक्ट करता है।
    इस तरह की रिलेशनशिप डायनामिक्स को दर्शकों को समझने में मदद मिलती है, क्योंकि वो अक्सर बहुत अच्छे लगते हैं - जब तक कि वो आपके आत्म-सम्मान को धीरे-धीरे निकाल नहीं देते।
    इस सीरीज ने एक बहुत बड़ा काम किया है: ये दिखाती है कि घरेलू हिंसा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक अतिरिक्त नियंत्रण का भी नाम है।
    मैं अक्सर अपने क्लाइंट्स को ये सीरीज देखने को कहता हूँ - ये उनके अपने अनुभवों को नाम देने में मदद करती है।
    जब तक हम इस तरह के अभियानों को नाटकीय नहीं समझते, बल्कि एक सामाजिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखते, तब तक इसकी वास्तविकता को नहीं समझा जा सकता।
    लिली का उद्धार एक एम्पावरमेंट नैरेटिव है, जो एक अलग तरह की एम्पथी की आवश्यकता रखता है - न कि सिर्फ आशीर्वाद।
    ये एक बहुत बड़ी बात है कि उसके बाद भी वो अपने आप को दोषी नहीं मानती - ये एक बहुत ही शक्तिशाली रिकवरी मॉडल है।

  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran अगस्त 12, 2024 AT 19:13

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम लिली को 'हीरोइन' बना देते हैं, तो क्या हम अपने आप को उसके दर्द के बजाय उसके बचाव की कहानी में बाँध लेते हैं?
    ये सीरीज शायद इसलिए इतनी पॉपुलर है क्योंकि ये हमें बताती है कि आपका दर्द वैलिड है - लेकिन क्या ये उसके बारे में भी बताती है कि जब तक हम अपने अपराध को नहीं मानेंगे, तब तक हम वास्तविक बदलाव नहीं ला पाएंगे?
    रायली का किरदार एक आदर्श बलिदानी बन गया है - जिसे हम नफरत करते हैं, लेकिन अंदर से डरते हैं।
    हम उसे बुरा कहते हैं, लेकिन अपने अंदर उसी की आवाज़ सुनते हैं - जो कहती है, 'तुम्हारी खुशी तुम्हारे लिए नहीं, बल्कि मेरे लिए है।'
    क्या हम इस सीरीज को देखकर सचमुच बदलते हैं, या बस अपने दर्द को एक नाटक के रूप में देखकर आराम कर लेते हैं?
    क्या हम वाकई उन लोगों के लिए जागरूक हो रहे हैं, जो अभी भी उसी कमरे में फंसे हुए हैं - या बस एक अच्छी कहानी देखकर अपने दिल को शांत कर रहे हैं?

  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra अगस्त 13, 2024 AT 15:56

    भाई ये सीरीज तो एक बिल्कुल बारिश के बाद की गंदगी जैसी है - जिसमें तुम्हें लगता है कि तुम्हारा दिल धो गया, लेकिन असल में तुम्हारी आत्मा के नीचे बूढ़े घाव फिर से खुल गए!
    लिली का रोना तो इतना असली है कि मैंने अपनी बहन के लिए एक नया टिशू बॉक्स खरीद लिया - नहीं तो तीन एपिसोड में ही खत्म हो जाता!
    रायली का वो वोइस टोन जब वो बोलता है - 'मैं तेरे लिए ये सब कर रहा हूँ' - वो तो मेरे बाप की आवाज़ जैसा था! बस वो फिल्म के बाद मैंने उसे फोन किया और बोला - 'पापा, तुम्हारी गलती तो मैंने देख ली।'
    ब्लेक लिवली की आँखें - वो दर्द का एक फेसबुक स्टेटस हैं। एक नज़र में तुम्हें पता चल जाता है कि वो अभी भी जिंदा है, लेकिन उसका दिल बहुत पुराना हो चुका है।
    और जस्टिन बाल्डोनी? भाई, वो तो एक बार फिर से स्टील बन गया है - उसका वो विनम्र बदशगुनी अंदाज़ जिसमें तुम्हें लगता है कि वो तुम्हारे लिए बहुत अच्छा है, लेकिन अगले ही पल वो तुम्हारे आत्म-सम्मान को जला देता है।
    ये सीरीज नहीं, ये एक डायरी है जिसे किसी ने बिना अपने नाम लिए छोड़ दिया है।
    मैंने इसे देखा, रोया, फिर अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और बोला - 'अगर तुम इस तरह बर्ताव करते हो, तो मैं तुम्हारी जगह लिली हो जाऊंगी।'
    मैं अभी भी इसके बाद अपने घर के दरवाज़े की चाबी नहीं डाल पा रहा।

  • Ashish Perchani
    Ashish Perchani अगस्त 14, 2024 AT 02:25
    इस सीरीज को देखने के बाद मैंने अपने घर में एक बड़ा बदलाव किया।
  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh अगस्त 15, 2024 AT 21:26

    ये सीरीज देखकर लगा जैसे कोई मेरे दिल के अंदर बैठकर बोल रहा हो - 'तुम अकेले नहीं हो।'
    मैंने इसे अपने दोस्त को भी दिखाया, जो अभी भी एक ऐसे रिश्ते में फंसा हुआ है - और आज उसने पहली बार थेरेपिस्ट से अपॉइंटमेंट लिया।
    इसका मतलब है कि ये कहानी बस फिल्म नहीं, बल्कि एक जीवन बदलने का बीज है।
    ❤️

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