डार्जिलिंग में भारी बारिश से लैंडस्लाइड, 20 मौतें, दुदिया आयरन ब्रिज ढह गया

डार्जिलिंग में भारी बारिश से लैंडस्लाइड, 20 मौतें, दुदिया आयरन ब्रिज ढह गया
  • अक्तू॰, 6 2025

जब उदय गुःहा, उत्तरी बंगाल विकास मंत्री ने कहा कि मृत्यु संख्या 20 है, तब पूरे पश्चिम बंगाल के डार्जिलिंग जिलों में भारी बारिश के कारण उभरी लैंडस्लाइड के दृश्य देश‑व्यापी खबर बन गए। यह आपदा की रात से शुरू हुई, जब लगातार तेज़ बारिश ने मिरीक, सरसाली, जसबीरगाँव, धर गाँव (मेची) आदि कई बस्तियों को मिट्टी‑भूस्खलन के झंझट में ढक लिया। परिणामस्वरूप 20 से अधिक लोग, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं, अपनी जान गंवा चुके हैं, और कई घायल रह गये।

पृष्ठभूमि और मौसमी स्थिति

डार्जिलिंग की पहाड़ी भू‑संरचना पहले से ही सुनसान और अस्थिर है। इस साल मानसून का समय सामान्य से थोड़ा देर से शुरू हुआ, पर 2025 का मौसम विश्व‑व्यापी तौर पर असामान्य तापमान परिवर्तन से झूल रहा था। मौसम विज्ञान विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि बंगाल की पठारों में ‘वहसिक बारिश’ हो सकती है, पर स्थानीय प्रशासन ने पर्याप्त आपात‑संकाय व्यवस्था नहीं की। इस गलती का असर अब स्पष्ट दिख रहा है।

डार्जिलिंग जिले के डार्जिलिंग में पिछले पाँच वर्षों में ऐसी तीव्र लैंडस्लाइड की संख्या काफ़ी सीमित रही थी, इसलिए कई ग्रामीण बस्तियों की ढांचागत तैयारी नहीं थी। इस बात को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRF) ने बाद में स्वीकार किया।

विस्तृत घटनाक्रम और क्षति

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के अनुसार, मिरीक क्षेत्र में अकेले 11 लोग मारे गये, जबकि अन्य स्थानों में भी 9 फ़ौरन मौतें दर्ज हुईं। डार्जिलिंग उपविभागीय अधिकारी रिचर्ड लेपचा ने बताया, “एक बड़ी लैंडस्लाइड ने डार्जिलिंग उपविभाग में सात लोगों की जान ले ली, बचाव कार्य जारी है।”

सबसे बड़ा शॉक तब आया जब दुदिया आयरन ब्रिज का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना सुनहरा बिंदु बन गया। यह पुल मिरीक‑कुर्सेओं के बीच मुख्य कनेक्शन था, जो सिलिगुड़ी से मिरीक तक का एकमात्र रास्ता था। पुल के ढहने से न केवल स्थानीय लोगों की रोज़मर्रा की आवागमन बाधित हुई, बल्कि 2000 से अधिक पर्यटक भी फँस गये।

पुल के पास स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 10 (NH‑10) पर भी धूसर‑भूस्खलन ने बड़ी बाधा उत्पन्न कर दी। दुनिया भर से मीडिया ने इस दृश्य को लाइव प्रसारित किया, जहाँ धुंध में दिखते हुए टकराते पेड़‑पानी की धारा ने लोगों को डरावना माहौल दिया।

संबंधित पक्षों की प्रतिक्रियाएँ

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत ट्विटर पर यह बयान दिया: "डार्जिलिंग में पुल दुर्घटना से हुए शोक को गहरा महसूस कर रहा हूँ। प्रभावित लोगों को हमारा पूरा समर्थन है।" उन्होंने बताया कि केंद्र के आपातकालीन एजेंसियों को तुरंत सक्रिय किया गया है।

डार्जिलिंग प्रवीण प्रकाश, उपमहिला पुलिस अधिकारी, ने कहा, “हिल कार्ट रोड पर कार्य जारी है, लैंडस्लाइड साफ़ करने में दो‑तीन घंटे लग सकते हैं, पर हम पूरी ताक़त के साथ आगे बढ़ेंगे।”

गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (GTA) ने सभी पर्यटन स्थलों को बंद करने का निर्देश जारी किया, जबकि क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी ने इमरजेंसी कैम्प में घायल लोगों के देखरेख के लिए संसाधन उपलब्ध कराए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एहतियात के तौर पर अगले दो दिनों में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाने के लिये राज्य के सभी प्राधिकारियों को एक साथ काम करना होगा।”

प्रभाव एवं विशेषज्ञ विश्लेषण

भू‑भौतिक विशेषज्ञ डॉ. अंकित सिंह ने बताया, “डार्जिलिंग की चट्टानों की जियो‑मैकेनिकल विशेषताएँ पहले से ही अस्थिर हैं, और तेज़ बारिश ने उनकी स्थिरता को और घटा दिया। ऐसी परिस्थितियों में जल‑प्रवाह का मार्ग बदलना आम बात है, पर यह बड़ी त्रुटि है कि बुनियादी ढाँचा इस तरह का जोखिम नहीं संभाल पा रहा था।”

आर्थिक प्रभाव का अनुमान लगाते हुए, राज्य के आर्थिक योजना विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस आपदा से टूरिज़्म आय में अगले दो सालों में 30% तक गिरावट आ सकती है, विशेषकर यदि पुल की मरम्मत में देरी हुई। स्थानीय छोटे व्यापारियों ने पहले ही अपनी आमदनी में 60% तक कमी दर्ज कर ली है।

पर्यावरणीय संगठन “ग्रीन भारत” ने नोट किया कि लैंडस्लाइड की तीव्रता का एक बड़ा कारण अनियंत्रित बंजरभूमि पर किए गए विकास कार्य हैं, जिससे प्राकृतिक जल‑धारा का संतुलन बिगड़ गया। उन्होंने सरकार से “जैव विविधता संरक्षण” को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

भविष्य की दिशा‑निर्देश और पुनर्स्थापना

ड्रॉइंग बोर्ड ने तत्काल तीन प्राथमिक कार्यों को रेखांकित किया है: (1) दुदिया आयरन ब्रिड्ज़ के एक अस्थायी वैरिड पुल का निर्माण, (2) मुख्य सड़कों की साफ़‑सफ़ाई एवं स्थिरता जाँच, (3) प्रभावित गाँवों में रेस्क्यू‑किट और मेडिकल कैंप की तैनाती।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ब्यूरो ने घोषणा की है कि अगले तक सभी अत्यावश्यक वस्तुओं का वितरण पूरा कर लिया जायेगा। साथ ही, एमआरएफ़ (मेडिकल रेस्क्यू फोर्स) को विशेष हेलीकॉप्टरों के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में मेडिकल सपोर्ट पहुंचाने का आदेश दिया गया है।

अंत में, विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक समाधान में “हिल‑स्लिप रिस्क मैपिंग” और “स्मार्ट जल‑प्रबंधन प्रणालियों” को लागू करना आवश्यक होगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या दुदिया आयरन ब्रिज का फिर से निर्माण किया जाएगा?

राज्य सरकार ने त्वरित अस्थायी पुल के साथ-साथ स्थायी समाधान के लिए नई डिजाइन पर काम शुरू कर दिया है। अनुमानित रूप से दो‑तीन महीने में नया पुल तैयार हो सकता है, क्योंकि सामग्री की आपूर्ति और भू‑जाँच में कुछ समय लगेगा।

लैंडस्लाइड से प्रभावित परिवारों को क्या सहायता मिलेगी?

प्रधान मंत्री कार्यालय ने तत्काल राहत के तौर पर ज़रूरी भोजन, कपड़े और मेडिकल सप्लाई भेजी है। साथ ही, राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये तक का आपातकालीन वित्तीय सहारा घोषित किया है, जिसे पीड़ितों को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

पर्यटन क्षेत्र को कब पुनः खोल सकते हैं?

गोरखालैंड प्राधिकरण ने कहा है कि सभी पर्यटन स्थलों का पुनः खोले जाना तब ही संभव होगा जब पुल और मुख्य सड़कें पूरी तरह सुरक्षित हो जाएँ। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, अगले दो‑तीन हफ्तों में अधिकांश क्षेत्रों में फिर से आवागमन संभव हो सकता है।

क्या भविष्य में ऐसी लैंडस्लाइड फिर से हो सकती है?

भू‑विज्ञानियों ने कहा है कि अगर मौसमी बारिश की तीव्रता बढ़ती रही तो डार्जिलिंग जैसी पहाड़ी क्षेत्रों में लैंडस्लाइड की संभावना बनी रहेगी। इसलिए, अब से नियमित मॉनिटरिंग, सतही जल निकासी सुधार और वन संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए।

5 टिप्पणि
  • Raj Bajoria
    Raj Bajoria अक्तूबर 6, 2025 AT 01:58

    डार्जिलिंग में मौसम की अनदेखी ने कई लोगों की जान ले ली, सबको सहयोग की जरूरत है।

  • Simardeep Singh
    Simardeep Singh अक्तूबर 20, 2025 AT 21:10

    बारिश की बौछारें जब पहाड़ों से टकराती हैं तो धरती रुक-रुक कर रोती है। इस त्रासदी ने हमें याद दिलाया कि प्रकृति की शक्ति को हल्के में नहीं लेना चाहिए। दिल तड़पता है उन लोगों के लिए जो अपनी ज़िंदगी खो बैठे।

  • Poorna Subramanian
    Poorna Subramanian नवंबर 4, 2025 AT 16:22

    स्थानीय प्रशासन को तत्काल प्रभावी उपाय लागू करना चाहिए तथा राहत कार्य में गति लानी चाहिए। प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।

  • Soundarya Kumar
    Soundarya Kumar नवंबर 19, 2025 AT 11:34

    ऐसे दिन में पर्यटन पर असर बहुत बड़ा होगा, स्थानीय लोगों के लिए भी कठिनाई और बढ़ेगी।

  • Minal Chavan
    Minal Chavan दिसंबर 4, 2025 AT 06:46

    पर्यटक प्रवाह में गिरावट से आर्थिक क्षति अनिवार्य है, सरकार को शीघ्र पुनर्स्थापना योजना तैयार करनी चाहिए।

एक टिप्पणी लिखें
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद
त्रुटि, टिप्पणी विफल