यूपी में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट: गोरखपुर समेत 39 जिलों में 19 जून से झमाझम का अनुमान

यूपी में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट: गोरखपुर समेत 39 जिलों में 19 जून से झमाझम का अनुमान
  • जून, 20 2025

यूपी का मौसम बदला, 39 जिलों में बारिश का खतरा

उत्तर प्रदेश का मौसम पलट चुका है। 19 जून से 22 जून तक यूपी मौसम की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है, क्योंकि गोरखपुर समेत 39 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग (IMD) ने न केवल अगले चार दिन भारी बारिश की चेतावनी दी है, बल्कि मध्यम से तेज़ हवाओं और गर्जना वाले बादलों को भी लेकर जताया है। जो लोग ये सोच रहे हैं कि गर्मी की मार से राहत कब मिलेगी, उनके लिए राहत की खबर है, लेकिन बारिश से संबंधित मुसीबत भी चौकन्ना कर रही है।

पिछले कुछ दिनों से लखनऊ में दिन का तापमान जहां 40 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना रहा है तो रात को 28 डिग्री के करीब गिरावट देखी गई है। अब जब मानसून बिहार और पूर्वी यूपी में घुस चुका है, तो बेमौसम बरसात और कभी भी बदलता मौसम का मूड चिंता बढ़ा सकता है। आइएमडी बार-बार इस बात को लेकर अलर्ट कर रहा है कि इतनी अधिक नमी और तापमान में भयानक उतार-चढ़ाव के चलते आंधी, बिजली गिरने और अचानक तेज़ बारिश की घटनाएं अमूमन देखने को मिल सकती हैं।

कहाँ पड़ सकता है सबसे ज्यादा असर?

कहाँ पड़ सकता है सबसे ज्यादा असर?

गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, संतकबीरनगर, बलिया, गाजीपुर, मऊ, आज़मगढ़, फैजाबाद, उन्नाव, फर्रुखाबाद, लखीमपुर, सीतापुर, बाराबंकी, जौनपुर, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, रायबरेली समेत पूर्वी और मध्य यूपी के जिले इस अलर्ट की जद में हैं। इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के अलावा लोकल फ्लडिंग, पेड़ों के गिरने, और बिजली आदि सुविधाओं में व्यवधान जैसी घटनाएं हो सकती हैं। लोग सुरक्षित जगहों पर रहें और मौसम विभाग के अलर्ट का पालन करें।

  • ज्यादा बारिश होने की संभावना सुबह से दोपहर तक ज्यादा रहेगी।
  • चट्‌टान या कच्चे मकानों में रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
  • ग्रामीण इलाकों में बिजली गिरने का खतरा अंदाजा से भी ज्यादा है, ऐसे में बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें।

बारिश का ये सिस्टम सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं है। 18 जून को इसी मानसूनी सिस्टम ने मेघालय में बेहद भीषण बारिश करवाई। ऐसे में पूर्वी भारत के बड़े हिस्से में भी सड़कें पानी में डूबी और स्थानीय बाढ़ की तस्वीरें सामने आई हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई की शुरुआत तक यूपी-बिहार और पूर्वोत्तर भारत में भारी मॉनसून रहने की पूरी आशंका है।

अब सवाल सिर्फ राहत या मुसीबत का नहीं है, बल्कि सतर्क रहने का है। स्कूलों के लिए छुट्टियां घोषित हों या ऑफिस टाइमिंग में बदलाव- स्थानीय प्रशासन वहीं के लोगों की सुरक्षा को लेकर तैयारियों में जुट गया है।

19 टिप्पणि
  • Amal Kiran
    Amal Kiran जून 21, 2025 AT 20:15

    फिर से ये बारिश का धमाका... अब तक तो बस बारिश के नाम पर नदियाँ फूल गईं, अब घर भी डूब जाएंगे। कोई तो बताए कि ये सब बस अलर्ट के लिए है या असली तबाही की शुरुआत?

  • abhinav anand
    abhinav anand जून 23, 2025 AT 01:56

    मौसम विभाग के अलर्ट को लेकर लोग अलग-अलग तरह से सोचते हैं। मैं तो इसे एक अवसर मानता हूँ - जल संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण के लिए नए तरीके अपनाने का। बस थोड़ा धैर्य और तैयारी चाहिए।

  • Rinku Kumar
    Rinku Kumar जून 23, 2025 AT 07:00

    ओहो! अलर्ट ऑरेंज है तो ये बहुत बड़ी बात है! अगर ये लाल होता तो शायद देश बचाने के लिए अर्थव्यवस्था बंद कर देते। अब तो बस घर में बैठकर फ्रिज में डाले हुए आइसक्रीम को खा रहे हैं और बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं। बहुत बढ़िया रणनीति।

  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni जून 23, 2025 AT 23:51

    मौसमी अस्थिरता के संदर्भ में, यह एक सिस्टमिक जलवायु अनुकूलन चुनौती है। जलवायु आधारित जोखिम मॉडलिंग के अनुसार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में निरंतर नमी सांद्रता और तापमान उतार-चढ़ाव के कारण एक्सट्रीम मौसमी घटनाओं की आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। इसका अर्थ है कि नीतिगत निर्णयों में जलवायु अनुकूलन एक अनिवार्य घटक बन गया है।

  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran जून 25, 2025 AT 15:51

    क्या ये सब अंततः बस इसलिए हो रहा है कि हमने प्रकृति के साथ अपना सम्बंध तोड़ दिया? क्या हम इतने भाग्यशाली हैं कि हम इसे बस एक 'अलर्ट' के रूप में देख सकते हैं? या ये हमारी अहंकार की आवाज़ है?

  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra जून 25, 2025 AT 20:14

    अरे भाई! ये बारिश नहीं, ये तो बादलों का ड्रामा है! जैसे बादल ने अपने घर से बाहर निकलकर एक बड़ा नाटक शुरू कर दिया - बिजली गिर रही है, हवा चल रही है, पेड़ गिर रहे हैं... और लोग अभी भी अपने फोन पर रिलीज़ हुए नए गाने सुन रहे हैं। ये तो अब बॉलीवुड की फिल्म बन गई है।

  • Ashish Perchani
    Ashish Perchani जून 27, 2025 AT 06:47

    मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के आधार पर, आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाओं को तुरंत समीक्षा की आवश्यकता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और संचार अवसंरचना के लिए एक अंतर्निहित दुर्बलता का पता चलता है। यह एक व्यवस्थित असफलता है।

  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh जून 28, 2025 AT 05:00

    बारिश आ रही है, तो ठीक है 😊 घर में बैठो, चाय पीओ, थोड़ा आराम करो। जल्दी बारिश हो जाएगी, फिर सब ठीक हो जाएगा। 🌧️

  • sameer mulla
    sameer mulla जून 30, 2025 AT 04:57

    अरे ये सब तो सरकार की चाल है! बारिश तो हमेशा होती है, लेकिन अब लोगों को डराने के लिए ऑरेंज अलर्ट लगा रहे हैं! तुम जानते हो कि ये बारिश किसके लिए हो रही है? बस अपने बजट बढ़ाने के लिए! देखो अगले महीने नई बाढ़ नियंत्रण योजना आएगी - और तुम्हारे कर में बढ़ोतरी!

  • Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani जुलाई 1, 2025 AT 19:19

    बारिश हो रही है तो चलो घर में बैठ जाओ और फोन चलाओ बाकी सब तो बस बातें हैं

  • Pooja Raghu
    Pooja Raghu जुलाई 1, 2025 AT 21:18

    मुझे लगता है ये बारिश कोई टेस्ट नहीं है... ये तो एलियंस हैं जो धरती को नीचे डुबोने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मौसम को हैक कर लिया है। आज यूपी, कल पूरा भारत। अगले हफ्ते दुनिया।

  • Pooja Yadav
    Pooja Yadav जुलाई 2, 2025 AT 22:35

    अगर हम अपने आसपास के गाँवों में जाएं तो देखेंगे कि लोग अभी भी बारिश के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। बारिश के बाद फसलें अच्छी होती हैं। बस थोड़ी सावधानी और एक साथ रहने का भाव हो तो सब ठीक हो जाएगा

  • Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar जुलाई 3, 2025 AT 18:55

    ये बारिश का सिस्टम बिल्कुल एक जानलेवा टेस्ट केस है। जिसने भी ये नीति बनाई है, उसकी सोच को बिल्कुल गलत तरीके से डिज़ाइन किया गया है। आप देखेंगे, इस बारिश के बाद जिन लोगों के घर बाढ़ में डूबेंगे, उनके लिए सरकार का एक नया ब्यूरोक्रेटिक फॉर्म बनाया जाएगा - जिसे भरने के लिए 17 दस्तावेज़ चाहिए। और तब तक घर बर्बाद हो चुका होगा। ये नहीं, ये तो एक बर्बर खेल है।

  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta जुलाई 4, 2025 AT 08:42

    मौसमी घटनाओं के व्यवहारिक विश्लेषण के आधार पर, यूपी के पूर्वी जिलों में बारिश के बढ़ते अनुमानों के साथ निरंतर जलवायु अस्थिरता के साथ एक दीर्घकालिक विकास देखा जा सकता है। यह एक जनसांख्यिकीय और आर्थिक दृष्टिकोण से एक गंभीर चुनौती है जिसका समाधान केवल एक समन्वित बहु-स्तरीय नीति के माध्यम से ही संभव है। वर्तमान अलर्ट प्रणाली एक अस्थायी उपाय है, जो गहरी संरचनात्मक असमानताओं को नहीं छूती है।

  • shivani Rajput
    shivani Rajput जुलाई 4, 2025 AT 15:26

    ये ऑरेंज अलर्ट बस एक ट्रेंड है। जब तक तुम बारिश को बाढ़ के रूप में नहीं देखोगे, तब तक तुम जलवायु संकट को समझ नहीं पाओगे। तुम्हारे घर में पानी भरने के लिए टैंक नहीं है? तो तुम बाढ़ के लिए तैयार नहीं हो।

  • Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh जुलाई 5, 2025 AT 20:15

    हमारे देश में बारिश आना स्वाभाविक है। इसकी चेतावनी देना बस एक तरह की अनुशासनहीनता है। हमारे पूर्वजों ने बिना अलर्ट के जीवन जिया। आज के युवा बारिश के लिए डर रहे हैं। देश का भविष्य कैसा होगा?

  • Arushi Singh
    Arushi Singh जुलाई 7, 2025 AT 08:47

    मैं तो इस बारिश को एक नए शुरुआत के रूप में देखती हूँ - जहाँ लोग फिर से एक दूसरे से जुड़ने लगेंगे। बारिश के दिनों में हम सब एक ही छत के नीचे आ जाते हैं। शायद ये वो जगह है जहाँ से हमें वापस आना चाहिए।

  • Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma जुलाई 8, 2025 AT 15:08

    बारिश हो रही है, लेकिन हमारे अंदर की बारिश कहाँ है? हमने अपनी चेतना को इतना बंद कर दिया है कि अब बारिश भी हमारे लिए एक अलर्ट है। अगर हम अपने दिलों को खोल दें, तो शायद बारिश भी हमें शांति दे दे।

  • Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara जुलाई 9, 2025 AT 12:05

    सरकार द्वारा जारी अलर्ट का तात्पर्य यह है कि नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए पूर्व सूचना दी जाए। यह एक नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से एक अत्यंत आवश्यक उपाय है। इसकी अवहेलना नागरिक दायित्व के विरुद्ध है।

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