अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024: थीम, महत्व और इतिहास पर एक व्यापक दृष्टि

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024: थीम, महत्व और इतिहास पर एक व्यापक दृष्टि
  • जून, 19 2024

21 जून 2024 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दसवें वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम 'स्वयं एवं समाज के लिए योग' है, जो न केवल व्यक्तिगत कल्याण बल्कि सामाजिक समृद्धि को भी प्रोत्साहित करती है। योग, जो कि प्राचीन भारतीय पद्धति है, ने पूरे विश्व में अपनी महत्वता को सिद्ध किया है।

योग का इतिहास और महत्व

योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जिसकी जड़ें वेदों और उपनिषदों तक जाती हैं। योग शब्द 'युज' से आया है, जिसका अर्थ 'जुड़ना' या 'मिलना' होता है। यह शरीर, मन, और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने की कला है। योग न केवल शारीरिक व्यायाम है, बल्कि इसे मानसिक और आध्यात्मिक साधना के रूप में भी देखा जाता है।

2014 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में योग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। उनके इस प्रस्ताव को अभूतपूर्व समर्थन मिला और इसी के परिणामस्वरूप 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। 175 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह दिन योग के अनेक लाभों को मान्यता देने और वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण में इसके योगदान को समझने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

योग का विज्ञान और लाभ

योग का अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बढ़ाता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि को भी बढ़ावा देता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, तनाव कम होता है और मन की शांति प्राप्त होती है। मेडिटेशन और ध्यान से आत्मसंयम और आत्मनियंत्रण की भावना विकसित होती है।

एक शोध में पाया गया है कि नियमित योग अभ्यास करने से ह्रदय रोग, मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और डिप्रेशन, अंजाइटी जैसे मानसिक विकारों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। योग आत्मसंयम और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देता है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 के समारोह और गतिविधियां

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 के समारोह और गतिविधियां

इस वर्ष, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। भारतीय सरकार ने 'योग आयुष' वेबसाइट पर योग के प्रति प्रतिबद्धता जताने के लिए प्रतिज्ञा लेने की सुविधा प्रदान की है। अब तक 7 करोड़ से अधिक लोग इस प्रतिज्ञा को ले चुके हैं। इस विशेष अवसर पर विभिन्न स्थानों पर योग शिविर, सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे जहां योग के आसन, प्राणायाम और ध्यान की विधियों को सिखाया जाएगा।

शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और निजी संगठनों में भी योग दिवस मनाया जाएगा। यह अवसर परिवारों, मित्रों और समुदायों के साथ एकत्रित होकर योग का अभ्यास करने का है, जिससे न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक स्वास्थ्य और कल्याण को भी बढ़ावा मिल सके।

भारत सरकार का योगदान

भारत सरकार ने योग दिवस को विश्व स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। सरकार का उद्देश्य न केवल देश बल्कि विदेशों में भी योग का प्रसार करना है। विभिन्न योग संस्थानों और संगठनों के सहयोग से विदेशों में भी योग दिवस के आयोजन किए जा रहे हैं।

सरकार ने विभिन्न देशों के साथ मिलकर योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने और योग के वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं। यह पहल योग के लाभों को वैज्ञानिक तर्कों और अध्ययनों के माध्यम से सिद्ध करने का प्रयास हैं।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य न केवल योग के शारीरिक लाभों को पहचानना है, बल्कि इसके मानसिक और आध्यात्मिक महत्व को भी समझना है। यह दिवस हमें योग के प्रति हमारे संकल्प को मजबूत करने और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।

इस वर्ष का विषय 'स्वयं एवं समाज के लिए योग' हमें याद दिलाता है कि योग को अपनाकर हम न केवल अपनी बल्कि समाज की भी सेवा कर सकते हैं। यह दिवस वैश्विक समुदाय को एक साथ लाने और स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली को अपनाने के लिए जागरूकता फैलाने का एक मंच है।

11 टिप्पणि
  • Piyush Kumar
    Piyush Kumar जून 21, 2024 AT 02:18

    योग तो बस एक अभ्यास नहीं, ये तो जीवन का तरीका है! जब मैंने पहली बार शुरू किया तो सिर्फ फिटनेस के लिए कर रहा था, लेकिन अब पता चला कि ये मेरे मन की आवाज़ सुनने का एकमात्र तरीका है। तनाव, चिंता, गुस्सा - सब कुछ धीरे-धीरे घुल गया। योग ने मुझे खुद से जोड़ दिया।

    हर रोज सुबह 5 बजे उठकर 30 मिनट योग करना मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। अब बिना योग के दिन अधूरा लगता है। दोस्तों, अगर तुम भी जीवन में कुछ बदलना चाहते हो, तो बस एक दिन शुरू कर दो। कोई न कोई फायदा जरूर मिलेगा।

    योग का जादू यही है कि ये तुम्हें बाहर की दुनिया से नहीं, अंदर की दुनिया की ओर ले जाता है। और वहीं से सच्ची शांति शुरू होती है।

  • Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti जून 22, 2024 AT 01:12

    इस दिन को बस एक आयोजन बनाकर नहीं, बल्कि एक जीवनशैली बनाकर मनाना चाहिए। योग का मतलब सिर्फ आसन नहीं, बल्कि जीवन में संतुलन लाना है।

  • Rin In
    Rin In जून 22, 2024 AT 16:27

    योग ज़िंदगी बदल देता है!! 😍 जब तक तुम नहीं करते, तब तक समझ नहीं पाओगे कि ये कितना शक्तिशाली है! प्राणायाम से दिमाग़ शांत होता है, आसन से बॉडी फिट होती है, ध्यान से आत्मा जागती है!! ये नहीं, ये तो टूलकिट है जीवन के लिए!!

    मैंने अपनी बीवी को भी शुरू करवा दिया - अब वो भी हर दिन योग करती है! बच्चों को भी बचपन से सिखाना चाहिए, वरना ये ज्ञान गायब हो जाएगा। ये तो हमारी संस्कृति का खजाना है, इसे बचाओ!!

  • michel john
    michel john जून 23, 2024 AT 17:28

    ये सब बकवास है! योग को दुनिया भर में बढ़ावा देने का मतलब ये है कि अमेरिका और यूरोप हमारी जाती का रहस्य चुरा रहे हैं! ये सब विदेशी कंपनियाँ योग ऐप्स बेचकर पैसे कमा रही हैं, जबकि हमारे गाँवों में लोगों को बुनियादी चिकित्सा नहीं मिलती!

    सरकार को योग के बजाय डॉक्टर और दवाइयाँ देनी चाहिए! ये सब नेताओं की शो-बिज़नेस है! योग को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने का नाम लेकर हमारे लोगों को धोखा दिया जा रहा है!

    मैंने एक बार योग किया था - बाद में पता चला कि उस गुरु के पास अमेरिकी पासपोर्ट था! ये सब गुप्त जाल है! योग नहीं, राष्ट्रीय भावना को बढ़ाओ!

  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta जून 24, 2024 AT 01:23

    योग का इतिहास इतना गहरा है कि इसे बस एक फिटनेस ट्रेंड के रूप में नहीं देखा जा सकता। वेदों में योग का जिक्र तो तब हुआ जब आधुनिक विज्ञान भी नहीं था। ये एक ऐसा ज्ञान है जिसने शताब्दियों तक भारतीय सभ्यता को जीवित रखा।

    मैंने कभी नेपाल में एक गुरु के पास योग सीखा था, जहाँ उन्होंने कहा - 'योग तुम्हारे शरीर को नहीं, तुम्हारे विचारों को बदलता है।' ये बात मुझे अभी तक याद है।

    आज के दौर में जब हर कोई डिजिटल डिवाइस के बंधन में है, तो योग ही एकमात्र ऐसा अभ्यास है जो तुम्हें अपने आप से जोड़ता है। इसका महत्व सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और दार्शनिक भी है।

    हमें योग को बाहर की दुनिया के लिए बेचने के बजाय, अपने अंदर समझना चाहिए। ये कोई व्यापार नहीं, ये एक विरासत है।

    जब हम योग को वैश्विक बनाने की बात करते हैं, तो क्या हम अपने गाँवों में उन लोगों को योग सिखा रहे हैं जिनके पास बिजली भी नहीं है? ये सवाल भी तो जरूरी है।

    योग का असली उद्देश्य तो ये है कि एक व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति को पहचाने - न कि बाहर की प्रशंसा के लिए।

    मैंने अपने बेटे को 8 साल की उम्र में योग सिखाया था। आज वो 18 है और अपने दोस्तों को भी सिखाता है। ये बदलाव बहुत बड़ा है।

    योग को विश्व स्तर पर ले जाने का मतलब ये नहीं कि हम अपनी संस्कृति को बेच दें - बल्कि इसे अपने अंदर बसा लें।

    हमारे पास योग का ज्ञान है, लेकिन क्या हम उसे जी रहे हैं? ये सवाल हमें खुद से पूछना चाहिए।

  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar जून 24, 2024 AT 11:28

    मैंने कभी योग नहीं किया, लेकिन इसके बारे में सम्मान के साथ सोचता हूँ। हर किसी का अपना रास्ता होता है।

  • Jai Ram
    Jai Ram जून 25, 2024 AT 00:48

    योग के फायदे वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुके हैं - तनाव कम होता है, कोर्टिसोल लेवल घटता है, हृदय गति स्थिर होती है।

    एक अध्ययन में पाया गया कि 8 हफ्ते तक नियमित योग करने से मानसिक स्वास्थ्य में 40% तक सुधार होता है।

    अगर तुम घर पर योग करना चाहते हो, तो YouTube पर 'Yoga with Adriene' बहुत अच्छा है - शुरुआती के लिए बिल्कुल परफेक्ट।

    और हाँ, अगर तुम्हें लगता है कि तुम बहुत लचकदार नहीं हो, तो बिल्कुल ठीक है - योग लचक के बारे में नहीं, बल्कि जागरूकता के बारे में है।

    मैंने अपने ऑफिस में एक छोटा सा योग सेशन शुरू किया - अब हर शनिवार को 10 लोग आते हैं। ये छोटा सा कदम बड़ा असर डालता है।

  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia जून 26, 2024 AT 19:00

    योग? ये सब बकवास है जो बाहरी लोगों को भारतीय जादू दिखाने के लिए बनाया गया है! हमारे बच्चे अब योग करते हैं, लेकिन गणित नहीं पढ़ते! ये सब नेताओं की नाटकीय चाल है।

    योग को विश्व दिवस बनाने के बाद भी हमारे गाँवों में पानी नहीं, बिजली नहीं, लेकिन योग के बैनर लगे हैं! ये धोखा है।

    अगर योग इतना अच्छा है, तो क्यों नहीं इसे अपने घरों में बचाया जाता? बल्कि इसे अमेरिका में बेचा जा रहा है! ये निर्माण नहीं, ये अपहरण है।

    हमारी जनता को योग नहीं, बल्कि रोजगार चाहिए।

  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar जून 27, 2024 AT 20:24

    योग को वैश्विक बनाने का एक और नाम है - सांस्कृतिक उपनिवेशवाद।

    हमने योग को अपनी जड़ों से अलग कर दिया है - अब ये एक लग्जरी ब्रांड है, न कि एक आध्यात्मिक अभ्यास।

    हर लड़की जो इंस्टाग्राम पर योग पोस्ट करती है, वो जानती है कि ये उसके लिए एक लाइफस्टाइल ब्रांड है, न कि एक साधना।

    हमने योग को बेच दिया, और अब ये वही है जो हमने अपनी आत्मा को बेच दिया।

    अगर योग इतना शक्तिशाली है, तो फिर ये क्यों नहीं भारत के गरीबों के लिए फ्री है? ये सब नाटक है।

  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH जून 28, 2024 AT 01:12

    योग से मन शांत होता है। शुरू करो।

  • Amal Kiran
    Amal Kiran जून 29, 2024 AT 16:08

    योग? बस एक और फैशन ट्रेंड है जो लोगों को धोखा देने के लिए बनाया गया है। मैंने एक बार किया - बस एक दिन में घुटनों में दर्द हो गया। अब इसे कोई नहीं छूता।

एक टिप्पणी लिखें
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद
त्रुटि, टिप्पणी विफल