अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024: थीम, महत्व और इतिहास पर एक व्यापक दृष्टि
21 जून 2024 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दसवें वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम 'स्वयं एवं समाज के लिए योग' है, जो न केवल व्यक्तिगत कल्याण बल्कि सामाजिक समृद्धि को भी प्रोत्साहित करती है। योग, जो कि प्राचीन भारतीय पद्धति है, ने पूरे विश्व में अपनी महत्वता को सिद्ध किया है।
योग का इतिहास और महत्व
योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जिसकी जड़ें वेदों और उपनिषदों तक जाती हैं। योग शब्द 'युज' से आया है, जिसका अर्थ 'जुड़ना' या 'मिलना' होता है। यह शरीर, मन, और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने की कला है। योग न केवल शारीरिक व्यायाम है, बल्कि इसे मानसिक और आध्यात्मिक साधना के रूप में भी देखा जाता है।
2014 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में योग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। उनके इस प्रस्ताव को अभूतपूर्व समर्थन मिला और इसी के परिणामस्वरूप 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। 175 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह दिन योग के अनेक लाभों को मान्यता देने और वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण में इसके योगदान को समझने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
योग का विज्ञान और लाभ
योग का अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बढ़ाता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि को भी बढ़ावा देता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, तनाव कम होता है और मन की शांति प्राप्त होती है। मेडिटेशन और ध्यान से आत्मसंयम और आत्मनियंत्रण की भावना विकसित होती है।
एक शोध में पाया गया है कि नियमित योग अभ्यास करने से ह्रदय रोग, मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और डिप्रेशन, अंजाइटी जैसे मानसिक विकारों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। योग आत्मसंयम और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देता है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 के समारोह और गतिविधियां
इस वर्ष, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। भारतीय सरकार ने 'योग आयुष' वेबसाइट पर योग के प्रति प्रतिबद्धता जताने के लिए प्रतिज्ञा लेने की सुविधा प्रदान की है। अब तक 7 करोड़ से अधिक लोग इस प्रतिज्ञा को ले चुके हैं। इस विशेष अवसर पर विभिन्न स्थानों पर योग शिविर, सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे जहां योग के आसन, प्राणायाम और ध्यान की विधियों को सिखाया जाएगा।
शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और निजी संगठनों में भी योग दिवस मनाया जाएगा। यह अवसर परिवारों, मित्रों और समुदायों के साथ एकत्रित होकर योग का अभ्यास करने का है, जिससे न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक स्वास्थ्य और कल्याण को भी बढ़ावा मिल सके।
भारत सरकार का योगदान
भारत सरकार ने योग दिवस को विश्व स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। सरकार का उद्देश्य न केवल देश बल्कि विदेशों में भी योग का प्रसार करना है। विभिन्न योग संस्थानों और संगठनों के सहयोग से विदेशों में भी योग दिवस के आयोजन किए जा रहे हैं।
सरकार ने विभिन्न देशों के साथ मिलकर योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने और योग के वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं। यह पहल योग के लाभों को वैज्ञानिक तर्कों और अध्ययनों के माध्यम से सिद्ध करने का प्रयास हैं।
निष्कर्ष
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य न केवल योग के शारीरिक लाभों को पहचानना है, बल्कि इसके मानसिक और आध्यात्मिक महत्व को भी समझना है। यह दिवस हमें योग के प्रति हमारे संकल्प को मजबूत करने और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
इस वर्ष का विषय 'स्वयं एवं समाज के लिए योग' हमें याद दिलाता है कि योग को अपनाकर हम न केवल अपनी बल्कि समाज की भी सेवा कर सकते हैं। यह दिवस वैश्विक समुदाय को एक साथ लाने और स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली को अपनाने के लिए जागरूकता फैलाने का एक मंच है।
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