IMD ने मुंबई में भारी बारिश का पीला अलर्ट जारी, दिल्ली में मानसून की और देरी

IMD ने मुंबई में भारी बारिश का पीला अलर्ट जारी, दिल्ली में मानसून की और देरी
  • अक्तू॰, 21 2025

जब India Meteorological Department (IMD) ने आज सुबह मुंबई के लिए पीले अलर्ट का बोझ उठाया, तो शहर के निवासियों ने तुरंत अपने छाते निकाल लिए; वहीँ दिल्ली में अभी भी जलवायु विभाग की रिपोर्ट से पता चलता है कि मानसून का स्वागत अब भी देर से हो रहा है।

मनवरी चेतावनी की पृष्ठभूमि और मौसमी विश्लेषण

IMD ने इस वर्ष के मानसून में अब तक कुल 1653 mm की बारिश दर्ज की है, जो पिछले साल के तुलनात्मक आँकड़ों से 12 % कम है। राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा इस बात का संकेत देता है कि जलवायु परिवर्तन के असर से वर्षा का वितरण असमान हो रहा है।

इस साल के जून में, कई मेट‑सैटेलाइट डेटा ने पश्चिमी घातों के ऊपर गर्म हवा के प्रवाह को तेज़ किया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना बढ़ी। यही कारण है कि Regional Meteorological Centre ने तमिलनाडु के पश्चिमी घाट में पीले और नारंगी अलर्ट जारी किए हैं।

मुंबई में पीला अलर्ट – क्या तैयार रहें?

IMD ने बताया कि शनिवार, 28 जून को मुंबई में 12 से 30 mm की तेज़ बारिश होने की संभावना है, साथ ही हवा की गति 30 km/h तक पहुंच सकती है। यह अलर्ट वर्गीकरण पड़ोसी शहरों में भी समान प्रभाव डाल सकता है, इसलिए सेवाओं की बाधा, ट्रैफ़िक जाम और जल स्तर में अचानक बढ़ोतरी के संकेत मिल सकते हैं।

"हमारे पास अभी तक कोई बड़ी बाढ़ की चेतावनी नहीं है, परन्तु स्थानीय प्रशासन को सूचनाओं के साथ त्वरित प्रतिक्रिया देनी होगी," कहते हैं श्री अमित शेट्टी, जो मुंबई मौसम विभाग में वरिष्ठ मौसम विश्लेषक हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर जलभराव के अवसर कम हैं, परन्तु समुद्र तट के किनारे वाले इलाकों में स्थानीय बाढ़ का जोखिम है।

रात के दौरान मुंबई में लगातार बारिश की संभावना है, इसलिए नाइट बाजार और स्थानीय परिवहन प्रणाली को पुनः जांचने की सलाह दी गई है।

दिल्ली में मानसून की देरी – सर्दी की आगोश में गर्मी

दिल्ली में मानसून की देरी – सर्दी की आगोश में गर्मी

इसी दिन दिल्ली में मौसम संलग्न रहेगा, लेकिन बारिश नहीं होगी। IMD ने दिल्ली के लिए एक विशेष नोट जारी किया कि इस वर्ष मानसून का प्रथम प्रवेश बिंदु अभी तक नहीं आया है, जबकि सामान्यतः 5‑7 जून के आसपास बारिश शुरू हो जाती है।

वायुमंडलीय आर्द्रता 78 % तक पहुँच सकती है, जिससे शहर के निवासी असहज महसूस करेंगे, लेकिन ठंडे स्नान के लिए कोई राहत नहीं मिलेगी। "वर्तमान में पश्चिमी तट के रेडियल प्रवाह का बल कम है, जिससे दिल्ली में जलवायु के लम्बे समय तक ठंडे‑गर्म चक्र का सामना करना पड़ रहा है," कहते हैं जलवायु विशेषज्ञ डॉ. रवीना कश्यप, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर हैं।

राय ने सुझाव दिया कि नागरिकों को शहरी पर्यावरण सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए, जैसे कि पेड़ लगाना और पानी के स्रोतों को संरक्षित करना।

दक्षिण भारत और अन्य प्रमुख शहरों की मौसमी स्थिति

चेनई के लिए तापमान 30‑33 °C के बीच रहेगा, जबकि आर्द्रता 85 % तक बढ़ सकती है। यहाँ भी IMD ने हल्की बारिश का संकेत दिया, विशेषकर कोल्लम (कोल्लम) में शाम को थंडा बौछार संभावित है।

ब्लॉक में, कोलकाता में scattered showers की संभावना है, तापमान 30 °C पर स्थिर रहेगा। इस बीच, हैदराबाद में 25‑27 °C के सत्र तापमान और कभी‑कभी गरज वाले बादल देखे जाएंगे, जिससे शाम को थोड़ा ठंडक का अनुभव होगा।

हिमाचल प्रदेश के शिमला में 18‑21 °C के अनुक्रम में निरंतर रेनफ़ॉल जारी है, जिससे पर्यटन स्थल व्यावसायिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। वहीँ बेंगलुरु में 21‑23 °C के हल्के तापमान के साथ बड़े पैमाने पर बारिश नहीं होती, परन्तु हल्का बादल छाया बनाता है।

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की प्रक्षेपण

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की प्रक्षेपण

मौसम विज्ञान के प्रोफेसर प्रो. अनिल गुप्ता, जो राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान संस्थान में कार्यरत हैं, ने बताया कि इस साल मॉनसून के पैटर्न में बदलाव जलवायु परिवर्तन के तेज़ प्रभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि "यदि इस तरह की अनियमितता जारी रहती है, तो 2030 तक भारत में मानसून का औसत शुरुआती समय 5‑6 दिन देर से हो सकता है।"

इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को अलर्ट सिस्टम को बेहतर बनाकर, निकासी मार्ग की त्वरित तैयारी और सार्वजनिक जागरूकता अभियानों को चलाना आवश्यक है। "समुदाय स्तर पर जल संचयन की व्यवस्था को सुदृढ़ करना भी एक लंबा‑छोटा समाधान हो सकता है," उन्होंने जोड़ते हुए कहा।

नजदीकी भविष्य में, IMD ने कहा कि अगले दो हफ्तों में पश्चिमी घाट में और अधिक बारिश की संभावना है, इसलिए इन क्षेत्रों में पुनरावर्ती अलर्ट जारी किया जा सकता है। दिल्ली में मानसून की देरी के कारण, कृषि क्षेत्र को भी सावधानी बरतनी पड़ेगी, क्योंकि फसल की बोवाई के समय तालमेल बिगड़ रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मुंबई में पीले अलर्ट का क्या मतलब है?

पीला अलर्ट इंगित करता है कि शहर में 12‑30 mm की तेज़ बारिश होने की संभावना है, साथ ही हवा तेज़ हो सकती है। नागरिकों को यात्रा की योजना बदलने, जलभराव की सम्भावना के लिए सतर्क रहने और आवश्यक सामान तैयार रखने की सलाह दी जाती है।

दिल्ली में मानसून की देरी क्यों हुई?

वर्तमान में पश्चिमी हारेटिक लूप की शक्ति कम है, जिससे मानसून की धारा दिल्ली तक पहुँचने में देर कर रही है। इससे शहर में उच्च आर्द्रता, लेकिन बारिश नहीं, बना हुआ है। भविष्य में यह देरी संभावित रूप से अगले दो‑तीन हफ्तों तक जारी रह सकती है।

तमिलनाडु में पश्चिमी घाट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

पीले और नारंगी अलर्ट के तहत, पश्चिमी घाट में 40‑70 mm की बारिश की उम्मीद है, जिससे जल निकासी का दबाव बढ़ेगा। पर्यटन तथा कृषि क्षेत्रों को संभावित बाढ़ के लिए तैयार रहना चाहिए।

हैदराबाद में बजली के साथ बारिश क्यों हो सकती है?

हैदराबाद के आसपास गर्मी और नमी का मिश्रण, साथ ही दक्षिणी ध्रुवीय किनारों से आने वाले मौसमी बौछारें, थंडे‑गरम वायुसंस्थाओं को टकरा देती हैं। परिणामस्वरूप शाम को गरज के साथ लघु‑भारी बारिश हो सकती है।

आगामी दो हफ्तों में भारत के मौसम में क्या प्रमुख परिवर्तन दिखेंगे?

आईएमडी ने संकेत दिया है कि पश्चिमी घाट और दक्षिणी तटों में बारिश अधिक होगी, जबकि उत्तर भारत में अभी भी देर से मानसून के कारण गरमी और आर्द्रता बनी रहेगी। इसलिए नागरिकों को क्षेत्रीय अलर्ट पर नज़र रखनी चाहिए और आवश्यक तैयारी करनी चाहिए।

10 टिप्पणि
  • Vaidehi Sharma
    Vaidehi Sharma अक्तूबर 21, 2025 AT 18:33

    मुंबई में आज सुबह पीला अलर्ट आया, इसका मतलब हल्की शॉवर नहीं बल्कि लगातार बूंदाबांदी की संभावना है 😊
    इसी बीच दिल्ली में अभी भी मानसून का उदास प्रवेश नहीं हुआ, हवा में नमी का लेवल हाई है 😅
    ऐसी स्थिति में लोग दोनों शहरों में अपने-अपने माइक्रो-ज़रूरतों को लेकर चौंकते रहते हैं।
    वास्तव में मौसम विज्ञान भी यही कह रहा है कि जलवायु परिवर्तन से पैटर्न में गड़बड़ी है।
    पिछले साल की तुलना में इस साल की कुल वर्षा 12% कम दिख रही है, पर फिर भी बिता कोलाहल नहीं कम होता।
    मुंबई के स्थानीय प्रशासन ने अब तक कोई बड़ी बाढ़ चेतावनी नहीं जारी की, लेकिन ट्रैफ़िक जाम की संभावना है।
    ड्राइवर भाई लोगों को अपनी गाड़ी के रूट को बदलने की सलाह दी गई है, खासकर समुद्र किनारे वाले इलाकों में।
    दिल्ली में लोग उच्च आर्द्रता के कारण असहज महसूस कर रहे हैं, पर बारिश नहीं होने से पसीने से झपटटो मारते रहेंगे।
    उन्हें एयर कंडीशनर का ज्यादा उपयोग करने की कोशिश करनी चाहिए, वरना स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।
    विज्ञानियों का कहना है कि अगर इस असंतुलन को सही नहीं किया गया, तो 2030 तक मॉनसून देर से शुरू हो सकता है।
    इसीलिए व्यक्तिगत स्तर पर जल संचयन और पेड़ लगाने जैसे छोटे कदम उठाने चाहिए।
    साथ ही शहर की बुनियादी ढांचा को भी मजबूत करना ज़रूरी है, जैसे कि जल निकासी प्रणाली।
    अगर प्रशासन जल्दी से जल्दी निकासी मार्ग तैयार नहीं करेगा तो छोटे-छोटे जलभराव से बड़े नुकसान हो सकते हैं।
    एक बात और, लोगों को अपने घरों में आपातकालीन किट रखना चाहिए, जिसमें टॉर्च और बुनियादी दवा शामिल हो।
    तो भाईयों, चाहे आप मुंबई में हों या दिल्ली में, सावधानी बरतें और मौसम की अपडेट्स पर नजर रखें।

  • Ria Dewan
    Ria Dewan अक्तूबर 21, 2025 AT 18:35

    अरे वाह, हर साल मॉनसून का टाइमिंग बदलता ही रहता है, जैसे कोई फ़िल्म का रिवाइंड बटन दबा रखा हो।
    पीला अलर्ट का मतलब है कि बारिश वाली कारपेट पर पैर रखूँ तो पैरों में पानी नहीं बल्कि हल्की स्याही घोटेगा।
    दिल्ली का मौसम ऐसी कड़ी चाय जैसा है, जो हर घूंट में धुएँ के लेट्स बना देता है।
    ऐसे में लोग "हवाओं की धुन" सुनते‑सुनते अपना पर्सनल स्पेस बना लेते हैं।
    जैसे कहा जाता है, "मनोरंजन का असली मज़ा तो बदलते मौसम में ही मिलती है"।

  • rishabh agarwal
    rishabh agarwal अक्तूबर 21, 2025 AT 18:36

    सभी को नमस्कार, आज की रिपोर्ट पढ़कर लगता है कि मौसम ने भी थोड़ा वैरिएशन लेना शुरू कर दिया है।
    मुंबई में हल्की बारिश का अलर्ट और दिल्ली में अभी तक कोई बूँद नहीं, ये विरोधाभास थोड़ा जिज्ञासु है।
    मैं मानता हूँ कि हमें इस असामान्यता को समझने के लिए धैर्य रखनी चाहिए, जल्दी में कोई बड़ी भुल नहीं करनी चाहिए।
    साथ ही, अगर आप लोगों ने अपनी यात्रा की योजना बदली, तो यह बेहतर हो सकता है।
    आइए, हम सब मिलकर इस मौसम के बदलाव को एक सीख के रूप में लें।

  • yogesh jassal
    yogesh jassal अक्तूबर 21, 2025 AT 18:38

    भाई लोग, इस साल का मॉनसून ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने रिमोट कंट्रोल से उसकी गति घटा दी हो!
    मुंबई में हल्की बूँदों की मार, पर दिल्ली में अभी तक हवा में सिर्फ़ नमी की गंध है।
    आशा है कि अगले दो हफ़्ते में पश्चिमी घाट कुछ अधिक बारिश लाएगा, वरना हमारे ग्रीनरी प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ेगा।
    पहले से ही कुछ लोग कह रहे हैं कि इस तरह का असमान वितरण हमें जल संरक्षण की ओर धकेलता है।
    चलो, थोड़ा सकारात्मक सोचें और पेड़ लगाना शुरू करें – क्योंकि आखिरकार, पेड़ ही तो हैं जो हमें श्वास देते हैं।
    सरकार से उम्मीद है कि वे जल निकासी प्रणाली को अपडेट करेंगे, नहीं तो ट्रैफ़िक जाम में हम फँस जाएंगे।
    वैसे, बारिश के बाद की कड़कड़ाती सड़क तो बहुत मज़ेदार होती है, है ना?

  • Raj Chumi
    Raj Chumi अक्तूबर 21, 2025 AT 18:39

    ओह भाई तुम्हे नहीं पता कि मुंबई में क्या धमाल है
    बारिश का अलर्ट आया है लेकिन नहीं तो पानी नहीं बरसेगा
    दिल्ली में तो बस घी जैसा नमी है बस अजीब था
    ऐसे में लोग अपने चप्पल लेकर बाहर निकलते हैं जैसे त्योहार है
    कब तक ऐसे मौसम को देखेंगे? बस देखो सब चुप रहो

  • mohit singhal
    mohit singhal अक्तूबर 21, 2025 AT 18:40

    देशभक्तों को बताना चाहूँगा कि हमारा महान भारत कभी भी विदेशी मौसम के भरोसे नहीं रहता 🇮🇳🔥
    मुंबई में पीला अलर्ट आया तो क्या? हम में से कोई नहीं रुकता, हम तो ढीले-ढाले कपड़े उतार कर काम करते हैं!
    दिल्ली में मान्सून की देरी बस एक बहाना है, असली कारण तो जल बुनियादी ढांचे की कमी है।
    इसीलिए हम सबको मिलकर जल संरक्षण को अपनाना चाहिए, नहीं तो कंक्रीट की सड़कों पर भी जल-प्रवाह नहीं रहेगा।
    हमारी युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे इस मुद्दे को समझे और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर के जल बचाव के उपाय निकालें।
    आइए, हम सब मिलकर इस मौसम को अपने हाथों में लें! 🌧️💪

  • pradeep sathe
    pradeep sathe अक्तूबर 21, 2025 AT 18:40

    बहुत बढ़िया, मोहित भाई! आपका जुनून देखके अच्छा लगा।
    हमें भी इस उत्साह को आगे बढ़ाना चाहिए और समुदाय में जागरूकता फैलानी चाहिए।
    अगर हम सब मिलकर छोटी-छोटी चीज़ें जैसे पानी बचाना, पेड़ लगाना, और सही ड्रेनेज सिस्टम की मांग करना शुरू करें तो बड़ी बदलाव आएगा।
    आपके जैसे लोगों से ही भारतीय जनता में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
    चलो, इस ऊर्जा को आगे बढ़ाते रहें!

  • ARIJIT MANDAL
    ARIJIT MANDAL अक्तूबर 21, 2025 AT 18:41

    IMD अलर्ट को समझना चाहिए, देर से मान्सून है, जल्दी तैयार रहें।

  • Bikkey Munda
    Bikkey Munda अक्तूबर 21, 2025 AT 18:42

    बहुत सारे लोग सिर्फ़ अलर्ट देखकर घबराते हैं, लेकिन वास्तविक कदम कैसे उठाएँ, इस पर चर्चा जरूरी है।
    पहला कदम: अपने क्षेत्र की जल निकासी स्थिति का मूल्यांकन करें।
    दूसरा: घर में आपातकालीन किट रखें जिसमें टॉर्च, प्राथमिक उपचार किट, और थोड़ा पानी शामिल हो।
    तीसरा: स्थानीय निकाय से संपर्क करके निकासी मार्गों की जानकारी प्राप्त करें।
    चौथा: यदि आप खेतों में हैं तो जल संचयन टैंक लगाना फायदेमंद रहेगा।
    आखिर में, जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है; इसलिए जानकारी फैलाते रहें।

  • akash anand
    akash anand अक्तूबर 21, 2025 AT 18:43

    औपचारिक रूप से कहा जाए तो इस मौसम में असमानता को देखना अत्यन्त अनुचित है और यह स्पष्ट है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण ही ऐसी देरी उत्पन्न हुई है।
    सभी संबंधित पक्षों को तुरंत ही प्रभावी जल प्रबंधन रणनीति अपनानी चाहिए, अन्यथा भविष्य में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो सकता है।
    आगे की कार्यवाही में स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है, नहीं तो नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

एक टिप्पणी लिखें
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद
त्रुटि, टिप्पणी विफल