IMD ने मुंबई में भारी बारिश का पीला अलर्ट जारी, दिल्ली में मानसून की और देरी
जब India Meteorological Department (IMD) ने आज सुबह मुंबई के लिए पीले अलर्ट का बोझ उठाया, तो शहर के निवासियों ने तुरंत अपने छाते निकाल लिए; वहीँ दिल्ली में अभी भी जलवायु विभाग की रिपोर्ट से पता चलता है कि मानसून का स्वागत अब भी देर से हो रहा है।
मनवरी चेतावनी की पृष्ठभूमि और मौसमी विश्लेषण
IMD ने इस वर्ष के मानसून में अब तक कुल 1653 mm की बारिश दर्ज की है, जो पिछले साल के तुलनात्मक आँकड़ों से 12 % कम है। राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा इस बात का संकेत देता है कि जलवायु परिवर्तन के असर से वर्षा का वितरण असमान हो रहा है।
इस साल के जून में, कई मेट‑सैटेलाइट डेटा ने पश्चिमी घातों के ऊपर गर्म हवा के प्रवाह को तेज़ किया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना बढ़ी। यही कारण है कि Regional Meteorological Centre ने तमिलनाडु के पश्चिमी घाट में पीले और नारंगी अलर्ट जारी किए हैं।
मुंबई में पीला अलर्ट – क्या तैयार रहें?
IMD ने बताया कि शनिवार, 28 जून को मुंबई में 12 से 30 mm की तेज़ बारिश होने की संभावना है, साथ ही हवा की गति 30 km/h तक पहुंच सकती है। यह अलर्ट वर्गीकरण पड़ोसी शहरों में भी समान प्रभाव डाल सकता है, इसलिए सेवाओं की बाधा, ट्रैफ़िक जाम और जल स्तर में अचानक बढ़ोतरी के संकेत मिल सकते हैं।
"हमारे पास अभी तक कोई बड़ी बाढ़ की चेतावनी नहीं है, परन्तु स्थानीय प्रशासन को सूचनाओं के साथ त्वरित प्रतिक्रिया देनी होगी," कहते हैं श्री अमित शेट्टी, जो मुंबई मौसम विभाग में वरिष्ठ मौसम विश्लेषक हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर जलभराव के अवसर कम हैं, परन्तु समुद्र तट के किनारे वाले इलाकों में स्थानीय बाढ़ का जोखिम है।
रात के दौरान मुंबई में लगातार बारिश की संभावना है, इसलिए नाइट बाजार और स्थानीय परिवहन प्रणाली को पुनः जांचने की सलाह दी गई है।
दिल्ली में मानसून की देरी – सर्दी की आगोश में गर्मी
इसी दिन दिल्ली में मौसम संलग्न रहेगा, लेकिन बारिश नहीं होगी। IMD ने दिल्ली के लिए एक विशेष नोट जारी किया कि इस वर्ष मानसून का प्रथम प्रवेश बिंदु अभी तक नहीं आया है, जबकि सामान्यतः 5‑7 जून के आसपास बारिश शुरू हो जाती है।
वायुमंडलीय आर्द्रता 78 % तक पहुँच सकती है, जिससे शहर के निवासी असहज महसूस करेंगे, लेकिन ठंडे स्नान के लिए कोई राहत नहीं मिलेगी। "वर्तमान में पश्चिमी तट के रेडियल प्रवाह का बल कम है, जिससे दिल्ली में जलवायु के लम्बे समय तक ठंडे‑गर्म चक्र का सामना करना पड़ रहा है," कहते हैं जलवायु विशेषज्ञ डॉ. रवीना कश्यप, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर हैं।
राय ने सुझाव दिया कि नागरिकों को शहरी पर्यावरण सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए, जैसे कि पेड़ लगाना और पानी के स्रोतों को संरक्षित करना।
दक्षिण भारत और अन्य प्रमुख शहरों की मौसमी स्थिति
चेनई के लिए तापमान 30‑33 °C के बीच रहेगा, जबकि आर्द्रता 85 % तक बढ़ सकती है। यहाँ भी IMD ने हल्की बारिश का संकेत दिया, विशेषकर कोल्लम (कोल्लम) में शाम को थंडा बौछार संभावित है।
ब्लॉक में, कोलकाता में scattered showers की संभावना है, तापमान 30 °C पर स्थिर रहेगा। इस बीच, हैदराबाद में 25‑27 °C के सत्र तापमान और कभी‑कभी गरज वाले बादल देखे जाएंगे, जिससे शाम को थोड़ा ठंडक का अनुभव होगा।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में 18‑21 °C के अनुक्रम में निरंतर रेनफ़ॉल जारी है, जिससे पर्यटन स्थल व्यावसायिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। वहीँ बेंगलुरु में 21‑23 °C के हल्के तापमान के साथ बड़े पैमाने पर बारिश नहीं होती, परन्तु हल्का बादल छाया बनाता है।
विशेषज्ञों की राय और भविष्य की प्रक्षेपण
मौसम विज्ञान के प्रोफेसर प्रो. अनिल गुप्ता, जो राष्ट्रीय जलवायु अनुसंधान संस्थान में कार्यरत हैं, ने बताया कि इस साल मॉनसून के पैटर्न में बदलाव जलवायु परिवर्तन के तेज़ प्रभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि "यदि इस तरह की अनियमितता जारी रहती है, तो 2030 तक भारत में मानसून का औसत शुरुआती समय 5‑6 दिन देर से हो सकता है।"
इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को अलर्ट सिस्टम को बेहतर बनाकर, निकासी मार्ग की त्वरित तैयारी और सार्वजनिक जागरूकता अभियानों को चलाना आवश्यक है। "समुदाय स्तर पर जल संचयन की व्यवस्था को सुदृढ़ करना भी एक लंबा‑छोटा समाधान हो सकता है," उन्होंने जोड़ते हुए कहा।
नजदीकी भविष्य में, IMD ने कहा कि अगले दो हफ्तों में पश्चिमी घाट में और अधिक बारिश की संभावना है, इसलिए इन क्षेत्रों में पुनरावर्ती अलर्ट जारी किया जा सकता है। दिल्ली में मानसून की देरी के कारण, कृषि क्षेत्र को भी सावधानी बरतनी पड़ेगी, क्योंकि फसल की बोवाई के समय तालमेल बिगड़ रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मुंबई में पीले अलर्ट का क्या मतलब है?
पीला अलर्ट इंगित करता है कि शहर में 12‑30 mm की तेज़ बारिश होने की संभावना है, साथ ही हवा तेज़ हो सकती है। नागरिकों को यात्रा की योजना बदलने, जलभराव की सम्भावना के लिए सतर्क रहने और आवश्यक सामान तैयार रखने की सलाह दी जाती है।
दिल्ली में मानसून की देरी क्यों हुई?
वर्तमान में पश्चिमी हारेटिक लूप की शक्ति कम है, जिससे मानसून की धारा दिल्ली तक पहुँचने में देर कर रही है। इससे शहर में उच्च आर्द्रता, लेकिन बारिश नहीं, बना हुआ है। भविष्य में यह देरी संभावित रूप से अगले दो‑तीन हफ्तों तक जारी रह सकती है।
तमिलनाडु में पश्चिमी घाट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पीले और नारंगी अलर्ट के तहत, पश्चिमी घाट में 40‑70 mm की बारिश की उम्मीद है, जिससे जल निकासी का दबाव बढ़ेगा। पर्यटन तथा कृषि क्षेत्रों को संभावित बाढ़ के लिए तैयार रहना चाहिए।
हैदराबाद में बजली के साथ बारिश क्यों हो सकती है?
हैदराबाद के आसपास गर्मी और नमी का मिश्रण, साथ ही दक्षिणी ध्रुवीय किनारों से आने वाले मौसमी बौछारें, थंडे‑गरम वायुसंस्थाओं को टकरा देती हैं। परिणामस्वरूप शाम को गरज के साथ लघु‑भारी बारिश हो सकती है।
आगामी दो हफ्तों में भारत के मौसम में क्या प्रमुख परिवर्तन दिखेंगे?
आईएमडी ने संकेत दिया है कि पश्चिमी घाट और दक्षिणी तटों में बारिश अधिक होगी, जबकि उत्तर भारत में अभी भी देर से मानसून के कारण गरमी और आर्द्रता बनी रहेगी। इसलिए नागरिकों को क्षेत्रीय अलर्ट पर नज़र रखनी चाहिए और आवश्यक तैयारी करनी चाहिए।