ईशा अंबानी पिरामल: आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म देने की कहानी साझा की

ईशा अंबानी पिरामल: आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म देने की कहानी साझा की

ईशा अंबानी पिरामल का व्यक्तिगत अनुभव

ईशा अंबानी पिरामल, जिन्हें देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी की बेटी होने के रूप में जाना जाता है, ने हाल ही में अपने निजी जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को सार्वजनिक रूप से साझा किया है। मुंबई में एक आयोजन के दौरान, ईशा ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने जुड़वा बच्चों, आदीया और कृष्णा को आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिये जन्म दिया। यह पहली बार था जब ईशा ने अपनी मां बनने की यात्रा के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की थी।

खुलासे के पीछे की प्रेरणा

ईशा ने बताया कि यह निर्णय लेने के पीछे मुख्य प्रेरणा यह थी कि लोग आईवीएफ और बांझपन जैसी समस्याओं के बारे में खुल कर बात करें और इसे लेकर कोई संकोच न हो। आईवीएफ के जरिए मातृत्व की यात्रा के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इसे बहुत ही साहस और संकल्प के साथ पार किया। ईशा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है।

मेडिकल टीम और तकनीक के प्रति आभार

मेडिकल टीम और तकनीक के प्रति आभार

ईशा ने अपनी मेडिकल टीम का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत और तकनीकी प्रगति की वजह से संभव हो पाया। उन्होंने डॉक्टरों और डॉक्टर्स की टीम को सलामी देते हुए कहा कि यह उनकी समर्पण और विशेषज्ञता की वजह से आज उनके पास दो स्वस्थ और प्यारे बच्चे हैं।

आईवीएफ के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण

ईशा का मानना है कि आईवीएफ जैसी तकनीक का समाज में खुले तौर पर स्वीकार होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपनी समस्याओं और संघर्षों के बारे में खुलकर चर्चा करनी चाहिए ताकि इसको लेकर कोई गलतफहमी या मानसिक बोझ न हो। उन्होंने कहा कि गर्भधारण करने में कठिनाई का सामना करना कोई शर्म की बात नहीं है, और यह एक सामान्य चिकित्सा स्थिति है जिसे मेडिकल सहायता के जरिए ठीक किया जा सकता है।

आईवीएफ और मातृत्व के प्रति ईशा का संदेश

आईवीएफ और मातृत्व के प्रति ईशा का संदेश

ईशा ने उन महिलाओं के लिए भी एक संदेश दिया जो मातृत्व की इस कठिन यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। उन्होंने माताओं और होने वाली माताओं को प्रेरित किया कि वे अपनी यात्रा का आनंद लें और चिकित्सा विज्ञान के साथ अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास करें।

सामाजिक और सांस्कृतिक पहल

ईशा अंबानी पिरामल न केवल अपने पारिवारिक व्यवसाय में सक्रिय हैं, बल्कि वे विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पहलों में भी भाग लेती हैं। उनकी इस व्यक्तिगत कहानी से अपेक्षा की जाती है कि यह कई महिलाओं और परिवारों को प्रेरित करेगी। उनके खुलासे ने समाज में एक नई जागरूकता फैलाने का काम किया है।

ईशा का यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा को उजागर करता है बल्कि यह भी बताता है कि उन्होंने सामाजिक बाधाओं को तोड़ते हुए अपने अनुभव से दूसरों को प्रेरित करने का निर्णय लिया है। यह उनके साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है जो आज के समय की महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम करता है।

  • जून, 29 2024
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