ईशा अंबानी पिरामल: आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म देने की कहानी साझा की

ईशा अंबानी पिरामल: आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म देने की कहानी साझा की
  • जून, 29 2024

ईशा अंबानी पिरामल का व्यक्तिगत अनुभव

ईशा अंबानी पिरामल, जिन्हें देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी की बेटी होने के रूप में जाना जाता है, ने हाल ही में अपने निजी जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को सार्वजनिक रूप से साझा किया है। मुंबई में एक आयोजन के दौरान, ईशा ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने जुड़वा बच्चों, आदीया और कृष्णा को आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिये जन्म दिया। यह पहली बार था जब ईशा ने अपनी मां बनने की यात्रा के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की थी।

खुलासे के पीछे की प्रेरणा

ईशा ने बताया कि यह निर्णय लेने के पीछे मुख्य प्रेरणा यह थी कि लोग आईवीएफ और बांझपन जैसी समस्याओं के बारे में खुल कर बात करें और इसे लेकर कोई संकोच न हो। आईवीएफ के जरिए मातृत्व की यात्रा के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इसे बहुत ही साहस और संकल्प के साथ पार किया। ईशा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है।

मेडिकल टीम और तकनीक के प्रति आभार

मेडिकल टीम और तकनीक के प्रति आभार

ईशा ने अपनी मेडिकल टीम का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत और तकनीकी प्रगति की वजह से संभव हो पाया। उन्होंने डॉक्टरों और डॉक्टर्स की टीम को सलामी देते हुए कहा कि यह उनकी समर्पण और विशेषज्ञता की वजह से आज उनके पास दो स्वस्थ और प्यारे बच्चे हैं।

आईवीएफ के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण

ईशा का मानना है कि आईवीएफ जैसी तकनीक का समाज में खुले तौर पर स्वीकार होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपनी समस्याओं और संघर्षों के बारे में खुलकर चर्चा करनी चाहिए ताकि इसको लेकर कोई गलतफहमी या मानसिक बोझ न हो। उन्होंने कहा कि गर्भधारण करने में कठिनाई का सामना करना कोई शर्म की बात नहीं है, और यह एक सामान्य चिकित्सा स्थिति है जिसे मेडिकल सहायता के जरिए ठीक किया जा सकता है।

आईवीएफ और मातृत्व के प्रति ईशा का संदेश

आईवीएफ और मातृत्व के प्रति ईशा का संदेश

ईशा ने उन महिलाओं के लिए भी एक संदेश दिया जो मातृत्व की इस कठिन यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। उन्होंने माताओं और होने वाली माताओं को प्रेरित किया कि वे अपनी यात्रा का आनंद लें और चिकित्सा विज्ञान के साथ अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास करें।

सामाजिक और सांस्कृतिक पहल

ईशा अंबानी पिरामल न केवल अपने पारिवारिक व्यवसाय में सक्रिय हैं, बल्कि वे विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पहलों में भी भाग लेती हैं। उनकी इस व्यक्तिगत कहानी से अपेक्षा की जाती है कि यह कई महिलाओं और परिवारों को प्रेरित करेगी। उनके खुलासे ने समाज में एक नई जागरूकता फैलाने का काम किया है।

ईशा का यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा को उजागर करता है बल्कि यह भी बताता है कि उन्होंने सामाजिक बाधाओं को तोड़ते हुए अपने अनुभव से दूसरों को प्रेरित करने का निर्णय लिया है। यह उनके साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है जो आज के समय की महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम करता है।

12 टिप्पणि
  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH जून 30, 2024 AT 10:45
    ईशा का खुलासा बहुत बड़ा कदम है। आईवीएफ के बारे में बात करना अभी भी शर्म की बात समझी जाती है, लेकिन उन्होंने इसे सामान्य बना दिया।
  • Amal Kiran
    Amal Kiran जुलाई 1, 2024 AT 11:12
    अरे ये सब बकवास है। इतना धमाका क्यों? जब तक बच्चा नहीं आया तब तक चुप रहो।
  • abhinav anand
    abhinav anand जुलाई 2, 2024 AT 01:57
    मुझे लगता है ये बात बहुत जरूरी है। लोगों को पता चलना चाहिए कि ये कोई दोष नहीं है। बस एक मेडिकल ऑप्शन है।
  • Rinku Kumar
    Rinku Kumar जुलाई 3, 2024 AT 09:12
    अच्छा हुआ कि एक अंबानी ने ये बात कह दी, वरना कोई आम आदमी इतना खुलकर बोलता तो ट्रोल हो जाता। बहुत साहस की बात है।
  • Pramod Lodha
    Pramod Lodha जुलाई 4, 2024 AT 03:09
    ये कहानी दिल छू गई। जिन महिलाओं को ये समस्या है, उन्हें ये पता होना चाहिए कि वो अकेली नहीं हैं। आईवीएफ एक जीत है, न कि हार।
  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni जुलाई 5, 2024 AT 06:10
    इस नैदानिक विकल्प के अंतर्गत, मातृत्व की अवधारणा एक बायोलॉजिकल फंक्शन से बढ़कर एक सामाजिक-सांस्कृतिक एक्टिविटी बन गई है। ईशा का एक्टिविस्ट अप्रोच एक नए डिसकोर्स को लॉन्च कर रहा है।
  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran जुलाई 6, 2024 AT 18:49
    क्या ये सब सिर्फ ब्रांडिंग का एक हिस्सा है? जब तक आप अमीर हैं, तब तक आपको कोई नहीं रोकता। गरीबों के लिए तो ये एक सपना है।
  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra जुलाई 8, 2024 AT 07:04
    बस एक बार ये सुन लो - ईशा अंबानी ने जुड़वा बच्चों को टेस्ट ट्यूब से जन्म दिया... और फिर दुनिया ने उनकी तारीफ करना शुरू कर दिया! बस इतना ही नहीं, उन्होंने तो अपने बच्चों के नाम भी ब्रांड कर दिए - आदीया और कृष्णा! ये तो एक ब्रांडिंग जीत है, न कि मातृत्व की जीत।
  • Ashish Perchani
    Ashish Perchani जुलाई 10, 2024 AT 00:09
    ईशा अंबानी के इस खुलासे के बाद, भारतीय समाज के अंदर आईवीएफ के प्रति दृष्टिकोण में एक रूपांतरण आएगा। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जिसे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के संदर्भ में विश्लेषित किया जाना चाहिए।
  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh जुलाई 10, 2024 AT 17:45
    बहुत अच्छा किया 😊 आईवीएफ एक जीत है... जिन्हें ये बात नहीं पता, वो तो बस बाहर से देख रहे हैं।
  • Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani जुलाई 12, 2024 AT 06:06
    क्यों बात कर रहे हो इसके बारे में कोई नहीं पूछ रहा
  • Pooja Raghu
    Pooja Raghu जुलाई 12, 2024 AT 23:55
    ये सब गूगल के लिए है ना? ये आईवीएफ वाला ट्रीटमेंट तो बस एक टेस्ट चेक है जिसे बड़े लोग बना रहे हैं। असल में ये सब बेकार है।
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