क्रिकेट में समझें कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: खिलाड़ी सुरक्षा की नई पहल

क्रिकेट में समझें कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: खिलाड़ी सुरक्षा की नई पहल
  • फ़र॰, 1 2025

कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: क्रिकेट में सुरक्षा का नया आयाम

क्रिकेट के खेल में खिलाड़ियों की सुरक्षा का बेहद महत्व होता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम 'कंशन सब्स्टीट्यूट नियम' है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी 'आईसीसी' द्वारा पेश किया गया है। इस नियम के अन्तर्गत, यदि कोई खिलाड़ी खेल के दौरान कंशन अर्थात सिर पर गंभीर चोट का सामना करता है, तो उसे एक समान भूमिका निभाने वाले दूसरे खिलाड़ी से स्थानापन्न करके खेल जारी रखा जाता है। यह प्रक्रिया न केवल खिलाड़ी की सुरक्षा बल्कि खेल की निष्पक्षता को भी सुनिश्चित करती है।

'आईसीसी' ने कंशन सब्स्टीट्यूट नियम को 2019 में लागू किया ताकि खिलाड़ियों को सिर पर चोट लगने के बाद तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके और खेल में किसी प्रकार की अनियमितता न हो। स्थानापन्न और प्रतिस्थापन खिलाड़ियों को 'समरूप' होना आवश्यक है, जिसका अर्थ यह है कि उनका कौशल और भूमिका मैच के समान होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि टीम इस नियम का दुरुपयोग करके किसी श्रेष्ठ खिलाड़ी को शामिल न करे।

नियम का कार्यान्वयन और उसकी समीक्षाएं

इस नियम का पालन करने के लिए मैच रेफरी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। रेफरी का निर्णय इस बात पर निर्भर करता है कि क्या प्रतिस्थापन खिलाड़ी से मैच के दौरान अपेक्षित भूमिका निभाई जा सकती है और क्या यह स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में उपयुक्त है। उदाहरण के लिए, यदि मूल खिलाड़ी एक बल्लेबाज था, तो स्थानापन्न भी बल्लेबाज होना चाहिए न कि एक ऑलराउंडर जिसे गेंदबाजी का भी हुनर हो।

इस प्रक्रिया में रेफरी को ध्यान देना होता है कि टीम को इस नियम का दुरुपयोग करके किसी प्रकार का विशेष लाभ न मिले। उदाहरणस्वरूप, यदि एक बल्लेबाज को एक ऑलराउंडर से स्थानापन्न किया जाता है, तो रेफरी उस ऑलराउंडर को गेंदबाजी करने से रोक सकता है।मूल रूप से, इस बात की भी आवश्यकता होती है कि यदि स्थानापन्न खिलाड़ी को गेंदबाजी से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था, तो नया खिलाड़ी भी गेंदबाजी नहीं करेगा।

नियम की प्रयुक्ति और उचितताओं का समावेश

कंशन सब्स्टीट्यूट नियम के तहत सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में बारीकी से देखा गया है। उदाहरण के लिए, भारत ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में शिवम दुबे के स्थान पर हर्षित राणा को शामिल किया था। इस निर्णय की कुछ ने आलोचना की, परंतु मैच रेफरी का निर्णय समीचीन समझा गया।

समय-समय पर इसके कार्यान्वयन में विषयगत बदलाव भी किए जा रहे हैं। आईसीसी ने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) और कंशन प्रतिस्थापन के नियमों में बदलाव करके उन्हें और स्पष्ट और निष्पक्ष बनाने की कोशिश की है। यह नियम खासतौर पर स्थानापन्न खिलाड़ी के निष्पक्ष चयन पर बल देता है, जो ना केवल खेल संबंधी निष्पक्षता को बनाये रखने में सहायक होता है बल्कि भविष्य में खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करता है।

कंशन सब्स्टीट्यूट नियम खिलाड़ी सुरक्षा को प्राथमिकता देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नियम नेतृत्व के दृष्टिकोण को दर्शाता है जो खेल को निष्पक्ष और मनोरंजक बनाए रखने में सहायक सिद्ध हो रहा है। भविष्य में, इस नियम में और सुधार किया जा सकता है ताकि इसे और प्रभावी बनाया जा सके।

12 टिप्पणि
  • Rin In
    Rin In फ़रवरी 1, 2025 AT 22:27
    बस अब तो सिर पर गेंद लगी तो बस निकाल दो और नया खिलाड़ी डाल दो... ये नियम तो बहुत बढ़िया है!!! 😍🙌 खिलाड़ी की जान तो बच जाएगी!!
  • michel john
    michel john फ़रवरी 2, 2025 AT 04:31
    अरे ये सब अंग्रेजों की साजिश है!!! जब हमारे बल्लेबाज टक्कर खा रहे होते हैं तो वो डर जाते हैं... अब ये कंशन सब्सटीट्यूट नियम बनाकर हमारे टीम को कमजोर बनाने की कोशिश है!!! भारत के खिलाड़ी तो लोहे के होते हैं!!! ये नियम बदल दो!!! 🤬
  • shagunthala ravi
    shagunthala ravi फ़रवरी 3, 2025 AT 02:18
    इस नियम को देखकर लगता है कि खेल केवल जीत-हार का मुद्दा नहीं है... इसमें इंसानियत भी है। एक खिलाड़ी की जिंदगी को बचाने के लिए नियम बनाना, ये वाकई समझदारी का काम है। आईसीसी को बधाई। 🙏
  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta फ़रवरी 3, 2025 AT 18:44
    मैंने देखा कि भारत ने शिवम दुबे के बदले हर्षित राणा को डाला था... और वो बिल्कुल बल्लेबाज था, जैसा चाहिए था। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर एक ऑलराउंडर चोटिल हो जाए और उसकी जगह दूसरा ऑलराउंडर आ जाए, तो क्या उसकी गेंदबाजी की रणनीति बदल जाएगी? क्या रेफरी को उसके बॉलिंग स्टाइल को भी ट्रैक करना चाहिए? ये नियम तो बहुत अच्छा है, लेकिन इसके अंदर भी एक जटिलता है... एक ऐसी जटिलता जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar फ़रवरी 4, 2025 AT 00:06
    इस नियम को लागू करने का अर्थ है कि खेल को जीवित रखना है, न कि खिलाड़ियों को बलि देना। बहुत अच्छा निर्णय। बस एक बात... रेफरी को थोड़ा अधिक प्रशिक्षित करना चाहिए ताकि भ्रम न हो।
  • Jai Ram
    Jai Ram फ़रवरी 4, 2025 AT 21:49
    ये नियम तो बहुत बढ़िया है! मैंने भी एक बार बैटिंग के दौरान सिर पर बॉल लगा था... बस घूंट लग गया था, लेकिन बहुत डर लगा। अगर ये नियम पहले से होता तो मैं बिना डरे खेल पाता। अब तो बस बेहतरी हो रही है। 👍😊
  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia फ़रवरी 6, 2025 AT 06:29
    हाँ बेवकूफों के लिए नियम बना दिया... अब तो हर बच्चा जब बॉल लगे तो बोलेगा 'मैंने कंशन लगा लिया!' और निकल जाएगा! ये नियम तो खेल को नरम बना रहा है। भारतीय खिलाड़ी तो गेंद से डरते नहीं! ये नियम हटाओ!
  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar फ़रवरी 7, 2025 AT 05:15
    सुरक्षा के नाम पर खेल को नरम कर दिया गया है। अब तो जो खिलाड़ी बल्ला नहीं चला पाया, वो बोलता है 'मैंने कंशन लगा लिया'... ये नियम तो खिलाड़ियों को बेकार का बहाना दे रहा है। खेल तो जीतने का है, न कि बचने का।
  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH फ़रवरी 7, 2025 AT 18:45
    अच्छा नियम। खिलाड़ी सुरक्षा पहली बात।
  • Amal Kiran
    Amal Kiran फ़रवरी 9, 2025 AT 11:09
    इस नियम के बाद तो अब कोई भी खिलाड़ी अपनी बैटिंग गलती का बहाना बना सकता है। 'मुझे सिर दर्द हो रहा है'... बस चला जाएगा। बेकार का नियम।
  • abhinav anand
    abhinav anand फ़रवरी 11, 2025 AT 09:40
    मैं इस नियम को समझता हूँ... लेकिन अगर टीमें इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने लगें तो? जैसे कि एक अच्छा बल्लेबाज चोटिल हो जाए, और उसकी जगह एक बेहतर बल्लेबाज आ जाए... तो ये नियम असल में खेल की निष्पक्षता को ही खतरे में डाल देगा। इसका एक बेहतर तरीका होना चाहिए।
  • Rinku Kumar
    Rinku Kumar फ़रवरी 11, 2025 AT 21:23
    अरे भाई... ये नियम तो बहुत ही स्मार्ट है। जब तक खेल के लिए जीवन को बचाना नहीं चाहिए, तब तक ये नियम बहुत आगे बढ़ गया है। आईसीसी ने जो किया, वो नेतृत्व का उदाहरण है... बहुत बढ़िया! 🎩👏
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