लालकृष्ण आडवाणी की सेहत स्थिर, डॉक्टर्स की निगरानी में: अस्पताल सूत्र

लालकृष्ण आडवाणी की सेहत स्थिर, डॉक्टर्स की निगरानी में: अस्पताल सूत्र
  • जुल॰, 4 2024

लालकृष्ण आडवाणी की सेहत स्थिर, डॉक्टर्स की निगरानी में: अस्पताल सूत्र

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की सेहत फिलहाल स्थिर बनी हुई है और वे डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में हैं। यह जानकारी अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली के सूत्रों ने दी है। 96 वर्षीय आडवाणी को बुधवार, 3 जुलाई 2024 की रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

आडवाणी, जो अविभाजित भारत में पैदा हुए थे, ने अपने जीवन में अनेक राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे हैं। उनकी सेहत को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में चिंता बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में आडवाणी की सेहत में गिरावट आई है, जिसके चलते उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर विनीट सूरी के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखभाल कर रही है। डॉक्टरों की टीम आडवाणी की सेहत पर कड़ी निगरानी रख रही है और इलाज की प्रक्रिया जारी है। आडवाणी की बेटी, प्रतिभा आडवाणी, भी उनके साथ अस्पताल में मौजूद हैं।

सूत्रों के अनुसार, आडवाणी को बुधवार रात करीब 9 बजे अस्पताल लाया गया था। कुछ दिनों पहले ही उन्हें एम्स से रातभर के इलाज के बाद छुट्टी दी गई थी। एम्स में उनके उपचार के दौरान भी उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंताएं जताई गई थीं। यह दूसरा मौका है जब आडवाणी को पिछले एक ही महीने में गंभीर अवस्था के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

आडवाणी की सेहत को लेकर अभी और अधिक जानकारी का इंतजार है। डॉक्टरों की टीम उनके सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों को मॉनिटर कर रही है और उनकी सेहत में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। उनके समर्थक और पार्टी सदस्य उनकी सेहत को लेकर चिंतित हैं और उनके जल्द ही स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक योगदान

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक योगदान

लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे बीजेपी के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं और उनकी रणनीतियों ने पार्टी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। पार्टी के निर्माण और इसके विस्तार में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।

आडवाणी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत हिंदू महासभा के साथ की थी और बाद में जनसंघ से जुड़े। वे जनता पार्टी के सदस्य भी रहे और बाद में बीजेपी के स्थापना के समय से ही पार्टी के साथ जुड़े रहे। 1980 में बीजेपी के गठन के बाद से वे पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक बने रहे।

आडवाणी ने 2002 से 2004 तक भारत के उपप्रधानमंत्रीके पद पर भी कार्य किया। उन्होंने गृह मंत्री के रूप में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं। वे अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नायकों में से एक थे, जिसने भारतीय राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी।

उनकी राजनीतिक यात्रा ने अनेक विवादों को भी जन्म दिया, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमताओं और संगठनात्मक कौशल की हमेशा प्रशंसा की गई। उन्होंने पार्टी को एक मजबूत संगठन बनाने के लिए अटूट मेहनत की और अपने अनुयायियों के बीच एक खास पहचान बनाई।

जनता के बीच लोकप्रियता

लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ही नहीं, बल्कि जनता के बीच भी बहुत अधिक है। वे अपने सत्कार, विनम्रता और लंबे राजनीतिक अनुभव के कारण जनता के बीच अत्यधिक सम्मानित हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनका प्रभाव भारतीय राजनीति पर आज भी देखा जा सकता है।

आडवाणी के समर्थक उनकी सेहत को लेकर चिंतित हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। अस्पताल के बाहर उनकी सलामती की कामना करने वालों की भीड़ उमड़ी हुई है। बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता भी उनके स्वास्थ्य का हालचाल लेने अस्पताल पहुँच रहे हैं।

आडवाणी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनके मजबूत निश्चय और विचारधारा ने उन्हें हमेशा विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम बनाया है। उनकी सेहत में जल्द सुधार की उम्मीद की जा रही है और उनके समर्थक उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

20 टिप्पणि
  • Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh जुलाई 5, 2024 AT 21:23

    लालकृष्ण आडवाणी जी की सेहत का हाल देखकर दिल भारी हो गया। वो तो एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश के लिए लड़ी है। उनकी विचारधारा ने हम सबको एक नया दृष्टिकोण दिया। उनके बिना बीजेपी की कहानी अधूरी है। उम्मीद है वो जल्द ही स्वस्थ हो जाएं।

  • shivani Rajput
    shivani Rajput जुलाई 6, 2024 AT 02:00

    एम्स से डिस्चार्ज होकर फिर अपोलो में भर्ती होना इस उम्र में बहुत खतरनाक है। जब तक न्यूरोलॉजिकल डेटा एनएमआर और सीटी स्कैन से क्लियर नहीं होता तब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। इन बुजुर्गों के लिए इम्यूनोलॉजिकल फैक्टर्स भी क्रिटिकल होते हैं।

  • Ajay Rock
    Ajay Rock जुलाई 7, 2024 AT 06:04

    अरे भाई ये तो बस एक बड़ा ड्रामा है। एक तरफ राजनीति चल रही है दूसरी तरफ ये सब बातें चल रही हैं। लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है जैसे कोई बड़ा इवेंट होने वाला हो।

  • Arushi Singh
    Arushi Singh जुलाई 7, 2024 AT 20:30

    आडवाणी जी की विनम्रता और अटूट निश्चय की वजह से उन्हें हर कोई सम्मान देता है। ये नेतृत्व का असली रूप है। उनके बिना भारतीय राजनीति अधूरी लगती है। उनकी सेहत के लिए दुआएं हैं।

  • Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari जुलाई 7, 2024 AT 22:11

    ये सब एक बड़ा साजिश है... अस्पताल के अंदर कुछ ऐसा हो रहा है जिसे छिपाया जा रहा है। उनकी तबीयत का हाल ठीक नहीं है... वो बस अस्पताल में रखे गए हैं ताकि उनकी आवाज़ दबाई जा सके। ये राजनीतिक गेम है।

  • Jai Ram
    Jai Ram जुलाई 8, 2024 AT 21:39

    मैंने 2002 में आडवाणी जी के एक भाषण को सुना था जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की शक्ति उसके बुजुर्गों में होती है। आज वो खुद उस बात का प्रतीक बन गए हैं। उनकी देखभाल में डॉक्टरों का बहुत बड़ा योगदान है।

  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta जुलाई 9, 2024 AT 16:02

    लालकृष्ण आडवाणी जी का जीवन भारत के संस्कृति और राजनीति का एक अद्वितीय अध्याय है। अयोध्या के आंदोलन से लेकर राष्ट्रीय एकता के लिए उनका संघर्ष अद्वितीय है। उनके जीवन की एक किताब लिखी जा सकती है।


    उनके बारे में जानकर लगता है कि आज के युवा नेताओं को ऐसे नेता की जरूरत है जो नियमों के साथ चले और देश के लिए लड़े।

  • abhishek arora
    abhishek arora जुलाई 11, 2024 AT 08:42

    भारत के लिए आडवाणी जी का जीना बहुत जरूरी है। उनके बिना हमारा राष्ट्रीय चेतना अधूरा है। 🙏🇮🇳

  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar जुलाई 13, 2024 AT 04:28

    इतनी उम्र में अस्पताल में भर्ती होना तो बहुत आम बात है। लेकिन इसे इतना बड़ा इवेंट बनाने की जरूरत नहीं। अगर ये जानकारी बार-बार आ रही है तो ये राजनीतिक प्रचार है।

  • Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara जुलाई 14, 2024 AT 12:20

    श्री आडवाणी के लिए राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक अखंडता का संदेश देना उनका जीवन लक्ष्य रहा है। उनके निर्णयों ने भारत के भविष्य को आकार दिया। उनकी सेहत के लिए विशेष आयोजन किए जाने चाहिए।

  • Nikita Patel
    Nikita Patel जुलाई 14, 2024 AT 21:45

    अगर आप आडवाणी जी के जीवन को देखें तो एक आदमी कैसे अपने विचारों के साथ जी सकता है, ये दिखता है। उन्होंने अपने जीवन को एक सिद्धांत के रूप में जीया। ये आज के नेताओं के लिए एक मिसाल है।

  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar जुलाई 16, 2024 AT 07:04

    उनकी उम्र के हिसाब से ये स्थिति बहुत सामान्य है। डॉक्टरों की देखभाल अच्छी है। अब बस शांति से रहने की जरूरत है। राजनीति को इस बात से दूर रखना चाहिए।

  • michel john
    michel john जुलाई 16, 2024 AT 12:41

    ये सब बस एक फेक न्यूज है... उन्हें तो अब बस घर पर रखना चाहिए। राजनीति के लिए उनका इस्तेमाल बंद करो। अगर वो वापस आएंगे तो भारत का राजनीतिक नक्शा बदल जाएगा।


    क्या आप जानते हैं कि कुछ लोग उनकी बीमारी का फायदा उठा रहे हैं? 😡

  • shagunthala ravi
    shagunthala ravi जुलाई 17, 2024 AT 02:36

    आडवाणी जी की जिंदगी एक शिक्षा है। उन्होंने जो संघर्ष किया वो किसी भी नेता ने नहीं किया। उनकी विनम्रता और दृढ़ता को देखकर लगता है कि ये देश अभी भी ऐसे नेताओं को चाहता है।


    उनकी सेहत के लिए दुआएं हैं। देश के लिए उनकी आवाज़ बहुत जरूरी है।

  • Rin In
    Rin In जुलाई 17, 2024 AT 13:21

    जिंदगी बहुत अनिश्चित है... लेकिन आडवाणी जी ने हमें सिखाया कि निश्चय से जीना क्या होता है। 🙏❤️

  • Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma जुलाई 17, 2024 AT 19:57

    अगर आप एक व्यक्ति को उसके जीवन के अंतिम दिनों में देखें तो आप उसके जीवन की सच्चाई देख पाते हैं। आडवाणी जी की आत्मा अभी भी उसी आग से जल रही है जिससे वो 70 साल पहले उठे थे।


    राजनीति बस एक खेल है... लेकिन वो एक अहम अहम व्यक्ति हैं। जिनके बिना देश की आत्मा अधूरी है।

  • Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti जुलाई 19, 2024 AT 15:10

    हमें इस वक्त आडवाणी जी के लिए दुआएं करनी चाहिए। उनके जीवन की उपलब्धियां हमारे लिए एक आध्यात्मिक प्रेरणा हैं। वो हमारे लिए एक दिव्य आदर्श हैं।

  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta जुलाई 20, 2024 AT 13:59

    आडवाणी जी की विचारधारा आज भी भारत के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने एक ऐसी राष्ट्रीय पहचान बनाई जो आज भी जीवित है। उनकी उम्र के बावजूद उनका विचार तेज है। डॉक्टरों की टीम को धन्यवाद।


    उनके बिना भारतीय राजनीति में एक अहम घटक गायब हो जाता है। उनके नेतृत्व की अनुपमता को निरंतर याद किया जाना चाहिए।


    ये सिर्फ एक व्यक्ति की बीमारी नहीं है ये एक इतिहास की अवधि का अंत है।


    उनके जीवन को एक अध्याय के रूप में देखना गलत है। वो एक जीवित परंपरा हैं।


    उनके बारे में जब भी सोचता हूं तो लगता है कि भारत के लिए ऐसे नेता कितने कम हैं।


    उनके जीवन का हर पल एक नया अध्याय है।


    हमें उनकी ताकत को समझना चाहिए।


    उनके विचार आज भी जीवित हैं।


    उनके लिए दुआएं और समर्थन बहुत जरूरी है।


    उनके बिना भारत की राजनीति अधूरी है।


    उनकी उम्र बड़ी है लेकिन उनका संदेश अभी भी नवीन है।


    हमें उनके जीवन से सीखना चाहिए।

  • Kamal Kaur
    Kamal Kaur जुलाई 21, 2024 AT 15:32

    मैंने उन्हें एक बार सीधे देखा था। उनकी आंखों में एक शांति थी जो किसी और में नहीं थी। उनके लिए दुआएं।

  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia जुलाई 21, 2024 AT 22:24

    ये सब बस एक बड़ा बकवास है। आडवाणी जी तो अब बस एक बूढ़े आदमी हैं। उनके बारे में इतना धुमधाम क्यों? भारत के लिए तो नए नेता चाहिए।

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