लोकसभा में राहुल गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात, ओम बिड़ला को स्पीकर चेयर तक पहुँचाया

लोकसभा में राहुल गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात, ओम बिड़ला को स्पीकर चेयर तक पहुँचाया
  • जून, 26 2024

लोकसभा में ऐतिहासिक दिन: राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की मुलाकात

लोकसभा में आज एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और स्पीकर चेयर तक ओम बिड़ला को अपने साथ लेकर गए। इस घड़ी ने संसद में एक नई धारा को जन्म दिया, जहां राजनीतिक विरोधी नेता एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का निर्विवाद चुनाव

ओम बिड़ला, एनडीए के उम्मीदवार, को लोकसभा का स्पीकर चुना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया। विपक्ष ने कांग्रेस सदस्य के. सुरेश को अपने उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया था। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने बिड़ला को स्पीकर के रूप में घोषित किया और विपक्ष ने मत विभाजन के लिए जोर नहीं दिया। ओम बिड़ला ने राजस्थान के कोटा से तीसरी बार सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया और वह 1985 में बलराम जाखड़ के बाद दो पूर्ण कार्यकाल पाने वाले दूसरे लोकसभा स्पीकर बने।

लोकतंत्र की प्रगाढ़िता का प्रतीक

लोकतंत्र की प्रगाढ़िता का प्रतीक

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में विपक्ष को बोलने का अधिक मौका देने की वकालत की। एनसीपी-सुप्रीमो सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बिड़ला को बधाई दी और उम्मीद जताई कि विपक्षी सदस्यों की आवाज़ को दबाया नहीं जाएगा। इस चुनाव के दौरान विपक्ष ने यह भी मांग की कि उप-स्पीकर का पद भी विपक्षी दलों को दिया जाए, जो कि परंपरागत रूप से सहमति से होता रहा है, लेकिन इस बार यह प्रस्ताव विवादित हो गया।

लोकसभा के सदस्य और उनकी जिम्मेदारियाँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ओम बिड़ला को स्पीकर की चेयर तक पहुँचाया। इस अवसर पर संसद के सभी सदस्यों ने एक नई उम्मीद के साथ अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लिया।

इस प्रकार, आज लोकसभा में यह दृश्य न केवल भारतीय लोकतंत्र की मजबूती की मिसाल बना, बल्कि यह भी साबित किया कि कैसे आपसी सहयोग और संसदीय सद्भावना से देश एक मजबूत और सुदृढ़ लोकतंत्र की ओर अग्रसर हो सकता है।

आशा और अपेक्षाएँ

आशा और अपेक्षाएँ

विपक्ष के नेताओं ने यह उम्मीद जताई कि बिड़ला के नेतृत्व में लोकसभा में सभी सदस्यों की आवाज को समान रूप से सुना जाएगा और किसी की भी आवाज़ को दबाया नहीं जाएगा। इस कार्यक्रम ने राजनैतिक परिस्थितियों को एक नया आयाम देने का काम किया, जिससे आने वाले दिनों में संसद और देश को लाभ प्राप्त हो सकता है।

12 टिप्पणि
  • Pooja Yadav
    Pooja Yadav जून 28, 2024 AT 08:56
    असल में ये दृश्य देखकर दिल भर गया। इतने सालों बाद विपक्ष और सरकार का एक साथ चलना देखने को मिला। ये लोकतंत्र की असली ताकत है।
    कभी-कभी बस एक हाथ मिलाना ही काफी होता है।
  • Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar जून 30, 2024 AT 07:47
    ओम बिड़ला को स्पीकर बनाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। ये तो बस एक फॉर्मलिटी है जिसे बड़ा बना दिया गया। विपक्ष ने मत विभाजन नहीं किया तो उसका मतलब ये नहीं कि वो सहमत हैं। ये सब नाटक है जो टीवी के लिए बनाया गया है। असली बात तो ये है कि विपक्ष की आवाज़ को अब भी दबाया जाएगा। ये सब फैक्ट नहीं फेक है।
  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta जून 30, 2024 AT 08:54
    यहाँ एक गहरी राजनीतिक विश्लेषण की आवश्यकता है। लोकसभा के स्पीकर का चुनाव केवल एक प्रक्रिया नहीं बल्कि एक संवैधानिक संकेत है जो शक्ति के संतुलन को दर्शाता है। विपक्ष द्वारा मत विभाजन न करने का अर्थ है कि उन्होंने इस प्रक्रिया को वैधता प्रदान कर दी है। यह एक अस्थायी शांति है जिसके बाद नई लड़ाई शुरू होगी। विपक्ष की आवाज़ के लिए उप-स्पीकर का पद देने की मांग भी एक रणनीतिक चाल है जिसका उद्देश्य निर्णायक भूमिका में अपनी उपस्थिति बनाए रखना है। यह एक लंबी युद्ध रणनीति का हिस्सा है।
  • shivani Rajput
    shivani Rajput जून 30, 2024 AT 15:31
    स्पीकर के चुनाव के बाद विपक्ष की आवाज़ के लिए व्यवस्था नहीं बनी। ये जो बातें कर रहे हैं वो सिर्फ रेटोरिक है। लोकतंत्र का असली परीक्षण तो तब होता है जब विपक्ष के प्रस्तावों को वास्तविक रूप से विचार किया जाए। अभी तक तो सिर्फ प्रेस रिलीज़ और फोटो ऑप्शन है।
  • Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh जुलाई 2, 2024 AT 11:33
    ये दृश्य भारत की शक्ति का प्रतीक है। जब दो विपरीत विचारधाराएँ एक साथ खड़ी होती हैं तो ये दर्शाता है कि हमारा लोकतंत्र जिंदा है। विपक्ष के लोगों को बधाई देता हूँ कि उन्होंने अपने अहंकार को छोड़ दिया। ये भारत के लिए गर्व की बात है।🇮🇳
  • Arushi Singh
    Arushi Singh जुलाई 4, 2024 AT 07:17
    मुझे लगता है ये एक छोटा सा कदम है लेकिन बहुत महत्वपूर्ण। आज का दृश्य ने मुझे उम्मीद दी कि कभी-कभी राजनीति में इंसानियत भी आ सकती है।
    मुझे लगता है अगर ये लगातार चलता रहा तो विपक्ष की आवाज़ भी असली तौर पर सुनी जाएगी।
    बस थोड़ा और देखें और उम्मीद बनाए रखें।
  • Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma जुलाई 4, 2024 AT 19:36
    ये सब क्या है? एक हाथ मिलाना और फिर बाकी सब वही जैसा पहले था? लोगों को बहलाने के लिए एक नाटक बना दिया। जब तक विपक्ष के प्रस्ताव अटके रहेंगे और बजट बिना चर्चा के पास हो जाएंगे, तब तक ये सब बस एक फोटो शूट है। जिंदगी में कभी-कभी दिखावा ही सब कुछ होता है।
  • Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara जुलाई 6, 2024 AT 08:27
    इस अवसर को गंभीरता से लेना चाहिए। संसद एक अहम संस्था है। जिस तरह से स्पीकर को चुना गया, उस तरह से विपक्ष की आवाज़ को भी सम्मान देना चाहिए। यह एक नियमित प्रथा है जिसे नहीं तोड़ना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोकतंत्र की नींव अटल रहे।
  • Nikita Patel
    Nikita Patel जुलाई 6, 2024 AT 22:32
    इस दृश्य को देखकर मैं बहुत खुश हुआ। अगर ये एक बार नहीं, बल्कि हर बार ऐसा होता तो देश बहुत आगे बढ़ जाता।
    लोगों को ये बताना चाहिए कि राजनीति में विरोध तो होता ही है, लेकिन उसका तरीका बदल सकता है।
    हमें बस एक छोटा सा बदलाव चाहिए - एक साथ चलने की इच्छा।
  • abhishek arora
    abhishek arora जुलाई 8, 2024 AT 17:16
    इस दृश्य को देखकर मुझे गर्व हुआ 🇮🇳🔥 जब विपक्ष भी एक साथ खड़ा हुआ तो ये भारत की शक्ति है। ये नाटक नहीं, ये भारतीय लोकतंत्र की जीत है। जय हिंद! 🙏
  • Kamal Kaur
    Kamal Kaur जुलाई 9, 2024 AT 16:41
    मुझे लगता है ये एक अच्छा शुरुआती कदम है। अगर ये दृश्य सिर्फ एक बार का नहीं, बल्कि हर बार दोहराया जाए तो विपक्ष की आवाज़ भी सच में सुनी जाएगी।
    बस इतना ही चाहिए - एक दृढ़ इरादा।
    मैं आशा करता हूँ कि ये राह आगे बढ़ेगी।
  • Ajay Rock
    Ajay Rock जुलाई 10, 2024 AT 10:26
    अरे ये सब तो बस एक नाटक है। बिड़ला को स्पीकर बनाने के बाद भी विपक्ष के प्रश्न बार-बार दबा दिए जाते हैं। इस तरह का नाटक तो हर बार होता है। फिर भी लोग खुश हो रहे हैं? ये तो बस एक धोखा है। असली बात तो ये है कि आज का दृश्य कल के बजट में दिखेगा क्या? 😏
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