पेरिस 2024 ओलंपिक में नोवाक जोकोविच ने कार्लोस अल्काराज़ को हराया, स्वर्ण पदक जीता

पेरिस 2024 ओलंपिक में नोवाक जोकोविच ने कार्लोस अल्काराज़ को हराया, स्वर्ण पदक जीता
  • अग॰, 5 2024

नोवाक जोकोविच का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीत

नोवाक जोकोविच ने पेरिस 2024 ओलंपिक के पुरुष एकल टेनिस फाइनल में कार्लोस अल्काराज़ को सीधे सेटों में हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह मैच 4 अगस्त 2024 को हुआ, जिसमें जोकोविच ने अपनी अद्वितीय क्षमता और अनुभव का उपयोग करते हुए अल्काराज़ को पराजित किया। यह जीत जोकोविच के करियर के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण थी, क्योंकि उन्होंने अपने करियर में पहली बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता।

पहले सेट की कड़ी प्रतिस्पर्धा

पहला सेट अत्यंत प्रतियोगी रहा, जिसमें जोकोविच ने 2-1 से बढ़त बनाई। मैच की शुरुआत 17:50 बजे हुई, और दोनों खिलाड़ियों ने अपने-अपने सर्विस गेम को मजबूत बनाए रखा। तीसरे गेम में, जोकोविच ने शुरुआत में संघर्ष किया, लेकिन अंततः अपनी स्थिति को पुनः प्राप्त कर गेम जीता। अल्काराज़ ने भी कई गलतियाँ कीं, जिनमें से अधिकांश फोरहैंड शॉट्स थे जो कि लंबी जाती रहीं।

जोकोविच का पुनर्जागरण

जोकोविच का पुनर्जागरण

जोकोविच का यह प्रदर्शन पुनः प्रमाणित करता है कि वे टेनिस जगत में क्यों इतने महत्त्वपूर्ण और प्रभावशाली खिलाड़ी हैं। इस जीत ने उन्हें उनके करियर का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया और उन्हें 'कैरियर गोल्डन स्लैम' हासिल करने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों के समूह में शामिल कर दिया। इस समूह में स्टीफी ग्राफ, आंद्रे अगासी, राफेल नडाल और सेरेना विलियम्स जैसे महान खिलाड़ी शामिल हैं।

विंबलडन की पुनरावृत्ति

यह मैच विंबलडन की पुनरावृत्ति का प्रतीक था, जहाँ तीन सप्ताह पहले अल्काराज़ ने जोकोविच को हराया था। पेरिस की इस जीत से जोकोविच ने अपनी प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया और यह साबित किया कि वे अब भी टेनिस के शीर्ष खिलाड़ी हैं।

भविष्य के लिए उम्मीदें

भविष्य के लिए उम्मीदें

जोकोविच के इस शानदार प्रदर्शन के बाद, टेनिस हितधारकों की नजरें अब उनके आगामी प्रदर्शन पर टिकी हैं। कई प्रशंसक मानते हैं कि वे भविष्य के टूर्नामेंट्स में भी ऐसे ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।

महिला युगल फाइनल

इस ओलंपिक टेनिस फाइनल के बाद, महिला युगल फाइनल भी अत्यंत आकर्षण का केंद्र रहा। इसमें इटली की जैस्मीन पाओलिनी और सारा एरानी का मुक़ाबला एआईएन की मिर्रा आंद्रेवा और डायना श्नाइडर के साथ हुआ। खेल के महत्त्वपूर्ण क्षणों ने यह सुनिश्चित किया कि टेनिस के प्रशंसकों को एक अद्वितीय अनुभव मिले।

जोकोविच की उपलब्धियां

जोकोविच की उपलब्धियां

जोकोविच ने पहले भी 2008 के बीजिंग ओलंपिक में पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था। यह स्वर्ण पदक उनकी पहले से ही चमकती हुई करियर को और भी उज्ज्वल बनाता है। उनकी अद्वितीय खेल शैली और मानसिक मजबूती ने उन्हें एक ऐसे स्थान पर पहुँचाया है जहाँ वे टेनिस इतिहास के सर्वोत्तम खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं।

6 टिप्पणि
  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta अगस्त 6, 2024 AT 01:53

    इस जीत ने तो मुझे रोमांचित कर दिया। नोवाक की यह ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक अध्याय का अंत है जो 16 साल पहले बीजिंग में शुरू हुआ था। उनकी मानसिक टिकाऊपन, राफेल और फेडरर के खिलाफ जिस तरह से वो लड़ते हैं, वो तो कोई खेल नहीं, एक दर्शन है। उनकी गेंद बांधने की शैली, जब वो बैकहैंड पर लेटर लगाते हैं, तो लगता है जैसे वो टेनिस को गीत बना रहे हों। ये जीत उनके लिए सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि एक अनुशासन का प्रतीक है। अगर कोई युवा खिलाड़ी उनकी ट्रेनिंग रूटिन देखे, तो उसे पता चल जाएगा कि असली जीत कहाँ से शुरू होती है।

    मैंने इस मैच को तीन बार देखा। पहली बार तो बस रोमांच के लिए, दूसरी बार एनालिसिस के लिए, और तीसरी बार तो बस इसलिए कि मुझे लगा कि इस जीत को दोबारा देखना एक भक्ति का काम है। अल्काराज़ ने भी बहुत अच्छा खेला, लेकिन जोकोविच के अंदर एक ऐसा आत्मविश्वास है जो किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए असंभव है।

  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar अगस्त 7, 2024 AT 23:08

    मैं तो बस इतना कहना चाहता हूँ कि ये जीत भारत के लिए भी गर्व की बात है। हमारे देश में भी टेनिस के बहुत सारे प्रशंसक हैं, और जब कोई भारतीय नहीं, बल्कि एक वैश्विक खिलाड़ी इतना बड़ा उपलब्धि हासिल करता है, तो ये एक ऐसा आदर्श है जिसे हम सभी अपनाना चाहिए।

  • Jai Ram
    Jai Ram अगस्त 8, 2024 AT 17:49

    वाह यार! जोकोविच ने तो बस इतना किया कि टेनिस का इतिहास बदल दिया 😍
    कार्लोस ने विंबलडन में जीता था, लेकिन ओलंपिक में जोकोविच की अनुभव ने फैसला कर दिया।
    अगर तुम उनके बैकहैंड फॉरहैंड शॉट्स देखोगे, तो लगेगा जैसे कोई डांस कर रहा हो।
    ये जीत उनके लिए 'कैरियर गोल्डन स्लैम' का आखिरी टुकड़ा था - अब तो वो टेनिस के इतिहास में सबसे बड़े नामों में शामिल हो गए।
    मैं तो अब हर रविवार को उनके मैच देखूंगा - ये देखने का मजा ही कुछ और है।

  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia अगस्त 9, 2024 AT 16:33

    अरे भाई, ये सब जोकोविच की जीत की बात कर रहे हो, लेकिन भारत के टेनिस के बारे में कोई बात करता है? हमारे देश में एक भी टॉप 100 खिलाड़ी नहीं है, लेकिन ये लोग यूरोपीय खिलाड़ियों की जीत पर रोमांचित हो रहे हैं।
    अगर हमारे देश में इतना पैसा खर्च होता तो भारतीय खिलाड़ी भी इतना बड़ा नाम बना पाते।
    ये सब नोवाक की जीत का शोर तो बस एक विज्ञापन है - जिसमें हम सब बेवकूफ बन रहे हैं।
    मैंने भारतीय टेनिस फेडरेशन के बजट को देखा है - वो तो एक छोटे शहर के स्कूल के बजट से भी कम है।
    अब तो ये लोग अपनी बात बोलने के बजाय, विदेशी खिलाड़ियों के बारे में गाने लगे हैं।

  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar अगस्त 10, 2024 AT 14:38

    तुम सब जोकोविच की जीत पर बात कर रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि ये स्वर्ण पदक वास्तव में किसके लिए है? ये न सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत है, बल्कि एक पूरे सिस्टम की जीत है - जो एक व्यक्ति को उसकी आत्मा के बाहर बनाता है।
    जोकोविच ने अपने शरीर को एक मशीन बना दिया, और अब वो उस मशीन को चला रहा है।
    लेकिन क्या ये जीवन है? ये तो एक अभिनय है - जहाँ इंसान अपने आप को भूल जाता है।
    अल्काराज़ ने तो खेला, लेकिन जोकोविच ने तो अपने अस्तित्व को खेला।
    और हम सब इस नाटक को देख रहे हैं, और इसे गर्व की बात बता रहे हैं।
    क्या हम इतने अंधे हो गए हैं कि एक इंसान के अस्तित्व के नष्ट होने को जीत कह दें?

  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH अगस्त 12, 2024 AT 00:31
    जोकोविच की जीत असली लगी। बहुत अच्छा खेला।
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