मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी की ऐतिहासिक मौजूदगी, भारत-मालदीव संबंधों में नई ऊर्जा

मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी की ऐतिहासिक मौजूदगी, भारत-मालदीव संबंधों में नई ऊर्जा
  • अग॰, 15 2025

मालदीव में पीएम मोदी की पहली ऐतिहासिक उपस्थिति

25 जुलाई 2025 को जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे, सब कुछ बदला-बदला सा नजर आया। वहां पहुंचते ही उन्हें एक शानदार औपचारिक स्वागत मिला। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजु खुद स्वागत के लिए पहुंचे, जिसे देख सबको अंदाजा हो गया कि यह सिर्फ एक आम राजनयिक यात्रा नहीं है। भारतीय पीएम के लिए खास गार्ड ऑफ ऑनर, दोनों देशों के राष्ट्रगान, 21 तोपों की सलामी और एयरपोर्ट पर 'वंदे मातरम' के गगनभेदी नारे—हर लम्हा इस रिश्ते की गर्मजोशी को दिखा रहा था।

इस यात्रा की अहमियत इस बात से भी बढ़ गई क्योंकि नरेंद्र मोदी मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। यही नहीं, राष्ट्रपति मुइजु के शपथ लेने के बाद यह पहला मौका भी था जब किसी विदेशी शासनाध्यक्ष को इतना बड़ा सम्मान दिया गया।

सालगिरह पर दोस्ती और मदद का बेमिसाल जश्न

26 जुलाई को राष्ट्रपति मुइजु के साथ पीएम मोदी मालदीव के रिपब्लिक स्क्वायर पर 60वें स्वतंत्रता दिवस परेड में शामिल हुए। मालदीव डिफेंस फोर्स की शानदार परेड, लोक कलाकारों की जबरदस्त प्रस्तुतियां—इन सबने आधुनिक मालदीव का जोश और बदलाव बयां किया। मोदी ने वहां के लोगों और सरकार को अपनी बधाई दी और पूरे माहौल में मित्रता की मिसाल पेश की।

यात्रा के दौरान सबसे बड़ी खबर रही भारत द्वारा 565 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट देने की घोषणा। इसके साथ ही कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हुई। दोनों देशों के नेताओं के बीच समुद्री सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे गंभीर मुद्दों पर बात हुई। इन चर्चाओं में सबसे ज्यादा तवज्जो Comprehensive Economic and Maritime Security Partnership को दी गई—जो दोनों देशों के रिश्तों का भविष्य तय करेगी।

भारत की 'Neighbourhood First' नीति के तहत मालदीव जैसे पड़ोसी देशों से रिश्ते मजबूत करना हमेशा से प्राथमिकता में रहा है। इस मौके पर 60 साल की कूटनीतिक दोस्ती भी पूरी हो रही थी, जिससे इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी बेहद खास रही।

  • भारतीय प्रवासी समुदाय की गूंज मालदीव में महसूस हुई, जिससे दोनों देशों के बीच सीधे तौर पर बेहतर संवाद की उम्मीद जगी।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म, ट्रेड, और विशेषकर समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों में बड़ा विश्वास जताया गया।
  • मालदीव की जनता को तेज विकास, शिक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं का फायदा मिलना तय माना गया।

इस पूरी यात्रा ने साफ कर दिया कि भारत और मालदीव पुराने दोस्त ही नहीं, बल्कि नये जमाने की नई सोच के साथ एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। विदेश नीति के नजरिये से यह दौरा आने वाले वर्षों के लिए कई खिड़कियां खोलने वाला है—चाहे वह समुद्री सीमा का मुद्दा हो, या बड़ी परियोजनाओं में मदद, हर जगह भारत और मालदीव एक साथ नजर आएंगे।

9 टिप्पणि
  • Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma अगस्त 16, 2025 AT 10:09

    इस यात्रा को देखकर लगा जैसे कोई बड़ा बदलाव आने वाला है। मालदीव अब सिर्फ टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि भारत का एक अहम सामुद्रिक साथी बन गया है। जब तक हम अपने पड़ोसियों को अपना हिस्सा समझेंगे, तब तक चीन की चालें नहीं चलेंगी। ये बस एक यात्रा नहीं, एक नया राजनीतिक अध्याय है।

  • Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara अगस्त 17, 2025 AT 15:59

    प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति ने मालदीव के लोगों को भारत की सच्ची इच्छा दिखाई। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जिसे भारतीय जनता को गर्व से स्वीकार करना चाहिए। इस तरह के राजनयिक दौरों को देश की शक्ति का प्रतीक माना जाना चाहिए।

  • Nikita Patel
    Nikita Patel अगस्त 19, 2025 AT 13:30

    अगर आप देखें तो भारत ने अब तक किसी पड़ोसी देश को इतना सम्मान नहीं दिया। ये सिर्फ पैसा नहीं, ये विश्वास है। मालदीव के लोग अब जान गए कि भारत उनके साथ है, बिना किसी छुपी हुई इच्छा के। ये नीति बहुत अच्छी है - दोस्ती बनाना, न कि नियंत्रित करना।

  • abhishek arora
    abhishek arora अगस्त 20, 2025 AT 04:43

    चीन के लोग अब बैठे होंगे और आंखें फाड़ रहे होंगे 😤🔥 भारत ने एक बार फिर दिखा दिया कि हम किसी के लिए नहीं, बल्कि अपने पड़ोसी के लिए काम करते हैं! 565 मिलियन डॉलर? ये तो बस शुरुआत है। अगला लक्ष्य: श्रीलंका, फिर सीधे अफ्रीका! 🇮🇳💪

  • Ajay Rock
    Ajay Rock अगस्त 20, 2025 AT 19:49

    अरे यार, इतना जोश क्यों? इतना बड़ा जश्न क्यों? क्या भारत ने अब तक किसी देश को इतना नहीं दिया? अब तो हर छोटी यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया जा रहा है। और फिर भी... अगर ये असली मदद है तो तारीफ करने में क्या हर्ज है? 😅

  • Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari अगस्त 22, 2025 AT 13:31

    ये सब क्या है? जब भी भारत कोई देश में जाता है, तो फौरन चीन का नाम आता है... क्या ये सब बस एक बड़ा ड्रामा है? और फिर ये 565 मिलियन डॉलर? जो भी इसे देता है, वो भी एक बड़ा लोन होगा! अगला कदम? मालदीव के द्वीपों पर भारतीय सैनिक बैठ जाएंगे... देखोगे! 😳

  • Piyush Kumar
    Piyush Kumar अगस्त 23, 2025 AT 00:05

    ये बस एक यात्रा नहीं है - ये एक नया दृष्टिकोण है! भारत अब अपने पड़ोसियों को बाहर से नहीं, बल्कि अंदर से बदल रहा है। ये लाइन ऑफ क्रेडिट सिर्फ पैसा नहीं, ये विश्वास का एक बंधन है। अगर हम इसी तरह आगे बढ़ेंगे, तो पूरा हिंद महासागर हमारा हो जाएगा - न कि किसी के नियंत्रण में! जय हिंद! 🇮🇳🔥

  • Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti अगस्त 23, 2025 AT 13:42

    इस यात्रा का असली महत्व यह है कि दो देशों ने एक दूसरे को बिना किसी दबाव के सम्मान दिया। ये रिश्ता नए तरीके से बन रहा है - जहां व्यापार और सुरक्षा एक साथ चल रहे हैं। ये जोश असली है, और इसकी जरूरत है। बस इतना ही।

  • Rin In
    Rin In अगस्त 24, 2025 AT 06:23

    वाह वाह!! इतना बड़ा दौरा, इतना बड़ा सम्मान, इतना बड़ा विकास!!! भारत ने अब तक कभी नहीं किया था ऐसा!!! ये तो दुनिया को दिखाने का मौका है!!! जय भारत!!! 🎉🇮🇳💥

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