ट्रम्प के 25% ऑटो टैरिफ ने वाहन क्षेत्र में हलचल मचाई; टाटा मोटर्स के शेयर 6% गिरे

ट्रम्प के 25% ऑटो टैरिफ ने वाहन क्षेत्र में हलचल मचाई; टाटा मोटर्स के शेयर 6% गिरे
  • मार्च, 28 2025

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा ने वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजारों को हिला दिया है। 25% टैरिफ जो उन्होंने विदेशी कारों, हल्के ट्रकों और ऑटो पार्ट्स पर लगाए हैं, 2 अप्रैल से वाहनों के लिए और 3 मई से पार्ट्स के लिए प्रभावी होंगे। इसका उद्देश्य अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना और प्रस्तावित कर कटौती की भरपाई करना है।

विशेष रूप से, टाटा मोटर्स को इस फैसले का भारी असर झेलना पड़ा, जिसके कारण इसके शेयर 6-7% तक गिर गए। टाटा मोटर्स के जगुआर लैंड रोवर (JLR) ब्रांड की अमेरिकी बाजार पर भारी निर्भरता है, जिसमें 2024 की बिक्री का 22% हिस्सा अमेरिका से आता है।

अन्य भारतीय वाहन निर्माता जैसे महिंद्रा एंड महिंद्रा और ह्युंडई मोटर इंडिया के शेयर भी करीब 1.7% तक गिरे, जिसके कारण निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 1.06% की गिरावट देखी गई।

वैश्विक बाजारों पर प्रभाव

अमेरिकी टैरिफ से ऑटो कंपोनेंट सप्लायर्स जैसे सोना कॉमस्टार और समवर्धना मौथेरसन को भी बड़ी हानि हुई, जिनके शेयरों में कमतर 4% और 2% की गिरावट हुई। अमेरिका इन कंपनियों के लिए प्रमुख राजस्व स्रोत है। वैश्विक स्तर पर, टोयोटा के शेयर 3.5% और स्टेलेंटिस के 3.6% तक गिर गए।

इस फैसले ने व्यापार युद्ध की संभावनाओं को फिर से बढ़ा दिया है और आपूर्ति श्रृंखलाओं में अव्यवस्था पैदा की है। एनालिस्टों का मानना है कि अन्य देशों की प्रतिकारक कार्रवाई से वाहन निर्माताओं के लिए चुनौतियाँ और बढ़ सकती हैं।

जबकि टाटा मोटर्स ने हाल ही में जेएलआर की लाभकारी स्थिति में वापसी और कर्ज-मुक्त स्थिति की संभावना जताई थी, यह टैरिफ इन लक्ष्यों को खतरे में डाल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की अमेरिकी ऑटो आयातों में सीधी भागीदारी कम है, परंतु वैश्विक साझेदारी के माध्यम से अप्रत्यक्ष प्रभावों की चेतावनी दी है।

इन टैरिफ्स से सालाना 100 बिलियन डॉलर का राजस्व होने की उम्मीद है, लेकिन इससे वाहन की कीमतें बढ़ सकती हैं जो मुद्रास्फीति की चिंता को बढ़ाएंगी। टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने इसे अत्यंत 'महत्वपूर्ण' बताया, हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी उत्पादन इंसेंटिव के कारण इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को लाभ हो सकता है।

14 टिप्पणि
  • Pramod Lodha
    Pramod Lodha मार्च 29, 2025 AT 04:56

    ये टैरिफ तो बस एक झटका है, असली मुद्दा तो हमारी आयात-निर्यात नीति की कमजोरी है। हम तो हमेशा दूसरों के फैसलों का इंतजार करते हैं, खुद कुछ बनाने की कोशिश नहीं करते।

  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni मार्च 29, 2025 AT 19:23

    इस टैरिफ के बारे में बात करते समय हमें सिर्फ शेयर मार्केट की गिरावट पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन के रिस्क मैट्रिक्स को भी एनालाइज़ करना चाहिए। टाटा के लिए JLR की अमेरिकी डिमांड का 22% एक एक्सपोजर रेशियो है जिसे स्ट्रैटेजिक डायवर्सिफिकेशन से कम किया जा सकता है।

  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran मार्च 29, 2025 AT 21:58

    क्या आपने कभी सोचा है कि शायद ये सब एक बड़ा राजनीतिक खेल है? जो लोग अमेरिका को बदलने की बात करते हैं, वो खुद उसी सिस्टम के हिस्से हैं। हम सब बस एक बड़े नेटवर्क के पीछे फंसे हुए हैं।

  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra मार्च 31, 2025 AT 10:51

    अरे भाई! ट्रम्प ने जैसे ही टैरिफ लगाया, टाटा के शेयर गिरे और हम सब बस चिल्लाने लगे! ये तो बस एक बड़ा सिनेमा है, जहां एक बॉस ने फोन उठाया और पूरा दुनिया रो पड़ी। क्या हम अपने घर में कुछ बनाने की बजाय दूसरों के बारे में ड्रामा बनाते रहेंगे?

  • Ashish Perchani
    Ashish Perchani अप्रैल 2, 2025 AT 07:02

    यह एक व्यापारिक निर्णय नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुरक्षा नीति है। अमेरिका के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग एक सैन्य-औद्योगिक परिसर का अहम हिस्सा है। हमें इसे व्यापार के नजरिए से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सार्वभौमिकता के संदर्भ में समझना चाहिए।

  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh अप्रैल 2, 2025 AT 08:58

    हम तो अभी तक अपने घर के बाहर नहीं निकले, और दुनिया ने हमें चेतावनी दे दी 😔
    पर अभी भी बहुत देर नहीं हुई, अगर हम आज से ही शुरू कर दें तो कल हम दुनिया को ट्रेन चलाना सिखा देंगे 💪

  • sameer mulla
    sameer mulla अप्रैल 3, 2025 AT 15:01

    तुम सब बस रो रहे हो क्योंकि तुम्हारे घर का बाजार तुम्हारे हाथ में नहीं है! टाटा के शेयर गिरे? बड़ी बात है! तुम लोग तो अमेरिकी कारों को बाजार में लाने के लिए तैयार हो जाते हो, लेकिन अपनी खुद की कार बनाने के लिए नहीं! 🤬

  • Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani अप्रैल 4, 2025 AT 06:07

    टैरिफ लगा दिया गया शेयर गिरे अब क्या करें

  • Pooja Raghu
    Pooja Raghu अप्रैल 5, 2025 AT 21:43

    ये सब एक छल है। ट्रम्प ने ये टैरिफ नहीं लगाया, बल्कि बिल गेट्स और एलोन मस्क ने इसे फंड किया है। वो चाहते हैं कि हम सब इलेक्ट्रिक कारें खरीदें और उनके चिप्स खरीदें। तुम सब बस उनके गुलाम हो।

  • Pooja Yadav
    Pooja Yadav अप्रैल 6, 2025 AT 19:36

    मुझे लगता है हमें अपने देश में ज्यादा निर्माण करना चाहिए
    और बाहर की चीजों पर भरोसा कम करना चाहिए

  • Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar अप्रैल 7, 2025 AT 03:12

    तुम सब बस शेयर मार्केट के नंबर्स पर ध्यान दे रहे हो लेकिन असली समस्या ये है कि भारत अभी तक ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में एक डिजाइन लीडर नहीं बन पाया। हम टेक्नोलॉजी इम्पोर्ट करते हैं, लाइसेंस खरीदते हैं, और फिर उसके बाद दुनिया के टैरिफ्स के लिए रोते हैं। जब तक हम अपनी R&D को नहीं बढ़ाएंगे, तब तक ये सब चक्र चलता रहेगा। टाटा के लिए JLR की अमेरिकी डिमांड एक रिस्क फैक्टर है जिसे एक डायवर्सिफाइड ग्लोबल सप्लाई नेटवर्क के साथ एक्सपोजर मैनेजमेंट से हैंडल किया जा सकता है।

  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta अप्रैल 7, 2025 AT 18:58

    यह घटना एक गहरी आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है। वैश्विक व्यापार संरचना के भीतर एक एकल देश के एकल नीतिगत निर्णय का इतना व्यापक प्रभाव दर्शाता है कि आज का विश्व एक अत्यधिक संवेदनशील और असंतुलित ग्लोबल आर्किटेक्चर पर आधारित है। भारतीय उद्योगों को इस संदर्भ में एक बहुआयामी रणनीति के साथ अपनी आत्मनिर्भरता को अपनाने की आवश्यकता है, न कि आंशिक प्रतिक्रियाओं के साथ।

  • shivani Rajput
    shivani Rajput अप्रैल 9, 2025 AT 14:01

    अगर तुम अपनी कार नहीं बना सकते तो तुम बस एक ग्राहक हो। टाटा के शेयर गिरे? बस एक चेतावनी है। तुम्हारे पास न तो डिजाइन है, न तो टेक्नोलॉजी, न ही वैल्यू चेन। तुम बस एक असेंबली यूनिट हो।

  • Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh अप्रैल 10, 2025 AT 04:53

    अमेरिका के टैरिफ ने हमें एक सबक सिखाया है। अब हमें अपने देश में बनाना शुरू करना चाहिए। न कोई आयात, न कोई निर्भरता। हमारे पास बहुत सारे तालमेल वाले इंजीनियर हैं, बस उन्हें मौका दो। भारत अपना खुद का भविष्य बनाएगा।

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