हाथरस भगदड़: उत्तर प्रदेश सरकारी अधिकारी का पत्र त्रासदी का वर्णन करता है

हाथरस भगदड़: उत्तर प्रदेश सरकारी अधिकारी का पत्र त्रासदी का वर्णन करता है

हाथरस भगदड़ की विवेचना

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फूलारी गांव में आयोजित धार्मिक 'सत्संग' कार्यक्रम में हुई दिल दहला देने वाली भगदड़ का विवरण हाथरस के सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट सिकंद्रा राव के एक पत्र में सामने आया है। यह भगदड़ उस समय हुई जब सत्संग कार्यक्रम के आयोजक और स्वघोषित गुरु नारायण सकार हरि उर्फ 'भले बाबा' की उपस्थिति में दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई थी।

कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण

फूलारी गांव में यह सत्संग कार्यक्रम गुरुवार को आयोजित किया गया था, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु भले बाबा के दर्शनों और आशीर्वाद के लिए आए थे। कार्यक्रम के दौरान भले बाबा का हर व्यक्तित्व और वेग से सभी श्रद्धालु प्रभावित हुए और उनका एक झलक पाने के लिए तड़पने लगे।

कार्यक्रम के समापन के बाद जब भले बाबा अपने वाहन की ओर बढ़े और वहां से जाने की तैयारी करने लगे, तभी वे सभी श्रद्धालु, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, उनकी ओर दौड़ पड़े। आशीर्वाद की चाहत में इस भीड़ ने शीघ्रता प्राप्त की और अनियंत्रित हो गयी।

भगदड़ का आरंभ

भले बाबा की ओर रुख करने वाली भीड़ ने सुरक्षा कर्मियों और सेवकों को इतना मौके नहीं दिया कि वे उन्हें सुरक्षित पतले। इस समय सुरक्षा कर्मियों द्वारा धक्का-मुक्की की जाने लगी। इस उग्र भीड़ में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे जो हालात के भय से वहां से भागने लगे। भगदड़ के दौरान कई श्रद्धालु गिर गए और उन पर दूसरी भीड़ चढ़ती चली गई।

त्रासदी का मूल कारण

भले बाबा के प्रति श्रद्धा ही वह मूल कारण रहा जिसने इस कार्यक्रम को इस कदर भयानक स्थिति में बदल दिया। सुरक्षा कर्मियों और आयोजकों की लापरवाही ने इस भगदड़ को रोकने के लिए कोई माकूल व्यवस्था नहीं कर रखी थी। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के अभाव का परिणाम इस त्रासदी के रूप में देखने को मिला।

पीड़ितों की सहायता

घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन ने तत्परता दिखाई और घायलों को निकटतम अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया। প্রায় 121 लोगों की मृत्यु हो गई जिनमें से 89 को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया और 27 अन्य की मृत्यु की पुष्टि इटाह जिले में हुई। कुल 23 लोग घायल हुए, जिनमें से कइयों का इलाज बंगलापुर अस्पताल, हाथरस, पंडित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, अलीगढ़, और जेएनएमसी, अलीगढ़ में किया जा रहा है।

alerts and precautions

alerts and precautions

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को आगे आकर भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके साथ ही, जैसे कार्यक्रमों में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

भले बाबा के इस कार्यक्रम में घटित हुई यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना न केवल हमें सीख देती है कि किसी भी स्थिति में भीड़ पर नियंत्रण और सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि धार्मिक आयोजनों का संचालन और सुरक्षा प्रबंधन दोनों एक साथ होना चाहिए।

  • जुल॰, 3 2024
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