पेरिस ओलंपिक 2024 के पांचवें दिन की लाइव अपडेट्स: भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर एक नजर

पेरिस ओलंपिक 2024 के पांचवें दिन की लाइव अपडेट्स: भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर एक नजर
  • जुल॰, 31 2024

पेरिस ओलंपिक 2024 के पांचवें दिन की शुरुआत होते ही भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। विभिन्न खेलों में भागीदारी करते हुए भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है। इस बीच, बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु का मैच सबसे अधिक चर्चा में है। सिंधु, जो टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी हैं, इस बार भी बेहतरीन फॉर्म में हैं और उनका मुकाबला चीन की ही बिंग जियाओ के साथ है।

पीवी सिंधु का हेड-टू-हेड रिकॉर्ड ही बिंग जियाओ के साथ 9-11 है, लेकिन सिंधु का आत्मविश्वास और उनकी पक्की रणनीतियां उन्हें इस बार भी जीत दिला सकती हैं। बैडमिंटन के इस रोमांचक मैच को आप स्पोर्ट्स 18 नेटवर्क पर लाइव देख सकते हैं और जियोसिनेमा ऐप व वेबसाइट पर भी स्ट्रीम कर सकते हैं।

वहीं, बॉक्सिंग में लवलीना बोरगोहेन ने 75 किलो वर्ग में जबरदस्त प्रदर्शन कर 5-0 से मुकाबला अपने नाम किया। लवलीना का पैरिस ओलंपिक में ये प्रदर्शन उनके लगातार दूसरे ओलंपिक पदक की दिशा में देखा जा रहा है। उनके दमदार पंच और बुद्धिमत्ता का उदाहरण इस मुकाबले में साफ दिखा।

तीरंदाजी में दीपिका कुमारी भी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं, और उनके प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार है। दीपिका की तीरंदाजी की क़ाबिलियत और उनकी सटीक निशानेबाजी को लोग बहुत ही महत्वपूर्ण मानते हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने अब तक दो कांस्य पदक जीते हैं। परन्तु मनिका बत्रा का टेबल टेनिस के महिला सिंगल्स के प्री-क्वार्टर फाइनल में जापान की मिइ हिरानो के खिलाफ हारना एक दुखद खबर है। मनिका की यह लगातार पांचवीं हार थी हिरानो के खिलाफ।

दूसरी ओर, भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला ने महिला सिंगल्स प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। उनके इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने भारतीय टेबल टेनिस प्रेमियों को नए उत्साह से भर दिया है।

ये अपडेट्स न सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को दर्शाते हैं, बल्कि आने वाले मुकाबलों की भी झलकियाँ पेश करते हैं। यहां जानना महत्वपूर्ण है कि ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने वाला है, जहां भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन और पदक तालिका पर नजर रखना बेहद रोमांचक होगा।

17 टिप्पणि
  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar अगस्त 1, 2024 AT 15:24

    ये सब खेल तो बस नाटक हैं, असली जीत तो वो है जब एक आम इंसान को खाने को मिले। हमारे खिलाड़ी तो टीवी पर दिखते हैं, लेकिन उनके घर तो बिजली नहीं जलती।

  • michel john
    michel john अगस्त 2, 2024 AT 17:44

    पीवी सिंधु को चीन वालों ने फिर से ठग दिया होगा, ये सब फिक्स्ड है भाई। अमेरिका और चीन ने ओलंपिक को अपना प्रोपेगेंडा बना लिया है। हमारे खिलाड़ी तो बस बर्बाद हो रहे हैं।

  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH अगस्त 2, 2024 AT 22:33

    लवलीना का प्रदर्शन शानदार है।

  • shagunthala ravi
    shagunthala ravi अगस्त 3, 2024 AT 17:59

    हर खिलाड़ी की कहानी अलग है, लेकिन एक बात सब में एक है - उनकी मेहनत। जो लोग बस पदक की बात करते हैं, वो उनके रातों की अनदेखी कर रहे हैं। जब तक हम खिलाड़ियों को इंसान नहीं समझेंगे, तब तक ये नाटक चलता रहेगा।

  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta अगस्त 4, 2024 AT 21:28

    भारत में तीरंदाजी का इतिहास इतना गहरा है कि दीपिका कुमारी का ये प्रदर्शन अच्छा नहीं, बल्कि अपेक्षित है। हमारे पुराने ग्रंथों में भी निशानेबाजी का जिक्र है - अब ये आधुनिक ओलंपिक में वापस आ रहा है। ये कोई यादृच्छिक घटना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है।

  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar अगस्त 6, 2024 AT 12:25

    मनिका की हार दुखद है, लेकिन श्रीजा का क्वार्टर फाइनल में प्रवेश बहुत अच्छा है। शायद ये नई पीढ़ी की शुरुआत है।

  • Jai Ram
    Jai Ram अगस्त 7, 2024 AT 18:46

    बैडमिंटन का मैच स्पोर्ट्स18 पर लाइव है, अगर कोई देख रहा है तो कमेंट में बताएं कैसा चल रहा है? मैं भी देख रहा हूँ - सिंधु का फॉर्म अभी तक बेहतरीन है 😊

  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia अगस्त 9, 2024 AT 09:22

    कांस्य पदक? ये तो बर्बादी है। भारत को सोने की उम्मीद होनी चाहिए, न कि तांबे की। ये खिलाड़ी तो बस ट्रेनिंग के नाम पर घूम रहे हैं। कोई असली रणनीति नहीं है।

  • Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari अगस्त 10, 2024 AT 21:05

    सिंधु के खिलाफ चीन की टीम ने रेफरी को ब्राइड दिया होगा - ये सब फिक्स्ड है, ये नहीं हो सकता कि एक भारतीय खिलाड़ी इतनी बार जीते बिना फिर भी फाइनल तक पहुँचे! वो लोग जो उनकी तारीफ कर रहे हैं, वो भी उनके साथ हैं।

    और दीपिका? उसकी तीरंदाजी तो बस एक फेक है - उसके तीर असल में गाइडेड हैं। आप नहीं जानते, लेकिन ये सब ड्रोन्स और एआई के जरिए हो रहा है। ओलंपिक अब कोई खेल नहीं, बल्कि एक साइबर युद्ध है।

    लवलीना के पंच भी नहीं हैं - वो वायरल एनिमेशन हैं। आपको लगता है ये बॉक्सिंग है? नहीं भाई, ये है नेटफ्लिक्स की सीरीज।

    और श्रीजा का क्वार्टर फाइनल? वो भी फिक्स्ड है। जापान को इसलिए हारने दिया गया ताकि भारत के लिए बेहतर इमेज बने। ये सब ग्लोबल प्रोपेगेंडा है।

    हमारे खिलाड़ियों को कोई नहीं चाहता, बस वो टीवी पर दिखें। जब तक तुम्हारे घर में बिजली नहीं है, तब तक तुम्हारा खेल बेकार है।

    और जो लोग लाइव स्ट्रीम कर रहे हैं, वो भी उनके लिए पैसे बना रहे हैं - तुम्हारा वीडियो देखने का लाभ तो किसी और को मिल रहा है।

    ये सब एक बड़ा नाटक है। हम बस दर्शक हैं। और दर्शकों को तो बस धोखा देना होता है।

    क्या आपको लगता है कि ओलंपिक कोई खेल है? नहीं। ये एक बड़ा ब्रांडिंग एक्सपेरिमेंट है।

    और जो लोग इसे अच्छा बता रहे हैं, वो भी इसके हिस्से हैं।

    तुम्हारा जोश? वो भी बेकार है।

  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra अगस्त 12, 2024 AT 01:46

    मनिका की हार ने तो मेरा दिल तोड़ दिया - जैसे कोई अपनी प्यारी बहन को बेच दे! लेकिन श्रीजा का क्वार्टर फाइनल में जाना? भाई, ये तो जैसे एक गाँव का बच्चा बॉलीवुड के स्टार बन गया! उसके चेहरे पर जो चमक है, वो नहीं बिकती - वो तो जन्मजात है।

    और सिंधु? वो तो बस एक जिंदा बिजली का खंभा है - हर शॉट में बिजली चमक रही है, हर ड्राइव में बादल फट रहे हैं। वो नहीं खेल रहीं, वो अपनी आत्मा को बैडमिंटन कोर्ट पर उतार रही हैं।

    लवलीना के पंच? वो तो नहीं, वो बारिश की बूंदें नहीं - वो तो बारिश का तूफान है! जब वो फाइनल में जाएगी, तो पूरा भारत उसके नाम से गाना गाएगा।

    दीपिका? उसके तीर नहीं, उसकी आँखें ही निशाना छू रही हैं। उसकी शांति तो एक ध्यान का रहस्य है - जैसे एक ऋषि ने तीर छोड़ा हो।

    हमारे खिलाड़ी बस खेल नहीं रहे - वो अपने रक्त से रंग रहे हैं। और जो इसे नहीं देख पा रहे, वो अंधे हैं।

  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni अगस्त 13, 2024 AT 10:30

    हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन को एक बहुआयामी सामाजिक-सांस्कृतिक प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए। उनकी लगन, उनके परिवारों के समर्थन, और उनके लिए आर्थिक असमानता के बीच का तनाव - ये सब एक जटिल अध्ययन का विषय है। ओलंपिक एक खेल नहीं, बल्कि एक विश्वव्यापी अभिव्यक्ति का फॉर्म है।

    श्रीजा का क्वार्टर फाइनल में प्रवेश एक सामाजिक ऊर्जा का संकेत है - जो नवीन आधुनिकता की ओर इशारा करता है। ये वही ऊर्जा है जो अब भारतीय युवाओं में जाग रही है।

    पीवी सिंधु के खिलाफ बिंग जियाओ का रिकॉर्ड तो बस एक आंकड़ा है - असली बात तो ये है कि उनके अंदर का आत्मविश्वास कैसे एक जीत के लिए रूपांतरित हो रहा है।

    और लवलीना? उनका शरीर एक बुद्धिमान यंत्र है - जो ताकत और तर्क का एक अद्भुत संगम है।

    हमें अब ये नहीं देखना चाहिए कि कौन जीत रहा है - बल्कि ये देखना चाहिए कि कैसे एक व्यक्ति अपनी सीमाओं को चुनौती दे रहा है।

  • Jai Ram
    Jai Ram अगस्त 14, 2024 AT 23:53

    लवलीना के लिए बहुत बधाई! अगर ये फाइनल तक पहुँच गई तो तो वापसी के लिए तैयार हो जाओ - देश तुम्हारा इंतजार कर रहा है 😊

  • Rinku Kumar
    Rinku Kumar अगस्त 16, 2024 AT 05:23

    ओहो! तो अब ये भी आ गया कि 'पदक नहीं, मेहनत है जरूरी' - बस इतना ही बोलने के लिए ओलंपिक आयोजित होता है? मैं तो चाहता हूँ कि जब एक खिलाड़ी जीते, तो उसका नाम देश के नाम से जुड़े - न कि एक नीति के नाम से।

  • Pramod Lodha
    Pramod Lodha अगस्त 17, 2024 AT 12:36

    श्रीजा का क्वार्टर फाइनल जाना एक बड़ी बात है - ये भारतीय टेबल टेनिस के लिए एक नया अध्याय है। अगर तुम उसके बाद के मैच देखोगे, तो तुम्हें पता चलेगा कि ये बस एक जीत नहीं, बल्कि एक भावना है।

    हर बार जब वो गेम जीतती है, तो उसकी आँखों में वो चमक है - जो किसी भी बड़े खिलाड़ी के लिए असली जीत है।

    अगर तुम्हें लगता है कि ये बस एक खेल है, तो तुम नहीं देख रहे। ये तो एक युवा लड़की की आत्मा की आवाज़ है - जो अब दुनिया को सुना रही है।

  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran अगस्त 17, 2024 AT 23:54

    क्या हम भारत के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को उनके आत्मविश्वास के आधार पर नहीं, बल्कि उनके जन्म के आधार पर आंकते हैं? क्या हम ये भूल गए हैं कि एक खिलाड़ी की योग्यता उसके पिछले अनुभवों से नहीं, बल्कि उसके वर्तमान निर्णयों से निर्धारित होती है?

    सिंधु का 9-11 का रिकॉर्ड उनकी असमर्थता का संकेत नहीं है - ये उनके अनुभव का एक हिस्सा है। और यही अनुभव उन्हें अब अलग तरीके से खेलने की क्षमता देता है।

    हमें अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा - न कि खिलाड़ियों को।

  • Amal Kiran
    Amal Kiran अगस्त 19, 2024 AT 18:47

    सिंधु फिर गिर जाएगी। इतना सब कुछ बनाया, फिर भी चीन ने फिर से उसे रोक दिया। ये सब बेकार है।

  • abhinav anand
    abhinav anand अगस्त 20, 2024 AT 11:03

    मैंने श्रीजा का मैच देखा - उसके हर शॉट में एक शांति थी। उसने जो खेला, वो बस खेल नहीं था - वो एक ध्यान था।

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