साइक्लोन दितवाह ने तमिलनाडु और पुडुचेरी को चेतावनी दी: चेन्नई के 25 किमी तक पहुँचेगा, 47 फ्लाइट्स रद्द

साइक्लोन दितवाह ने तमिलनाडु और पुडुचेरी को चेतावनी दी: चेन्नई के 25 किमी तक पहुँचेगा, 47 फ्लाइट्स रद्द
  • दिस॰, 1 2025

जब तमिलनाडु के तटीय इलाकों में लोग सुबह की चाय पी रहे थे, तब आकाश में एक खतरनाक घूमता हुआ बादल उनकी जिंदगी को बदलने वाला था। साइक्लोन दितवाह ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में तेजी से तीव्रता बढ़ा ली है, और अब यह चेन्नई के सिर्फ 25 किमी दूर तक पहुँचने वाला है — बिल्कुल नहीं जमीन पर उतरने के बावजूद। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 29 नवंबर, 2025 को लाल चेतावनी जारी की है — यह तमिलनाडु के उत्तरी हिस्से, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के लिए है। और ये चेतावनी सिर्फ बारिश के लिए नहीं, बल्कि 90 किमी/घंटा तक की तूफानी हवाओं और समुद्र के अत्यधिक उथल-पुथल के लिए है।

क्यों ये साइक्लोन खतरनाक है, जब वह जमीन पर नहीं उतर रहा?

यही सवाल आज चेन्नई के हर घर में पूछा जा रहा है। जवाब सरल है: ये साइक्लोन जमीन पर नहीं उतर रहा, लेकिन उसकी नमी और हवाएँ तमिलनाडु के भीतर घुस रही हैं। IMD के अनुसार, यह तंत्र समुद्र पर रहेगा, लेकिन उसकी गति और दिशा के कारण यह एक बड़ी नमी की भीड़ को तट की ओर धकेल रहा है। इसलिए, चेन्नई को सिर्फ हल्की बारिश नहीं, बल्कि बरसात के तूफान और लगातार बिजली के झटके मिल रहे हैं। यही कारण है कि अगर आप घर से बाहर निकल गए, तो आपको न सिर्फ बारिश, बल्कि हवा का झोंका भी उड़ा सकता है।

किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?

जो जिले पहले से ही बाढ़ के लिए जाने जाते हैं, वे अब बड़े खतरे में हैं। कुड्डोरे, नागपट्टिनम, मयिलाडूतुराई, विलुप्पुरम, चेंगलपट्टु और पुडुचेरी-करैकल में बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। यहाँ तक कि चेन्नई के कुछ हिस्सों में भी बारिश तेज हो रही है। जिन जिलों में नदियाँ पहले से ही बाढ़ के कगार पर हैं, वहाँ अब अतिरिक्त बारिश के कारण नालों का पानी बाहर निकल रहा है। एक ग्रामीण निवासी ने बताया, "हमारे घर के पीछे का खाली जमीन का हिस्सा अब पानी का तालाब बन गया है। बच्चे नहीं खेल सकते, बुजुर्ग घर से निकल नहीं पा रहे।"

पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश की तैयारियाँ

पुडुचेरी की प्रशासनिक टीम ने अपनी रणनीति बदल दी है। सभी शराब की दुकानें 8 बजे शाम बंद कर दी गईं — यह एक असामान्य कदम है, लेकिन जब लोग डर में अपनी जिंदगी खतरे में डाल रहे हों, तो यह जरूरी है। आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) ने तिरुपति, चित्तूर, प्रकाशम, नेल्लोर, कडापा और अन्नमय्या जिलों के लिए 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यहाँ तक कि ट्रेनों की शेड्यूल भी बदल दी गई है।

चेन्नई हवाई अड्डे पर बंदी, नौकायन पर पूरा प्रतिबंध

चेन्नई हवाई अड्डे ने 1 दिसंबर को 47 उड़ानें रद्द कर दीं — 36 घरेलू और 11 अंतरराष्ट्रीय। यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि इस वक्त तमिलनाडु से दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद और बाली के लिए ट्रैवल बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा, IMD ने स्पष्ट रूप से कहा है: "श्रीलंका, तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में मछुआरों के लिए मत्स्य पालन सक्रियता का पूरा निलंबन 1 दिसंबर तक।" यह निर्णय जीवन बचाने के लिए लिया गया है। कल रात, तमिलनाडु के कुछ तटों पर लगभग 15 मछुआरे अपनी नावों के साथ बह गए — उनकी तलाश अभी जारी है।

श्रीलंका में तबाही, भारत में तीन मौतें

यहाँ तक कि ये साइक्लोन भारत के तट तक नहीं पहुँचा था, तब श्रीलंका में इसका बुरा असर हो चुका था। Times of India के अनुसार, श्रीलंका में इस साइक्लोन ने 150 से अधिक लोगों की जान ले ली है और लगभग 200 लोग गायब हैं। भारत में, कावेरी डेल्टा और रामेश्वरम के क्षेत्रों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है — एक घर की छत गिरने से, एक नदी में बह गया, और एक बिजली के झटके से। ये आंकड़े अभी बढ़ सकते हैं।

IMD की चेतावनी: घर में रहें, तटों से दूर रहें

IMD के निदेशक महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा की टीम ने तीन स्पष्ट निर्देश दिए हैं: घर में रहें, तटों, समुद्र तट और बाढ़ वाले क्षेत्रों से दूर रहें, और जिला प्राधिकरण के निर्देशों का तुरंत पालन करें। एक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया टीम ने कहा, "हमने अभी तक 87 आपातकालीन टीमों को तैनात किया है। हर जिले में एक डॉक्टर, एक बचाव टीम और एक अनुदान समूह है।" लेकिन लोगों का विश्वास अभी भी कम है। एक राज्य निदेशक ने बताया, "हम दो दिन पहले से घर-घर जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग अभी भी नावों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।"

क्या अगले दिन कुछ बदलेगा?

अगले 24 घंटे फैसले के होंगे। साइक्लोन दितवाह 30 नवंबर की रात तक चेन्नई के 60 किमी तक पहुँचेगा, फिर 1 दिसंबर की सुबह 50 किमी और शाम तक 25 किमी। यह अभी भी जमीन पर नहीं उतरेगा, लेकिन यह नमी की बारिश और तूफानी हवाओं के रूप में अपना नुकसान बरकरार रखेगा। IMD के मुताबिक, बारिश 3 दिसंबर तक जारी रहेगी। जिन जगहों पर पानी पहले से जमा हो चुका है, वहाँ अब जलस्तर और बढ़ सकता है। अगर आज रात तक कोई बड़ा बाढ़ नहीं आता, तो लोग थोड़ी राहत महसूस करेंगे। लेकिन अगर बारिश जारी रही, तो अगले दिन बहुत बड़ी आपदा की आशंका है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

साइक्लोन दितवाह जमीन पर क्यों नहीं उतर रहा, फिर भी इतना खतरनाक क्यों है?

साइक्लोन जमीन पर नहीं उतर रहा, लेकिन यह अपने चारों ओर बहुत बड़ी मात्रा में नमी और ऊर्जा बनाए हुए है। यह तट के बहुत करीब से गुजर रहा है — सिर्फ 25 किमी — जिससे हवाएँ और बारिश तटीय इलाकों में घुस रही हैं। इसकी गति धीमी है, जिससे यह लंबे समय तक नमी छोड़ रहा है। इसलिए, यह एक बड़ी बाढ़ का कारण बन सकता है, भले ही यह भूमि पर न उतरे।

चेन्नई हवाई अड्डे पर कितनी उड़ानें रद्द हुईं और क्यों?

1 दिसंबर को चेन्नई हवाई अड्डे पर 47 उड़ानें रद्द कर दी गईं — 36 घरेलू और 11 अंतरराष्ट्रीय। इसका कारण है तेज हवाएँ, भारी बारिश और दृश्यता का बहुत कम होना। विमान उतरने या उड़ान भरने के लिए सुरक्षित जमीनी शर्तें नहीं हैं। यह निर्णय यात्रियों की जान बचाने के लिए लिया गया है।

मछुआरों को नौकायन पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?

बंगाल की खाड़ी में लहरें 10 से 12 मीटर तक पहुँच रही हैं, और हवाएँ 70-90 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं। छोटी नावें इन लहरों के सामने बेबस हैं। श्रीलंका में इसी कारण 150 से अधिक मछुआरे मारे गए। तमिलनाडु में भी कई नावें डूब चुकी हैं। इसलिए, IMD ने सभी तटीय राज्यों में मत्स्य पालन पूरी तरह बंद कर दिया है।

क्या पुडुचेरी में शराब की दुकानें बंद करना जरूरी था?

हाँ। आपदा के दौरान लोगों में अस्थिरता बढ़ जाती है। शराब के नशे में लोग बाहर निकलते हैं, जिससे खतरा बढ़ जाता है। पुडुचेरी की सरकार ने इसे एक सामाजिक सुरक्षा उपाय के रूप में देखा। यह एक असामान्य कदम है, लेकिन जब जान लेने का खतरा हो, तो ऐसे निर्णय जरूरी होते हैं।

भविष्य में ऐसी बारिश की संभावना क्या है?

IMD के अनुसार, अगले दो हफ्तों में बंगाल की खाड़ी में और दो अन्य तूफान बनने की संभावना है। जलवायु परिवर्तन के कारण, ये तूफान अब अधिक तेज और अधिक अप्रत्याशित हो रहे हैं। तमिलनाडु के तटीय इलाके अब एक निरंतर खतरे के लिए तैयार होने जा रहे हैं। अगर बाढ़ नियंत्रण के लिए बेहतर नियोजन नहीं हुआ, तो अगले साल भी ऐसा ही हो सकता है।

क्या चेन्नई के लोगों को अब क्या करना चाहिए?

घर में रहें। बिजली के बक्से और गैस सिलेंडर बंद कर दें। आपातकालीन आइटम जैसे बैटरी, पानी, दवाएँ और जरूरी कागजात तैयार रखें। अगर आप नीचे के मंजिल पर रहते हैं, तो ऊपर जाने की योजना बनाएँ। अपने पड़ोसियों के साथ जुड़ें — अकेले रहना खतरनाक है। और सबसे जरूरी: अफवाहों पर भरोसा न करें, केवल IMD और राज्य सरकार के अधिकारियों के अपडेट सुनें।

5 टिप्पणि
  • Senthil Kumar
    Senthil Kumar दिसंबर 2, 2025 AT 08:41

    घर में रहो, पानी भर लो, बैटरी चार्ज कर लो। ये सब सिर्फ एक टिप है, लेकिन जान बचा सकता है।

  • Bhoopendra Dandotiya
    Bhoopendra Dandotiya दिसंबर 2, 2025 AT 09:21

    ये साइक्लोन जमीन पर नहीं उतर रहा, फिर भी इतना तबाही मचा रहा है... ये तो प्रकृति का नया खेल है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि 25 किमी की दूरी से इतना नुकसान हो सकता है। जब तक हम इसे 'बारिश' समझेंगे, तब तक लोग डूबते रहेंगे।


    मैंने चेन्नई के एक दोस्त से बात की - उसका घर तीसरी मंजिल पर है, लेकिन पानी पहले से ही लिफ्ट शाफ्ट में आ गया है। बिजली नहीं, इंटरनेट नहीं, लेकिन WhatsApp पर अफवाहें चल रही हैं कि राज्य सरकार ने सब कुछ छुपा दिया है।


    हम लोग तो बस इंतजार कर रहे हैं कि अगला ट्वीट क्या आएगा। पर असली जिंदगी तो नीचे के मंजिलों में जी रही है - बच्चे भूखे, बुजुर्ग बीमार, और डॉक्टर नहीं आ रहे।


    हमारी संस्कृति में बाढ़ को 'देवी का क्रोध' कहते थे। आज ये 'जलवायु परिवर्तन' कहलाता है। नाम बदल गया, पर दुख वही है।


    मैंने एक बार श्रीलंका में एक मछुआरे के घर में रुका था। उसकी बेटी का नाम 'मौसम' था। अब वो नाम भी गायब हो गया।

  • aneet dhoka
    aneet dhoka दिसंबर 4, 2025 AT 02:29

    ये सब एक बड़ा धोखा है। जो लोग इन साइक्लोन्स को बना रहे हैं, वो असल में आपके डेटा को ट्रैक कर रहे हैं। IMD का डेटा कहाँ से आता है? क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक टेक कॉर्पोरेट फेक आपदा है? ग्लोबल वार्मिंग एक लीक हुआ डॉक्यूमेंट है। वो चाहते हैं कि आप डर के आधार पर टैक्स दें।


    मैंने देखा है - जब भी बाढ़ आती है, तुरंत नए रास्ते बनने लगते हैं। और फिर किसी को नहीं पता कि वो पैसा कहाँ गया। ये सब एक ग्रेट फारेस्ट स्कीम है।

  • Uma ML
    Uma ML दिसंबर 5, 2025 AT 00:41

    अरे भाई, शराब की दुकानें बंद कर देना बहुत बड़ा बात है? तुम लोग अभी तक बारिश के बारे में बात कर रहे हो? क्या तुम्हें नहीं पता कि ये साइक्लोन सिर्फ एक टेस्ट है? अगर ये इतना खतरनाक है तो पहले से ही तट पर बांध नहीं बनाए गए? ये सब तो बस बजट खर्च करने का तरीका है।


    और अभी तक लोग घर में बैठे हैं? तो फिर तुम्हारे पास नया फोन कैसे आया? ये सब लोग अपने लैपटॉप पर घर बैठे ऑर्डर कर रहे हैं। असली आपदा तो उन लोगों की है जिनके पास फोन नहीं है।

  • Saileswar Mahakud
    Saileswar Mahakud दिसंबर 6, 2025 AT 03:11

    मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि जिन लोगों के घर डूब रहे हैं, उनके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ। मैंने अपने दोस्त को फोन किया - वो चेन्नई के तट पर रहता है। उसने कहा कि उसकी माँ ने अपने बच्चों के लिए रोटी और दाल का बैग बना दिया है। उसने कहा - 'अगर हम खुद नहीं संभालेंगे, तो कौन संभालेगा?'


    मैंने उसकी बात सुनकर आँखें भर आईं। हम लोग इतने जल्दी अपनी जिंदगी को बिल्कुल आम बात समझ लेते हैं। लेकिन ये जो हो रहा है, ये कोई आम बात नहीं है।


    मैं अभी अपने बेटे के साथ बैठा हूँ। उसने पूछा - 'पापा, अगर बारिश रुक गई तो क्या हम बाहर जा सकते हैं?' मैंने उसे गले लगा लिया। उसकी उम्मीद बहुत बड़ी है।

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