ABVP के हालिया कदम और क्या है असर?

अगर आप छात्र राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं तो ABVP (राष्ट्रीय छात्र संघ) की बातें सुनना अनिवार्य है। हर साल कैंपस में इनके कार्यक्रम, विरोध प्रदर्शन और सरकार के साथ बातचीत समाचार बना देते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि पिछले कुछ हफ़्तों में ABVP ने कौन‑से बड़े कदम उठाए, उनकी वजह क्या थी और इनका छात्र समुदाय पर क्या असर पड़ रहा है।

ABVP के प्रमुख आयोजन और स्टेटमेंट्स

पिछले महीने दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्रेट हॉल में ABVP ने एक जलवायु परिवर्तन विरोध रैली आयोजित की। रैली में छात्रों ने पर्यावरण‑सेवा के लिए सरकार से ठोस कदम माँगे, जैसे कि प्लास्टिक प्रतिबंध और हरियाली पहल। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि "छात्रों की आवाज़ें नीति‑निर्माताओं तक पहुँचना चाहिए"।

इसी दौरान गुजरात के कुछ कॉलेजों में ABVP ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विशेष सत्र चलाए। सत्र में स्थानीय पुलिस से मिलकर छात्रों को आत्मरक्षा के रियाज़ और सुरक्षा टिप्स सिखाए गए। यह पहल कई मीडिया हेडलाइनों में छापी और ABVP की प्रैग्मैटिक छवि को मजबूत किया।

सरकार के साथ रिश्ते – सहयोग या टकराव?

ABVP अक्सर केंद्रीय सरकार की नीतियों को समर्थन देता है, लेकिन जब छात्र अधिकारों की बात आती है तो टकराव भी हो जाता है। उदाहरण के तौर पर, हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित आर्थिक परीक्षाओं को रद्द करने की योजना पर ABVP ने तेज़ी से विरोध किया, कहा कि यह छात्रों की प्रतियोगिता को कमजोर करेगा। सरकार ने इस पर चर्चा करने के लिए एक हाई‑लेवल मीटिंग बुलाई, और अब दोनों पक्षों के बीच संवाद चल रहा है।

इस तरह की स्थितियों में ABVP का तर्क हमेशा स्पष्ट रहता है – "विचारों की आज़ादी और राष्ट्रीय सुरक्षा में संतुलन"। यह संतुलन न सिर्फ कैंपस में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनता है।

तो, अगर आप ABVP की गतिविधियों को समझना चाहते हैं, तो इनके सोशल मीडिया पेज, प्रेस विज्ञप्तियों और कैंपस में आयोजित सत्रों पर नज़र रखें। अक्सर यहाँ से नई पहल और अपडेट सामने आते हैं। याद रखें, छात्र आंदोलन में भाग लेना सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का तरीका भी है।

अंत में, ABVP की खबरें हर दिन बदलती रहती हैं। चाहे वह नई नीति का समर्थन हो या छात्र अधिकारों के लिए हड़ताल, आप इस टैग पेज पर सबसे ताज़ा जानकारी पा सकते हैं। पढ़ते रहिए, समझते रहिए, और अगर कोई बड़ा मुद्दा आए तो अपनी आवाज़ भी जोड़िए।

DUSU चुनाव 2025: ABVP के आर्यन मान की जोरदार जीत, तीन पदों पर कब्जा

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दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) 2025 में ABVP के आर्यन मान अध्यक्ष बने। NSUI को उपाध्यक्ष पद मिला, जबकि सचिव और संयुक्त सचिव ABVP के खाते में गए। 39.45% मतदान हुआ, 2.75 लाख से ज्यादा छात्र मतदाता थे। हाई कोर्ट ने विजय जुलूसों पर रोक लगाई और सुरक्षा सख्त रही। आर्यन ने सस्ती मेट्रो पास, फ्री Wi‑Fi और खेल सुविधाओं का वादा किया।

  • सित॰, 20 2025
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