आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के निकोलस पूरन ऑरेंज कैप की रेस में सबसे आगे हैं। उन्होंने 8 मैचों में 368 रन बनाकर विदेशी बल्लेबाजों का दबदबा कायम रखा है, जबकि भारतीय बल्लेबाजों को मुकाबले में पिछड़ना पड़ रहा है।
ऑरेंज कैप अलर्ट – समझें, तैयार रहें
जब मौसम विभाग ‘ऑरेंज’ रंग का अलर्ट जारी करता है तो इसका मतलब सिर्फ हल्की बारिश नहीं होता। यह संकेत देता है कि भारी बरसात, तेज़ हवाओं या धुंध से दृश्यता में बड़ी कमी आने वाली है। ऐसे समय में सड़कों पर गाड़ी चलाना, बाहर के काम करना या यात्रा प्लान करना जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप इस अलर्ट को सही समझें और तुरंत कदम उठाएँ तो चोट‑चोटे और नुकसान से बच सकते हैं।
ऑरेंज अलर्ट के मुख्य संकेत
आधिकारिक तौर पर ‘ऑरेंज’ तब जारी किया जाता है जब मौसम विभाग ने संभावित गंभीर परिस्थितियों की भविष्यवाणी की हो। इसमें शामिल होते हैं:
- बारिश का 30 mm/घंटा या उससे अधिक गिरना
- हवा की गति 50 km/h से ऊपर जाना
- धुंध के कारण दृश्यता 200 m से कम होना
- बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में जलस्तर तेजी से बढ़ना
इनमें से कोई एक या दो संकेत मिलते ही ऑरेंज अलर्ट लागू हो जाता है। इसलिए समाचार और मौसम एप्स पर नजर रखें, खासकर अगर आप दिल्ली, उत्तर प्रदेश या यूपी के 24 जिलों जैसे जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं।
ऑरेंज अलर्ट में क्या करें?
सबसे पहले, अपने घर का जल स्तर देखें। अगर पानी जल्दी बढ़ रहा हो तो फर्श को ऊँचा रखें और इलेक्ट्रॉनिक सामान को सूखे स्थान पर रखें। बाहर निकलना जरूरी नहीं है; यदि काम‑काज के लिए जाना पड़े, तो ट्रैफिक की स्थिति जाँचें और सुरक्षित रूट चुनें।
गाड़ी चलाते समय हाइड्रॉलिक ब्रेक, टायर प्रेशर और लाइट्स जांचें। तेज़ हवाओं में बड़ी गाड़ियों को किनारों से दूर रखें; छोटी कारें भी फिसल सकती हैं। यदि आप सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट ले रहे हैं तो आधिकारिक अपडेट देखें—कई बार बस या ट्रेन रद्द हो जाती हैं।
बच्चे और बुजुर्गों की देखभाल खास तौर पर जरूरी है। उन्हें घर के अंदर रखें, गर्म कपड़े पहनाएँ और पानी का पर्याप्त स्टॉक रखें। अगर बिजली कटती है तो टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक उपचार किट तैयार रखें।
ऑरेंज अलर्ट से जुड़ी खबरें अक्सर स्थानीय समाचार में आती हैं। उदाहरण के लिए, हाल ही में दिल्ली में भारी बाढ़ की चेतावनी जारी हुई थी; मौसम विभाग ने 19‑22 जून तक ‘ऑरेंज’ रंग का अलर्ट लगाया था। उसी दौरान उत्तर प्रदेश के कई जिलों—जैसे गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज—में भी तेज़ बरसात और धुंध की चेतावनी दी गई थी। इन रिपोर्टों में बताया गया कि कैसे सड़कें पानी से भर गईं और स्थानीय लोग सुरक्षित जगह पर शिफ्ट हुए।
आपके पास यदि मोबाइल या इंटरनेट नहीं है, तो रेडियो सुनना एक भरोसेमंद तरीका है। सरकारी FM चैनलों पर मौसम अपडेट हर घंटे दोहराए जाते हैं। साथ ही, अपने पड़ोसियों से संवाद रखें—कभी‑कभी स्थानीय ज्ञान आधिकारिक चेतावनी से भी तेज़ मदद करता है।
ऑरेंज अलर्ट को नजरअंदाज़ करने की आदत नहीं बनानी चाहिए। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि आपका सुरक्षा कवच है। सही जानकारी, तैयारियां और समय पर कार्रवाई करके आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। अगली बार जब ‘ऑरेंज’ सुनें, तो तुरंत ऊपर दिए गए टिप्स अपनाएँ—आपका कदम ही आपके बचाव का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।