World Environment Day 2025 पर राजस्थान ने प्लास्टिक और अन्य प्रदूषकों से निपटने के लिए नई पहल शुरू की है। इसमें क्षेत्रीय स्तर पर सफाई अभियान, नीति संवाद और पर्यावरण शिक्षा शामिल है। राज्य की ये कोशिशें UNEP के वैश्विक #BeatPlasticPollution अभियान से जुड़ी हैं, जो पर्यावरणीय खतरे कम करने पर केंद्रित हैं।
पर्यावरण जागरूकता – क्यों जरूरी है और कैसे शुरू करें
जब हम रोज़‑रोज़ अपनी ज़िन्दगी जीते हैं तो अक्सर पर्यावरण के बारे में सोचना पीछे छूट जाता है। लेकिन अगर आप थोड़ा‑सा ध्यान देंगे, तो बड़ी बदलाव की राह खुल जाएगी। इस पेज पर हम आपको आसान टिप्स देंगे और साथ ही भारत से जुड़ी ताज़ा खबरें भी बताएंगे, ताकि आप खुद को अपडेट रख सकें।
पर्यावरण जागरूकता क्यों जरूरी है?
हर साल हमारे देश में पेड़ कटते हैं, जल स्रोत दूषित होते हैं और हवा की गुणवत्ता घटती है। इसका सीधा असर हमारी सेहत, खेती‑बाड़ी और आर्थिक विकास पर पड़ता है। अगर हम आज नहीं बदलेंगे तो आने वाली पीढ़ी को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए छोटे‑छोटे कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण है – जैसे एक पेड़ लगाना या प्लास्टिक की बोतलें कम इस्तेमाल करना।
हर दिन की सरल हरित आदतें
1. पानी बचाएँ: नहाते समय पानी को बंद रखें, टपकते नलों की मरम्मत तुरंत कर लें। एक गैलन पानी बचाने से कई पेड़ उगाए जा सकते हैं।
2. प्लास्टिक कम उपयोग: खरीदारी में अपने बैग ले जाएँ और स्ट्रॉ के बजाय काँच या धातु का इस्तेमाल करें। हर महीने अगर 10 लोग यह अपनाएँ तो शहर की लैंडफ़िल भरने का समय काफी बढ़ेगा।
3. सफेद बिजली बचत: दिन में जब सूरज तेज़ हो, एसी को कम सेटिंग पर रखें और पंखा चलाएं। LED बल्ब इस्तेमाल करने से ऊर्जा खर्च 80% तक घटता है।
4. स्थानीय फल‑सब्जी चुनें: दूर की जगहों से आयातित सामान के बजाय स्थानीय बाजार से खरीदारी करें, इससे ट्रांसपोर्ट से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है।
5. वन संरक्षण में मदद: अपने नजदीकी पार्क या जंगल में सफाई कैंप में भाग लें, या सामाजिक मीडिया पर जागरूकता पोस्ट शेयर करके लोगों को शामिल करें।
इन छोटी‑छोटी आदतों से आप ना सिर्फ पर्यावरण बचा सकते हैं बल्कि अपनी लागत भी घटा सकते हैं। जब कई लोग मिलकर ये कदम उठाते हैं तो प्रभाव बहुत बड़ा होता है, जैसे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के 39 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी हुई थी – अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए अभी काम करेंगे तो ऐसी आपदाओं की तीव्रता कम हो सकती है।
अब समय आ गया है कि हर घर, स्कूल और कार्यालय में पर्यावरण जागरूकता को रोज़मर्रा का हिस्सा बनायें। इस पेज पर अपडेटेड समाचार पढ़ते रहें, टिप्स अपनाते रहें और अपने आस‑पास के लोगों को भी प्रेरित करें। साथ मिलकर हम एक साफ‑सुथरा, हरा‑भरा भारत बना सकते हैं।