प्रधानमंत्री मोदी ने 25-26 जुलाई 2025 को मालदीव की ऐतिहासिक यात्रा की और 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बने। यात्रा में 565 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद, नया इन्फ्रास्ट्रक्चर, समुंदर सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी पर बातें हुईं। यह दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत है।
स्वतंत्रता दिवस 2025 – क्या खास है?
हर साल 15 अगस्त को हम अपने देश की आज़ादी का जश्न मनाते हैं। इस दिन लोग झंडा फहराते, स्कूल‑कॉलेज में परेड होती और शहीदों को याद किया जाता है। लेकिन कई बार हमें नहीं पता कि इस त्यौहार के पीछे क्या कहानियां छुपी हैं। यहाँ हम सरल शब्दों में बता रहे हैं कि स्वतंत्रता दिवस क्यों इतना खास है और इसे घर‑परिवार में कैसे मनाया जा सकता है।
इतिहास की झलक
1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से आज़ादी हासिल की। 15 अगस्त को सुबह 00:00 बजे लाल किले पर पहली बार देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने अपना मशहूर "ट्रांसलेशन ऑफ फ्रीडम" भाषण दिया। वह दिन बहुत उत्साह और आशा से भरा था, क्योंकि लाखों लोग कई सालों की पीड़ा के बाद अब स्वतंत्र थे। इस बात को याद रखकर हम अपने पूर्वजों का सम्मान करते हैं और अपनी ज़िम्मेदारी समझते हैं कि देश को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।
आज के कार्यक्रम और कैसे मनाएँ
हर शहर में सरकारी झंडा फहराने की व्यवस्था होती है। यदि आप घर से बाहर नहीं निकलना चाहते तो टीवी या ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग पर झंडा फहराना देख सकते हैं। स्कूल‑कॉलेज में बच्चे राष्ट्रीय गीत गाते, देशभक्ति कविताएँ पढ़ते और छोटे‑छोटे नाटक प्रस्तुत करते हैं। परिवार के साथ मिलकर आप भी कुछ सरल काम कर सकते हैं: सुबह जल्दी उठें, भारतीय ध्वज को सम्मान से फहराएं, एक छोटी प्रार्थना करें और फिर घर में हल्का सा स्नैक रखें।
बच्चों को इतिहास की कहानियां सुनाना बहुत असरदार होता है। आप उन्हें 1857 के प्रथम विद्रोह या रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं के बारे में बता सकते हैं। इससे उनका आत्म‑विश्वास बढ़ता है और वे अपने देश से जुड़ाव महसूस करते हैं। छोटे बच्चों को रंगीन कागज़ पर झंडा बनाना भी एक मज़ेदार एक्टिविटी हो सकती है।
अगर आप कुछ नया करना चाहते हैं तो स्थानीय स्वयंसेवी समूह के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाएं या वृद्धाश्रम में भोजन वितरित करें। यह छोटे‑छोटे कदम हमारे देश को बेहतर बनाते हैं और स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ दिखाते हैं – एक-दूसरे की मदद करना।
आजकल सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए पोस्ट शेयर करते हैं, लेकिन याद रखें कि असली सम्मान कर्म में है। अपने आसपास के लोगों को मुस्कुराहट दें, किसी जरूरतमंद की छोटी सहायता करें और राष्ट्रीय भावना को शब्दों से नहीं, काम से दिखाएँ।
स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि यह हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखता है। इस दिन हर भारतीय को याद रखना चाहिए कि आज़ादी का मूल्य बहुत अधिक है और इसे बनाए रखने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है। तो अगली बार जब आप ध्वज देखेंगे, तो उस धागे में बसी कहानी को दिल से महसूस करें और अपने छोटे‑छोटे कदमों से देश को आगे बढ़ाने में योगदान दें।