बजट 2025: निर्मला सीतारमण के भाषण के दौरान ध्यान देने योग्य प्रमुख स्टॉक्स और सेक्टर

बजट 2025: निर्मला सीतारमण के भाषण के दौरान ध्यान देने योग्य प्रमुख स्टॉक्स और सेक्टर
  • फ़र॰, 1 2025

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वर्ष के 1 फरवरी को 2025 का यूनियन बजट पेश करने वाली हैं और सामान्य दर्शकों के साथ-साथ निवेशकों की उम्मीदें भी आसमान छू रही हैं। इस बजट का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को तेज करना, उपभोग को प्रोत्साहित करना और मध्यम वर्ग के लिए कर में राहत प्रदान करना है। बजट के दौरान कुछ खास सेक्टर जिनमें निवेशकों की आँखे टिकी रहेंगी, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छ ऊर्जा, मेडिकल टूरिज्म, और अफोर्डेबल हाउसिंग महत्वपूर्ण रहेंगे।

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बढ़ती उम्मीदें

इंफ्रास्ट्रक्चर विकास किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद साबित होता है। इस बार के बजट में, सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च करने की योजना है, जिससे देश के निर्माण सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। लार्सन एंड टूब्रो, आईआरबी इंफ्रा, दिलीप बिल्डकॉन, केएनआर कंस्ट्रक्शंस और पीएनसी इंफ्राटेक जैसी कंपनियों के स्टॉक में तेजी देखी जा सकती है।

स्वच्छ ऊर्जा पर सरकार का ध्यान

भारत सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ दीर्घकालिक आर्थिक लाभ के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। नए बजट में सोलर मॉड्यूल और कोशिकाओं पर आयात शुल्क में संभावित परिवर्तन हो सकता है, जिसका लाभ पॉली मेडिक्योर जैसी कंपनियों को मिल सकता है।

मेडिकल टूरिज्म का बढ़ता प्रभाव

भारत का मेडिकल टूरिज्म सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, और कम लागत वाली वित्तपोषण योजनाओं के माध्यम से टैक्स प्रोत्साहन की घोषणा होने पर यह सेक्टर और अधिक आकर्षण कर सकता है। अपोलो अस्पताल, मैक्स हेल्थकेयर, किम्स और ज्यूपिटर जैसे हॉस्पिटल श्रृंखलाएं इस बजट से लाभान्वित हो सकते हैं।

अफोर्डेबल हाउसिंग की दिशा में प्रयास

सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस योजना के तहत, आवास ऋण के ब्याज और मूलधन के लिए कटौती सीमा में संभावित वृद्धि और निर्माण सामग्री पर जीएसटी दर में कमी की उम्मीद की जा रही है। इससे आधार हाउसिंग फाइनेंस, आप्टस वैल्यू होम्स, आवास फाइनेंशियर्स के साथ ही गोडरेज प्रॉपर्टीज, डीएलएफ और मैक्रोटेक जैसी रियल एस्टेट कंपनियों को लाभ हो सकता है।

रेलवे में निवेश में वृद्धि

भारतीय रेलवे में विद्यमान कैपेक्स आवंटन में वृद्धि की संभावना है, जो इस सेक्टर को बल प्रदान करेगा। यहाँ रेल विकास निगम, ज्यूपिटर वैगन्स, टिटागढ़ और राइट्स जैसी कंपनियों के लिए उन्नति के रास्ते खुल सकते हैं। जो कंपनियाँ रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, सिगनलिंग और संचार क्षेत्र में कार्यरत हैं, वे भी भोजपुरी फायदे में रह सकती हैं।

ग्रामीण उपभोक्तावाद पर ध्यान

ग्रामीण उपभोक्तावाद पर ध्यान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा आय प्रोत्साहन और मुद्रास्फीति के प्रभाव को नियंत्रित करने के उपाय की उम्मीद की जा रही है। ऐसी स्थिति में, डाबर, इमामी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और ब्रिटानिया जैसी कंपनियाँ निवेशकों के रडार पर हो सकती हैं। मध्यम वर्ग को कर राहत से नेस्ले जैसी उपभोक्ता वस्तु कंपनियों को बल मिल सकता है।

हाउसिंग और स्मार्ट सिटीज़

हाउसिंग फॉर ऑल कार्यक्रम और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए उच्च आवंटन की उम्मीद की जा रही है। यह कदम देश भर में किफायती आवास और आधुनिक अवसंरचना के विकास को गति देगा। इस क्षेत्र में पेंट कंपनियाँ और पिडिलाइट जैसी कंपनियाँ संभावित लाभार्थी हो सकती हैं।

एमएसएमई और छोटे व्यवसायों को समर्थन

माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। सरकार उनके लिए गारंटी योजनाओं को जारी रखने की योजना बना रही है। ऐसे में एसबीआई, पीएनबी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, और एलएंडटी फाइनेंस जैसी कंपनियाँ फोकस में रह सकती हैं।

कृषि में निवेश बढ़ना

कृषि सेक्टर के लिए बढ़ते बजटीय आवंटन की घोषणा संभव है, जो इस क्षेत्र के विकास में सहायक होगी। इस सेगमेंट में श्रीराम फाइनेंस, एलएंडटी फाइनेंस, और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस जैसी कंपनियों में रुचि देखी जा सकती है।

पावर कैपेक्स की दिशा में घोषणाएँ

पावर सेक्टर के लिए कैपेक्स से जुड़े घोषणाओं की भी उम्मीद है। इससे आरईसी, पीएफसी, और आईआरईडीए जैसे खिलाड़ियों को काफी फायदा हो सकता है।

जीवन बीमा में अलग कर कटौती

जीवन बीमा में अलग कर कटौती

करधर्ती के लिए जीवन बीमा प्रीमियम पर आयकर कटौती अलग से 80सी के बाहर दी जा सकती है, जो एचडीएफसी लाइफ, एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ, और मैक्स फाइनेंशियल जैसी कंपनियों के लिए इसे अनुकूल बनाती है।

13 टिप्पणि
  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni फ़रवरी 2, 2025 AT 21:50

    बजट 2025 में इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वच्छ ऊर्जा पर फोकस अच्छा है, लेकिन अगर हम ग्रामीण एलेक्ट्रिफिकेशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को भी इग्नोर करते हैं, तो ये सब सिर्फ शहरी एलिट के लिए ही होगा। हमें डिसेंट्रलाइज्ड सोलर माइक्रोग्रिड्स पर भी खर्च करना चाहिए - ये लंबे समय में लागत प्रभावी और जनता के लिए अधिक शामिल करने वाला रास्ता है।

    कृषि सेक्टर के लिए फाइनेंसिंग के विकल्प अच्छे हैं, लेकिन क्या हम उन छोटे किसानों को भी इंक्लूड कर पाएंगे जिनके पास बैंक अकाउंट तक नहीं है? डिजिटल फिनटेक और एमएसएमई ग्रामीण एग्रीकल्चर के साथ कैसे जुड़ेगा, ये असली टेस्ट है।

  • Sini Balachandran
    Sini Balachandran फ़रवरी 4, 2025 AT 18:55

    सब कुछ बहुत सुंदर लगता है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब तक हमारे राजनीतिक नेता अपने घरों के लिए बिजली का बिल नहीं भरेंगे, तब तक ये सब सिर्फ एक फिल्म है? बजट तो वही होता है जो आपके पास नहीं होता - और हमारे लिए तो बस एक टीवी पर चलने वाला नाटक।

  • Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra फ़रवरी 5, 2025 AT 02:30

    भाईयों और बहनों, ये बजट सिर्फ बजट नहीं, ये तो एक बॉलीवुड स्पेक्टेकल है! निर्मला सीतारमण ने जो भाषण दिया, उसमें इतना ड्रामा था कि मैंने सोचा अब वो अपनी बैग से एक बड़ा बजट बुक निकालेंगी और उसे हवा में फेंक देंगी! 😂

    लेकिन सच बताऊँ? इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा तो दिया जा रहा है... लेकिन क्या वो सड़कें जो 2025 में बनेंगी, वो 2027 में भी चलेंगी? या फिर वो भी ‘प्रधानमंत्री के बजट की तस्वीर’ बन जाएंगी? 🤔

  • Ashish Perchani
    Ashish Perchani फ़रवरी 6, 2025 AT 15:02

    अगर ये बजट सच में अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए है, तो फिर क्यों नहीं बताया गया कि रियल एस्टेट कंपनियों के लिए ग्राउंड फ्लोर के लिए जीएसटी घटाया जाएगा? या फिर बस ट्रेडमार्क नाम लेकर एक टेक्स्ट बुक बनाया गया है? आप जो कह रहे हैं, वो तो बहुत अच्छा लगता है... लेकिन जब तक एक आम इंसान को एक घर नहीं मिलता, तब तक ये सब बस एक गाना है जिसकी आवाज़ तो बहुत अच्छी है, लेकिन बोल नहीं है।

  • Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh फ़रवरी 8, 2025 AT 00:58

    इंफ्रास्ट्रक्चर + स्वच्छ ऊर्जा + मेडिकल टूरिज्म... ये तो सब बहुत अच्छा है 😊

    मुझे लगता है अगर हम इन सबको धीरे-धीरे लागू करें, तो भारत अगले 10 साल में दुनिया का नंबर 1 डेवलपमेंट मॉडल बन जाएगा 💪🌱

    ज़रूरत है तो एक बार फिर बजट को ध्यान से पढ़ लें - हर एक शब्द में भविष्य छुपा है 🌟

  • sameer mulla
    sameer mulla फ़रवरी 9, 2025 AT 05:50

    ये सब बजट बस एक बड़ा धोखा है! तुम लोग बस इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग के नाम पर लोगों का पैसा लेते हो और फिर उसे अपने दोस्तों की कंपनियों में डाल देते हो! 😡

    आधार हाउसिंग फाइनेंस? गोडरेज? डीएलएफ? ये सब तो बस एक गैंग हैं जो गरीबों के घर बेच रहे हैं! और तुम यहाँ लिख रहे हो कि ये बजट गरीबों के लिए है? अरे भाई, अपने आप को बुद्धिमान नहीं समझो - हम सब जानते हैं तुम क्या कर रहे हो।

  • Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani फ़रवरी 10, 2025 AT 00:34

    बजट में बहुत सारे शब्द हैं लेकिन कुछ नहीं है। एमएसएमई को सपोर्ट करने की बात है लेकिन कैसे? नहीं बताया। स्वच्छ ऊर्जा के लिए कौन से टैक्स बदलेंगे? नहीं बताया। बस नाम लिए गए। बस।

  • Pooja Raghu
    Pooja Raghu फ़रवरी 11, 2025 AT 18:37

    क्या आप जानते हैं कि ये सब बजट एक बड़ा गुप्त अमेरिकी षड्यंत्र है? जब भी भारत में कोई बजट आता है, तो अमेरिका की कंपनियाँ तुरंत शेयर बाजार में ऊपर जाती हैं। ये सब एक फैक्टरी है जो भारत के पैसे को अमेरिका में भेज रही है। आप लोग बस बाहर की तरफ देख रहे हैं।

  • Pooja Yadav
    Pooja Yadav फ़रवरी 12, 2025 AT 16:45

    मेडिकल टूरिज्म के लिए टैक्स प्रोत्साहन बहुत अच्छा आइडिया है। लेकिन क्या हम उन डॉक्टर्स के लिए कुछ कर सकते हैं जो गाँव में काम करते हैं? अगर एपोलो को फायदा हो रहा है तो फिर वो गाँव वाले डॉक्टर जो 1000 रुपये में 50 मरीज देखते हैं, उनके लिए क्या है? 🤔

    हम बस बड़ी कंपनियों के बारे में बात कर रहे हैं। छोटे लोगों की जरूरतें भी तो हैं।

  • Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar फ़रवरी 13, 2025 AT 03:10

    ये बजट तो पूरी तरह से एक बेकार का फेक न्यूज़ ब्लॉग है। आपने किसी भी सेक्टर में कोई रियल डेटा या बजट अलोकेशन नहीं दिया। क्या आप जानते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट में केवल 1.2% बढ़ोतरी है? ये तो बस एक गैर-सार्थक लिस्टिंग है।

    पॉली मेडिक्योर के लिए आयात शुल्क में कटौती? लेकिन क्या आपने कभी देखा है कि इस तरह की घोषणाएँ कभी लागू होती हैं? नहीं। वो बस एक बुलेटिन हैं जिन्हें आप एक ट्विटर थ्रेड में फैलाते हैं।

    और अफोर्डेबल हाउसिंग? अगर आप वास्तव में चाहते हैं कि आम आदमी को घर मिले, तो जीएसटी को घटाएं न कि बस नाम लें। और ये बजट किसके लिए है? क्या ये शेयर बाजार के ट्रेडर्स के लिए है या वो लोग जो 2000 रुपये में खाना खाते हैं? आप जो लिख रहे हैं, वो सब बस एक लॉबी का ट्रांसक्रिप्ट है।

  • Anadi Gupta
    Anadi Gupta फ़रवरी 13, 2025 AT 09:05

    इस बजट के संदर्भ में वित्तीय स्थिरता और विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए नीतिगत दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक है। यदि आर्थिक वृद्धि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश किया जाता है, तो इसके अनुपात में राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखना अत्यंत आवश्यक है।

    मेडिकल टूरिज्म के लिए टैक्स प्रोत्साहन की घोषणा करना एक व्यावहारिक कदम है, लेकिन इसके अंतर्गत लाभार्थियों की पहचान के लिए एक स्पष्ट निर्देशिका की आवश्यकता है, नहीं तो यह एक निर्माणात्मक लाभ नहीं, बल्कि एक अनियंत्रित अनुदान बन जाएगा।

    स्मार्ट सिटीज़ और एमएसएमई के लिए निवेश के साथ जब आर्थिक समावेशन के लक्ष्य को नज़रअंदाज़ किया जाता है, तो यह एक गहरी व्यवस्थागत विफलता है। बजट का उद्देश्य विकास नहीं, बल्कि समावेशी विकास होना चाहिए।

    कृषि क्षेत्र के लिए फाइनेंसिंग आवंटन के बारे में कोई विस्तृत विवरण नहीं है, जिससे यह लगता है कि यह केवल एक रूपरेखा है, न कि एक कार्यान्वयन योजना।

    इस बजट का विश्लेषण करते समय, निर्मला सीतारमण के भाषण के शब्दों के साथ वास्तविक आंकड़ों का सामंजस्य बिठाना अत्यंत आवश्यक है। अन्यथा, यह एक राजनीतिक विज्ञापन है, न कि एक आर्थिक रणनीति।

  • shivani Rajput
    shivani Rajput फ़रवरी 15, 2025 AT 05:26

    बजट तो बस एक बड़ा धोखा है। जो लोग इंफ्रास्ट्रक्चर और सोलर पर बात कर रहे हैं, वो नहीं जानते कि इन सबके लिए जो पैसा दिया जा रहा है, उसका 70% बस एक नए राजनीतिक नेता के लिए एक नया रास्ता बना रहा है।

    लार्सन एंड टूब्रो? आईआरबी? ये सब तो बस एक गैंग है जो बजट के नाम पर लोगों के पैसे चुरा रही है। और जो लोग इसे अच्छा बता रहे हैं, वो या तो बेवकूफ हैं या फिर उनके पास शेयर हैं।

    कृषि के लिए फाइनेंसिंग? अगर ये सच होता तो गरीब किसानों के खातों में आज भी बैंक बैलेंस होता।

    और जीवन बीमा की कटौती? ये तो बस एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई के लिए एक रिबेट है। आम आदमी को क्या मिलेगा? एक नया बिल जिसे वो भर नहीं पाएगा।

    बजट का नाम लेना आसान है। लेकिन जब तक आप एक आम आदमी के लिए एक घर नहीं बनाते, तब तक ये सब बस एक नाटक है।

  • Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni फ़रवरी 16, 2025 AT 14:26

    मैं शेयर बाजार के बारे में बात नहीं कर रही, मैं वह बात कर रही हूँ जो बजट के बाद गाँवों में होगा। अगर एक छोटा किसान जिसके पास 2 एकड़ जमीन है, उसे एक बैंक लोन नहीं मिल रहा, तो फिर बजट का क्या फायदा? आपके लिए लार्सन एंड टूब्रो का शेयर बढ़ रहा है, लेकिन उस किसान के लिए बिजली आ रही है या नहीं? यही सवाल है।

    हम बस बड़ी कंपनियों के नाम ले रहे हैं। लेकिन अगर वो बड़ी कंपनियाँ भी अपने लोगों को नहीं बचा पा रहीं, तो फिर ये बजट किसके लिए है?

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