गुड़गाँव के आर्यन यादव को कर्नाटक में राहुल गांधी पैड वीडियो शेयर करने पर बुक किया

जब आर्यन यादव को कर्नाटक पुलिस ने एक सोशल‑मीडिया पोस्ट के कारण बुक कर दिया, तो पूरी राजनीतिक धारा का खींचतान शुरू हो गया। उस पोस्ट में एक वीडियो था जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी की छवि को एक सैनिटरी पैड के पैकेज पर दिखाया गया था। यह वीडियो “प्रियादर्शिनी उड़ान योजना” के विरोध में बना था, जो बिहार के महिलाओं के लिये मुफ्त पैड वितरित करने की कांग्रेस की नई पहल थी। घटना 14 जुलाई 2024 को सोशल प्लेटफ़ॉर्म X (पहले ट्विटर) पर वायरल हुई, और इस पर कई राजनीतिक पार्टियों ने तेज़ प्रतिक्रिया दी।
पृष्ठभूमि और योजना का परिचय
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने 6 जुलाई 2024 को एक प्रेस कांफ्रेंस में इस पहल की घोषणा की। योजना के तहत पाँच लाख (5,00,000) गरीब महिलाओं को सैनिटरी पैड बाँटे जाएंगे, साथ ही प्रत्येक परिवार को 2,500 रुपये प्रतिमाह का वित्तीय समर्थन दिया जाएगा। इस पहलकदम का नाम महिलाओं के स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए रखा गया था, और इसे महिला कांग्रेस संगठन ने प्रमुख रूप से संचालित करने का इरादा जताया।
वीडियो का मूल स्रोत और सोशल‑मीडिया पर प्रसार
बिहार के लोकप्रिय कॉमेडियन और इंफ़्लुएंसर रतन रंजन ने अपने चैनल पर वह वीडियो अपलोड किया, जिसमें वह महिला की पोशाक में सजा था और राहुल गांधी की तस्वीर को पैड बॉक्स में मर्ज किया गया दिखाया गया। रतन का दावा था कि यह योजना "महिलाओं के स्वास्थ्य को एक हँसी का पात्र बना रही है"। उनका वीडियो कई घंटों में ही X पर 80,000 से अधिक बार री‑शेयर हुआ। इसके बाद आर्यन यादव ने उसी वीडियो को अपने अकाउंट से री‑ट्वीट किया और टिप्पणी की – "जब बिहार की महिलाओं को मुफ्त उपहार मिल रहे हैं, तो हम जैसे लोगों को जेल में क्यों भेजा जा रहा है?"
क़ानूनी कदम और विभिन्न FIRs
कर्नाटक पुलिस ने 14 जुलाई को कर्नाटक पुलिस के एक FIR में आर्यन यादव के विरुद्ध धारा 67 (भड़काए जाने वाले) और 67A (सौंदर्य को बेइज्जत करने वाले) भारतीय दंड संहिता के तहत केस दर्ज किया। उसी दिन, तेलंगाना के युवा कांग्रेस अध्यक्ष जक्किडी शिवा चरण रेड्डी ने भी बेगम बाज़ार पुलिस स्टेशन में एक अलग FIR दायर किया, जिसमें रतन रंजन और कई अन्य को भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 67A के तहत आरोपित किया गया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रिंते ने तुरंत कहा, "राहुल गांधी की तस्वीर वाले पैड का वीडियो पूरी तरह से बनावटी है। कोई भी ऐसा पैड नहीं बनाया गया। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर महिलाओं के मुद्दे को घोटाले के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।" दूसरी ओर, बीजिंग के बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर पोस्ट किया, "बिहार की महिलाओं को यह अपमान सहना नहीं चाहिए। कांग्रेस‑आरजेड यह योजना लेकर महिलाओं को तुच्छ बना रही है।"

विश्लेषकों की राय और संभावित असर
राजनीति विश्लेषक डॉ. रवीश कुमार का मानना है कि यह विवाद बिहार के विधानसभा चुनावों (अक्टूबर‑नवंबर 2024) के समय-समय पर उभरा है और दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो सकता है। "महिला स्वास्थ्य मुद्दे को राजनीति के मैदान में लाना कोई नई बात नहीं, लेकिन इस तरह के भावुक मुद्दों पर रामबाण जवाब देना अक्सर सार्वजनिक राय को उलझा देता है," उन्होंने टिप्पणी की। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता इशा शर्मा ने कहा, "अगर कांग्रेस सच‑मुच महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है, तो उन्हें इस प्रकार की कैंपेन को अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक बनाना चाहिए, न कि इंटरनेट मीम्स की तरह इस्तेमाल करना चाहिए।"
आगामी कदम और संभावना
वर्तमान में कर्नाटक पुलिस की जांच जारी है, और आर्यन यादव ने नयाब सैनी (हरियाणा की मुख्यमंत्री) से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। यदि FIR के तहत उन्हें मामला साबित हो जाता है, तो संभावित जुर्माना और दो साल तक की सजा हो सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मुद्दे को "बदमाशियों" के खिलाफ लड़ाई के रूप में पेश किया है और भविष्य में योजना के प्रचार‑प्रसार को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर रोकने का इरादा बताया है। चुनाव‑पूर्व माह में इस तरह के विवादों का असर मतदाताओं के भावनात्मक जुड़ाव पर पड़ेगा, इसलिए सभी पार्टियों को सतर्क रहना पड़ेगा।
मुख्य तथ्य
- आर्यन यादव (गुड़गाँव) को कर्नाटक पुलिस ने 14 जुलाई 2024 को बुक किया।
- विवादित वीडियो में राहुल गांधी की तस्वीर को सैनिटरी पैड पर दिखाया गया।
- प्रियादर्शिनी उड़ान योजना के तहत 5 लाख बिहार की महिलाओं को मुफ्त पैड और ₹2,500/माह का समर्थन दिया जाना था।
- रतन रंजन, सोशल‑मीडिया इंफ़्लुएंसर, ने मूल वीडियो बनाया; उनपर भी FIR दर्ज है।
- कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इस मुद्दे को ‘विमर्श’ और ‘अपमान’ के रूप में लेबल किया।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आर्यन यादव को बुक करने का वास्तविक कारण क्या है?
कर्नाटक पुलिस ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 67 और 67A के तहत बुक किया, क्योंकि उन्होंने एक ऐसा वीडियो साझा किया जो महिलाओं के सम्मान को धूमिल करने और सार्वजनिक भावना को उत्तेजित करने वाला माना गया। FIR में यह भी कहा गया कि यह वीडियो "भड़काऊ सामग्री" के रूप में वर्गीकृत है।
प्रियादर्शिनी उड़ान योजना का वास्तविक उद्देश्य क्या था?
यह योजना बिहार के गरीब महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरूकता को बढ़ावा देना चाहती थी। साथ ही असहाय परिवारों को ₹2,500 प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने का भी वादा किया गया था, जिससे चुनाव‑पूर्व सामाजिक समर्थन मजबूत हो।
क्या इस वीडियो को लेकर कोई साक्षात्कार या आधिकारिक प्रमाण मौजूद है?
कॉन्ट्रोवर्सी वाले वीडियो की मूल फ़ाइल रतन रंजन द्वारा बनाई गई थी, लेकिन कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि कोई भी आधिकारिक पैड बॉक्स में राहुल गांधी की तस्वीर नहीं लगी है। इस बात की पुष्टि के लिये कोई सरकारी दस्तावेज़ या उत्पादन लाइन की फोटो सार्वजनिक रूप से नहीं मिली है।
बिहार के विधानसभा चुनाव पर इस विवाद का क्या असर पड़ सकता है?
विमर्श ने महिला मतदाताओं के बीच कांग्रेस की छवि को दोधारी तलवार बना दिया है। यदि विपक्षी दल इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाता है, तो यह कांग्रेस के चुनाव‑संकल्पनाओं को कमजोर कर सकता है। दूसरी ओर, यदि कांग्रेस इस विवाद को 'फर्जी' साबित कर पाती है, तो उनके समर्थन में पुनः भरोसा बन सकता है।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन‑सी कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं?
सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 67A के तहत सोशल‑मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को ऐसे भड़काऊ सामग्री को जल्दी हटाने की जिम्मेदारी है। साथ ही, राजनीतिक अभियानों में उपयोग होने वाले प्रचार‑सामग्रियों की सच्चाई की जाँच करने के लिए स्वतंत्र निरीक्षण बोर्ड स्थापित किया जा सकता है।