गुड़गाँव के आर्यन यादव को कर्नाटक में राहुल गांधी पैड वीडियो शेयर करने पर बुक किया

गुड़गाँव के आर्यन यादव को कर्नाटक में राहुल गांधी पैड वीडियो शेयर करने पर बुक किया
  • सित॰, 30 2025

जब आर्यन यादव को कर्नाटक पुलिस ने एक सोशल‑मीडिया पोस्ट के कारण बुक कर दिया, तो पूरी राजनीतिक धारा का खींचतान शुरू हो गया। उस पोस्ट में एक वीडियो था जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी की छवि को एक सैनिटरी पैड के पैकेज पर दिखाया गया था। यह वीडियो “प्रियादर्शिनी उड़ान योजना” के विरोध में बना था, जो बिहार के महिलाओं के लिये मुफ्त पैड वितरित करने की कांग्रेस की नई पहल थी। घटना 14 जुलाई 2024 को सोशल प्लेटफ़ॉर्म X (पहले ट्विटर) पर वायरल हुई, और इस पर कई राजनीतिक पार्टियों ने तेज़ प्रतिक्रिया दी।

पृष्ठभूमि और योजना का परिचय

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने 6 जुलाई 2024 को एक प्रेस कांफ्रेंस में इस पहल की घोषणा की। योजना के तहत पाँच लाख (5,00,000) गरीब महिलाओं को सैनिटरी पैड बाँटे जाएंगे, साथ ही प्रत्येक परिवार को 2,500 रुपये प्रतिमाह का वित्तीय समर्थन दिया जाएगा। इस पहलकदम का नाम महिलाओं के स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए रखा गया था, और इसे महिला कांग्रेस संगठन ने प्रमुख रूप से संचालित करने का इरादा जताया।

वीडियो का मूल स्रोत और सोशल‑मीडिया पर प्रसार

बिहार के लोकप्रिय कॉमेडियन और इंफ़्लुएंसर रतन रंजन ने अपने चैनल पर वह वीडियो अपलोड किया, जिसमें वह महिला की पोशाक में सजा था और राहुल गांधी की तस्वीर को पैड बॉक्स में मर्ज किया गया दिखाया गया। रतन का दावा था कि यह योजना "महिलाओं के स्वास्थ्य को एक हँसी का पात्र बना रही है"। उनका वीडियो कई घंटों में ही X पर 80,000 से अधिक बार री‑शेयर हुआ। इसके बाद आर्यन यादव ने उसी वीडियो को अपने अकाउंट से री‑ट्वीट किया और टिप्पणी की – "जब बिहार की महिलाओं को मुफ्त उपहार मिल रहे हैं, तो हम जैसे लोगों को जेल में क्यों भेजा जा रहा है?"

क़ानूनी कदम और विभिन्न FIRs

कर्नाटक पुलिस ने 14 जुलाई को कर्नाटक पुलिस के एक FIR में आर्यन यादव के विरुद्ध धारा 67 (भड़काए जाने वाले) और 67A (सौंदर्य को बेइज्जत करने वाले) भारतीय दंड संहिता के तहत केस दर्ज किया। उसी दिन, तेलंगाना के युवा कांग्रेस अध्यक्ष जक्किडी शिवा चरण रेड्डी ने भी बेगम बाज़ार पुलिस स्टेशन में एक अलग FIR दायर किया, जिसमें रतन रंजन और कई अन्य को भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 67A के तहत आरोपित किया गया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रिंते ने तुरंत कहा, "राहुल गांधी की तस्वीर वाले पैड का वीडियो पूरी तरह से बनावटी है। कोई भी ऐसा पैड नहीं बनाया गया। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर महिलाओं के मुद्दे को घोटाले के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।" दूसरी ओर, बीजिंग के बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर पोस्ट किया, "बिहार की महिलाओं को यह अपमान सहना नहीं चाहिए। कांग्रेस‑आरजेड यह योजना लेकर महिलाओं को तुच्छ बना रही है।"

विश्लेषकों की राय और संभावित असर

विश्लेषकों की राय और संभावित असर

राजनीति विश्लेषक डॉ. रवीश कुमार का मानना है कि यह विवाद बिहार के विधानसभा चुनावों (अक्टूबर‑नवंबर 2024) के समय-समय पर उभरा है और दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो सकता है। "महिला स्वास्थ्य मुद्दे को राजनीति के मैदान में लाना कोई नई बात नहीं, लेकिन इस तरह के भावुक मुद्दों पर रामबाण जवाब देना अक्सर सार्वजनिक राय को उलझा देता है," उन्होंने टिप्पणी की। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता इशा शर्मा ने कहा, "अगर कांग्रेस सच‑मुच महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है, तो उन्हें इस प्रकार की कैंपेन को अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक बनाना चाहिए, न कि इंटरनेट मीम्स की तरह इस्तेमाल करना चाहिए।"

आगामी कदम और संभावना

वर्तमान में कर्नाटक पुलिस की जांच जारी है, और आर्यन यादव ने नयाब सैनी (हरियाणा की मुख्यमंत्री) से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। यदि FIR के तहत उन्हें मामला साबित हो जाता है, तो संभावित जुर्माना और दो साल तक की सजा हो सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मुद्दे को "बदमाशियों" के खिलाफ लड़ाई के रूप में पेश किया है और भविष्य में योजना के प्रचार‑प्रसार को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर रोकने का इरादा बताया है। चुनाव‑पूर्व माह में इस तरह के विवादों का असर मतदाताओं के भावनात्मक जुड़ाव पर पड़ेगा, इसलिए सभी पार्टियों को सतर्क रहना पड़ेगा।

मुख्य तथ्य

  • आर्यन यादव (गुड़गाँव) को कर्नाटक पुलिस ने 14 जुलाई 2024 को बुक किया।
  • विवादित वीडियो में राहुल गांधी की तस्वीर को सैनिटरी पैड पर दिखाया गया।
  • प्रियादर्शिनी उड़ान योजना के तहत 5 लाख बिहार की महिलाओं को मुफ्त पैड और ₹2,500/माह का समर्थन दिया जाना था।
  • रतन रंजन, सोशल‑मीडिया इंफ़्लुएंसर, ने मूल वीडियो बनाया; उनपर भी FIR दर्ज है।
  • कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इस मुद्दे को ‘विमर्श’ और ‘अपमान’ के रूप में लेबल किया।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

आर्यन यादव को बुक करने का वास्तविक कारण क्या है?

कर्नाटक पुलिस ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 67 और 67A के तहत बुक किया, क्योंकि उन्होंने एक ऐसा वीडियो साझा किया जो महिलाओं के सम्मान को धूमिल करने और सार्वजनिक भावना को उत्तेजित करने वाला माना गया। FIR में यह भी कहा गया कि यह वीडियो "भड़काऊ सामग्री" के रूप में वर्गीकृत है।

प्रियादर्शिनी उड़ान योजना का वास्तविक उद्देश्य क्या था?

यह योजना बिहार के गरीब महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरूकता को बढ़ावा देना चाहती थी। साथ ही असहाय परिवारों को ₹2,500 प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने का भी वादा किया गया था, जिससे चुनाव‑पूर्व सामाजिक समर्थन मजबूत हो।

क्या इस वीडियो को लेकर कोई साक्षात्कार या आधिकारिक प्रमाण मौजूद है?

कॉन्ट्रोवर्सी वाले वीडियो की मूल फ़ाइल रतन रंजन द्वारा बनाई गई थी, लेकिन कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि कोई भी आधिकारिक पैड बॉक्स में राहुल गांधी की तस्वीर नहीं लगी है। इस बात की पुष्टि के लिये कोई सरकारी दस्तावेज़ या उत्पादन लाइन की फोटो सार्वजनिक रूप से नहीं मिली है।

बिहार के विधानसभा चुनाव पर इस विवाद का क्या असर पड़ सकता है?

विमर्श ने महिला मतदाताओं के बीच कांग्रेस की छवि को दोधारी तलवार बना दिया है। यदि विपक्षी दल इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाता है, तो यह कांग्रेस के चुनाव‑संकल्पनाओं को कमजोर कर सकता है। दूसरी ओर, यदि कांग्रेस इस विवाद को 'फर्जी' साबित कर पाती है, तो उनके समर्थन में पुनः भरोसा बन सकता है।

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन‑सी कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं?

सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 67A के तहत सोशल‑मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को ऐसे भड़काऊ सामग्री को जल्दी हटाने की जिम्मेदारी है। साथ ही, राजनीतिक अभियानों में उपयोग होने वाले प्रचार‑सामग्रियों की सच्चाई की जाँच करने के लिए स्वतंत्र निरीक्षण बोर्ड स्थापित किया जा सकता है।

15 टिप्पणि
  • Anurag Narayan Rai
    Anurag Narayan Rai सितंबर 30, 2025 AT 22:26

    यह मामला सिर्फ एक सोशल‑मीडिया पोस्ट से नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति में झांकते हुए कई सामाजिक मुद्दों के टकराव को दर्शाता है। पहले तो यह समझना जरूरी है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 67 और 67A किस प्रकार डिजिटल सामग्री को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है। फिर इस बात का विश्लेषण करना चाहिए कि ऐसे कानूनों का प्रयोग कभी‑कभी राजनीतिक दबाव बनाने के लिये भी किया जा सकता है। वीडियो में राहुल गांधी की तस्वीर को सैनिटरी पैड पर लगाना, अगर सच में बनाया गया हो, तो महिलाओं के स्वास्थ्य को सहजता से हँसी का पात्र बनाकर मौखिक शोषण का विभिन्न स्तर पर प्रयोग है। दूसरी ओर, यह भी देखा गया है कि कई बार विरोधी दल ऐसे कंटेंट को बढ़ावा देते हैं ताकि मीडिया का ध्यान अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से मोड़ दिया जा सके। इस केस में कर्नाटक पुलिस की कार्रवाई, कर्नाटक के स्थानीय राजनीति और केंद्र‑राज्य संबंधों के बीच एक जटिल जाल के रूप में उभरती है।
    किसी भी तरह, जब ऐसे संवेदनशील मुद्दे को मीम की तरह प्रस्तुत किया जाता है, तो विधि विशेषज्ञों को स्पष्ट करना चाहिए कि इंटरनेट पर गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिये किस प्रकार की तदर्थी उपाय किए जा सकते हैं।
    साथ ही, यह जरूरी है कि कांग्रेस की 'प्रियादर्शिनी उड़ान योजना' की वास्तविकता को जांचा जाए, क्योंकि अगर यह योजना सही मायने में गरीब महिलाओं को लाभ पहुंचाने की थी, तो इसे भी राजनीति के खेल से बाहर रखकर निष्पक्ष रूप से लागू किया जाना चाहिए।
    अंत में, इस प्रकार के विवादों का चुनावी माहौल पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है, पर ये स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर छोटे‑छोटे वीडियो भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़े विवादों का कारण बन सकते हैं।

  • Sandhya Mohan
    Sandhya Mohan अक्तूबर 6, 2025 AT 17:20

    समाज में स्वास्थ्य को खिलौना बनाने का यह चलन अत्यंत विचारणीय है; हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हर एक अभियान का मूल उद्देश्य लोगों की भलाई होना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ। यदि वास्तव में योजना महिलाओं को सशक्त बनाने की थी, तो इसे इस तरह के विडंबनात्मक कंटेंट से नहीं काटना चाहिए।

  • Prakash Dwivedi
    Prakash Dwivedi अक्तूबर 12, 2025 AT 12:13

    कानूनी पहलू से देखा जाए तो धारा 67A के तहत सामग्री को हटाने की ज़िम्मेदारी प्लेटफ़ॉर्म की भी होती है। इसलिए X को तुरंत इस पोस्ट को हटाने के निर्देश देना चाहिए था। यह कदम भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोक सकता है।

  • Rajbir Singh
    Rajbir Singh अक्तूबर 18, 2025 AT 07:06

    भले ही यह मजाकिया लगा हो, लेकिन महिलाओं की इज्जत को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं। बुकिंग की सख्ती सही दिशा में लगती है।

  • Trupti Jain
    Trupti Jain अक्तूबर 24, 2025 AT 02:00

    वाकई रंगीन टिप्पणी है! इस तरह के विवाद में हम अक्सर देखते हैं कि मीडिया की लहरों पर सवार हो कर राजनीतिक दल अपनी एजनडा आगे बढ़ाते हैं। सच्ची मदद चाहते हैं तो योजना को सही ढंग से लागू करना चाहिए, न कि मीम में बदल देना।

  • deepika balodi
    deepika balodi अक्तूबर 29, 2025 AT 19:53

    सच्ची मदद जरूरी है।

  • Priya Patil
    Priya Patil नवंबर 4, 2025 AT 14:46

    अगर योजना सही है, तो इसे शालीनता से पेश किया जाना चाहिए। राजनीति के तमाशे से जनता के हित को नहीं खोना चाहिए।

  • Rashi Jaiswal
    Rashi Jaiswal नवंबर 10, 2025 AT 09:40

    भाई, ये कौनसा नयी meme है? राजनेता को pad पर डालना तो बहुत ही funny लगा, पर थोडा थक गया अब। ऐसे पोस्ट से तो सभ्यता का स्तर घटता है।
    आगे से थोड़ा सोचना चाहिए कि क्या मजाक बनता है और क्या बर्दाश्त नहीं।

  • Maneesh Rajput Thakur
    Maneesh Rajput Thakur नवंबर 16, 2025 AT 04:33

    क्या सोचते हैं कि सभी यही देख रहे हैं? आखिर सोशल मीडिया में हर पोस्ट एक छिपे हुए एजेंडा को छुपा सकता है। यह वीडियो एक बड़े साजिश का हिस्सा हो सकता है जो चुनावों को प्रभावित करने के लिए तैयार की गई है। इसलिए हमें हर वीडियो को एक ज़्यादा गहरी दृष्टी से देखना चाहिए।

  • ONE AGRI
    ONE AGRI नवंबर 21, 2025 AT 23:26

    मुझे लगता है कि इस पूरे मामले में भावनाओं का प्रयोग काफी हद तक बेमानी है। यदि हम महिलाओं की वास्तविक समस्याओं पर चर्चा नहीं करेंगे, तो यह सब कुछ सिर्फ एक झूठा शो बना रहेगा। कई बार हम देखते हैं कि राजनीतिक पार्टियां सामाजिक मुद्दों को अपने लाभ के लिए उठाती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सच्ची मदद की जरूरत है। इसलिए यह जरूरी है कि हम इस तरह के मीम को सिर्फ हँसी का कारण न बनायें, बल्कि इसके पीछे की वास्तविक समस्या को समझें।
    योजना का उद्देश्य यदि सच में सहायता करना है, तो इसे बिना किसी राजनीतिक छाप के लागू किया जाना चाहिए। अंत में, इस विवाद से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल युग में सूचना का सही प्रयोग और दुरुपयोग दोनों ही बड़े पैमाने पर असर डाल सकते हैं।

  • Himanshu Sanduja
    Himanshu Sanduja नवंबर 27, 2025 AT 18:20

    बिलकुल, इस तरह के मुद्दों पर शांति से चर्चा करनी चाहिए। हर एक का मत महत्वपूर्ण है।

  • Kiran Singh
    Kiran Singh दिसंबर 3, 2025 AT 13:13

    😂 दोस्त, ये सारा drama सिर्फ टकटकी लगाने से नहीं होगा, असली बात तो यही है कि जनता को सही जानकारी चाहिए। तभी आगे बढ़ सकते हैं।

  • Balaji Srinivasan
    Balaji Srinivasan दिसंबर 9, 2025 AT 08:06

    समझदारी से देखा जाए तो इस वीडियो का प्रभाव सीमित है, लेकिन राजनीति में इसका उपयोग बड़े स्तर पर किया जा सकता है। इसलिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

  • Hariprasath P
    Hariprasath P दिसंबर 15, 2025 AT 03:00

    आजकल post फ्री हो गई है, लेकिन सोच बनाना चाहिए ki yeh kaam kiska hai. agar yeh koi general meme nahi balki koi political agenda hai, toh phir usko expose karna chahiye.

  • Vibhor Jain
    Vibhor Jain दिसंबर 20, 2025 AT 21:53

    लगता है कुछ लोग मुद्दे को हल्के में ले रहे हैं, जबकि असली असर वोटर बेस पर पड़ रहा है। आशा है कि सभी इस पर गहराई से विचार करेंगे।

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