हिज़बुल्लाह नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हालत अज्ञात, इज़राइली हवाई हमले के बाद संकट में
सैयद हसन नसरल्लाह: एक प्रभावशाली शख्सियत
सैयद हसन नसरल्लाह, लेबनान के हिज़बुल्लाह के नेता, मध्य पूर्व की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने शिया इस्लामिक आंदोलन का मार्गदर्शन किया और इज़राइल के साथ दशकों लंबी लड़ाई में एक मजबूत नेतृत्व किया है। उनका जन्म 1960 में हुआ और वे बेयरूत के पूर्वी बुरज हम्मूद इलाके में बड़े हुए। उन्होंने 1982 में इज़राइली आक्रमण के बाद हिज़बुल्लाह में शामिल हुए और 1992 में अपने पूर्ववर्ती अब्बास अल-मूसवी की हत्या के बाद नेता बने।
इज़राइली हमले का प्रभाव
हाल ही में इज़राइली रक्षा बल (IDF) ने एक रात की श्रृंखला में बेयरूत पर हमले किए, जिसका मुख्य लक्ष्य हिज़बुल्लाह का केंद्रीय मुख्यालय था और वहां नसरल्लाह को खत्म करना था। इसके बाद से नसरल्लाह की हालत अप्रकट है। हालांकि, हिज़बुल्लाह के मीडिया रिलेशंस अधिकारी हज्ज मुहम्मद अफीफ ने दावा किया कि नसरल्लाह सुरक्षित हैं और वे उस समय लक्षित स्थान पर नहीं थे। फिर भी, इज़राइली हमले ने हिज़बुल्लाह के भीतर एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
ईरान का प्रतिक्रिया
इस हमले के तुरंत बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनई ने आपातकालीन बैठक बुलाई। उन्होंने सुप्रीम नेशनल काउंसिल को इकट्ठा किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों का जवाब देने और विदेशी एवं राष्ट्रीय नीति को निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है। ऐसा पहली बार हुआ जब खामेनई ने इस परिषद को हनीयाह की हत्या के बाद फिर से बुलाई। यह ईरानी प्रतिक्रिया इस बात का संकेत देती है कि क्षेत्रीय संकट कितना गंभीर हो चुका है।
बढ़ता हुआ तनाव और संभावित संघर्ष
इज़राइली हमलों के बाद से, इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच तनाव और बढ़ गया है। इसके साथ ही, ईरान के समर्थन से हिज़बुल्लाह का नुकसान और बढ़ गया है। इस परिस्थिति ने एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। अमेरिका और अन्य देशों ने अपने नागरिकों से तत्काल लेबनान छोड़ने की सलाह दी है। वहीं, लेबनान के विदेश मंत्री कोशिश कर रहे हैं कि हिज़बुल्लाह इस हमले के जवाब में कोई बड़ा कदम न उठाए।
हिज़बुल्लाह का भविष्य
सैयद हसन नसरल्लाह की स्थिति पर अलग-अलग खबरें आ रही हैं। हिज़बुल्लाह ने जहां उनकी सुरक्षा की पुष्टि की है, वहीं स्वतंत्र स्रोत इस पर चुप हैं। हिज़बुल्लाह एक लंबे समय से क्षेत्रीय राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और नसरल्लाह के नेतृत्व में उन्होंने इज़राइल के खिलाफ अपनी ताकत में इजाफा किया है। हालांकि, इन ताज़ा घटनाओं ने उनकी नेतृत्व क्षमता और सुरक्षा को सवालों के घेरे में ला दिया है।
हिज़बुल्लाह ने लंबे समय से अपनी ताकत को बढ़ाया और उत्तरी इज़राइल को निशाना बनाने वाली लंबी दूरी की रॉकेट्स हासिल कीं। यह स्थिति उभरते हुए क्षेत्रीय संघर्ष के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इज़राइली हमलों का मौजूदा दौर हिज़बुल्लाह और उनके समर्थक देशों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
संभावनाएं और चुनौतियाँ
इस पूरे घटनाक्रम ने मध्य पूर्व में एक बड़ा भू-राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ती हुई तनातनी, और इसमें तीसरे पक्ष जैसे कि ईरान की भागीदारी ने स्थिति को और विकट बना दिया है। अगले कुछ दिनों में इस दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
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