जसप्रीत बुमार्ह का बेमिसाल यॉर्कर चेंनई टेस्ट में टास्किन अहमद को ध्वस्त करता

दूसरे दिन का खेल चेंनई में भारतीय पिच पर तेज गेंदबाज़ी के लिए तैयार दिखा। भारत ने पहले ही 376 रन जुटा कर अपना बड़ा स्कोर बना रखा था, जबकि बांग्लादेश का क्रमभंग 149 पर ही समाप्त हो रहा था। इस गंभीर मोड़ पर जसप्रीत बुमार्ह ने अपना परिचित निशाना लगाया और एक ऐसी यॉर्कर फेंकी जो क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गई।
बुमार्ह की बेमिसाल योजना
टास्किन अहमद और मेहिदी हसन मीराज़ ने नौवें सत्र में जुड़कर भारत की गेंदबाज़ी को उलझाने की कोशिश की। उनके बीच का 31‑रन का साझेदारी बांग्लादी टीम को एक respectable टोटल बनाने की झलक दे रहा था। बुमार्ह ने इस साझेदारी को तोड़ने के लिए पहले छोटे‑छोटे बाउंसर और तेज़ शॉर्ट पिच डिलीवरी का सहारा लिया। कई बार टास्किन को किक मारते हुए उसका रिफ्लेक्स बिगड़ गया।
43वें ओवर में बुमार्ह ने अपना उपकरण बदला। तेहली के चारों ओर से धावन के बाद, उसने एक दमदार यॉर्कर चलाया जो बॉल का बेस बांस के जड़ जैसा नीचे गिरा। टास्किन की स्टंप्स पूरी तरह हिल गईं, और बॉल का साउंड ऐसा था जैसे रफर लकड़ी पर बज रही थी। यह यॉर्कर सिर्फ गेंदबाज़ी नहीं, बल्कि रणनीति की पूर्णत: सफलता थी।

मैच पर प्रभाव और आगे की स्थिति
इस विकेट के साथ बुमार्ह ने अपनी चार‑विकेट की पर्चा जारी रखी और बांग्लादेश की मोर्चे को ध्वस्त किया। कुल मिलाकर भारत ने तेज गेंदबाज़ी से 17 विकेट गिराए, जिससे यह साफ़ हो गया कि चेंनई की तेज पिच भारतीय तेज़ी पर बहुत सहायक थी। भारत का 376‑रन का स्कोर और बाङ्लादेश के 149‑रन के अपूर्ण अधिकार ने पहले इनिंग में 227‑रन का बड़ा अंतर बना दिया।
दूसरे इनिंग में भारत ने प्रबळ शुरुआत की। शुबमन गिल ने 43 रन बनाए, जबकि रिषभ पंत ने 22 पर तेजी से बढ़त बनाई। भारत 81‑3 पर 308‑रन की अतिरिक्त लीड लेकर खेल का रुख पूरी तरह अपने पक्ष में कर लेता है। बुमार्ह की तेज़ी, बंगलादेश के बोसे हुए जीरो और पिच की मदद से भारत ने टेस्ट में एक स्पष्ट अद्याधिकार स्थापित कर लिया।
- बुमार्ह के चार विकेट: टास्किन अहमद (यॉर्कर), बंगलादेश के बाकी टॉप ऑर्डर के खिलाफ दबाव।
- पिच की विशेषता: तेज, छोटे बाउंस, शुरुआती तेज़ लाइटिंग पर ज़्यादा मदद।
- भारत की कुल लीड: पहले इनिंग में 227 रन, दोनो इनिंग में मिलाकर 308 रन का अतिरिक्त अंतर।
- आगे की संभावनाएँ: भारत के तेज़ी पर भरोसा, बंगलादेश के लिए समय पर सामना करने की जरूरत।
यह मैच न सिर्फ बुमार्ह की व्यक्तिगत चमक का प्रमाण है, बल्कि भारतीय तेज़ी की रणनीतिक गहराई को भी उजागर करता है। अगले दिनों में यदि भारत इस लाभ को बनाए रखता है, तो चेंनई में यह टेस्ट भारत की साफ़ जीत का रास्ता तय कर देगा।
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