Asia Cup 2025: भारत-पाकिस्तान दोनों सुपर-4 में, अब टॉप के लिए सीधी टक्कर

Asia Cup 2025: भारत-पाकिस्तान दोनों सुपर-4 में, अब टॉप के लिए सीधी टक्कर

अंकतालिका में भारत सबसे आगे, पाकिस्तान भी सुपर-4 में सुरक्षित

एशिया कप 2025 अपने ग्रुप चरण के आखिरी मोड़ पर है, और तस्वीर साफ है—ग्रुप ए से भारत और पाकिस्तान, और ग्रुप बी से श्रीलंका व बांग्लादेश सुपर-4 में पहुंच चुके हैं। चर्चा अब इस बात पर है कि ग्रुप ए का टॉपर कौन बनेगा। भारत फिलहाल 2 मैचों में 2 जीत के साथ 4 अंक और +4.793 के धमाकेदार नेट रन रेट पर खड़ा है। पाकिस्तान 3 में 2 जीत लेकर 4 अंक पर है, उनका नेट रन रेट +1.790 है।

भारत ने शुरुआत ही ऐसी की कि अंकतालिका हिल गई—यूएई को 57 के छोटे लक्ष्य का पीछा सिर्फ 4.3 ओवर में कर डाला। यही वह मैच था जिसने भारत के नेट रन रेट को रॉकेट की तरह ऊपर भेज दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया, जिससे ग्रुप पर उनकी पकड़ और मजबूत हो गई। पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया देते हुए ओमान पर 93 रन की बड़ी जीत दर्ज की और यूएई को हराकर अपना टिकट पक्का किया। लेकिन भारत से मिली 7 विकेट की हार ने यह साफ किया कि टॉप के लिए उन्हें अभी और चढ़ाई करनी है।

ग्रुप ए में मेजबान यूएई 3 मैचों में 1 जीत (2 अंक) और -1.984 के नेट रन रेट के साथ बाहर हो गया। ओमान के लिए यह टूर्नामेंट और भारी रहा—2 मुकाबलों में एक भी जीत नहीं, नेट रन रेट -3.375।

ग्रुप बी का समीकरण और सीधा है—श्रीलंका 3 में 3 जीत के साथ 6 अंक और +1.278 के नेट रन रेट पर टॉप, और बांग्लादेश 4 अंक के साथ दूसरे स्थान पर। अफगानिस्तान के पास 2 अंक और +1.241 का पॉजिटिव नेट रन रेट होने के बावजूद नॉकआउट टिकट नहीं आया—क्योंकि अंत में अंक ही निर्णायक होते हैं। हांगकांग 3 हार के साथ बाहर।

टूर्नामेंट 9 से 28 सितंबर तक यूएई की गर्म, सूखी और रात में ओस वाली परिस्थितियों में हो रहा है। फॉर्मेट टी20आई है—ग्रुप स्टेज के बाद सुपर-4, और फिर फाइनल। यहां अंकतालिका का हर छोटा उतार-चढ़ाव नॉकआउट की राह तय करता है।

अब बड़ा सवाल—टॉप कौन? भारत की अगली भिड़ंत पाकिस्तान से है और यहीं ग्रुप ए की बादशाहत तय हो सकती है। भारत जीतता है तो 6 अंक के साथ नंबर-1 तय। पाकिस्तान जीतता है तो 6 अंक लेकर ऊपर निकल जाएगा। गणित इतना सीधा है कि बहस की जरूरत नहीं।

नेट रन रेट को लेकर एक सरल नोट—यह टीम के औसत रन-रेट और विरोधी के खिलाफ दिए गए रन-रेट का अंतर होता है। छोटी ऊर्जा-भरी जीतें भी यहां भारी फर्क डालती हैं। यूएई के खिलाफ भारत की 4.3 ओवर में चेज़ ने यही किया। पाकिस्तान का +1.790 बताता है कि उन्होंने जीतते वक्त मार्जिन संभाला है, पर भारत के +4.793 जैसी छलांग नहीं।

  • क्या दांव पर है: टॉप-सीड बनना, सुपर-4 के शेड्यूल में हल्का फायदा, और सबसे अहम—मोमेंटम।
  • कौन आगे: कागज पर भारत, क्योंकि फॉर्म और NRR दोनों साथ हैं।
  • कौन खतरनाक: पाकिस्तान, क्योंकि एक बड़ी जीत गेम की दिशा बदल देती है।
मैच का माइक्रोस्कोप: हालात, रणनीति, इतिहास और देखने लायक फैक्टर

मैच का माइक्रोस्कोप: हालात, रणनीति, इतिहास और देखने लायक फैक्टर

यूएई की पिचें अब टी20 क्रिकेट का जाना-पहचाना चेहरा हैं—शाम को हल्की हवा, रात में ओस और दूसरी पारी में गेंद गीली। स्पिनरों को नई गेंद पर पकड़ मिलती है, पर ओस आते ही फिसलन बढ़ती है और स्लॉग ओवर्स में मिस-हिट्स भी बाउंड्री पार कर जाते हैं। इसी वजह से यहां टॉस अक्सर चुपचाप मैच की दिशा तय कर देता है—कई कप्तान चेज़ को प्राथमिकता देते हैं।

पावरप्ले बनाम पावरप्ले—यहीं असली शूरुआत होती है। भारत की टॉप-ऑर्डर एप्रोच इस टूर्नामेंट में अपफ्रंट जोखिम लेने वाली रही है; सीमरों पर दबाव डाल कर 6 ओवर में 55-60 का स्कोर दिखता है तो नेट रन रेट अपने आप संभलता है। पाकिस्तान की नई गेंद की जोड़ी शुरुआती स्विंग और बैक-ऑफ-लेंथ पर खेल खिलाती है; अगर यहां 2-3 शांत ओवर निकल गए तो मिडल ओवर्स में स्पिन जाल बिछाने का मौका बनता है।

मिड-ओवर्स की लड़ाई—इसी चरण में मैच की धड़कन तय होती है। दोनों टीमों के पास 7 से 15 ओवर के बीच निरंतर डॉट बॉल डालने वाले स्पिन विकल्प हैं। भारत का प्लान अक्सर 9-12 ओवर के बीच एक मिनी-एक्सीलरेशन का होता है ताकि डेथ में फिनिशरों पर पूरा बोझ न आए। पाकिस्तान इस समय लेग-स्पिन/स्लोअर बाउंसर का मिश्रण लाता है, जो बड़े शॉट्स को हवा में खींच लेता है।

डेथ ओवर्स—यहां कोई भी 12 गेंदें मैच का चेहरा बदल देती हैं। यॉर्कर, हार्ड लेंथ और वाइड यॉर्कर का अनुपात कितना सटीक बैठा, यही फर्क है 175 और 195 में। यूएई में छोटे स्क्वायर बाउंड्री वाले मैदानों पर एक ओवर में 18-20 भी निकले हैं, इसलिए 17वां और 18वां ओवर कौन गेंदबाज डालता है—यह टैक्टिकल फैसला निर्णायक है।

मैच-अप्स की नजर से देखें तो भारत का टॉप ऑर्डर बनाम पाकिस्तान की नई गेंद, और पाकिस्तान का मिडिल ऑर्डर बनाम भारत के स्पिन—ये दो ट्रैक समानांतर चलेंगे। फील्डिंग यहां तीसरा स्तंभ है। टी20 में 1-2 रन की बचत और कैच का मानक सीधे मैच की दिशा बदल देता है।

इतिहास क्या कहता है? टी20 फॉर्मेट में एशिया कप की पिछली दो ट्रॉफियों में दोनों टीमों ने एक-दूसरे को बारी-बारी से हराया है—2016 में भारत ने दबदबा दिखाया, 2022 में ग्रुप और सुपर-4 की भिड़ंतों में एक-एक जीत बंटी। यानी दबाव में कौन रुकता है, कौन टिकता है—यहीं कहानी लिखी जाती है। इस बार भी दांव वही है, बस मंच नया है।

सुपर-4 की खिड़की थोड़ी और खोलकर देखें। चारों टीम—भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश—राउंड-रॉबिन खेलेंगी। टॉप-2 फाइनल में। शेड्यूल में आमतौर पर A1 बनाम B2 और A2 बनाम B1 जैसे सेडिंग मैच होते हैं, जो यात्रा, रेस्ट डे और विपक्षी की तैयारी पर असर डालते हैं। इसलिए ग्रुप-टॉपर बनना सिर्फ एक लाइन का ताज नहीं है; यह आगे की राह का नक्शा भी है।

फैन्स का सवाल—क्या यह मुकाबला सेमीफाइनल से कम होगा? नहीं। यह वही मैच है जो सुपर-4 की शुरुआत से पहले दोनों टीमों के ड्रेसिंग रूम का टेम्परेचर सेट करेगा। टिकट्स का हाल आप समझ ही सकते हैं—सोल्ड-आउट बोर्ड देखने को मिल रहे हैं। ब्रॉडकास्ट पार्टनर रात के प्राइम-टाइम स्लॉट में मैच रख रहे हैं ताकि ओस का फैक्टर और रोमांच दोनों ऊंचाई पर रहे।

यूएई और ओमान के लिए यह टूर्नामेंट सीखों का पैकेज रहा। यूएई ने अपने घरेलू हालात में स्पेल्स और कुछ उम्दा फील्डिंग से प्रभावित किया, लेकिन टॉप टीमों के खिलाफ पावर गेम की कमी दिखी। ओमान को बैटिंग डेप्थ और डेथ-बॉलिंग पर काम करना होगा, वरना नेट रन रेट फिर डुबो देगा।

अफगानिस्तान की कहानी दिलचस्प है—नेट रन रेट +1.241 और फिर भी बाहर। यह याद दिलाता है कि टी20 टूर्नामेंट में पहले अंक, फिर NRR—क्रम यही है। एक-बड़े मार्जिन वाली जीत से जो फायदा मिलता है, उसे एक करीबी हार तुरंत खा जाती है। इसलिए स्थिरता सबसे बड़ा हथियार है।

अब वापिस ग्रुप ए की बड़ी तस्वीर पर। भारत की बढ़त साफ दिखती है—दो जीत, ऊंचा NRR और दबदबे की बॉडी-लैंग्वेज। पाकिस्तान की उम्मीदें सरल हैं—एक ठोस, नियंत्रित गेम जिसमें पावरप्ले में शुरुआती ब्रेकथ्रू, मिड-ओवर्स में चोक और डेथ में अनुशासन दिखे। भारत के लिए चाबी वही पुरानी—टॉप में तेज शुरुआत, स्पिन के खिलाफ सकारात्मक फुटवर्क और कैचिंग में बिना चूक।

कुछ टाई-ब्रेकर नियम जो याद रखने लायक हैं:

  • सबसे पहले अंक।
  • फिर नेट रन रेट।
  • उसके बाद हेड-टू-हेड और आगे के मानक।

मैच में देखने लायक फैक्टर:

  • India vs Pakistan टॉस—चेज़ का लाभ यूएई में अक्सर भारी पड़ता है।
  • पावरप्ले 1-6 ओवर: 2 विकेट किसे मिलते हैं?
  • ओस: दूसरी पारी में स्पिनरों की पकड़ कितनी ढीली होती है?
  • डेथ ओवर्स: 17-20 में यॉर्कर बनाम स्लोअर—किसे मोमेंटम मिलता है?
  • फील्डिंग: आधा मौका भी आधा नहीं, पूरा बनाना होगा।

टीम कॉम्बिनेशन पर एक नजर—टी20 में पांच स्पेशलिस्ट गेंदबाज और छठा विकल्प आज का अनिवार्य नियम है। यूएई की पिचों पर 3 सीमर्स + 2 स्पिनर्स का कॉम्बो आम है। ऑलराउंडरों के overs यहां गोंद का काम करते हैं—जहां गैप है, वहीं फिट हो जाते हैं। बड़े बदलाव की संभावना कम दिखती है; जो कोर जीत रहा है, वही मैदान पर उतरने की उम्मीद है।

मानसिक खेल भी कम नहीं। भारत के लिए यह अपनी रफ्तार बनाए रखने का मौका है—टॉप पर रहते हुए सुपर-4 में उतरना अलग आत्मविश्वास देता है। पाकिस्तान के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल है—पहली हार के बाद त्वरित रिबाउंड की छाप अगले चरण में विरोधियों को सतर्क रखेगी।

तो तस्वीर साफ है—ग्रुप ए की गद्दी खाली नहीं, पर जिस पर बैठेगा, सुपर-4 में उसी के कदम थोड़े हल्के होंगे। भारत अपने फॉर्म और NRR से आगे दिख रहा है, पाकिस्तान अपने बड़े-मैच डीएनए से कभी भी ज्वार ला सकता है। और जब बात दोनों पड़ोसियों के बीच की हो, तो आंकड़े भी कभी-कभी शोर के आगे धीमे पड़ जाते हैं।

  • सित॰, 19 2025
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