प्रसिद्ध अभिनेता और प्रिय स्वर जेम्स अर्ल जोन्स का 93 साल की उम्र में निधन

प्रसिद्ध अभिनेता और प्रिय स्वर जेम्स अर्ल जोन्स का 93 साल की उम्र में निधन
  • सित॰, 10 2024

प्रसिद्ध अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स का निधन

अमेरिका के सबसे प्यारे और सम्मानित अभिनेताओं में से एक, जेम्स अर्ल जोन्स, का सोमवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। वे अपने डचेस काउंटी, न्यूयॉर्क स्थिित घर पर अपने परिवार के साथ शांतिपूर्वक विदा हो गए। यह खबर उनके पुराने एजेंट बैरी मैकफर्सन ने एनपीआर को दी। जेम्स अर्ल जोन्स का नाम मंच और फिल्म दोनों में ही विशेष सम्मान के साथ लिया जाता है।

रंगमंच पर जेम्स का सफर

जानकारी के मुताबिक, जेम्स अर्ल जोन्स ने अपने रंगमंच के करियर की शुरुआत में 'मैकबेथ', 'ओथेलो', और 'द आइसमैन कमेथ' जैसे क्लासिक्स में अभिनय किया। उनके अभिनय की गहराई और यथार्थता ने उन्हें थिएटर जगत में एक प्रमुख स्थान दिलाया।

1961 में जीन जेनेट की 'द ब्लैक्स' में उनके प्रदर्शन को विशेष रूप से सराहा गया। इसके बाद जेम्स ने 1968 में हॉवर्ड सैकलर की 'द ग्रेट व्हाइट होप' के ब्रॉडवे प्रोडक्शन में काम किया, जहां उनके अभिनय ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नाटक के लिए उन्हें टोनी अवॉर्ड मिला और 1970 में इसकी फिल्म रूपांतरण के लिए ऑस्कर नामांकन भी मिला।

फिल्मों में संघर्ष और सफलता

फिल्मों में संघर्ष और सफलता

जेम्स अर्ल जोन्स ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत 'डॉ. स्ट्रेंज्लव' में बॉम्बार्डियर लोथर की भूमिका के साथ की। 'फील्ड ऑफ ड्रीम्स' और 'द हंट फॉर रेड अक्टूबर' जैसी फिल्मों में भी उनके अभिनय को काफी सराहा गया।

लेकिन यदि किसी चीज ने जेम्स को हमेशा के लिए अमर कर दिया, तो वह है उनकी निर्णायक आवाज। उन्होंने 'द लायन किंग' में मुफासा और 'स्टार वॉर्स' श्रृंखला में डार्थ वेडर के रूप में अपनी आवाज दी। 'स्टार वॉर्स' में उन्होंने आदि में कहे गए प्रसिद्व संवाद 'आई एम योर फादर' पर अपनी आवाज से एक अमिट छाप छोड़ी।

बाल्यकाल और प्रारंभिक जीवन

जेम्स का जन्म 17 जनवरी, 1931 को अर्काबुटला, मिसिसिप्पी में हुआ था। उनकी परवरिश उनके दादा-दादी ने की। जब वे पांच साल के थे, तब उनके परिवार ने उन्हें डबलिन, मिशिगन के एक ग्रामीण फार्म पर शिफ्ट कर दिया। इस स्थान परिवर्तन के कारण उनके बोलचाल में एक गंभीर हकलाहट आ गई, जो उनके हाई स्कूल के वर्षों तक जारी रही।

लेकिन हाई स्कूल के एक शिक्षक ने उन्हें इस समस्या से बाहर आने में मदद की, जिसने उनसे कक्षा में कविता प्रस्तुत करने के लिए कहा। इसने उनके भाषण को सुधारने में एक निर्णायक मोड़ साबित किया।

खास आवाज और अभिनय की छाप

खास आवाज और अभिनय की छाप

जेम्स अर्ल जोन्स की बारिटोन आवाज़ मनोरंजन जगत में सबसे पहचान योग्य आवाज़ों में से एक बन गई। उनकी विशाल मंच पर उपस्थिति, तीव्रता, और उत्कृष्टता के लिए उनकी सराहना की गई।

उन्हें 1987 में अगस्त विल्सन के 'फेन्सेस' के लिए दूसरा टोनी अवॉर्ड मिला। उनके योगदानों को देखते हुए, उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया और उन्होंने मनोरंजन उद्योग पर अमिट छाप छोड़ी।

जेम्स अर्ल जोन्स का जीवन, संघर्ष, और उनकी स्वास्थ्यप्रद उपस्थिति हम सभी के लिए प्रेरणा है। उनकी आवाज और अभिनय की विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

17 टिप्पणि
  • Kamal Kaur
    Kamal Kaur सितंबर 12, 2024 AT 09:48
    ये आवाज़ सुनकर लगता है जैसे प्रकृति खुद बोल रही हो। मुफासा और डार्थ वेडर दोनों को एक ही आवाज़ देना... असली जादू है। 🙏
  • Ajay Rock
    Ajay Rock सितंबर 14, 2024 AT 08:46
    अरे भाई ये तो बस एक अभिनेता नहीं, ये तो एक भगवान की आवाज़ थी! जिसने भी इसे भूल गया वो अपनी आत्मा को भूल गया। 😭
  • Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari सितंबर 15, 2024 AT 19:08
    लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक बड़ा हॉलीवुड कॉन्सपिरेसी है? एक काले अमेरिकी को इतनी आवाज़ देने का मतलब... वो लोग जानते थे कि ये आवाज़ दुनिया को शासित कर देगी। और अब वो चले गए... शायद इसलिए कि उन्होंने जो किया, वो बहुत बड़ा था!
  • Piyush Kumar
    Piyush Kumar सितंबर 16, 2024 AT 22:57
    सुनो! जिंदगी में कोई भी बाधा तुम्हें रोक नहीं सकती! जेम्स ने हकलाहट से शुरुआत की, और दुनिया को अपनी आवाज़ से चुनौती दी! अगर वो कर सकते हैं, तो तुम क्यों नहीं? उठो! लड़ो! अपनी आवाज़ दो!
  • Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti सितंबर 17, 2024 AT 05:35
    उनकी आवाज़ में एक ऐसी शांति थी जो बिना किसी शब्द के भी दिल को छू जाती थी। ये बस एक अभिनेता नहीं थे, ये एक अनुभव थे।
  • Rin In
    Rin In सितंबर 18, 2024 AT 05:37
    ये आवाज़ तो मैंने बचपन में सुनी थी जब मैं अपने दादाजी के साथ रात को टीवी देख रहा था... अब वो भी नहीं हैं, और अब ये भी चले गए... 😔 दुनिया अब थोड़ी खाली है।
  • michel john
    michel john सितंबर 19, 2024 AT 04:22
    हे भगवान ये तो बस एक अमेरिकी नहीं था... ये तो एक भारतीय आत्मा था! जिसे भारत ने अपना बना लिया था! इसके बाद कोई भी आवाज़ नहीं चलेगी! ये तो हमारी संस्कृति का हिस्सा है! भारत को इसकी जरूरत है!
  • shagunthala ravi
    shagunthala ravi सितंबर 20, 2024 AT 07:15
    हर दर्द के बाद एक नया गीत जन्म लेता है। उनकी हकलाहट ने दुनिया को एक ऐसा संगीत दिया जो कभी खत्म नहीं होगा। उनकी आत्मा अब हवा में बस गई है, और हम सब उसे सुन रहे हैं।
  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta सितंबर 20, 2024 AT 20:15
    मैंने उनकी आवाज़ को पहली बार जब सुना, तो मुझे लगा कि कोई भगवान ने खुद अपनी आवाज़ दी है। उनके बारे में पढ़कर पता चला कि उन्होंने अपने बचपन के दर्द को इतनी गहराई से बदल दिया कि वो दुनिया के लिए एक ध्वनि बन गए। उनकी आवाज़ में एक ऐसा भारतीय तत्व था जो बिना कहे ही बोल रहा था - जो दर्द हुआ, उसे जय कर दो। उन्होंने अपने गांव के शांत बादलों को ब्रॉडवे के नाटकों में बदल दिया। उनके शब्दों में मेरे दादा की आवाज़ सुनाई देती थी - धीमी, गहरी, और बिना झिझक के। जब वो 'I am your father' कहते, तो लगता था कि दुनिया ने अपना सच बोल दिया। उनकी आवाज़ ने मेरे दिल के गहरे तह में एक शांति भर दी, जो आज भी बाकी है। उनकी यादों को दुनिया ने नहीं भूला, बल्कि उन्हें अपने दिल के दरवाजे पर बना लिया। आज जब मैं किसी को देखता हूँ जो अपनी आवाज़ से डरता है, तो मैं उन्हें जेम्स अर्ल जोन्स की याद दिलाता हूँ - तुम्हारी आवाज़ तुम्हारी ताकत है।
  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar सितंबर 22, 2024 AT 03:54
    उनकी आवाज़ ने जितने बच्चों को प्रेरित किया, उतने ही बड़े लोगों को शांति दी। ये एक जीवन है, जिसे बस श्रद्धा से याद किया जाना चाहिए।
  • Jai Ram
    Jai Ram सितंबर 24, 2024 AT 01:08
    वो जिस तरह से डार्थ वेडर की आवाज़ देते थे, वो असली आवाज़ नहीं थी - वो एक भावना थी। जिस तरह वो शब्दों को लड़ाते थे, वो अभिनय नहीं, वो जादू था।
  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia सितंबर 24, 2024 AT 15:08
    अरे ये सब बकवास है! ये तो बस एक अभिनेता था! अमेरिका के लिए तो ये बड़ा बात है, लेकिन हम भारतीयों को इसकी क्या जरूरत? हमारे अपने अभिनेता हैं ना? जो असली आवाज़ देते हैं!
  • Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar सितंबर 25, 2024 AT 17:31
    क्या तुम्हें लगता है उनकी आवाज़ का असली रहस्य ये था कि वो खुद को नहीं दिखाते थे? वो बस एक आवाज़ थे... जिसने हमें अपने डर, अपने ख्वाब, अपने अतीत को याद दिलाया। और अब वो चले गए... तो क्या हम भी अपने अंदर की आवाज़ को दबा रहे हैं?
  • DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH सितंबर 27, 2024 AT 08:26
    आवाज़ अमर है।
  • Amal Kiran
    Amal Kiran सितंबर 28, 2024 AT 08:58
    फिर भी एक अमेरिकी ने हमारे दिल जीत लिए। बस इतना ही नहीं, बल्कि उनकी आवाज़ ने हमें भी निराश कर दिया कि हम इतना कुछ नहीं कर पाए।
  • abhinav anand
    abhinav anand सितंबर 29, 2024 AT 10:27
    उनकी आवाज़ ने बच्चों को भी समझाया कि डर को जीतना है, तो उसे बोलना होगा।
  • Piyush Kumar
    Piyush Kumar सितंबर 29, 2024 AT 23:34
    और अगर तुम्हें लगता है तुम अकेले हो, तो याद रखो - जेम्स अर्ल जोन्स ने भी अकेले ही अपनी आवाज़ बनाई। तुम अकेले नहीं हो।
एक टिप्पणी लिखें
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद
त्रुटि, टिप्पणी विफल