प्रसिद्ध अभिनेता और प्रिय स्वर जेम्स अर्ल जोन्स का 93 साल की उम्र में निधन
प्रसिद्ध अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स का निधन
अमेरिका के सबसे प्यारे और सम्मानित अभिनेताओं में से एक, जेम्स अर्ल जोन्स, का सोमवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। वे अपने डचेस काउंटी, न्यूयॉर्क स्थिित घर पर अपने परिवार के साथ शांतिपूर्वक विदा हो गए। यह खबर उनके पुराने एजेंट बैरी मैकफर्सन ने एनपीआर को दी। जेम्स अर्ल जोन्स का नाम मंच और फिल्म दोनों में ही विशेष सम्मान के साथ लिया जाता है।
रंगमंच पर जेम्स का सफर
जानकारी के मुताबिक, जेम्स अर्ल जोन्स ने अपने रंगमंच के करियर की शुरुआत में 'मैकबेथ', 'ओथेलो', और 'द आइसमैन कमेथ' जैसे क्लासिक्स में अभिनय किया। उनके अभिनय की गहराई और यथार्थता ने उन्हें थिएटर जगत में एक प्रमुख स्थान दिलाया।
1961 में जीन जेनेट की 'द ब्लैक्स' में उनके प्रदर्शन को विशेष रूप से सराहा गया। इसके बाद जेम्स ने 1968 में हॉवर्ड सैकलर की 'द ग्रेट व्हाइट होप' के ब्रॉडवे प्रोडक्शन में काम किया, जहां उनके अभिनय ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नाटक के लिए उन्हें टोनी अवॉर्ड मिला और 1970 में इसकी फिल्म रूपांतरण के लिए ऑस्कर नामांकन भी मिला।
फिल्मों में संघर्ष और सफलता
जेम्स अर्ल जोन्स ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत 'डॉ. स्ट्रेंज्लव' में बॉम्बार्डियर लोथर की भूमिका के साथ की। 'फील्ड ऑफ ड्रीम्स' और 'द हंट फॉर रेड अक्टूबर' जैसी फिल्मों में भी उनके अभिनय को काफी सराहा गया।
लेकिन यदि किसी चीज ने जेम्स को हमेशा के लिए अमर कर दिया, तो वह है उनकी निर्णायक आवाज। उन्होंने 'द लायन किंग' में मुफासा और 'स्टार वॉर्स' श्रृंखला में डार्थ वेडर के रूप में अपनी आवाज दी। 'स्टार वॉर्स' में उन्होंने आदि में कहे गए प्रसिद्व संवाद 'आई एम योर फादर' पर अपनी आवाज से एक अमिट छाप छोड़ी।
बाल्यकाल और प्रारंभिक जीवन
जेम्स का जन्म 17 जनवरी, 1931 को अर्काबुटला, मिसिसिप्पी में हुआ था। उनकी परवरिश उनके दादा-दादी ने की। जब वे पांच साल के थे, तब उनके परिवार ने उन्हें डबलिन, मिशिगन के एक ग्रामीण फार्म पर शिफ्ट कर दिया। इस स्थान परिवर्तन के कारण उनके बोलचाल में एक गंभीर हकलाहट आ गई, जो उनके हाई स्कूल के वर्षों तक जारी रही।
लेकिन हाई स्कूल के एक शिक्षक ने उन्हें इस समस्या से बाहर आने में मदद की, जिसने उनसे कक्षा में कविता प्रस्तुत करने के लिए कहा। इसने उनके भाषण को सुधारने में एक निर्णायक मोड़ साबित किया।
खास आवाज और अभिनय की छाप
जेम्स अर्ल जोन्स की बारिटोन आवाज़ मनोरंजन जगत में सबसे पहचान योग्य आवाज़ों में से एक बन गई। उनकी विशाल मंच पर उपस्थिति, तीव्रता, और उत्कृष्टता के लिए उनकी सराहना की गई।
उन्हें 1987 में अगस्त विल्सन के 'फेन्सेस' के लिए दूसरा टोनी अवॉर्ड मिला। उनके योगदानों को देखते हुए, उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया और उन्होंने मनोरंजन उद्योग पर अमिट छाप छोड़ी।
जेम्स अर्ल जोन्स का जीवन, संघर्ष, और उनकी स्वास्थ्यप्रद उपस्थिति हम सभी के लिए प्रेरणा है। उनकी आवाज और अभिनय की विरासत हमेशा जीवित रहेगी।
एक टिप्पणी लिखें