सिंघम अगेन रिव्यू: अजय देवगन और सितारों की भव्यता के बावजूद रामायण प्रेरित फिल्म का भव्य मलबा

सिंघम अगेन रिव्यू: अजय देवगन और सितारों की भव्यता के बावजूद रामायण प्रेरित फिल्म का भव्य मलबा
  • नव॰, 1 2024

सिंघम अगेन: एक असफल प्रयास

बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध एक्शन निर्देशकों में से एक, रोहित शेट्टी, सिंघम अगेन के साथ एक बार फिर दांव पर हैं। इस फिल्म में अजय देवगन अपनी प्रतिष्ठित भूमिका में लौटते हैं, जिनके साथ रणवीर सिंह और अक्षय कुमार जैसे सितारे जुड़े हैं। फिल्म की शुरुआत प्रभावशाली है, खासकर जब अजय देवगन जोरदार एक्शन के साथ स्क्रीन पर आते हैं। दर्शकों को यह उम्मीद थी कि फिल्म अपने हीरो की तरह धमाकेदार होगी। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, फिल्म की गति में गिरावट आती है।

फिल्म की कहानी और निर्देशन

शुरुआत में, सिंघम अगेन में वो सभी तत्व मौजूद हैं जो किसी बड़े बजट वाली बॉलीवुड फिल्म में होते हैं। यहां एक्शन है, ड्रामा है, और रोहित शेट्टी की जानी-मानी निर्देशन शैली है। फिल्म की कहानी शुरू होते ही दर्शकों को अद्वितीय एड्रेनलीन रश का अनुभव होता है। लेकिन, जैसे ही फिल्म अपने प्लॉट को दाख़िल करती है, वो उत्साह कहीं गायब हो जाता है। फिल्म की पटकथा बीच में कहीं खो जाती है और दर्शकों को कहानी से जोड़ने में विफल रहती है।

रामायण से प्रेरित तत्व

फिल्म की एक अनोखी खासियत ये है कि यहां कुछ स्थानों पर रामायण से प्रेरित प्रसंग देखने को मिलते हैं। यह विचार काफी दिलचस्प था और अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया होता तो फिल्म को एक अतिरिक्त गहराई दे सकता था। लेकिन इसके विपरीत, इस विषय का प्रयोग ठीक से न हो पाने के कारण कहानी और अधिक जटिल हो जाती है। रणवीर सिंह और अक्षय कुमार जैसे किरदारों का पुन: प्रयोग फिल्म के संगठित प्रवाह को बाधित करता है और दर्शकों को इस जटिल कथा के माध्यम से भ्रमित करता है।

अधिक स्टंट्स का प्रभाव

रोहित शेट्टी की फिल्मों में स्टंट्स का एक विशेष स्थान होता है और सिंघम अगेन में इस परंपरा का पालन किया गया है। लेकिन, लंका कांड जैसे दृश्यों में यह प्रयोग अत्यधिक हो जाता है जिससे फिल्म की नैरेटिव पर गहरा असर पड़ता है। दर्शकों पर प्रभाव डालने के बजाय ये उबाऊ लग सकते हैं। एक भव्य एक्शन फिल्म होने के नाते, इसके एंटरटेनमेंट फैक्टर को कम नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता।

सितारों की भव्यता

फिल्म में अजय देवगन की मौजूदगी निश्चित रूप से एक ताक़त है। उन्होंने अपनी आदाकारी से एक बार फिर दिखाया कि वे बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ एक्शन हीरो में से एक क्यों हैं। इसके अलावा, रणवीर सिंह और अक्षय कुमार अपने-अपने किरदारों में जान डालने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति कहानी के साथ मेल नहीं खा पाती। इस बाहरी गिनती के बावजूद, फिल्म का कथानक कमजोर साबित होता है और दर्शकों को यह समझाने में असफल होता है कि इतने बड़े स्टारकास्ट के बावजूद फिल्म क्यों नहीं चल पाई।

आखिरी विचार

रोहित शेट्टी और अजय देवगन की जोड़ी ने अतीत में कई हिट फिल्में दी हैं, लेकिन सिंघम अगेन उस फ्रैंचाइज की भावना को फिर से बनाने में असफल रहती है। एक अच्छी मसाला फिल्म के लिए दर्शकों को सीट पर जोड़े रखने का गुण आवश्यक है, जिसमें ये फिल्म असफल रही। सिनेमाघरों में फिल्म को देखना पसंद करने वाले और एक्शन फिल्मों के प्रेमियों के लिए यह फिल्म एक बड़ा आकर्षण साबित हो सकती है, लेकिन फिल्म की कमजोर पटकथा और जटिल कहानी के कारण इसे एक प्रभावशाली अनुभव नहीं माना जा सकता।

7 टिप्पणि
  • Rin In
    Rin In नवंबर 2, 2024 AT 07:40
    ये फिल्म तो बस एक्शन के नाम पर स्टंट्स का बर्बादी है!!! 😱💥 अजय देवगन का एक्शन तो अभी भी जबरदस्त है, लेकिन बाकी सब कुछ बिल्कुल फ्लैट है... रोहित शेट्टी ने फिर से अपनी आदत छोड़ी नहीं! 😤
  • michel john
    michel john नवंबर 3, 2024 AT 19:50
    ये सिंघम अगेन वाली कहानी अमेरिका और चीन के साजिश से बनाई गई है! 🤫 रामायण का इस्तेमाल करके हमारी संस्कृति को बेवकूफ बनाया जा रहा है... रणवीर और अक्षय को भी ब्रिटिश प्रोडक्शन हाउस ने बुलाया था! 🇮🇳🔥 क्या तुमने देखा कि लंका कांड के दृश्य में कैमरा एंगल वेस्टर्न फिल्म जैसा है? ये अपराध है!
  • shagunthala ravi
    shagunthala ravi नवंबर 4, 2024 AT 15:33
    फिल्म असफल रही, लेकिन इसके पीछे का संदेश अभी भी सच है: हमारी कहानियाँ गहराई से बुनी जानी चाहिए, न कि स्टंट्स के ऊपर बनाई जाएँ। अजय देवगन ने जो किया, वो श्रद्धा से किया। अगर आप इस फिल्म में थोड़ा भी धैर्य रखें, तो एक अच्छी कहानी का बीज दिखता है। 🌱 ये फिल्म असफल नहीं, अधूरी है।
  • Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta नवंबर 5, 2024 AT 14:46
    रामायण के संदर्भ को लेकर मैं इस बात पर गहराई से विचार करना चाहूँगी कि क्या ये वास्तव में एक अपमान था या फिर एक अनोखा प्रयास था? हमारे पुराणों में बहुत सारे तत्व ऐसे हैं जो आधुनिक फिल्मों में बिल्कुल भी नहीं दिखते। रोहित शेट्टी ने शायद इसे एक नए तरीके से दर्शाने की कोशिश की होगी, लेकिन उसका निर्माण और अनुवाद इतना अधूरा रह गया कि दर्शक उसे समझ ही नहीं पाए। इसके लिए निर्देशक को दोष नहीं, बल्कि पटकथा टीम को दोष है। जब आप किसी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक कथा को फिल्म में लाते हैं, तो उसकी संरचना, भाषा, और संदर्भ सब कुछ बहुत सावधानी से चुना जाना चाहिए। यहाँ वो सावधानी नहीं थी। इसलिए ये फिल्म दर्शकों के लिए असहज हो गई।
  • Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar नवंबर 6, 2024 AT 15:37
    मैंने फिल्म देखी थी... अजय देवगन का अभिनय तो बेहतरीन था। बाकी सब कुछ थोड़ा ज्यादा हो गया, लेकिन फिर भी एक्शन दृश्य देखने के लिए लायक थी। शायद अगली बार थोड़ा कम एक्शन, ज्यादा कहानी हो जाए।
  • Jai Ram
    Jai Ram नवंबर 7, 2024 AT 15:44
    अगर आप बस एक्शन देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए है! 😎💥 अजय के साथ रणवीर का एक्शन सीन तो देखने लायक है! लेकिन हाँ, कहानी थोड़ी उलझी हुई है... अगर आप एक बार देख लें तो बाद में रिव्यू देना न भूलें! 🙏
  • Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia नवंबर 8, 2024 AT 19:34
    ये फिल्म तो बस एक बड़ा धोखा है! रामायण का नाम लेकर बॉलीवुड ने हमारी भावनाओं का दुरुपयोग किया है। अजय देवगन एक अच्छा अभिनेता है, लेकिन इस फिल्म में उसका इस्तेमाल बेकार हुआ। रोहित शेट्टी को फिल्म बनाने की बजाय अपनी आँखें बंद करके बैठना चाहिए था! इस फिल्म को बैन कर देना चाहिए!
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