सिंघम अगेन रिव्यू: अजय देवगन और सितारों की भव्यता के बावजूद रामायण प्रेरित फिल्म का भव्य मलबा

सिंघम अगेन रिव्यू: अजय देवगन और सितारों की भव्यता के बावजूद रामायण प्रेरित फिल्म का भव्य मलबा

सिंघम अगेन: एक असफल प्रयास

बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध एक्शन निर्देशकों में से एक, रोहित शेट्टी, सिंघम अगेन के साथ एक बार फिर दांव पर हैं। इस फिल्म में अजय देवगन अपनी प्रतिष्ठित भूमिका में लौटते हैं, जिनके साथ रणवीर सिंह और अक्षय कुमार जैसे सितारे जुड़े हैं। फिल्म की शुरुआत प्रभावशाली है, खासकर जब अजय देवगन जोरदार एक्शन के साथ स्क्रीन पर आते हैं। दर्शकों को यह उम्मीद थी कि फिल्म अपने हीरो की तरह धमाकेदार होगी। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, फिल्म की गति में गिरावट आती है।

फिल्म की कहानी और निर्देशन

शुरुआत में, सिंघम अगेन में वो सभी तत्व मौजूद हैं जो किसी बड़े बजट वाली बॉलीवुड फिल्म में होते हैं। यहां एक्शन है, ड्रामा है, और रोहित शेट्टी की जानी-मानी निर्देशन शैली है। फिल्म की कहानी शुरू होते ही दर्शकों को अद्वितीय एड्रेनलीन रश का अनुभव होता है। लेकिन, जैसे ही फिल्म अपने प्लॉट को दाख़िल करती है, वो उत्साह कहीं गायब हो जाता है। फिल्म की पटकथा बीच में कहीं खो जाती है और दर्शकों को कहानी से जोड़ने में विफल रहती है।

रामायण से प्रेरित तत्व

फिल्म की एक अनोखी खासियत ये है कि यहां कुछ स्थानों पर रामायण से प्रेरित प्रसंग देखने को मिलते हैं। यह विचार काफी दिलचस्प था और अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया होता तो फिल्म को एक अतिरिक्त गहराई दे सकता था। लेकिन इसके विपरीत, इस विषय का प्रयोग ठीक से न हो पाने के कारण कहानी और अधिक जटिल हो जाती है। रणवीर सिंह और अक्षय कुमार जैसे किरदारों का पुन: प्रयोग फिल्म के संगठित प्रवाह को बाधित करता है और दर्शकों को इस जटिल कथा के माध्यम से भ्रमित करता है।

अधिक स्टंट्स का प्रभाव

रोहित शेट्टी की फिल्मों में स्टंट्स का एक विशेष स्थान होता है और सिंघम अगेन में इस परंपरा का पालन किया गया है। लेकिन, लंका कांड जैसे दृश्यों में यह प्रयोग अत्यधिक हो जाता है जिससे फिल्म की नैरेटिव पर गहरा असर पड़ता है। दर्शकों पर प्रभाव डालने के बजाय ये उबाऊ लग सकते हैं। एक भव्य एक्शन फिल्म होने के नाते, इसके एंटरटेनमेंट फैक्टर को कम नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता।

सितारों की भव्यता

फिल्म में अजय देवगन की मौजूदगी निश्चित रूप से एक ताक़त है। उन्होंने अपनी आदाकारी से एक बार फिर दिखाया कि वे बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ एक्शन हीरो में से एक क्यों हैं। इसके अलावा, रणवीर सिंह और अक्षय कुमार अपने-अपने किरदारों में जान डालने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति कहानी के साथ मेल नहीं खा पाती। इस बाहरी गिनती के बावजूद, फिल्म का कथानक कमजोर साबित होता है और दर्शकों को यह समझाने में असफल होता है कि इतने बड़े स्टारकास्ट के बावजूद फिल्म क्यों नहीं चल पाई।

आखिरी विचार

रोहित शेट्टी और अजय देवगन की जोड़ी ने अतीत में कई हिट फिल्में दी हैं, लेकिन सिंघम अगेन उस फ्रैंचाइज की भावना को फिर से बनाने में असफल रहती है। एक अच्छी मसाला फिल्म के लिए दर्शकों को सीट पर जोड़े रखने का गुण आवश्यक है, जिसमें ये फिल्म असफल रही। सिनेमाघरों में फिल्म को देखना पसंद करने वाले और एक्शन फिल्मों के प्रेमियों के लिए यह फिल्म एक बड़ा आकर्षण साबित हो सकती है, लेकिन फिल्म की कमजोर पटकथा और जटिल कहानी के कारण इसे एक प्रभावशाली अनुभव नहीं माना जा सकता।

  • नव॰, 1 2024
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