आईसीसि नियम: हर क्रिकेट प्रेमी को क्या जानना चाहिए

क्रिकेट देखना या खेलना पसंद है? तो आईसीसि (ICC) के नियमों से परिचित होना आपके लिए फायदेमंद होगा। ये नियम सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि घरेलू लीग में भी लागू होते हैं और खेल को साफ‑सुथरा रखते हैं। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि कौन‑से प्रमुख नियम है और उनका असर क्या है।

ओवरसीज़, डीएलए और पावरप्ले का मूल सिद्धांत

सबसे पहले बात करते हैं ओवरसीज़ की। जब बॉल रेन या डिम्बी हो जाती है तो अतिरिक्त ओवर मिलते हैं—इन्हें ही हम डीएलए (डकिंग लेवल असिस्ट) कहते हैं। यह नियम टीम को वैध स्कोर बनाने का मौका देता है, लेकिन साथ में बल्लेबाजों पर दबाव भी बढ़ाता है। पावरप्ले के दौरान फील्डर्स की संख्या सीमित रहती है, जिससे शुरुआती ओवर में तेज़ रन बनते हैं। ये तीन बातें मिलकर मैच की रणनीति बदल देती हैं—बेटर को जल्दी स्कोर करना पड़ता है और बॉलर को अधिक सावधानी बरतनी होती है।

एंटी‑डॉपिंग, एंटी‑कोरप्शन और टेक्नोलॉजी का रोल

आईसीसि ने डोपिंग पर कड़ी निगरानी रखी है। हर खिलाड़ी को साल में दो बार टेस्ट किया जाता है, और अगर कोई अनियमितता मिलती है तो सजा कठोर होती है—बंदिश से लेकर जीवन भर की प्रतिबंध तक। इसी तरह एंटी‑करप्शन नियम भी मजबूत हैं; मैच फिक्सिंग या अंदरूनी जानकारी बेचने पर भारी जुर्माना और जेल का प्रावधान है। तकनीकी सहायता में डिफ़ेन्डर रिव्यू सिस्टम (DRS) शामिल है, जिससे खिलाड़ी आउट या नॉट‑आउट के फैसलों को चुनौती दे सकते हैं। इससे न्यायिक प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी बनी रहती है।

अब बात करते हैं बायो‑बबल की, जो कोविड‑19 महामारी में शुरू हुआ लेकिन अब भी कई टूर्नामेंट में अपनाया गया है। सभी टीम के सदस्य एक सीमित क्षेत्र में रहते हैं, नियमित टेस्टिंग होती है और बाहरी संपर्क न्यूनतम रखा जाता है। यह नियम खिलाड़ियों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मैच के शेड्यूल को सुरक्षित बनाता है।

क्या आप कभी सोचते थे कि कब टर्नओवर बदलता है या फील्डर कितनी देर तक बाहर रह सकते हैं? आईसीसि ने इन सभी बातों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई बॉलर दो ओवर में 12 रनों से अधिक दे देता है तो वह ‘इकोनॉमी’ (अर्थव्यवस्था) नियम के तहत जांचेगा। इसी तरह सिंगल‑बॉल डिफेंस की सीमा भी तय की गई है—यदि फील्डर्स को एक ही बॉल पर लगातार तीन बार पोजिशन बदलना पड़े, तो रेफरी उसे ‘मैजोर इन्फ्रैक्शन’ मान सकता है।

इन नियमों के कारण खेल में निष्पक्षता बनी रहती है और दर्शकों का भरोसा भी बढ़ता है। जब आप स्टेडियम या टीवी पर मैच देखते हैं, तो ये छोटे‑छोटे बदलाव ही बड़ी तस्वीर को आकार देते हैं—जैसे कि तेज़ी से स्कोर बनना या बॉलर की रणनीति बदलना। इसलिए अगर आप क्रिकेट के दीवाने हैं, तो आईसीसि नियमों को समझें और देखिए कैसे आपके पसंदीदा खिलाड़ी इनका सही उपयोग कर जीत हासिल करते हैं।

संक्षेप में, आईसीसि नियम सिर्फ कागज़ पर लिखे नहीं होते; वे हर ओवर, हर विकेट और हर निर्णय में झलके होते हैं। इन्हें जानकर आप न केवल बेहतर दर्शक बनेंगे, बल्कि खेल की गहराई भी समझ पाएँगे। तो अगली बार जब भी कोई मैच देखिए, इन नियमों को याद रखिए—यह आपका क्रिकेट अनुभव को एक नई दिशा देगा।

क्रिकेट में समझें कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: खिलाड़ी सुरक्षा की नई पहल

क्रिकेट में समझें कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: खिलाड़ी सुरक्षा की नई पहल

कंशन सब्स्टीट्यूट नियम क्रिकेट में खिलाड़ी की सुरक्षा को देखते हुए लाया गया है। यह नियम एक टीम को उस खिलाड़ी का स्थानापन्न करने की अनुमति देता है जिसने खेल के दौरान कंशन या संदेहास्पद कंशन का सामना किया है। 'आईसीसी' ने यह नियम खिलाड़ी के आगे की चोटों को रोकने और खेल में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए पेश किया है। इस प्रक्रिया में स्थानापन्न खिलाड़ी का चयन ध्यानपूर्वक और समानता के आधार पर किया जाता है।

  • फ़र॰, 1 2025
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