Unicommerce के IPO को पहले ही दिन जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और यह 2.43 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ। रिटेल निवेशकों ने अपने हिस्से को 9.98 गुना ओवरसब्सक्राइब किया, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों ने 2.26 गुना की बोली लगाई। कंपनी ने अपने IPO के पहले ही 14 एंकर निवेशकों से 124.4 करोड़ रुपये जुटाए थे।
ई-कॉमर्स SaaS से ऑनलाइन स्टोर चलाना कितना आसान है?
अगर आप अपना खुद का डिजिटल शॉप शुरू करना चाहते हैं लेकिन तकनीकी झंझटों से डरते हैं, तो ई-कॉमर्स SaaS आपके लिए सही समाधान है। यह क्लाउड‑आधारित सॉफ्टवेयर आपको बिना सर्वर सेटअप या कोडिंग के पूरा स्टोर बनाकर चलाने देता है। सिर्फ कुछ क्लिक में प्रोडक्ट जोड़िए, पेमेंट गेटवे लगाइए और बिक्री शुरू कर दीजिए।
मुख्य फायदे – क्यों चुनें SaaS?
पहला फायदा है लागत‑परिचालन। पारंपरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में सर्वर, सुरक्षा और अपडेट की बड़ी ख़र्च आती है, जबकि SaaS मॉडल में सब कुछ मासिक या वार्षिक सदस्यता में शामिल रहता है। दूसरा लाभ स्केलेबिलिटी है – आपका ट्रैफ़िक बढ़े तो प्लेटफ़ॉर्म खुद ही रिसोर्स़ एड़जस्ट कर देता है, आपको कोई सर्वर अपग्रेड नहीं करना पड़ता। तीसरा, सपोर्ट और सुरक्षा अक्सर पैकेज के साथ आते हैं; डेटा बेक‑अप, फ़ायरवॉल और PCI‑DSS कंप्लायंस जैसी चीजें आपसे अलग रखी जाती हैं।
शुरू करने के आसान कदम
1. प्लेटफ़ॉर्म चुनिए – Shopify, BigCommerce या Zoho Commerce जैसे कई विकल्प हैं। अपनी बजट और फीचर जरूरतों को मिलाकर तय करें। 2. डोमेन खरीदें या मौजूदा डोमेन लिंक करें। अधिकांश SaaS में एक ही जगह से कस्टम URL सेट कर सकते हैं। 3. थीम/डिज़ाइन चुनिए – ड्रैग‑एंड‑ड्रॉप बिल्डर से बिना कोड के पेज बनाते रहें। मोबाइल रेस्पॉन्सिव टेम्प्लेट्स पहले से उपलब्ध होते हैं, इसलिए अलग से काम नहीं करना पड़ता। 4. प्रोडक्ट अपलोड करें – फोटो, कीमत, डिस्क्रिप्शन और स्टॉक जानकारी डालें। बॉल्क इम्पोर्ट फ़ीचर बड़े कैटलॉग के लिए बहुत सहायक है। 5. पेमेंट गेटवे सेट करें – Razorpay, Paytm या Stripe जैसे विकल्पों में से एक चुनिए और API की आसानी से कनेक्ट कर लें।
एक बार सब सेट हो जाने पर आप तुरंत ऑर्डर प्राप्त करना शुरू कर सकते हैं। अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म इन्वेंटरी मैनेजमेंट, शिपिंग लेबल प्रिंटिंग और ऑटो‑ईमेल नोटिफ़िकेशन भी देते हैं, इसलिए मैन्युअल काम कम रहता है।
ध्यान रखें कि SaaS के साथ कुछ सीमाएँ भी होती हैं। कस्टम फ़ीचर बनाना या गहरा कोड एडजस्टमेंट करना अक्सर अतिरिक्त डेवलपर फीस मांगता है। अगर आपका व्यवसाय बहुत विशेष जरूरतों वाला है, तो पहले यह देखिए कि प्लेटफ़ॉर्म का एप्प स्टोर या इंटीग्रेशन मार्केटप्लेस आपके काम को सपोर्ट करता है या नहीं।
अंत में, ई-कॉमर्स SaaS अपनाने से आप समय बचाते हैं और फोकस प्रोडक्ट और कस्टमर एक्सपीरियंस पर रख सकते हैं। छोटे स्टार्ट‑अप से लेकर बड़े ब्रांड तक, इस मॉडल ने कई सफल ऑनलाइन शॉप्स को लॉन्च किया है। अगर अभी भी संकोच है तो एक ट्रायल अकाउंट खोलिए, कुछ दिन में ही पता चल जाएगा कि यह आपके व्यापार के लिए कितना कारगर है।