Adani Power ने 22 सितंबर 2025 को अपना पहला 1:5 शेयर विभाजन लागू किया, जिससे शेयर मूल्य 20% बढ़कर सर्किट के ऊपर बंद हुआ। यह कदम तरलता बढ़ाने और रिटेल निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से उठाया गया। विभाजन के साथ ही SEBI की अंशतः सफ़ाई ने समूह के शेयरों को और भी मजबूती दी। पिछले दो ट्रेडिंग सत्रों में कंपनी के शेयर 35% तक उछले।
शेयर विभाजन: आसान भाषा में पूरी जानकारी
अगर आपने कभी शेयर बाजार की खबर पढ़ी है तो "शेयर विभाजन" शब्द आपको मिला होगा। आम तौर पर लोग इसे "स्टॉकस्प्लिट" भी कहते हैं। लेकिन असली मतलब क्या है, क्यों कंपनियां यह करती हैं और आपके पोर्टफोलियो पर इसका क्या असर पड़ता है, यह लेख में साफ़ करेंगे।
शेयर विभाजन क्यों होता है?
कंपनी के शेयर की कीमत कभी‑कभी बहुत बढ़ जाती है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए उन्हें खरीदना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कंपनी ढीला करके शेयर की संख्या बढ़ा देती है और हर शेयर की कीमत घटा देती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपके पास 1 शेयर $200 में है और कंपनी 2‑for‑1 विभाजन करती है, तो आपके पास अब 2 शेयर $100 में होंगे। कीमत घटती है, लेकिन आपका कुल निवेश वैसा ही रहता है।
दूसरा कारण है तरलता बढ़ाना। कम कीमत वाले शेयर अधिक ट्रेड होते हैं, जिससे बाजार में आसानी आती है। कभी‑कभी कंपनियां अपने शेयर को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए भी विभाजन करती हैं, जिससे ब्रांड की पहचान भी बढ़ती है।
शेयर विभाजन से निवेशकों को क्या लाभ मिलता है?
सबसे बड़ा फायदा यह है कि छोटे निवेशक भी आसानी से शेयर खरीद सकते हैं। अगर पहले एक शेयर $500 था तो शायद आप नहीं खरीदते, लेकिन $125 में तो खरीदेंगे। इससे नई धारा का निवेश आकर्षित होता है।
विभाजन के बाद शेयर की कीमत घटने से मनोवैज्ञानिक रूप से निवेशकों को आशा बढ़ती है – उन्हें लगता है कि अब शेयर सस्ता है और आगे बढ़ना चाहिए। कई बार ऐसा भी होता है कि विभाजन के बाद शेयर की कीमत थोड़ी बढ़ जाती है क्योंकि मांग में ज़ोर आता है। लेकिन याद रखें, मूलभूत कारणों में बदलाव नहीं आता; कंपनी की वित्तीय स्थिति वही रहती है।
शेयर विभाजन का एक और असर है पोर्टफोलियो में विविधता लाना। अगर आपके पास कुछ महंगे शेयर हैं, तो विभाजन से उनके हिस्से छोटे हो जाते हैं और आप बाकी पैसे से अन्य शेयर खरीद सकते हैं।
ध्यान रखें, हर कंपनी का विभाजन लाभदायक नहीं होता। कभी‑कभी कंपनियां सिर्फ बाजार की नज़र में अच्छा दिखाने के लिए ही विभाजन करती हैं। इसलिए शेयर खरीदते समय कंपनी के फंडामेंटल्स, भविष्य की योजना और उद्योग की स्थिति देखनी चाहिए, न कि केवल "विभाजन" शब्द पर भरोसा करना चाहिए।
संक्षेप में, शेयर विभाजन एक सरल तकनीक है जिससे शेयर की कीमत घटती है और संख्या बढ़ती है। यह छोटे निवेशकों को आकर्षित करता है, तरलता बढ़ाता है और कभी‑कभी कीमत में सकारात्मक बदलाव लाता है। लेकिन निवेश का फैसला हमेशा कंपनी की सच्ची क्षमता और आपके व्यक्तिगत लक्ष्य के आधार पर करना चाहिए।