यूपी के 39 जिलों में 19 जून से 22 जून तक भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। गोरखपुर समेत पूर्वी यूपी और बिहार में मानसून ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। लखनऊ में तापमान 40 डिग्री के करीब है। लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
भारी बरिश – ताज़ा मौसम अलर्ट और सुरक्षा सुझाव
अगर आप अपने घर या ऑफिस में बैठे हैं तो भी भारी बरिश की आवाज़ सुन सकते हैं। भारत में कई जगहें आज‑कल तेज़ बारिश से जूझ रही हैं, इसलिए सही जानकारी रखना ज़रूरी है। इस लेख में हम सबसे नया अलर्ट और बचाव के उपाय बताएँगे, ताकि आप सुरक्षित रह सकें।
हालिया अलर्ट
दिल्ली में मौसम विभाग ने 24 जिलों में तेज़ आँधियों और भारी बरिश की चेतावनी जारी की है। वायुमंडलीय दाब कम होने के कारण बादल जल्दी गिरते हैं, इसलिए सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश में वाराणसी‑गोरखपुर‑प्रयागराज को ऑरेंज अलर्ट मिला है; तेज़ हवाओं और 40‑50 किमी/घंटा गति वाली बारिश की संभावना बताई गई है।
केदारनाथ में अचानक बर्फ़बारी और बरिश ने तापमान शून्य तक गिरा दिया। ट्रैकिंग टीमों ने यात्रियों को गर्म कपड़े पहनने और त्वरित रूट बदलने का सुझाव दिया है। इन क्षेत्रों में बिजली कटौती भी हो सकती है, इसलिए घर के जरूरी सामान पहले से तैयार रखें।
सुरक्षा के आसान कदम
पहला कदम – बाहर निकलते समय स्थानीय अलर्ट देखें। एपीएस या टीवी पर अपडेटेड जानकारी मिलती रहती है; अगर ऑरेंज या रेड अलर्ट है तो यात्रा को टालना बेहतर रहेगा।
दूसरा – घर में पानी का संग्रह रखें, लेकिन उसे साफ़ कंटेनर में रखिए ताकि बाढ़ से बचाव हो सके। बिजली के तार खुले नहीं होने दें और लाइट्स को सुरक्षित प्लग पॉइंट पर लगाएँ।
तीसरा – अगर आप ड्राइव कर रहे हैं तो तेज़ गति से चलने की बजाय धीरे‑धीरे चलें। ब्रेक लगाने में देर न करें, क्योंकि गीले रास्ते पर स्किडिंग का जोखिम रहता है। टायर में पर्याप्त एयर प्रेशर रखें और लाइट्स को हमेशा चालू रखें।
चौथा – यदि आप पहाड़ी क्षेत्रों जैसे केदारनाथ या हिमाचल में हैं तो स्थानीय गाइड की सलाह मानें। बर्फ़बारी में रास्ते बदलते रहते हैं, इसलिए अनजाने में खतरनाक जगहों पर न जाएँ।
पाँचवा – घर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को वॉटर‑प्रूफ कवर से बचाएँ और अगर बिजली गिरती है तो उन्हें प्लग ऑफ कर दें। इससे शॉर्ट सर्किट या आग लगने का खतरा कम होगा।
भारी बरिश केवल पानी नहीं लाती, यह बुनियादी ढांचे को भी कमजोर करती है। कई जगहों पर नालियों में जलजाम हो जाता है, जिससे सड़कें और घर फूट सकते हैं। इसलिए अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर सफाई अभियान चलाएँ; जमा पानी निकालना सभी की सुरक्षा बढ़ाता है।
अगर आप किसान हैं तो खेत में उगते पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक शीट या जाली का इस्तेमाल करें। हल्का ढक्कन रख कर मिट्टी के तापमान को स्थिर रखा जा सकता है, जिससे फसलें बुखार से नहीं मरतीं।
अंत में यह याद रखें कि मौसम की ताकत को कम करके नहीं आँका जाता। जानकारी रखें, तैयार रहें और सही कदम उठाएँ – यही भारी बरिश से बचाव का सबसे आसान तरीका है।
चक्रवात डाना बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है और 24 अक्टूबर को ओडिशा के पुरी तट के करीब तटबंध होने की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी वर्षा हो सकती है। ओडिशा में प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुटा है ताकि चक्रवात के प्रभाव को कम किया जा सके।
केरल के पालक्काड, कोझिकोड, वायनाड और इडुक्की जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के चलते 18 जुलाई, 2024 को सभी शैक्षणिक संस्थानों, जिसमें पेशेवर कॉलेज भी शामिल हैं, का अवकाश घोषित किया गया है। जिलाधिकारियों द्वारा की गई इस घोषणा के अनुसार, पूर्व निर्धारित परीक्षाएँ इससे प्रभावित नहीं होंगी। इसके अलावा, छह जिलों में मछुआरों और तटीय निवासियों को भारी लहरों और तूफानी झोंकों के प्रति सचेत किया गया है।