मौखिक स्वास्थ्य के आसान उपाय: दाँत‑मुंह की रक्षा कैसे करें

क्या आपको कभी सोचा है कि रोज़ाना कुछ छोटे‑छोटे कदम से आपके दाँत और मसूड़े कितने स्वस्थ रह सकते हैं? बहुत सारे लोग सोचते हैं कि सिर्फ ब्रश करना ही काफी है, लेकिन असली बात तो इससे भी आगे है। इस लेख में हम ऐसे आसान टिप्स बताएँगे जो आप तुरंत अपना सकते हैं, बिना किसी महंगे उत्पाद के.

दैनिक देखभाल के बेसिक स्टेप

सबसे पहले, ब्रशिंग का सही तरीका समझें. एक मुलायम ब्रिसल वाले टुथब्रश को हल्के से पानी में भीगा कर इस्तेमाल करें। दाँतों की सतह पर गोलाकार गति से 2 मिनट तक ब्रश करें, और मसूड़ों के किनारे को भी ध्यान दें। याद रखें, तेज़ी से रगड़ने से मसूड़े नुकसानदेह हो सकते हैं.

फ्लॉस का इस्तेमाल अक्सर न किया जाता है, लेकिन यह प्लाक को हटाने में बहुत असरदार है. अगर आप रोज़ाना एक बार फ्लॉस करें तो दाँतों के बीच जमी धूल और खाने की बचेगी चीजें नहीं जमा पाएँगी। शुरुआत में थोड़ा कठिन लग सकता है, पर पाँच मिनट बाद आदत बन जाएगी.

मुंह धोने वाले पानी (माउथवॉश) को चुनते समय अल्कोहॉल‑फ्री वाला प्रयोग करें. यह बैक्टीरिया को कम करता है और दाँतों की सतह पर रहने वाली गंध को दूर रखता है, बिना मुंह के सुखाए.

आम समस्याओं से बचाव के उपाय

अगर आपको अक्सर दांत दर्द या मसूड़ों में सूजन होती है तो कुछ बातों का ख्याल रखें: मीठे पेय पदार्थ कम पिएँ, खासकर सोने से पहले. चाय, कोल्ड ड्रिंक या फ्रूट जूस में छुपी शुगर आपके दाँतों के एम्मेल को कमजोर कर देती है.

सिगरेट और तंबाकू से बचें. ये न सिर्फ कैंसर का ख़तरा बढ़ाते हैं, बल्कि मसूड़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटा देते हैं। अगर आप चबाने वाली चीज़ें जैसे गम या टॉफ़ी अक्सर खाते हैं, तो उन्हें साफ पानी से धोकर खाएँ, इससे शुगर सीधे दाँतों पर नहीं लगेगी.

एक और आसान उपाय है नमक वाला गरारा. एक ग्लास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर सुबह या रात को गार्गल करने से मसूड़े साफ होते हैं और सूजन कम होती है. इसे रोज़ दो बार करें, फर्क तुरंत दिखेगा.

डॉक्टर के पास नियमित जांच भी बहुत ज़रूरी है. हर छह महीने में एक दंत चिकित्सक से मिलें, ताकि शुरुआती समस्याओं को जल्दी पकड़ सकें। अक्सर छोटे-छोटे कैविटी बड़े हो कर दर्द और महंगे इलाज का कारण बन जाते हैं.

आख़िरी बात – सही भोजन. हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दही, नट्स और फाइबर‑रिच फल आपके मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं। इनको रोज़ खाने से कैल्शियम की मात्रा बढ़ती है और दाँतों का एम्मेल प्राकृतिक रूप से सुदृढ़ रहता है.

तो अब जब आप जानते हैं कि मौखिक स्वास्थ्य सिर्फ ब्रशिंग नहीं, बल्कि कई छोटे‑छोटे कदमों से बनता है, तो इन्हें अपनी रोज़मर्रा की आदत में शामिल करना आसान होगा. याद रखें, स्वस्थ दाँत न केवल सुंदर मुस्कान देते हैं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर रखते हैं.

मौखिक स्वास्थ्य में निवेश क्यों जरूरी है: जानिए इसके लाभ और चुनौतियाँ

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यह लेख मौखिक स्वास्थ्य में निवेश की महत्त्वपूर्णता पर जोर देता है, इसके समग्र स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और समाज पर प्रभाव को रेखांकित करता है। इसके अलावा, यह कोविड-19 महामारी के चलते उत्पन्न मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में खामियों को भी उजागर करता है।

  • अग॰, 5 2024
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