विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 के अवसर पर, कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के महत्व पर चर्चा की गई है। भारत में एक सर्वेक्षण के अनुसार, 67% कर्मचारी कार्य में तनाव का अनुभव करते हैं और 52% के अनुसार काम का बोझ मुख्य कारण है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने से कर्मचारी प्रति उत्तमतता बोध और संतोष का स्तर बढ़ सकता है।
तनाव प्रबंधन के आसान तरीके – रोज़मर्रा में कैसे रखें मन को शांत
हर दिन की भागदौड़ में अक्सर हम खुद को थका हुआ महसूस करते हैं। काम, परिवार और सामाजिक दबाव मिलकर दिमाग पर भारी पड़ते हैं। अगर आप भी कभी तनाव से जूझते रहे हों तो यह गाइड आपके लिए है। यहाँ ऐसे छोटे‑छोटे कदम बताए गए हैं जो तुरंत असर दिखाते हैं और किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती.
श्वास‑प्रश्वास और माइंडफ़ुलनेस
सबसे पहले एक आसान तकनीक – गहरी श्वास। चार सेकंड तक नाक से साँस अंदर लें, दो सेकंड रुकें और फिर छाती के बल धीरे‑धीरे बाहर छोड़ें. इस प्रक्रिया को पाँच‑छः बार दोहराएँ और आप तुरंत तनाव का स्तर घटता महसूस करेंगे। माइंडफ़ुलनेस मेडिटेशन भी मदद करता है: आँखें बंद करें, अपने शरीर की हर संवेदना पर ध्यान दें और विचारों को आने‑जाने दें बिना जज किए.
दैनिक जीवन में तनाव कम करने की प्रैक्टिकल टिप्स
1. छोटे ब्रेक लें – काम के बीच 5‑10 मिनट का आराम आपका ध्यान रीसेट कर देता है।
2. शारीरिक एक्टिविटी जोड़ें – तेज़ चलना, स्ट्रेचिंग या घर में ही जंपिंग जैक जैसे हल्के व्यायाम रक्त संचार बढ़ाते हैं और हार्मोन को संतुलित रखते हैं.
3. डिजिटल डिटॉक्स – सोने से पहले फोन बंद करें, स्क्रीन टाइम कम रखें। नीली रोशनी मेलाटोनिन को घटाती है जिससे नींद की क्वालिटी बिगड़ती है और तनाव बढ़ता है.
4. टास्क लिस्ट बनाएं – दिन के कामों को प्राथमिकता दें, बड़ी चीज़ें छोटे‑छोटे हिस्सों में बाँटें। इससे ओवरवेल्मिंग फील कम होता है और आप प्रगति देख सकते हैं.
5. समाज से जुड़ें – दोस्त या परिवार के साथ खुल कर बात करें, अपने फ़ीलिंग्स शेयर करने से दिमाग हल्का महसूस करता है। कभी‑कभी सिर्फ सुनना ही पर्याप्त राहत देता है.
इन उपायों को रोज़ की रूटीन में शामिल करना आसान नहीं लगता तो छोटे कदम से शुरू करें। आज सुबह 2 मिनट के ब्रेथिंग एक्सरसाइज़, दोपहर में 5‑minute वॉक या रात को स्क्रीन बंद करके किताब पढ़ें – ये सब मिलकर बड़े बदलाव लाते हैं.
ध्यान रखें कि तनाव पूरी तरह खत्म नहीं होता, लेकिन उसे सही तरीके से मैनेज किया जा सकता है। अगर आप लगातार थकान, नींद की समस्या या लगातार उदासी महसूस करते हैं तो प्रोफेशनल मदद लेना भी एक समझदारी भरा कदम है. याद रखिए, मन को स्वस्थ रखने के लिए छोटे‑छोटे बदलाव ही काफी होते हैं.
तो अब देर किस बात की? आज से ही इन सरल टिप्स को अपनाएँ और देखें कैसे आपका दिन हल्का, काम आसान और जीवन खुशहाल बनता है.