खिलाड़ी सुरक्षा – क्यों ज़रूरी है और क्या किया जा सकता है?

हर बार जब हम क्रिकेट, फुटबॉल या कोई भी बड़े इवेंट देखते हैं, तो दिमाग में बस एक ही सवाल आता है – खिलाड़ी सुरक्षित हैं या नहीं? हालिया घटनाएँ जैसे मोडी का मालदीव दौरा, जॉश टंग की चोट और कई VVIP रूट से जुड़ी सुरक्षा चूक हमें बताती हैं कि खेल के मैदान सिर्फ जीत‑हार तक सीमित नहीं रहता, बल्कि सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है।

हालिया प्रमुख घटनाएँ

पिछले कुछ महीनों में हमने कई ऐसे केस देखे जहाँ खिलाड़ियों या राजनेताओं की सुरक्षा पर सवाल उठे। मालदीव में भारत‑मालदीव संबंधों को सुदृढ़ करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा में 565 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद और नई इंफ़्रास्ट्रक्चर का जिक्र था, लेकिन साथ ही समुद्री सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। इसी तरह, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट में जोश टंग ने चोट लगने से पहले अपनी भावनाएँ शेयर कीं – यह दिखाता है कि खेल के दौरान मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सुरक्षा जरूरी है।

एक और रोचक केस चंडीगढ़ में हरियाणा CM नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री खट्टर का फंसना था, जहाँ बंद गेट ने उन्हें 15 मिनट तक रोक दिया। इससे स्पष्ट हुआ कि VVIP रूट भी कभी‑कभी लापरवाह हो सकते हैं और सुरक्षा प्रोटोकॉल को अपडेट करने की जरूरत है।

खिलाड़ी सुरक्षा के लिए प्रभावी उपाय

तो फिर हम क्या कर सकते हैं? सबसे पहले, इवेंट ऑर्गनाइज़र को स्टेडियम में कैमरा कवरेज बढ़ाना चाहिए और हर एंट्री‑पॉइंट पर बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन लगानी चाहिए। इससे अनचाहे लोग आसानी से नहीं घुस पाएँगे। दूसरा, खिलाड़ी के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा टीम होना ज़रूरी है – जैसे कि बॉडीगार्ड या मेडिकल स्टाफ जो तुरंत मदद कर सके।

फैंस भी भूमिका निभा सकते हैं। अगर आप किसी मैच में जाएँ तो अपना मोबाइल चार्ज रखे और एमरजेंसी नंबर पहले से नोट कर लें। अगर कोई असामान्य चीज़ देखेंगे, जैसे कि अनजान व्यक्ति कोर्ट के पास घूम रहा हो, तो तुरंत सुरक्षा को सूचित करें।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भी सावधानी बरतें। जियोहॉटस्टार या अन्य स्ट्रीमिंग सेवाओं का उपयोग करते समय यूज़र अकाउंट की सुरक्षा के लिए दो‑स्तरीय ऑथेंटिकेशन चालू रखें, क्योंकि हैकर्स कभी‑कभी खिलाड़ी डेटा को टारगेट कर सकते हैं।

अंत में, सरकार और खेल संघों को मिलकर एक राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरक्षा मानक तैयार करना चाहिए। इस मानक में स्टेडियम की संरचना, इमरजेंसी रेस्पॉन्स टाइम, मेडिकल सपोर्ट और साइबर‑सुरक्षा सब कुछ शामिल होना चाहिए। तभी हम यह कह पाएँगे कि खेल केवल जीत के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षित रहने के लिए भी है।

तो अगली बार जब आप किसी मैच को देखेंगे या स्टेडियम में जाएंगे, तो इन बातों को याद रखें। सुरक्षा सिर्फ अधिकारियों की जिम्मेदारी नहीं, हर एक दर्शक और खिलाड़ी का साझा काम है।

क्रिकेट में समझें कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: खिलाड़ी सुरक्षा की नई पहल

क्रिकेट में समझें कंशन सब्स्टीट्यूट नियम: खिलाड़ी सुरक्षा की नई पहल

कंशन सब्स्टीट्यूट नियम क्रिकेट में खिलाड़ी की सुरक्षा को देखते हुए लाया गया है। यह नियम एक टीम को उस खिलाड़ी का स्थानापन्न करने की अनुमति देता है जिसने खेल के दौरान कंशन या संदेहास्पद कंशन का सामना किया है। 'आईसीसी' ने यह नियम खिलाड़ी के आगे की चोटों को रोकने और खेल में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए पेश किया है। इस प्रक्रिया में स्थानापन्न खिलाड़ी का चयन ध्यानपूर्वक और समानता के आधार पर किया जाता है।

  • फ़र॰, 1 2025
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